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पी एम ने PSLV-C23 सफल व्यवसायिक उड़ान की बधाई दी,सार्क देशों के कल्याणार्थ उपग्रह बनाने को भी कहा

नरेंद्र मोदी आज श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी-सी23 की सफल व्यवसायिक उड़ान के गवाह बने |उन्होंने पड़ोसी देशों के कल्याण के लिए “एक कृत्रिम उपग्रह बनाने को भी कहा |अंग्रेजी तथा हिंदी दोनों भाषाओं के मिले-जुले भाषण में पी एम श्री मोदी ने भारतीय वैज्ञानिकों की कई पीढ़ियों की तपस्या का जिक्र किया और कहा कि उपनिषद से उपग्रह तक की यात्रा एक लंबी यात्रा रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के दौरे के समय वे वैज्ञानिकों की चार पीढ़ियों से मिले हैं।नरेंद्र मोदी २९ जून को ही श्री हरिकोटा पहुँच गए थे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीहरिकोटा से पोलर सेटेलाईट लॉंच वेहिकल- पीएसएलवी-सी23 का सफल प्रक्षेपण देखा।
मिशन कंट्रोल सेंटर से अपने बधाई संदेश में उन्होंने अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हासिल महारथ को सामाजिक परिवर्तन, आर्थिक विकास तथा संसाधनों के संरक्षण के लिए पूरी तरह से उपयोग करने को भी कहा | भारत को भारत की वसुधैव कुटुम्बकं की प्राचीन मान्यताओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम मानवता की सेवा के उद्देश्य से प्रेरित है, न कि शक्तिशाली बनने के उद्देश्य से। उन्होंने कहा कि विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की एक उज्ज्वल परम्परा है, जिसमें अंतरिक्ष विज्ञान भी शामिल है। श्री मोदी ने कहा कि भास्कराचार्य तथा आर्यभट्ट जैसे प्राचीन भारत के महान वैज्ञानिक कई पीढ़ियों को प्रेरित कर रहे है। उन्होंने कहा कि भारत को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के लाभ विकासशील देशों, विशेषकर पड़ोसी देशों के साथ सांझा करना चाहिएं। उन्होंने अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का आह्वान किया कि वे सार्क देशों के लिए कृत्रिम उपग्रह तैयार करें, जिसकी सेवाएं अपने पड़ोसी देशों को भारत की ओर से एक उपहार के तौर पर दिया जाए।
श्री मोदी ने कहा कि पूरी तरह से स्वदेशी भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय दबाव तथा बाधाओं के बीच विकसित हुआ है। चंद्रमा मिशन पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के सोच से प्रेरित था। उन्होंने कहा कि मंगल मिशन तथा उपग्रह आधारित नौ-वहन इन दिनों चल रही परियोजनाओं में से एक हैं।
आम आदमी के लिए अंतरिक्ष तकनीकी के लाभ का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे आधुनिक संचार-व्यवस्था संभव है, सुदूर गांवों में बच्चों को स्तरीय शिक्षा प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाया जा सकता है तथा टेलीमैडिसन द्वारा बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकती है। डिजीटल भारत के हमारे स्वप्न को साकार करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है|

PSLV-C23

PSLV-C23


प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में निरंतर विकास हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने अत्याधुनिक उपग्रहों के विकास तथा सेटेलाईट फुटप्रिन्ट बढ़ाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि भारत के पास विश्व के लिए सर्विस प्रोवाईडर प्रक्षेपित करने की क्षमता है और इस उद्देश्य की ओर काम करना होगा।
प्रधानमंत्री ने भारत के युवा वर्ग को अंतरिक्ष कार्यक्रमों से जोड़ने का आह्वान किया। श्री मोदी ने कहा कि श्रीहरिकोटा में युवा वैज्ञानिकों को मिलकर तथा उनके काम एवं उपलब्धियों को देखकर वे बेहद खुश हुए। उन्होंने डॉ. के. राधाकृष्णन के नेतृत्व की सराहना की और कहा कि भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए उनकी सोच का पैमाना, उसकी गति तथा कौशल इत्यादि बेहतरीन है। कुछ ही महीनों में मंगल ग्रह की कक्षा में हमारे वायुयान को स्थापित करने में जुटे अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को उन्होंने अपनी शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर आंध्र प्रदेश के राज्यपाल श्री नरसिम्हन, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री चंद्रबाबू नायडू, संसदीय मामलों के केंद्रीय मंत्री श्री वैंकेय्या नायडू, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, अंतरिक्ष-सचिव डॉ. राधाकृष्णन, तथा प्रो. यू.आर. राव और डॉ. कस्तूरीरंगन जैसे वरिष्ठ वैज्ञानिक उपस्थित थे।
गौरतलब है के अंतरिक्ष यान ने सोमवार को सुबह 9:52 बजे उड़ान भरी। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा में मौजूद थे।
पीएसएलवी की यह 27वीं उड़ान है। पीएसएलवी ने अपने साथ सी23 जर्मनी, फ्रांस, सिंगापुर, कनाडा के उपग्रह लेकर उड़ान भरी।
पीएसएलवी-सी23 का प्रक्षेपण देखने के लिए मोदी रविवार शाम को ही श्रीहरिकोटा पहुंच चुके थे। एनडीए के सरकार के सत्ता में आने के बाद यह इसरो का पहला अंतरिक्ष अभियान है।
The Prime Minister, Shri Narendra Modi , at Sriharikota, in Andhra Pradesh on June 29, 2014.

The Prime Minister, Shri Narendra Modi , at Sriharikota, in Andhra Pradesh on June 29, 2014.


नरेंद्र मोदी ने बताया कि देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक ऐसा समय भी आया था, जब रॉकेट साइकिल पर ले जाए थे और आज एक लंबी दूरी तय करते हुए हम अंतरिक्ष कार्यक्रम के क्षेत्र में दुनिया के शीर्ष छह देशों की कतार में शामिल हो चुके हैं।वेदों की ऋचाओं में वर्णित विज्ञानं को आज के वैज्ञानिकों ने साकार करके उपग्रह तक पहुंचा दिया है |
फोटो कैप्शन [१]The Prime Minister, Shri Narendra Modi addressing after the successful launch of PSLV – C 23, at Sriharikota, in Andhra Pradesh on June 30, 2014.
The ISRO Chairman, Dr. K Radhakrishnan is also seen.

Dr Manmohan Singh Commended ISRO For Successfully Launching GSLV D5 Carrying GSAT-14 Payload

PM congratulates ISRO on the successful launch of GSLV D5
Prime Minister, Dr. Manmohan Singh, has congratulated the scientists and engineers of Indian Space Research Organization (ISRO) for the successful launch of GSLV D5 carrying GSAT-14 payload.
Commending ISRO for the successful launch, he described it as yet another important step that the country has taken in the area of science and technology.
The Geosynchronous Satellite Launch Vehicle [GSLV] D5 was launched from the Satish Dhawan Space Centre in Sriharikota today.
It includes an indigenous cryogenic rocket stage.Sriharikota:

मंगलयान के सफल प्रक्षेपण के लिए प्रणब मुखेर्जी+डॉ मन मोहन सिंह+मो.हामिद अंसारी+नरेंदर मोदी ने इसरो को बधाई दी

राष्‍ट्रपति प्रणब मुखेर्जी + प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह+उप राष्ट्रपति मो.हामिद अंसारी तथा भाजपा के पी एम् प्रत्याशी नरेंदर मोदी ने मंगल[MARS ] यान के श्री हरिकोटा से सफल प्रक्षेपण के लिए इसरो[ ISRO ] को बधाई दी |यह अंतरिक्ष यान पृथ्वी की कक्षा में स्थापित हो गया है|
भारत के राष्‍ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने पीएसएलवी-सी25 पर मंगल कक्षीय अंतरिक्षयान के सफल प्रक्षेपण के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (आईएसआरओ-इसरो) को बधाई दी है।

 Mars Orbiter Mission Spacecraft – Mangalyan,

Mars Orbiter Mission Spacecraft – Mangalyan,


इसरो के अध्‍यक्ष डॉ. के राधाकृष्‍णन को एक संदेश में राष्‍ट्रपति ने कहा, “पीएसएलवी-सी25 पर मंगल कक्षीय अंतरिक्षयान के प्रक्षेपण के बाद इसे पृथ्‍वी के कक्ष में सफलतापूर्वक स्‍थापित किये जाने पर मैं आपको और आपकी टीम को बधाई देता हूं। भारत का पहला समर्पित मंगल कक्षीय अंतरिक्षयान हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रम और अंतरिक्ष के इस्‍तेमाल के क्षेत्र में प्रगति का एक महत्‍वपूर्ण मील का पत्‍थर है। यह हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक महत्‍वपूर्ण ऐतिहासिक दिन होने के साथ ही एक ऐसा दिन है, जो हमारे वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष के क्षेत्र में हमारे राष्‍ट्रीय लक्ष्‍यों तक पहुंचने में और भी ऊंची छलांगें लगाने के लिए प्रेरित करेगा।
प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने आज मंगल ग्रह पर भेजे गए मंगलयान मिशन के सफल प्रक्षेपण पर इससे जुड़े सभी वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा कि इसका सफलतापूर्वक प्रक्षेपण मिशन के पूरा होने की दिशा में पहला आवश्‍यक कदम है और यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो के वैज्ञानिकों की प्रक्षेपण तकनीक विशेषज्ञता का प्रमाण है। उन्‍होंने कहा कि मैं इस महत्‍वाकांक्षी परियोजना के अगले चरणों के लिए सभी वैज्ञानिकों को बधाई देता हूं क्‍योंकि यह हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक महत्‍वपूर्ण मील का पत्‍थर साबित होगा। मुझे भरोसा है कि इसरो के वैज्ञानिक इस पूरे अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम देंगे।
भाजपा के नेता नरेंदर मोदी और उपराष्ट्रपति मो हामिद अंसारी ने भी आईएसआरओ की टीम को बधाई दी
फ़ोटो कैप्शन
[१]PSLV-C25 Mars Orbiter Mission Spacecraft – Mangalyan, successfully launched from Sriharikota on November 05, 2013.