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अलीगढ के आकाशवाणी केंद्र मे कमीशनखोरी के लिए सरकारी फंड का दुरूपयोग

[अलीगढ]एक तरफ तरफ प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आकाशवाणी के प्रोमोशन के लिए नित नई योजनाएं लाइ जा रही है तो दूसरी तरफ इसके केन्द्रों में भ्रष्टाचार के मामले उजागर होने लगे हैं अलीगढ केंद्र में ऐसा ही एक मामला सामने आया है
आर टी आई एक्टिविस्ट ग्रुप ट्रैप ने सूचना एवम प्रसारण मंत्री अरुण जेटली को लिखे एक पत्र में अलीगढ के आकाशवाणी केंद्र मे व्याप्त भ्रष्टाचार की शिकायत की है|ट्रैप ग्रुप के अनुसार केवल कमीशन खोरी के लिए ही यहां सरकारी धन का दुरूपयोग किया जा रहा है| स्टाफ निरंतर काम किया जा रहा है लेकिन केंद्र में इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्चा लगातार बढ़ रहा है
ग्रुप के वरिष्ठ एक्टिविस्ट बिमल कुमार खेमानी के अनुसार अलीगढ़ मे आकाशवाणी का उच्च शक्ति ट्रांसमीटर विदेश सेवा प्रसारण के लिए स्थापित किया गया था यह अब मृत प्राय होकर अपनी क्षमता का 20 % भी काम नहीं कर रहा है |यहां काम काम और नियुक्तियां अधिक है|
नियुक्तियां अधिकृत कोटे के अनुरूप ही हैं|
श्री खेमानी ने अपने पत्र में निम्न बिन्दुओं पर कार्यवाही की मांग की है
इसके प्रमाण स्वरूप संबंधित कागजात भी प्रेषित किये गए हैं |,
[१]सेवा नियमावली के अनुसार केंद्रीय सरकार के कर्मचारी जिनके 2 संताने है अपनी संतानों की स्कूल की फीस / कोचिंग की फीस [CEA]की प्रतिपूर्ति क्लेम कर सकता है , किन्तु अलीगढ़ आकाशवाणी के प्रायः बहुत सारे कर्मचारियो ने अपनी तृतीय / चतुर्थ संतानों की फीस की प्रतिपूर्ति भी प्राप्त की है
गैर कानूनी तौर पर ली गई यह रकम सभी से अविलंब वसूल की जानी चाहिए ।
[२]आकाशवाणी , अलीगढ़ मे किताबों की एक लाइब्रेरी भी बनाई गई है , यहां प्रतिवर्ष लाखो रुपयो की पुस्तके मंगाई जाती है यह सिर्फ पुस्तक प्रकाशको द्वारा दी जाने वाली मोटी कमीशन प्राप्ति के लिए अधिकारियों द्वारा की जा रही है स्टाफ के आभाव के बावजूद किताबों की खरीद अपने चहेते प्रकाशकों को फायदा पहुँचाने के लिए हैं
प्राप्त सूचना के अनुसार
[अ]वर्ष 2010-11 मे रु॰ 69432 /-
[आ]वर्ष 2011-12 मे रु॰ 84855 /-
[इ ]वर्ष 2012-13 मे रु॰ 202099 /-
[ई]वर्ष 2013-14 मे रु॰ 334104 /-
इनमे कुछ पुस्तके तो 29 / 30 हजार प्रत्येक पुस्तक की कीमत है , इन पुस्तकों के लिए किसी भी अधिकारी / कर्मचारी ने अपना मांग पत्र भी प्रेषित नहीं किया , इतना ही नहीं कुछ पुस्तके तो छात्रो की पढ़ाई की कोर्स की पुस्तके भी है ,
[३]आकाशवाणी , अलीगढ़ मे रिहाइशी कालोनी मे जरूरत से ज्यादा आवस बनाए गए है जिनमे बहुत सारे आवास अभी भी रिक्त है , किन्तु व्यक्तिगत कमीशंखोरी के चक्कर मे सन 1995 मे FM स्टाफ क्वाटर की योजना बनाई गई तथा इस मद मे रु। 36,16,850/- खर्च कर कर सन 2002 मे क्वार्टर पूर्ण करवाए गए , जिसे इस पत्र के लिखे जाने तक हेंड ओवर ही नहीं हुवे
12 वर्ष बीत जाने पर बिना किसी सम्हाल के ये सब खंडहर मे परिवर्तित हो चुके है ।

BIMAL KUMAR KHEMANI,
TRAP group of RTI activists
ALIGARH (U.P.)
Mob:09359724625

डीडीऐ की नियत से भाजपाइयों को दिल्ली के चुनावों में रोना पढ़ सकता है

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

शहरी विकास मंत्रालय का चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये तो हद ही हो गई यारा |ओये हसाडे सोणे मंत्री एम वेंकैय्या नायडू जी ने डीडीऐ को मरोड़ा देते हुए गरीबों के लिए मकानकी स्कीम चलवाई २५ हजार मकानों के लिए १० लाख लोगों ने अप्लाई किया इनमे से पौने दस लाख लोग तरसते रह गए और जिन लोगों को मकान मिले हैं वो अब नाक मुंह सिकोड़ने लग गए हैं ओये १५०० एलोटी मकान लौटाने की बात करने लग गए हैं भाई ऐसे तो आने से रहा समाजवाद

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजाण आप जी को आदत पढ़ी हुई है खाने की रोज पके पकाये नए तरल पकवान इसीलिए भूल गए हो के “रब्ब वी उन्हानूँ ही मिलदा नियतां जिन्हा दी होन्दियां चंगिया”
ओ मेरे भापा जी मुझे मालूम था के आप बोलोगे “हैं”?
शाह जी इस स्कीम के लिए
[१]ऑनलाइन पैसे लेने के बावजूद आप चेक से रिफंड कर रहे हैं|अपने ही ग्रीन रेवोलुशन की ऐसी की तैसी कर रहे हैं
[२]पौने दस लाख असफल लोगों की जमा राशि @वन लाख पर ब्याज मार रहे हैं
[३]डॉलर्स में प्राप्त राशि को भी रुपयों में लौटा रहे हैं
[४]विदेशों से प्राप्त राशि को भारत के बैंकों में ही लौटा रहे हो
[5]इन सबके बावजूद अविकसित कालोनियों में मकान दे रहे हो
ऐसी नियत के चलते आप का तो कुछ नहीं बिगड़ने वाला मगर आप जी के भाजपाइयों को दिल्ली के चुनावों में रोना जरूर पढ़ सकता है