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योगेश भडौदा[डी-७५] को उसके साथियों के साथ गिरफ्तार करके मेरठ पोलिस ने गुड वर्क दर्ज़ किया

योगेश भडौदा[डी-७५] को उसके साथियों के साथ गिरफ्तार करके मेरठ पोलिस ने गुड वर्क दर्ज़ किया

योगेश भडौदा[डी-७५] को उसके साथियों के साथ गिरफ्तार करके मेरठ पोलिस ने गुड वर्क दर्ज़ किया

१५ वर्षों से अपराध जगत में सक्रिययोगेश भडौदा[डी-७५] को उसके साथियों के साथ एक मुठभेड़ के पश्चात मेरठ पोलिस द्वारा गिरफ्तारी दिखाई गई है|इस गिरोह के खिलाफ अनेको हत्या और लूटपाट के अलावा धन उगाही के आरोप हैं|अपराधियों को मय असलाह और इनोवा कार के साथ गिरफ्तार किया गया है| इस विषय में थाना परतापुर में विभिन्न धाराओं में केस भी दर्ज़ किया गया है| प्रेस कांफ्रेंस में बताया गया है कि इनकी गिरफ्तारी के लिए पोलिस महानिरीक्षक मेरठ ज़ोन के निर्देशानुसार गठित २ टीमो ने यह गुड वर्क दर्ज़ कराया है|

गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम और घोषित पुरूस्कार

[१]योगेश भदोडा=५००००/=
[२]लीलू उर्फ़ अमित=१५०००/=
[३]गौरव=१२०००/=
[४]राहुल=५०००/=
[५]अंकित =१२०००/=
[६]संदीप=

हथियारों की बरामदगी

[१]एक पिस्टल ३० एम् एम्और एक ९ एम् एम्
[२]एक रिवाल्वर ३८ एम् एम्
[३]एक कार्बाईन ३० एम् ऐ
[४] एक तमंचा ३१५ बोर
एक इनोवा कार

अपराध का स्टाईल

गिरोह का मुखिया योगेश भडौदा जेल से छूटकर आने वाले अपराधियों को गिरोह में शामिल करता था और पुरानी रंजिश का बदला लेता था और धन की अवैध वसूली करता था|

सर्राफ के अपह्त बालक को ९ घंटे में बरामद करा कर पोलिस ने गुड वर्क दर्ज किया

 सर्राफ के अपह्त बालक को ९ घंटे में बरामद करा कर पोलिस ने गुड वर्क दर्ज किया

सर्राफ के अपह्त बालक को ९ घंटे में बरामद करा कर पोलिस ने गुड वर्क दर्ज किया

[मेरठ ]: पवन जैन सर्राफ के पोते का ७ मार्च ,गुरुवार को दोपहर स्कूल से उनके अपने पुराने ड्राईवर द्वारा अपहरण कर लिया गया।पोलिस के दबाब और परिजन की तत्परता से नौ घंटे के भीतर बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया। बच्चे की रिहाई के लिए २० लाख की फिरौती मांगी गई थी। यदपि पुलिस और परिजनों का दावा है कि कोई फिरौती नहीं दी गई, लेकिन चर्चा इसके उलट की जा रही है | इसके पीछे मुख्य अपहरण कर्ता की अभी तक पोलिस से दूरी है |इससे पूर्व इसी परिवार के अन्य सदस्य का भी अपहरण किया जा चूका है| पुलिस ने इस अपहरण में शामिल सर्राफ के पूर्व चालक अशोक के जीजा, अविवाहित बहन और एक भाई को गिरफ्तार किया है| मुख्य अपहरण कर्ता अशोक और उसका मौसेरा भाई फरार बताये गए हैं| देर रात पुलिस लाइन में मीडिया को पोलिस कप्तान दीपक कुमार ने बताया कि सदर थाना छेत्र निवासी पवन कुमार जैन [ श्यामा] की सर्राफ की मशहूर दुकान है। वह अपने दो बेटों अजय व राहुल के साथ वेस्ट एंड रोड स्थित अनमोल कोठी में रहते हैं।
दोपहर साढ़े बारह बजे श्यामा के पांच वर्षीय पौत्र देवांश पुत्र राहुल जैन को बेगम बाग़ [चकबंदी रोड] स्थित द लिटिल एपेक्स किड्स स्कूल से उनके पुराने चालक अशोक उर्फ मोनू पुत्र घन सिंह निवासी फाजलपुर ले गया |इसकी जानकारी पर कप्तान ने एसपी सिटी ओपी सिंह के नेतृत्व में छह टीमें गठित कर सीओ कैंट पूनम को दबिश के लिए फाजलपुर में अशोक के घर भेजा|पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो बहन ने पूरी कहानी बयां कर दी। एसएसपी ने एसपी सिटी ओपी सिंह के साथ टीम बनाकर एसओ टीपी नगर रविंद्र यादव, एसओ लिसाड़ी गेट रणवीर सिंह यादव को गाजियाबाद भेज दिया।
मोबाइल की लोकेशन के आधार पर पुलिस ने शास्त्रीनगर गाजियाबाद से देवांश को उस समय बरामद कर लिया, जब अशोक का मौसेरा भाई जंजीर देवांश को गाजियाबाद रेलवे स्टेशन ले जाने की तैयारी कर रहा।
कप्तान के अनुसार देवांश को अहमदाबाद मेल से अहमदाबाद ले जाना था, वहां अशोक की रिश्तेदारी है। इसके लिये उन्होंने पहले ही टिकट खरीद लिया था। एसएसपी ने बताया कि संतोष, जंजीर व दीपिका को गिरफ्तार कर लिया गया है,उन्होंने बताया कि अशोक का परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। इसके चलते ही अशोक ने अपहरण की योजना बनाई।