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पाकिस्तान भारत को मोस्ट फेवोर्ड नेशन का स्टेटस दे सकता है

पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान शीघ्र भारत को मोस्ट फेवोर्ड नेशन का स्टेटस दे सकता है यह संकेत पाकिस्तान की सत्ता रुड पार्टी पी एम एल [एन] के प्रवक्ता सिद्दीक उल फारूक ने दिए|ऐ बी पी न्यूज चैनल से बातचीत करते हुए श्री फारूक ने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत के लिए न्यौता मिल गया है यह एक सकारात्मक कदम है|इससे दोनों पड़ौसी मुल्कों में बातचीत का सिलसिला आगे बढ़ेगा| एंकर के एक प्रश्न के उत्तर में प्रवक्ता ने संकेत दिए कि निकट भविष्य में भारत को मोस्ट फेवोर्ड नेशन का स्टेटस दिया जा सकता है|
उन्होंने यह स्वीकार किया कि डॉ मन मोहन सिंह के कार्यकाल में भी इस सिलसिले में बात चली थी लेकिन कांग्रेस नीत सरकार ने आगे कदम नहीं बढाए इसके आलावा जाती हुई सरकार से कोई पैक्ट करने में पाकिस्तान ने भी कोई निर्णय नहीं लिया| अब भारत में भाजपा की सरकार बनने जा रही है क्योंकि पहले भी अटल बिहारी वाजपई की सरकार के कार्यकाल में सम्बन्ध सुधरे थे इसीलिए अब भी वोही उम्मीद है|
गौरतलब है कि भाजपा ने सार्क देशों को शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए न्यौता दिया है |पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भारत के भावी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने पर अभी विचार कर रहे हैं और इस संबंध में सैन्य एवं असैन्य नेताओं से विचार विमर्श के बाद आज शाम तक निर्णय लिया जाएगा।

लो जी नवाज शरीफ ने फिर देहाती ओरतों की तरह कश्मीर का रंडी रौना अमेरिका के सामने शुरू किया


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

पत्रकार

ओये झल्लेया ये पाकिस्तानी हुकुमरानो को कौन सी बीमारी है |देख तो हसाड़े सवर्ग कश्मीर को हथियाने के लिए कोई मौका नहीं चूकते | पाकिस्तान के प्रधानमंत्री जनाब नवाज शरीफ ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के सामने बुधवार को हाजरी भरनी है लेकिन आज रविवार के अवकाश पर फुर्सत से लन्दन में मीडिया के सामने कह दिया कि अमेरिका को कश्मीर के मुद्दे को हल करने के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए|मिडिल ईस्ट में जितना समय दिया जा रहा है उसका यदि १०% समय भी निकाला जाये तो कश्मीर की समस्या हल हो सकती है| ओये आपसी समस्यायों के लिए तीसरे पक्ष को लाना तो सरासर शिमला समझौते का उलंघन है|

झल्ला

ओ हो सर जी पहले नवाज शरीफ साहब ने अमेरिका में ही फ़रमाया था कि हसाड़े सोणे ते मन मोहणे प्रधान मंत्री बराक ओबामा के सामने देहाती महिलाओं की तरह कश्मीर के लिए रोते रहते हैं और १९९९ के बाद अब फिर खुद ही कश्मीर का रंडी रौना लेकर बैठे हुए हैं |झल्ले विचारानुसार डॉ मन मोहन सिंह चीन और रूस कि यात्रा पर निकले हैं ऐसे में उन पर दबाब बनाने के लिए ही यह रंडी रौना शुरू किया गया है|