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एल के अडवाणी के ब्लाग से:ईश्वर के संयोग

एन डी ऐ के पी एम् इन वेटिंग और वरिष्ठ पत्रकार लाल कृषण आडवाणी ने अपने एक ब्लाग के पाश्च्य लेख[टेल पीस] में दो अमेरिकन राष्ट्रपतियों के जीवन में अनेकों रोचक संयोग के माध्यम से ईश्वर के कार्य करने की प्रणाली का उल्लेख किया है|प्रस्तुत है एल के आडवाणी के ब्लाग से:
अब्राहम लिंकन जॉन ऍफ़ कैनेडी
कांग्रेस में चयन १८४६ १८४६ १९४६
राष्ट्रपति के पद पर चयन १८६० १९६०
सिविल राईट्स से सम्बन्ध हाँ हाँ
पत्नी ने व्हाईट हाउस में बच्चा खोया हाँ हाँ
मृत्यु शुक्रवार शुक्रवार
गोली मारी गई सर में सर में
सचिव का नामांकरण कैनेडी लिंकन
किसने मारा दक्षिण वासी दक्षिण वासी
उत्तराधिकारी दक्षिण वासी एंड्रयू जॉनसन दक्षिण वासी ल्यंदों जॉनसन

[१]उपरोक्त के अतिरिक्त दोनों कातिल तीन नामों से जाने जाते हैं और दोनों के नामो में १५ अक्षर हैं|
[२] लिंकन को फोर्ड नामक थियेटर में गोली मारी गई जबकि कैनेडी को फोर्ड नामक कम्पनी की लिंकन कार में मारा गया| .
[३]लिंकन का हत्यारा थियेटर से भाग कर गौदाम में जा छुपा और कैनेडी के हत्यारे ने गौदाम से गोली चला कर थियेटर में शरण ली
उपरोक्त संयोगों के माध्यम से ब्लॉगर आडवाणी ने अल्बर्ट आइंस्टीन के हवाले से कहा है कि संयोगों के चमत्कार को उत्पन्न करके स्वयम को गुमनाम रखने की ईश्वर की यह अपनी ही कार्यप्रणाली है
Albert Einstein once remarked Coincidence is God’s वे of remaining anonymous.