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Tag: JhalliShayari

पत्ते टूटे कोम्पल फूंटी प्रकृति नववधू सुहाई ,मनवा बजे ढोलक फाग मस्ती छाई

Happy Spring
बसंत ऋतू आई आई ,बूढ़ा मनवा भी ले अंगड़ाई
कामदेव का बाण चला ,उल्लास उमंग फिर भाई
पत्ते टूटे कोम्पल फूंटी प्रकृति नववधू सी सुहाई ,
मनवा बजे ढोलक डम डम फाग की मस्ती छाई
हर ठौर ऋतु सुहावनी छाई,सुगंध मादकता लाइ
कहाँ ढूँढू अपना सजन,कहाँ छुपा है मोरा मदन
पवन चले सनन सनन ,मनवा उड़े गगन गगन
कहाँ ढूँढू अपना सजन, कहाँ छुपा है मादक मदन

बहुत शुक्रिया बढ़ी मेहरबानी “कन्हैया” जी जेल छोड़ आये

बहुत शुक्रिया बढ़ी मेहरबानी कन्हैया जी जेल छोड़ आये
करूँ पेश तुमको नजराना कौन सा ये मेरी समझ ना आये
गालिगफ़्तौरों की इस दुनिया में एक और नायब आया है
जिसे नया अवतार बताने को मीडिया फिर से ललचाया है
करूँ पेश इनको नजराना कैसा ये मेरी समझ ना आये
जेएनयू में अपने आकर फिर से अलख पुरानी जगाये हैं
पार्टियों के थिंक टैंक फिर काम काज लगे जाएँ हैं
सोशल मीडिया के महारथी माउस में घुसे जाएँ हैं
करूँ पेश इनकों नजराना कैसा ये मेरी समझ ना आये
कोई कहे भगत सिंह तो कोई कहे कन्हाई
कृष्ण ,कन्हाई बनाने को उनकी “मीडिया”ललचाई
करूँ पेश इनकों नजराना कैसा ये मेरी समझ में ना आये
कहते हैं युग हैं नरेंद्र मोदी के नाम ,सो सही राग अलापे हो
अच्छा है केजरीवाल की शिक्षा से अपने को सजाये हो
जेल की थोड़ी सी शिक्षा से ही सुधरे सुधरे नजर आये हो
करे पेश तुमको नजराना कौनसा “झल्ली” समझ में ना आये