झल्ले दी झल्लियां गल्लां
सी बी आई का चिंतित शुभ चिंतक
ओये झल्लेया ये प्रधान मंत्री जी को क्या हो गया यार हसाडे फंक्शन में चीफ गेस्ट बन कर आये और हमी को सुना कर चले गए यार सारी उम्र हमने इन लोगों की सेवा की है इनके इशारों पर मिठू,मिट्ठू कहते आ रहे हैंहमने तो इनके पिंजरे से निकलने को भी मना कर दिया लेकिन इन्होने तो उसका भी ख्याल नहीं किया गलत पालिसी से हुए फ्रॉड और असली फ्रॉड के अंतर को समझाने लग गए और हमें डांट ख्वाहमखः पिला गए
झल्ला
ले रुमाल ते अथरू पौंछ ले और फिरबचे खुचे दिमाग पर थोड़ा सा जोर डाल कर सोच के कोयले की दलाली के मामले में आप लोगों ने जिस तरह उद्योग पति और नौकर शाह के केस को हेंडिल करके प्रधान मंत्री की ऐसी की तैसी कराई एक नए विवाद को जन्म दिया उससे क्या सरदार बहुत खुश होता शाबाशी देता क्यूँ??
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