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मानव विकास रिपोर्ट-2013′ के अनुसार दिल्ली की आधी आबादी को पानी, स्कूल, शौचालय जैसी सुविधाएं तक नहीं है

मानव विकास रिपोर्ट-2013′ के अनुसार दिल्ली की आधी आबादी को पानी, स्कूल, शौचालय जैसी सुविधाएं तक नहीं है |
आम आदमी पार्टी [आप]ने दिल्ली में शीला दीक्षित की सरकार पर फिर हमला बोला है| ‘मानव विकास रिपोर्ट-2013’ के आधार पर आरोप लगाया गया है कि विकास का दावा करने वाली सरकार द्वारा बीते पंद्रह सालों में दिल्ली की आधी आबादी को भी पानी, स्कूल, शौचालय जैसी सुविधाएं तक नहीं दी जा सकी है
आप पार्टी ने इस रिपोर्ट के आधार पर यह आरोप लगाया है कि दिल्ली में. आम आदमी का नहीं बल्कि सिर्फ नेताओं और बिजली-पानी कंपनियों के मालिकों का ही विकास हुआ है|
दिल्ली सरकार द्वारा आज जारी ‘मानव विकास रिपोर्ट-2013’ ने शीला सरकार के विकास के दावों की कलई खोल दी है. सरकार की अपनी रिपोर्ट कहती है कि आधी से ज्यादा दिल्ली में जीवन नरक बना हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा के मामलों में तो दिल्ली की तस्वीर काफी हद तक डरावनी है. रिपोर्ट में बताया गया है कि सरकार की सेवाओं का लाभ दिल्ली में सभी को समान रूप से नहीं मिल रहा है| दिल्ली सरकार इंसान का सम्मान बरकरार रखने तक में नाकामयाब रही है. सरकार के विकास के तमाम दावों के बावजूद यह रिपोर्ट बताती है कि दिल्ली के गरीब इलाकों में 56 % बच्चें आज भी खुले में शौचालय जाने पर मजबूर हैं. इसी दिल्ली में 50 हजार लोग बेघर भी हैं. रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के 85 % मजदूर बेहद खराब परिस्थितियों और कम मजदूरी पर काम करने पर मजबूर हैं.
अस्पतालों की स्थिति बयान करते हुए मानव विकास रिपोर्ट में कहा गया है कि यहां प्रति 10,000 लोगों पर कुल 4 डॉक्टर उपलब्ध हैं. देश की राजधानी दिल्ली में लोगों को औसत 7.5 साल की ही स्कूली शिक्षा उपलब्ध हो सकी है. जिन सड़कों के नाम पर मुख्यमंत्री शीला दीक्षित बडे बडे दावे कर रहीं हैं, उनकी भी हकीकत रिपोर्ट में खुलकर सामने आ गई है. दिल्ली के केवल दो तिहाई लोग सड़कों की हालत से नाखुश हैं. यानि चन्द चमकती मुख्य सड़कों को छोड़ दिया जाए तो दिल्ली में सड़कों भी बुरा हाल है.
मानव विकास रिपोर्ट की इस तस्वीर पर “आप” ने सवाल उठाए है कि मुख्यमंत्री शीला दीक्षित किस मुंह से विकास का नारा देती हैं. जब वे पिछले 15 साल में आधी दिल्ली को पानी, स्कूल, शौचालय जैसी सुविधाएं तक नहीं दे पाईं तो भला दिल्ली की जनता उन पर अगले 5 साल के लिए कैसे भरोसा कर ले. ऐसा लगता है कि दिल्ली में विकास के नाम पर खर्च तो अरबों-खरबों रुपए हुए लेकिन विकास आम आदमी का नहीं सिर्फ नेताओं का हुआ है और बिजली-पानी कंपनियों के मालिकों का हुआ है.

दिल्ली में बिजली फिर महंगी हुई:”आप” ने चुनावों के खर्चे के लिए सरकारी जुगाड़ बताया

दिल्ली में बिजली दरों में 5 % की फिर बढ़ोतरी कर दी गई है जिसे आप पार्टी ने आम आदमियों पर एक और मार बताया है और आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए खर्चें मुहैया करवाने के लिए सरकार का एक जुगाड़ बताया है|
दिल्ली सरकार ने बिजली के दाम 5 % फिर बढ़ा दिए हैं. इससे पहले से ही महंगाई से दुखी आम आदमी पर और बोझ बढ़ गया है. हाल ही में दिल्ली में 10 लाख लोगों ने शीला दीक्षित को चिट्ठी लिखकर विरोध जताया था लेकिन आश्चर्य की बात है कि मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता दिल्ली के लोगों के प्रति नहीं बल्कि बिजली कंपनी के मुनाफ़े के लिए सामने आई. सरकार का यह तर्क अब किसी को गले नहीं उतरने वाला कि बिजली के दाम बढ़ाने का फैसला लेने वाली संस्था DERC उसके नियंत्रण में नहीं है. क्योंकि एक तरफ जब DERC बिजली के दाम 23 % कम करने की बात करता है तो दिल्ली की मुख्यमंत्री तुरंत हस्तक्षेप करती हैं और DERC को बिजली के दाम घटाने से रोक देती हैं. लेकिन जब DERC बिजली के दाम बढ़ाता है तो मुख्यमंत्री चूं तक नही बोलती हैं. हैरानी की बात है कि मुख्यमंत्री को बिजली के महंगे बिलों से बेहाल दिल्ली के लाखों लोगों की आवाज़ सुनाई नहीं देती.
ज़ाहिर है कि यह सब भ्रष्टाचार की वजह से हो रहा है. बिजली कंपनी के मुनाफ़े से आम आदमी की जेब भले ही कटे लेकिन आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के खर्चें इन्ही कंपनियों से तो आएंगे.
आम आदमी पार्टी दिल्लीवासियों को सस्ती बिजली देने के अपने वादे पर प्रतिबद्ध है और नवम्बर विधानसभा चुनावों के बाद जब दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी तो बिजली के दाम आधे कर दिए जाएंगे और भ्रष्टाचार में लिप्त इन कंपनियों की ऑडिट जांच करवाई जाएगी. जो कंपनी ऑडिट करवाने से मना करेगी उनका लायसेंस रद्द कर दिया जाएगा.

बिजली वालों ने अरविन्द केजरीवाल की बिजली कनेक्शन का बलात्कार किया

बिजली वालों ने अरविंद केजरीवाल के घर की बिजली काटी तो केजरीवाल ने खुद जोड़ लिया कटा कनेक्शन|
बिजली वालों ने आज आम आदमी पार्टी[आप] नेता अरविंद केजरीवाल के घर का बिजली कनेक्शन काट दिया जिसे बाद में केजरीवाल ने खुद जोड़ लिया. बिजली पानी आंदोलन के चलते अरविंद केजरीवाल के परिवार वालों ने भी मार्च महीने से ही गाजियाबाद स्थित अपने घर का बिजली का बिल नहीं भरा था जिसके चलते यूपी बिजली बोर्ड ने उनके कौशांबी स्थित गिरनार अपार्टमेंट के घर की बिजली काट दी.| गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से कुछ कांग्रेस के वक्ताओं ने आप पार्टी पर आरोप लगाने शुरू कर दिए थे कि आप के नेता दूसरों को तो बिजली का बिल नही देने के लिए भड़का रहे हैं और खुद बिजली पानी के बिल भर रहे हैं |अब अरविन्द केजरीवाल की बिजली काट कर उन्होंने अपने ही कथन को जुठालाया है | अरविन्द केजरीवाल और मुख्य मंत्री शीला दीक्षित में मुह जबानी बहस के पश्चात अभी तक पवन खेडा के माध्यम से ही खतोखिताबत[पत्राचार] ही चल रही थीअब फिर से लड़ाई सड़क पर आती दिख रही है और सड़क की लड़ाई में आप अपने हाथ दिखा ही चुकी है कनेक्शन की इस कटौती से बेशक दिल्ली की सरकार ने रिक्शा टेम्पो के पर लगे पोस्टर वॉर से ध्यान हटाने का प्रयास किया है लेकिन बिजली के मुद्दे को चुनावों तक ज़िंदा रखने के लिए आप को यह अवसर मिल गया है|
अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि “मैंने दिल्ली के लोगों से बिजली के बिल नहीं भरने की अपील की थी. मेरे परिवार ने तय किया कि बिल नहीं भरने से दिल्लीवासियों को जो परेशानी होगी उसे झेलने के लिए हम भी तैयार हैं इसलिए हमने मार्च से बिल भरना बंद कर दिया था. गांधीजी ने कहा था कि सरकार की गलत नीति का डटकर विरोध करना चाहिए और इस विरोध के चलते सरकार अगर सजा देती है तो उसे भुगतने के लिए भी तैयार रहना चाहिए. मैंने सत्याग्रही का फर्ज निभाया और इसके सभी परिणाम भुगतने को तैयार हूं.”
आप पार्टी ने दिल्ली में पानी और बिजली के नाजायज बिलों के खिलाफ सत्याग्रह शुरू किया था. पार्टी ने सबूतों के साथ बिजली के बढ़े दामों का सच जनता के सामने रखा था कि किस तरह शीला दीक्षित खुलेआम बिजली कंपनियों को भारी मुनाफा पहुंचा रही हैं और इसका खामियाजा आम आदमी को महंगी बिजली के रूप में चुकाना पड़ रहा है. शीला दीक्षित की इस मिलीभगत के चलते ही दिल्ली में बिजली के दाम दो साल में दोगुना से ज्यादा बढ़ा दिए गए.
इस मुद्दे पर दिल्लीवासियों को एकजुट करते हुए अरविंद केजरीवाल ने मार्च महीने में 15 दिनों का अनशन किया था. उन्होंने जनता से आह्वान किया था कि बिजली और पानी के नाजायजों बिलों के प्रति अपना विरोध जताने के लिए वह बिलों का भुगतान रोक दे. अरविंद केजरीवाल समेत पार्टी के कार्यकर्ता दिल्ली में उन घरों के बिजली के कटे कनेक्शन जोड़ रहे हैं जिनकी बिजली, निजी बिजली कंपनियों ने बिलों का भुगतान न कर पाने के कारण काट दी थी.

७ लाख प्रोटेस्ट लेटर डिलीवर करने जाने वाले आप के कार्यकर्ताओं को रोका गया तो वही बैठ जायेंगे:अरविन्द केजरीवाल

आप के कार्यकर्ताओं को रोका गया तो वही बैठ जायेंगे:अरविन्द केजरीवाल

आप के कार्यकर्ताओं को रोका गया तो वही बैठ जायेंगे:अरविन्द केजरीवाल

अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली सरकार को चेतावनी दी है के ७ लाख प्रोटेस्ट लेटर डिलीवर करने जाने वाले आप के कार्यकर्ताओं को रोका गया तो जहाँ उन्हें रोक जाएगा सारे वहीं बैठ जायेंगे |:अरविन्द केजरीवाल आम आदमी पार्टी [आप]द्वारा चलाये जा रहे सविनय अवज्ञा आन्दोलन [असहयोग ] के समर्थन में आये असहयोगियों से प्राप्त प्रोटेस्ट पत्रों को सोमवार को दिल्ली की मुख्य मंत्री श्रीमती शीला दीक्षित के निवास पर डिलीवर किया जाएगा| इस अवसर पर अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली सरकार को चेतावनी दी है के ७ लाख प्रोटेस्ट लेटर डिलीवर करने जाने वाले आप के कार्यकर्ताओं के ग्रुप को रोका नहीं जाना चाहिए |
पार्टी प्रवक्ता अस्वती मुरलीधरन के अनुसार एक अप्रैल को २७२ के ग्रुप में कार्यकर्ता शीला दीक्षित के निवास पर जायेंगे और ७ लाख प्रोटेस्ट लेटर्स डिलीवर किये जायेंगे| दिल्ली पोलिस को पार्टी द्वारा इन्फॉर्म किया गया है के सोमवार को सुबह साड़े दस बजेसुन्दर नगरी से कार्यकर्ताओं का जत्था शांति पूर्वक रिक्शा +ऑटो में मार्च करेगा|पोलिस द्वारा इसमें एतराज किया जा रहा है| इस पर अरविन्द केजरीवाल ने व्यंग करते हुए कहा है के अगर दिल्ली पोलिस को हमारे शान्ति पूर्वक मार्च पर ऐतराज है तो कहीं न कहीं शीला दीक्षित को परेशानी जरुर हो रही है| उन्होंने शीला दीक्षित को चेतावनी देते हुए कहा है के अगर उनके जत्थे को बल पूर्वक रोक गया तो जहां रोक जाएगा वहीं बैठ जायेंगे|
उपवास के ९वे दिन अरविन्द केजरीवाल की हेल्थ स्थिर बताई जा रही है[१]|ब्लड प्रेशर =१०९/७२[२]पल्स= ७२[३] शुगर =११२[४]केटोने=३+है