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विद्युत् मंत्रालय की प्रोग्रेस रिपोर्ट के अनुसार यूपी के ५ गावों सहित १९२ और गावों में बिजली पहुंची

[नई दिल्ली]विद्युत् मंत्रालय की प्रगति रिपोर्ट के अनुसार यूपी के ५ गावों सहित १९२ और गावों में बिजली पहुंची
DDUGJYविद्युत् मंत्रालय द्वारा जारी प्रगति रिपोर्ट के अनुसार बीते सप्ताह यूपी के ५ गावों सहित १९२ गावों में बिजली पहुंच दी गई है |
डीडीयूजीजेवाई के तहत अब तक 9,326 गांवों में बिजली पहुंचाई गई, पिछले सप्ताह 192 गांवों में बिजली पहुंचाई गई
देश भर के 192 गांवों में पिछले हफ्ते 25 से 31 जुलाई, 2016 के बीच दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई) के तहत बिजली पहुंचाई गई। विद्युतिकरण किए गए गांवो में
असम के 10,
बिहार- 2,
झारखंड- 24,
मध्‍य प्रदेश- 2,
मेघालय- 123,
नगालैंड- 3,
ओडिशा-15,
राजस्थान-07
उत्‍तर प्रदेश-05 और
उत्तराखंड का एक गांव शामिल हैं।

पीएम की वाराणसी को चमकाने के लिए घरेलू दक्षता प्रकाश कार्यक्रम शुरू

पी एम की वाराणसी को चमकाने के लिए घरेलू दक्षता प्रकाश कार्यक्रम शुरू
केन्द्रीय बिजली, कोयला, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री पीयूष गोयल ने वाराणसी में ऊर्जा दक्षता प्रकाश प्रयासों की शुरूआत की
श्री गोयल ने वाराणसी शहर में ऊर्जा दक्षता को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ी शुरूआत करते हुए कल शाम घरेलू दक्षता प्रकाश कार्यक्रम (डीईएलपी) और एलईडी आधारित स्मार्ट स्ट्रीट प्रकाश कार्यक्रमों की शुरूआत की। उत्तर प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री श्री यासिर शाह भी उपस्थित थे।
इन प्रयासों से एलईडी लाइटों को बढ़ावा देने के जरिए व्यस्ततम घंटों में ऊर्जा के इस्तेमाल में एक हजार मेगावाट तक की कमी के सरकार के संकल्प को प्रक्टिकल शेप देनी शुरू हो गई है |
केन्द्र और राज्य सरकार, विद्युत मंत्रालय के तहत सार्वजनिक निकाय ऊर्जा दक्षता सेवाएं लिमिटेड (ईईएसएल) के सहयोग से लगभग 2,28,496 घरेलू उपभोक्ताओं को 13 लाख एलईडी बल्ब वितरित करेंगे और वाराणसी में 36,077 पारम्परिक स्ट्रीट लाइटों के स्थान पर ऊर्जा के लिहाज से बेहतर एलईडी को लगाया जाएगा।
श्री गोयल ने बताया “ऊर्जा खपत के लिहाज से बेहतर एलईडी लाइटों के जरिए वाराणसी शहर में बिजली की मांग में 45 मेगावाट तक की कमी आएगी, जिससे 68 करोड़ रुपए की बचत होगी। पारम्परिक स्ट्रीट लाइटों के स्थान पर ऊर्जा के लिहाज से बेहतर एलईडी को बदले जाने के अभिनव व्यापारिक मॉडल में विस्तार की ओर भी संभावनाएं हैं, क्योंकि इसमें नगर निकायों की ओर से पूंजीनिवेश की आवश्यकता है। इससे व्यस्ततम घंटों में ऊर्जा की काफी बचत होगी और साथ ही साथ बिजली की गुणवत्ता सेवा में भी सुधार होगा।