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Tag: घमंड का नाश

सच्चाई के साथ जुड़ने से हमारे घमंड का सत्यानाश होता जाता है |

किस का दर है किह जबीं आप झुकी जाती है |
दिले खुद्दार ! तेरी आन मिटी जाती है ||
संत दर्शन सिंह जी महाराज हमें समझाते हुए कहते हैं कि वह कौन सी जगह है
कि जबीं (गर्दन , सिर) अपने आप झुकी चली जाती है और हम इन्सान , जो बहुत
घमंडी होते हैं , अहंकार से भरे होते हैं , हमारी वह आन खुद -ब -खुद मिटती चली
जाती है | जैसे – जैसे हम सच्चाई के साथ जुड़ते हैं , नाम के साथ जुड़ते हैं , शब्द
के साथ जुड़ते हैं , वैसे – वैसे हमारी खुदी का सत्यानाश होता जाता है |
संत दर्शन सिंह जी महाराज
प्रस्तुती राकेश खुराना

सच्चाई के साथ जुड़ने से हमारे घमंड का सत्यानाश होता जाता है |