Ad

मोदी सरकार ने दशकों से लंबित”ओआरओपी”पर निर्णय लेकर कांग्रेस को आलोचना के लिए आमंत्रित किया

[नयी दिल्ली] मोदी सरकार ने दशकों से लंबित “ओआरओपी” पर निर्णय लेकर कांग्रेस को आलोचना के लिए आमंत्रित किया |अब सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस में आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू होगया है|
सरकार की ‘वन रैंक वन पेंशन’ की घोषणा पर आज कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप . प्रत्यारोप का दौर चला। विपक्षी दल ने इसके प्रावधानों को पूर्व सैनिकों के साथ ‘‘धोखा’’ बताया जबकि सत्तारूढ़ दल ने कांग्रेस पर सत्ता में रहने के समय पूर्व सैनिकों के साथ ‘‘मजाक’’ करने का आरोप लगाया।
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर द्वारा विस्तृत ब्यौरा दिये बगैर पूर्व सैनिकों की लंबित मांग को पूरा करने के लिए केवल 500 करोड़ रूपये के आवंटन पर पिछली सरकार पर निशाना साधने के बाद पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने ओआरओपी से जुड़ी जानकारियों पर सरकार पर कटाक्ष किये।
एंटनी और एक अन्य वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ओआरओपी घोषणा बहुत बड़ी निराशा है क्योंकि पूर्व सैनिकों के लाभ के प्रावधानों को बहुत हल्का कर दिया गया है। यह उनके हितों के साथ धोखा है।’’ जंतर मंतर पर आंदोलनरत पूर्व सैनिकों द्वारा रखी गई ओआरओपी से जुड़ी ज्यादातर बातों को खारिज किये जाने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को ‘‘अपनी पीठ थपथपाने’’ के बजाय इस पर ‘‘चिंतन’’ करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि स्वेच्छा से पद छोड़ने वाले पूर्व सैनिकों को ओआरओपी के लाभों से हटाकर सरकार ने 46 % से अधिक सेवानिवृत्त रक्षाकर्मियों को वित्तीय लाभ से वंचित कर दिया।
सिब्बल ने कहा, ‘‘यह पूर्व सैनिकों का अपमान है।’’ हालांकि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह कीे नेतृत्व में पार्टी नेताओं ने ‘‘ऐतिहासिक’’ फैसले का श्रेय लिया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों के प्रचार के दौरान पूर्व सैनिकों से किया वादा पूरा किया।