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कोविड पीड़ित डाक कर्मचारियों को ₹ 10 लाख की क्षतिपूर्ति

(नईदिल्ली)डाक कर्मचारियों को ₹ 10 लाख की क्षतिपूर्ति
कोविड-19 परिप्रेक्ष्य में ग्रामीण डाक सेवक (जीडीएस) सहित सभी डाक कर्मचारियों को कर्तव्य निवर्हन के दौरान बीमारी का शिकार हो जाने पर 10 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया जाएगा।
ये दिशानिर्देश संकट की समाप्ति तक पूरी अवधि तक के लिए लागू रहेंगे।
डाक विभाग अनिवार्य सेवाओं के तहत आता है
ग्रामीण डाक सेवक सहित डाक कर्मचारी ग्राहकों को मेल डिलीवरी, डाक घर बचत बैंक, डाक जीवन बीमा देने, एईपीएस सुविधा के तहत किसी भी बैंक और किसी भी शाखा से ग्राहकों के दरवाजे तक धन की निकासी को सरल बनाने के विभिन्न दायित्वों का निर्वाह कर रहे हैं।
इसके अतिरिक्त, डाक घर स्थानीय राज्य प्रशासन एवं पुलिस अधिकारियों के साथ संपर्क कर देश भर में कोविड-19 किट, फूड पैकेट, राशन एवं अनिवार्य दवाओं आदि की प्रदायगी भी कर रहे हें।

डाकघरों से आरटीआई के लिए जरूरी १०/=के पोस्टल आर्डर उड़नछू

[मेरठ,यूपी]मेरठ के डाकघरों से आरटीआई के लिए जरूरी १०/=के पोस्टल आर्डर गायब|यह आश्चर्यजनक सत्य है |१ मार्च को हमारे रिपोर्टर ने लगभग आधे मेरठ के डाकघरों के चक्कर लगाये लेकिन सभी जगह एक ही जावब मिला १०/= का पोस्टल आर्डर नही हैं |बीते कई दिनों से ऊपर वालों ने भेजा ही नहीं |मांग भेजी हुई है अभी तक आया ही नहीं| दस रुपये का पोस्टल आर्डर तो नही है आप बेशक ५०/= का पीओ ले जाईये|अब कोई इन्हेंबताये के आरटीआई डालने के लिए सरकार की तरफ से ही जब दस रुपये के पोस्टल आर्डर की शर्त रखी गई है तो कोई पांच गुना अधिक रकम क्यूँ खर्च करे|कहा जा रहा है के डाक विभाग के भी अपने ऐटीएम खोले जाने हैं ऐसे में इस विभाग और मंत्री रवि शंकर प्रसाद की क्षमता को कमतर आंकना उचित नही होगा लेकिन वास्तविकता है के पोस्टल मिल नही रहे |गंगा नगर+सी डी ऐ+मेरठ कॉलेज+थापर नगर की तो यही वास्तविकता है | वर्तमान में आरटीआई को इंटरनेट पर भी डाला जा सकता है लेकिन यह भी सत्य है के अधिकांश कम्प्यूटर की दुनिया से दूर हैं उनके लिए तो अभी तक कागद और कलम का ही सहारा है |आम आदमी के हाथ में यह एक अहम हथियार हैं जिसे भोथरा होने से बचाना समय की मांग है और सत्ता का आश्वासन भी है|
एक संभावना है के सम्भवत आर टी आई को ही आम लोगों से दूर करने के लिए तो ये पोस्टल आर्डर गायब किये जा रहे हैं|या फिर इसके प्रिंटिंग पर दस रुपये से ज्यादा खर्च आता हो इसीलिए इसके प्रयोग को हत्त्साहित किया जा रहा है |खैरकारण कुछभी हो डाक से आर टी आई भेजने वालों को तो परेशानी हो ही रही है और अगर सरकार की मंशा आर टी आई को हतोत्साहित करने की नहीं है तो इस विषय की जाँच जरूरी है के १०/= के पोस्टल ऑर्डर कहाँ जा रहे हैं और कितने में बिक रहे हैं |