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जेऐनयूं में,निषेद्ध, पदार्थों के धड़ल्ले से सेवन पर सरकार+शिक्षक+अविभावक+विपक्ष को सोचना होगा

[नई दिल्ली]जेऐनयूं में,निषेद्ध पदार्थों के धड़ल्ले से सेवन पर सरकार+शिक्षक+अविभावक+विपक्ष को सोचना होगा सिगरेट स्मोकिंग को हतोत्साहित करने के लिए बढ़ाये जा रहे टैक्स को यूनिवर्सिटीज में सब्सिडी के रूप में देकर इस सामाजिक अपराध को बढ़ावा दिया जा रहा है|यह चिंता और जांच का विषय होना चाहिए| सिगरेट के हर पैक पर लिखा होता है के इसका सेवन हेल्थ के लिए हानिकारक है |छात्र राष्ट्र का स्वास्थ्य कहा जाता है ऐसे में राष्ट्र के स्वास्थ्य से खिलवाड़ पर सभी वर्गों से सकारात्मक सहयोग की कामना तो की ही सकती है |
सिगरेट+शराब+गर्भ निरोध को विशेष रूप से छात्र जीवन में सामाजिक रूप से निषेध किया गया है |दिल्ली में कानूनी रूप से भी पब्लिक प्लेसेस पर ध्रूमपान अपराध घोषित किया जा चूका है |इसके प्रयोग को हतोत्साहित करने के लिए सरकारें इनपर टैक्स थोपती आ रही हैं और वर्तमान बजट भी सम्भवत इसका अपवाद नहीं होगा | विश्वास दिलाया जाता है के इस प्रकार की टैक्स वसूली से जनता का भला किया जाएगा और इसी विश्वास पर जनता भी सकारात्मक आशा रखती है लेकिन जब जमीनी हकीकत के रूप में जवाहर लाल नेहरू[जेऍनयूं] जैसे प्रतिष्ठित उच्च शिक्षण संस्थान की असलियत सामने आती है तो सरकारों के साथ ही छात्रों के अविभावकों पर टैक्स पयेर्स को क्रोध आना स्वाभविक ही है| जिन वस्तुओं के प्रयोग को हतोत्साहित करने के लिए वसूले जा रहे टैक्स को छात्र सब्सिडी के माध्यम से यूनिवर्सिटीज में उत्साहित किया जा रहा है यह अपने आप में एक सामाजिक+राष्ट्रीय अपराध है |जे ऐन यु में सिगरेट के टुकड़े +शराब की बोतलें+निरोध[कंडोम्स]मिले हैं जिसपर सरकार+अध्यापक+अविभावकों को गर्व नही वरन चिंता होनी चाहिए |
जवाहर लाल नेहरू जैसे प्रतिष्ठित उच्च शिक्षण संस्थान में इन निषेध वस्तुओं के धड़ल्ले से इस्तेमाल अपने आप में चिंता और सभी राजनितिक दलों द्वारा इसे जांच का विषय स्वीकार कर लिया जाना चाहिए|अविभावकों से उनके अपने लाड़लों+लाड़लियों के भविष्य के लिए कमोबेश ऐसी आशा की ही जा सकती है|

संजय दत्त ने आर्म्स एक्ट में टाडा कोर्ट के समक्ष सरेंडर किया: जेल में राम,कृषण का अध्ययन करेंगे सिगरेट की इजाजत नही

कई उतार चड़ाव देख चुके फिल्म स्टार संजय दत्त ने शेष साड़े तीन साल की सजा काटने के लिए टाडा कोर्ट में सरेंडर कर दिया |कोर्ट के स्पेशल जज जी ऐ सनप ने स्टार को राहत देते हुए धार्मिक पुस्तकों[हनुमान चालीसा+रामायण+गीता+ के साथ पर्सनल यूज [ Toiletries ]का सामान लेजाने की इजाजत दे दी है| इसमें कुर्ता पायजामा+तकिया+बिस्तरा+ टूथ ब्रश+साबुन+ शेम्पू+चप्पल +मच्छर नाशक कोयल[COIL]+ के साथ एक पंखा होगा लेकिन स्टार के सिगरेट के आग्रह को स्वीकार नहीं किया गया|उलटे सिगरेट की बुरी लत को छोड़ने की सलाह और मिल गई|शुरुआत के माह में घर का खाना खा सकेंगे
“फिल्म अभिनेता संजय दत्त ने आर्म्स एक्ट के दोष में शेष साडे तीन साल की सजा काटने के लिए टाडा कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। संजय दत्त के साथ पत्नी मान्यता+ बहन सांसद प्रिया दत्त+ नम्रताफिल्म निर्माता महेश भट्ट भी थे।
टाडा कोर्ट परिसर में संजय दत्त के समर्थकों की भारी भीड़ थी। कोर्ट में दाखिल होने के लिए संजय को गाडी से बाहर निकल कर शान्ति बनाए रखने की अपील करनी पड़ी|
पहले सुपर स्टार ने पुणे की यरवदा जेल में समर्पण करने की अपील की थी, लेकिन बुधवार को यह आवेदन वापस ले लिया गया ।
गौरतलब है कि 53 वर्षीय संजय दत्त को आर्म्स एक्ट के तहत दोषी ठहराया गया है और पांच साल की सजा सुनाई गई है। उन्हें अभी साढ़े तीन साल और जेल में बिताने होंगे।
सुप्रीम कोर्ट से अपनी सजा के खिलाफ एक बार फिर से समीक्षा करने और चार हफ़्तों का अतिरिक्त समय के लिए संजय के आग्रह को अदालत ने खारिज कर दिया था।सुप्रीम कोर्ट ने 21 मार्च को अपने फैसले में 2006 में टाडा कोर्ट द्वारा दी गई सजा को बरकरार रखा था। मगर उसे एक साल घटाकर पांच साल कर दिया था। बताते चलें की संजय दत्त डेड साल की सजा उस अपराध के लिए काट चुके हैं जिसके लिए उन्हें दोष मुक्त किया जा चुका है|लेकिन उस सजा की अवधि को वर्तमान ५ साल की सजा में घटा कर केवल साडे तीन साल की सजा काटने का आदेश दिया गया है|इस में से जेल में उनके अच्छे चाल चलन के लिए लगभग आठ महीने की सजा कम की जा सकती है|संभवत इसीलिए सजा को माफ़ कराने के लिए जस्टिस एम् काटजू सहित अनेकों लोगों दवारा राज्यपाल को लिखा जा चुका है|