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राज नाथ सिंह ने तारीफों के पुल बाँध +तालियाँ बजवा कर और माल्यापर्ण कर मोदी को बड़ी जिम्मेदारी का इशारा कर दिया

राज नाथ सिंह ने तारीफों के पुल बाँध +तालियाँ बजवा कर और माल्यापर्ण कर मोदी को बड़ी जिम्मेदारी का इशारा कर दिया

राज नाथ सिंह ने तारीफों के पुल बाँध +तालियाँ बजवा कर और माल्यापर्ण कर मोदी को बड़ी जिम्मेदारी का इशारा कर दिया

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने पार्टी के फायरब्रांड नेता और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की गुजरात में हैट्रिक जीत को ऐतिहासिक बताते हुए शब्दों के उचारण +कार्यकर्ताओं से तालियाँ बजवा कर और स्वयम फूलों की माला पहना कर मोदी को माला पहनाकर उन्हें पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी देने की ओर इशारा कर दिया है|
बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी परिषद् की ताल कटोरा स्टेडियम में तीन दिवसीय बैठक के दूसरे दिन आज२ मार्च , शनिवार को पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि मोदी देश के सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री हैं.|भाजपा के राजनीतिक इतिहास में मोदी ही पहले मुख्य मंत्री हैं जो लगातार तीसरी बार गुजरात में मुख्य मंत्री बने हैं| अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी गुजरात के विकास मॉडल की प्रशंसा हुई है. पूरी दुनिया आज मोदी के काम की कायल है|पार्टी अध्यक्ष ने सबसे खडे़ होकर मोदी के लिए तालियां बजाकर स्वागत करने का आग्रह किया|उनके आग्रह पर स्टेडियम में तालियों की गडगडाहट और मोदी के जय कारे गूंजने लगे|
पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राजनाथ ने कहा कि हमारे सामने कठिन चुनौतियां खड़ी है और हम हर चुनौतियों से जरूर पार कल दिल्ली में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के पहले दिन पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने मोदी के काम की जमकर तारीफ की तो बैठक के बाहर कई नेताओं ने मोदी को आगे करने की मांग बुलंद की। बैठक के अंतिम दिन मोदी को पीएम पद का उम्मीदवार घोषित करने की मांग उठ सकती है।|
एक तरफ तो पार्टी अध्यक्ष ने नरेन्द्र मोदी की छवि को राष्ट्रीय महत्त्व देने में कोई कसर नहीं छोड़ी लेकिन इसी बीच कार्यकर्ताओं द्वारा मोदी के लिए पी एम् के नारे लगाने लगे तब अध्यक्ष ने सभी कार्यकर्ताओं को चुप करा दिया|साथ ही दूरे मुख्य मंत्रियों के साथ दिल्ली के नेता श्रीमती सुषमा स्वराज +अरुण जेटली की तारीफ करना नहीं भूले | इससे यह कयास लगाये जा रहे हैं कि भाजपा अभी अपने पत्ते खोलना नहीं चाहती|इसके लिए तीन कारण सामने आ रहे हैं|[१] २०१४ से पहले एन डी ऐ के घटक जे डी यु को नाराज नहीं करना[२]कर्नाटक आदि राज्यों में होने वाले चुनावों में गठजोड़ के समीकरण बनाये रखना [३]कांग्रेस के उम्मीद वार की घोषणा की प्रतीक्षा |