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मोदी सरकार ने बिहार में पर्यटन विकास के लिए 600 करोड़ रुपये की घोषणा:सवालाख करोड़ का पैकेज

मोदी सरकार ने बिहार में पर्यटन विकास के लिए 600 करोड़ रुपये की घोषणा की |सवालाख करोड़ की घोषणा पर अमल शुरू
पर्यटन के विकास के लिए बिहार में जैन+ रामायण +महात्मा गांधी सर्किट विकसित किये जायेंगें
सिखों के पवित्र तख़्त पटना साहिब के लिए 50 करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं|
बिहार के लिए 18 अगस्त 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1.25 लाख करोड़ रुपये के पैकेज घोषणा की है|
पर्यटन मंत्रालय इसमें से बिहार में विभिन्न पर्यटन विकास गतिविधियों के लिए 600 करोड़ रुपये लगायेगा।
बिहार में पर्यटन की अपार संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए पर्यटन मंत्रालय ने
वैशाली और बोधगया सहित बौद्ध सर्किट में पड़ने वाले विक्रमशिला (200 करोड़ रुपये);
सुल्तानगंज से देवघर परियोजना के लिए (50 करोड़ रुपये);
पटना साहिब (50 करोड़ रुपये);
महात्मा गांधी सर्किट (50 करोड़ रुपये);
रामायण सर्किट (100 करोड़ रुपये);
चम्पापुरी व पावापुरी सहित जैन सर्किट (50 करोड़ रुपये);
मंदार हिल्स सर्किट और अंग क्षेत्र (50 करोड़ रुपये)
अन्य स्थानों के साथ ही सात पर्यटन सर्किट विकास पर विचार करने का फैसला किया है।
इनका विकास स्वदेश दर्शन और प्रसाद योजनाओं के तहत पर्यटन मंत्रालय द्वारा चिन्हित सर्किट/शहरों के उचित माध्यम से किया जाएगा।
उपरोक्त के अलावा, मंत्रालय द्वारा बिहार में भारतीय पर्यटन और यात्रा प्रबंधन संस्थान (आईआईटीटीएम) क्षमता का आकलन करने के लिए किए गए अध्ययन के निष्कर्षों के आधार पर पर्यटन मंत्रालय ने 50 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान के साथ बिहार में आईआईटीटीएम केंद्र की सैद्धांतिक मंजूरी की घोषणा की है।

जैन समुदाय बना छठा धार्मिक अल्‍पसंख्‍यक समुदाय

जैन समुदाय भी बना छठा धार्मिक अल्‍पसंख्‍यक समुदाय
केंद्र सरकार ने आज जैन समुदाय को अल्‍पसंख्‍यक समुदाय के रूप में अधि‍सूचि‍त कर दि‍या। पांच समुदाय[१]मुस्‍लि‍म[२] इसाई[३] सि‍ख[४] बौद्ध [५] पारसी पहले ही अल्‍पसंख्‍यक समुदाय घोषि‍त है। केंद्र सरकार ने यह अधि‍सूचना राष्‍ट्रीय अल्‍पसंख्‍यक आयोग कानून 1992 की धारा 2 के अनुच्‍छेद (ग) के अंतर्गत प्राप्‍त अधि‍कारों का उपयोग करते हुए जारी की है। केंद्र द्वारा अधिसूचना जारी करने के साथ ही जैन समुदाय आज अल्पसंख्यक दर्जा पाने वाला छठा धार्मिक समूह बन गया। सरकार ने गत 20 जनवरी को आयोजित कैबिनेट की बैठक में करीब 50 लाख की जनसंख्या वाले समुदाय को अल्पसंख्यक का दर्जा देने का निर्णय किया था। यह जैन समुदाय की पुरानी मांग थी और इससे उन्हें सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों में लाभ मिलेगा।