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सुप्रीम कोर्ट ने बलात्कारी के टैग से राहुल गांधी को मुक्त किया तो कांग्रेस ने केजरीवाल को निशाना बनाया+ वढेरा को बचाया+ विपक्षियों को बहलाया

सुप्रीम कोर्ट ने बलात्कार के आरोप से राहुल गांधी को बेक़सूर घोषित कर दिया है|इससे कांग्रेस में एक नए उत्साह की लहर का संचार हो रहा है जिसे आज एक प्रेस कांफ्रेंस में पार्टी प्रवक्ता जनार्दन दिवेदी ने प्रयोग भी किया|जनार्दन दिवेदी ने गर्व से बताया कि उनकी पार्टी के महा सचिव राहुल गाँधी पर लगाये गए बलात्कार के आरोप को माननीय सुप्रीम कोर्ट ने सिरे से खारिज करते हुए आरोप लगाने वाले राजनितिक पर १० लाख का हर्जाना भी ठोक दिया है| । । जस्टिस बी. एस. चौहान और जस्टिस स्वतंत्र कुमार की बेंच ने कहा कि आरोप में रत्ती भर भी साक्ष्य नहीं है। शीर्ष अदालत ने इससे आगे कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ दायर याचिका गलत है और गलत बयान के आधार पर कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग किया गया है ।याचिका खारिज करने के साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता समरीते पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इसमें से 5 लाख रुपये राहुल को और 5 लाख रुपये पीड़ित बताई गई लड़की को हर्जाना देने का निर्देश दिया गया। कोर्ट के इस आदेश से उत्साहित एक के बाद एक नए आरोपों से जूझ रही कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को सहारा बना कर एक साथ अरविन्द केजरीवाल को निशाना बनाया+राहुल वढेरा को बचाया+विपक्षी पार्टिओं को बहालाया और हरियाणा में विपक्ष को हड़काया|

सुप्रीम कोर्ट ने बलात्कारी के टैग से राहुल गांधी को मुक्त किया तो कांग्रेस ने केजरीवाल को निशाना बनाया+ वढेरा को बचाया+ विपक्षियों को बहलाया

इंडिया अगेंस्ट करप्शन पर निशाना

प्रेस कांफ्रेंस में जनार्दन ने कहा कि नए राजनीति में आये लोग झूट का सहारा लेकर राजनीति कराना छह रहे हैं मगर उन्हें यह समझलेना चाहिए कि झूट की राजनीति से कोई कुछ हासिल नहीं होता उलटा झूट से शुरुआत करने वाले निराश होने पर अंत में अपराध तक जा सकते हैं| इस तरह कांग्रेस प्रवक्ता ने अरविन्द केजरीवाल के द्वारा लागाये गए आरोपों से राबर्ट वढेरा+सलमान खुर्शीद+ पी एम् को पाक साफ बता दिया|इसे और आगे बढ़ाते हुए कहा कि आरटीआई का गलत इस्तेमाल हो रहा है। लोग राजनीतिक फायदा उठाने के लिए घटिया स्तर के आरोप लगा रहे हैं।वहीं, कोर्ट ने माना कि यह मामला पूरी तरह से गलत तथ्यों ओर झूठे प्रमाणों पर आधारित था। कोर्ट ने माना कि ऐसा राहुल गांधी परिवार की छवि को धूमिल करने के लिए किया गया।

मीडिया को सलाह

महात्मा गाँधी की एक टिपण्णी का सहारा लेते हुए उन्होंने मीडिया को भी सलाह दे डाली |उन्होंने स्मरण कराया कि महात्मा गांधी ने भीअप्रैल १९४७ में प्रेस को चौथा स्तम्भ बताया था और इस स्तम्भ के लिए भी पहले सच को जान कर ही किसी टी तथ्य की आलोचना करना उचित होगा|

राजनितिक पार्टिओं को बहलाना

उन्होंने कहा कि आज के दौर में सभी संगठनों पर आधे अधूरे झूठे आरोप लगाये जा रहे हैं यह उचित नहीं है \जो लोग पूर्व में ऐसे आरोपों की राजनीति करते रहे हैं उन्हें इस पर पुनर्विचार करना होगा |

ॐ प्रकाश चौटाला

हरियाणा में मुख्य विपक्षी नेता ॐ प्रकाश चौटाला ने गाँधी परिवार के सदस्य पर टैक्स चोरी के आरोप लगाये थे उन्हें झुठलाते हुए जनार्दन ने कहा कि उनकी पार्टी ने सार तथ्य चौटाला को उपलब्ध करा दिए अगर वोह चाहें तो कोर्ट में जा सकते हैं|

केस हिस्टरी

जिस दौर में सपा और कांग्रेस में चुनावी आकडा था उस समय सपा के पूर्व विधायक किशोर समरीते ने एक वेबसाइट की रिपोर्ट के आधार पर आरोप लगाया था कि 3 दिसंबर, 2006 को राहुल और उनके दोस्तों ने अमेठी में एक लड़की को बंधक बना लिया था और बाद में उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कथित पीड़ित लड़की को कोर्ट में पेश करने का अनुरोध भी किया था। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने समरीते की याचिका को खारिज करने के साथ ही उन पर 50 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था। कोर्ट ने मध्य प्रदेश से एसपी के पूर्व विधायक के खिलाफ सीबीआई जांच का निर्देश भी दिया था। समरीते ने इलाहाबाद कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।।
अपहरण कर बलात्‍कार करने के इस पूरे मामले को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिका दायर करने वाले ने इस संबंध में कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया। वहीं कोर्ट ने समरिते को यह भी आदेश दिया है कि झूठा मुकदमा दायर करने के आरोप में वो राहुल गांधी को पांच लाख रुपये बतौर जुर्माना देंगे। कोर्ट ने समरिते पर लगाए जुर्माने में राहत देते हुए इसकी राशि पचास लाख से घटाकर दस लाख जरूर कर दी। इसमें से पांच लाख रुपये लड़की के परिवार को देने का आदेश दिया गया है। इस याचिका में समरिते ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी।

सपा का सम्बन्ध

इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय के फैसले को सर्वोच्‍य न्‍यायलय में दी गई चुनौती के संबंध में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए वकील ने बताया था कि वर्ष 2011 में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ बलात्कार और लड़की को बंधक बनाकर रखने के संबंध में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में जो मामला दाखिल किया गया था वह समाजवादी पार्टी (सपा) नेता अखिलेश यादव के इशारे पर हुआ था, जो कि अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं।[वर्तमान में सपा और कांग्रेस में मधुर राजनीतिक सम्बन्ध है]
कांग्रेस प्रवक्ता जनार्दन द्विवेदी ने कोर्ट ने मामला खारिज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता इस बाबत कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर सके। कोर्ट ने समरिते पर इस तरह का झूठा मुकदमा दायर करने के लिए राहुल गांधी को पांच लाख रुपये बतौर जुर्माना देने का भी आदेश दिया है। कोर्ट ने समरिते पर लगाए जुर्माने में राहत देते हुए इसकी राशि पचास लाख से घटाकर दस लाख जरूर कर दी। इसमें से पांच लाख रुपये लड़की के परिवार को देने का आदेश दिया गया है।

हरियाणा भूमि अधिग्रहण चक्रव्यूह में खेमका घुसे हैं अभिमन्यु बन कर शहीद होंगें या अव्यवस्था परास्त होगी

हरियाणा भूमि अधिग्रहण चक्रव्यूह में खेमका घुसे हैं अभिमन्यु बन कर शहीद होंगें या अव्यवस्था परास्त होगी

भूपेंद्र सिंह हुड्डा के भूमि अधिग्रहण चक्रव्यूह में अशोक खेमका घुस तो गए हैं अब देखना है कि वोह अभिमन्यु बन कर शहीद होते है या अर्जुन की भांति व्यवस्था को परास्त कर बाहर निकलते हैं| राबर्ट वढेरा को आर्थिक साम्राज्य दिलाने के लिए हरियाणा के मुख्य मंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने जो भूमि अधिग्रहण चक्रव्यूह रचा था उसमे बेचारे आधुनिक अभिमन्यु वरिष्ठ आई ऐ एस अधिकारी [१९९१] अशोक खेमका फंस गए हैं|अशोक खेमका ने वढेरा के स्काई लाईट हासपितेलिती प्रायवेट लिमिटेड और डी एल ऍफ़ के भूमि सौदों की जांच के आदेश देकर[३.५३१ एकड़] शिकोहपोर -मानेसर की एक डील क्या रद्द कर दी की हरियाणा सरकार ने तत्काल अशोक को मात्र २१ साल में ४० वां ट्रांसफर आर्डर थमा कर साईड लाइन कर दिया है|भूमि सम्बन्धी [आई जी आर]विभाग से हटा कर अशोक को बीज संबंधी विभाग में[डी जी] भेज दिया गया है|इस पर ऐतराज़ करना भी अधिकारी पर भारी पड़ गया है |अब उन पर कार्यवाही की तलवार दिखाई जा रही है| आश्चर्यजनक रूप से मुख्य मंत्री हुड्डा ने तत्काल इस पर प्रतिक्रया व्यक्त करते हुए कहा है के ट्रांसफर कोई पनिशमेंट नहीं होता| उन्होंने एक तरह से वढेरा और डी एल ऍफ़ के तमाम डील्स को क्लीन चिट देते हुए इस डील्स पर अरविन्द केजरीवाल के आरोपों को भी दर किनार कर दिया है|बताया जा रहा है कि इसी खेमका ने २००४ में तत्कालीन मुख्यमंत्री ॐ प्रकाश चौटाला के आदेशों का पालन करने के लिए मिड टर्म में टीचर्स का ट्रांफर करने से मना कर दिया था| अब कैंसिल की गई मुटेशन को दोबारा जीवित करने के लिए स्थानित प्रशासन से फेवोर वाली रिपोर्ट भी मगा ली गई है|
चीफ सेक्रेटरी पी चौधरी ने सरकार के पक्ष को सामने रख्रते हुए कहा है कि खेमका का ट्रांसफर किसी जल्द बाजी में नहीं किया गया है वरन स्वयम खेमका ने पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर करके ट्रांसफर माँगा था जबकि खेमका ने कोर्ट में फ़रियाद कि थी कि उनके पास कई चार्ज हैं उनमे से एक चार्ज उनके पद से बेहद जूनियर आधिकारी के लिए है अत उसे विड्रा कर लिया जाए|अब खेमका के ट्रांसफर के लिए उसी कोर्ट के मामले को आधार बनाया जा रहा है|
अगर देखा जाए तो बीज सम्बंधित विभाग में इन्हें डी जी बनाया गया है यह पद इन्स्पेक्टर जनरल रजिस्ट्रेशन के पद से जूनियर है ऐसे में यह ट्रासफर एक तरह से हाई कोर्ट के आदेशो की अवहेलना है |क्योंकि खेमका से जूनियर पोस्ट विड्रा करने के बाजए उन्हें ही दूसरे जूनियर विभाग में ट्रांसफर कर दिया गया है और इस ट्रांसफर को जायज़ ठहराया जा रहा है जाहिर है इससे शक की सुई अपने आप में मुख्य मंत्री की तरफ घूम रही है| शायद इसीलिए अब ३९ ट्रांसफर झेल चुके अशोक खेमका ने व्यवस्था में रह कर व्यवस्था को बदलने का निश्चय कर लिया है और चीफ सेक्रेटरी को पत्र भी भेज दिया है| शायद इसी लिए अब खेमका पर तमाम आरोप लगाने लग हैं| शासन की तरफ से कहा जा रहा है कि अशोक खेमका ने अपने ट्रांसफर होने के बाद लैंड मुटेशन को रद्द किया|इसके अलावा जबी जुबान से हरियाणा सरकार +रॉबर्ट वढेरा और डी एल ऍफ़ के नेक्सस की डिटेल अहोक खेमका ने ही प्रेस को लीक की हैं|
गौरतलब है के 12-02-२००८ में राबर्ट वढेरा को जमीन का एक टुकड़ा साडे सात करोड़ में बेचा गया जिसके लैंड यूज को बदलने के लिए एक ही दिन में परमिशन दे दी गई| इसके मात्र ६५ दिनों के पश्चात ही साडे सात करोड़ के जमीन को डी एल ऍफ़ ही ६५ करोड़ रुपयों में खरीद लेता है|इस भूमि के खरीद फरोख्त में टैक्स के चोरी करने के लिए कई नियम भी बदले गए|इस घोटाले को बीते साल इकोनोमिक्स टाइम्स ने उठाया थाफिर अब इसी महीने इंडिया अगेंस्ट करप्शन के नेता अरविन्द केजरीवाल ने राष्ट्रीय मुद्दा बना दिया |अरविन्द द्वारा मुद्दा उठाये जाने के मात्र दो दिन के पश्चात ही हरियाणा के इन्स्पेक्टर जनरल पंजीकरण [ आई जी आर] ने वढेरा और डी एल ऍफ़ के बीच हुई भूमि सौदों के जांच के आदेश दे दिए एक सौदा के मुटेशन रद्द कर दी गई | इस अधिकारी का तत्काल प्रभाव से तबादला कर दिया गया |अंग्रेज़ी के हिन्दू अखबार और इंडियन एक्सप्रेस ने इसे प्रमुखता से उठाया | और कई नए खुलासे किये| फर्स्ट पोस्ट ने तो डी एल ऍफ़ के स्वर्गीय राजीव गांधी से भी रिश्ते खोल दिए |२८-०३-२००८ को टाउन & कंट्री प्लानिंग विभाग ने हाउसिंग कालोनी के लिए परमिशन प्रदान कर दी|लेकिन वहां वढेरा की कंपनी ने कोई निर्माण नहीं किया|हाँ उनके लायसेंस के अवधि को जरूर दो बार[रिन्यू] बढाया गया | इसके बाद बड़े नाटकीय ढंग से मात्र ६५ दिनों के पश्चात यह भूमि डी एल ऍफ़ को ६५ करोड़ में बीच डाली गई|अब कहा जा रहा ही के दी एल ऍफ़ के साथ पहले अग्रीमेंट हुआ था जिसके एवाज़ में ५० करोड़ ले लिए गए थे अब सवाल उठाया गया है के अगर पहले सेल एग्रीमेंट हो गया था तब लायसेंस का रिनुअल कैसे हो गया|
इस डील को देखते हुए आरोप लगाया जा रहे है के राबर्ट वढेरा ने अपने राजनीतिक कनेक्शनों का इस्तेमाल करके जमीन का लैंड यूज बदलवाकर भूमि पुनः डी एल ऍफ़ को लौटा कर मोटा मुनाफ़ा कमाया| केपिटल गेन आदि टैक्सों की चोरी हुई |चूंकि वढेरा रूलिंग पार्टी के सबसे बड़े परिवार से सम्बन्धित हैं और भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपनी मुख्य मंत्री की सीट बचाने की खातिर पार्टी प्रधान के दामाद के लिए एक रियल एस्टेट का एम्पायर खड़ा कर दिया| अब पोल खुलने के बाद इस परिवार को बचाने के लिए इनकी एम्पायर को सुरक्षित रखने के लिए तमाम तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं |शायद हुड्डा और राबर्ट वढेरा के दुर्भाग्य से क़ानून मंत्री सलमान खुर्शीद के खिलाफ अरविन्द केजरीवाल ने अपना अनिश्चित कालीन धरना समाप्त कर दिया है| जाहिर है कि अब मीडिया और इंडिया अगेंस्ट करप्शन वालों को राबर्ट वढेरा पर ध्यान केन्द्रित करने का पर्याप्त समय मिलरहा है| | दुर्भाग्य वश इन सारे हरियाणवी हथकंडों से कांग्रेस की छवि लगातार गिरती ही जा रही है|इन तमाम तरह की एक के बाद एक नकारात्मक घटनाक्रम के बीच १९९१ बैच के भारतीय प्रशासनिक अधिकारी अशोक खेमका ने व्यवस्था में रहते हुए ही व्यवस्था को बदलने का निश्चय किया है यह अपने आप में एक सकारात्मक सन्देश देता है
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