Ad

Tag: Prime minister Dr Man mohan Singh

India Greets Persians On The auspicious occasion of the Parsi New Year, ‘Navroz’[ Nowruz ]

President Pranab Mukherjee

President Pranab Mukherjee

The President+ Vice President and the Prime Minister today greeted the Parsis on the occasion of their New Year ‘Navroz'[ Nowruz], by saying “Navroz symbolises new beginnings and is seen as a harbinger of peace and prosperity.
” President of India shri Pranab Mukherjee. said “This festival reminds us of the rich diversity and inclusiveness of our culture,
Shri Mukherjee said: “On the auspicious occasion , I extend my greetings and good wishes to all my fellow citizens particularly my Parsi brothers and sisters.
Navroz symbolizes new beginnings and is seen as a harbinger of peace and prosperity. The festival reminds us of the rich diversity and inclusiveness of our culture.
May this festival bring peace and prosperity in the lives of all people and reinforce our commitment to synthesis, harmony and goodwill towards all”.

The Vice President of India Shri M. Hamid Ansari

उप-राष्ट्रपति श्री एम हामिद अंसारी

उप-राष्ट्रपति श्री एम हामिद अंसारी


has greeted the citizens on this auspicious occasion by saying ” Navroz, is celebrated with gaiety and enthusiasm in our country, It is an important symbol of our rich heritage and a vibrant composite culture.
shri ansari said “I convey my greetings and good wishes to all our citizens on the auspicious occasion of Navroz, which marks the beginning of the Parsi New Year.
May this joyous occasion bring peace, progress and happiness in our lives.”
डॉ मन मोहन सिंह

डॉ मन मोहन सिंह

Prime Minister, Dr. Manmohan Singh,

has greeted the nation on the joyous occasion of Navroz,
In his message, the Prime Minster said that Navroz is a celebration of nature and is dedicated to renewal, righteous living and harmony. It marks the unity in diversity of Indian culture with the focus on human values.
May the occasion bring well-being and happiness to all Parsis and the entire nation, he added.
Nowruz is a Persian New YearThis festival is celebrated and observed principally in Iran and has spread in many other parts of the world, including parts of Central Asia+ Caucasus+Northwestern China+ the Crimea and some groups in the Balkans. In India Most Of This Community Is Settled In Maharashtra and Gujrat
In Iran.Nowruz is an official holiday lasting for 13 days during which most national functions including schools are off and festivities take place.
Nowruz marks the first day of spring and the beginning of the year in the Iranian calendar.
UN’s General Assembly in 2010 recognized the International Day of Nowruz, describing it as a spring festival of Persian origin which has been celebrated for over 3,000 years.

 Happy Navroz’[ Nowruz ]

Happy Navroz’[ Nowruz ]

६७ वें स्वतंत्रता दिवस पर गुजरात के भुज से दिल्ली के लाल किले तक जम कर राजनीतिक आतिश बाजी हुई

The children in tricolor formation at the Historic Red Fort, on the occasion of 67th Independence Day, in Delhi on August 15, 2013.

The children in tricolor formation at the Historic Red Fort, on the occasion of 67th Independence Day, in Delhi on August 15, 2013.

६७ वें स्वतंत्रता दिवस पर गुजरात के भुज से दिल्ली के लाल किले तक जम कर राजनीतिक आतिश बाजी हुई
पूरे देश में आज [ गुरुवार को] बड़े हर्षोल्लास के साथ 67वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है।भुज के लालन कॉलेज से लेकर दिल्ली के लाल किले तक राजनीतिक आतिश बाजी भी हुई | पूरे देश में स्कूल, कॉलेज और ऑफिस में हर्षोल्लास का माहौल है । सड़कों पर आजादी के तराने गाए जा रहे हैं। मिठाईयां बांटी जा रही हैं। बच्चे, बूढ़े व जवान सबके हाथों में तिरंगा दिख रहा है। हर जगह उमंग और उल्लास का माहौल है। राज्य के मुख्यमंत्रियों ने भी राजधानी में गर्व से तिरंगा झंडा फहराया। छत्तीसगढ़ और गुजरात के मुख्यमंत्रियों ने भी अपने अपने राज्यों के राजधानी में तिरंगा झंडा फहराया और राज्य की जनता को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी।लाल किले से पी एम् ने जहाँ लग भग आधे घंटे में अपनी सरकार के दस साल का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया तो वही नरेन्द्र मोदी ने भुज के लालन कॉलेज से पीएम के भाषण की धज्जियां उड़ाने के लिए लग भग एक घंटे का समय लिया
.प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में यूपीए की उपलब्धियां गिनाई और कहा कि अभी कुछ ही फासला तय किया है पर मंजिल बहुत दूर है. वहीं, मोदी का स्वतंत्रता दिवस संबोधन पूरी तरह से राजनीतिक था. जिसमें भ्रष्टाचार, गरीबी और महंगाई जैसे मुद्दों को लेकर पीएम और कांग्रेस पार्टी पर सीधा हमला बोला गया.
बी बी सी के जुबैर के अनुसार पीएम के भाषण में एक जिम्मेदार पद पर बैठे शख्स की झलक थी तो मोदी के भाषण में भावी पीएम की ललक थी|
|कश्मीर के मुख्य मंत्री ओमर अब्दुल्लाह ने किश्तवाड़ की सांप्रदायिक हिंसा पर लगातार आलोचना झेलने से दुखी होकर सवाल दागा कि आखिर कश्मीरियों के साथ अलग व्यवहार क्यों किया जाता है। उमर ने कहा कि हमारे साथ ऐसा बर्ताव किया जाता है कि जैसे कि हम भारत की मुख्यधारा का हिस्सा ही न हों।
गुजरात के मुख्य मंत्री नरेंद्र मोदी ने भुज के लालन कॉलेज से देश को संबोधित करते हुए बहस के लिए प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को ही खुली चुनौती दे डाली।उन्होंने पी एम् से कहा कि आप तो देश चला रहे हैं। लेकिन गुजरात और दिल्ली की रेस हो जाए, पता चल जाएगा कि आप क्या कर रहे हैं, हम क्या कर रहे हैं? मोदी ने कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री को सभी अहम मुद्दों पर बहस की चुनौती देता हूं।’
भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने मोदी के पीएम मनमोहन सिंह की आलोचना पर उन्हें नसीहत दे डाली। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर किसी राजनेता को दूसरों की बुराई नहीं करनी चाहिए।
भाजपा से छिटके बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के गांधी मैदान से ही नरेंद्र मोदी को गुजरात के औद्योगिक विकास के मॉडल पर घेरा। उन्होंने अपने इनक्लूजिव ग्रोथ मॉडल को मोदी के विकास के मॉडल से बेहतर बताया और कहा कि उनका मॉडल सभी लोगों की जरूरतों को पूरा करता है।
कांग्रेस के नेता और विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने ,आदतन ,मोदी को ‘खलनायक’ बताने में देर नही लगाई ।
सीनियर कांग्रेस नेता और केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने मोदी पर निशाना साधते हुए कहा है कि हर आदमी अपने घर में शेर होता है।
photo caption
Tricolour balloons released in the sky after the Prime Minister, Dr. Manmohan Singh’s address to the Nation from Red Fort, on the occasion of 67th Independence Day, in Delhi on August 15, 2013.

प्रथम परमाणु पनडुब्‍बी, आईएनएस अरिहन्‍त की सफलता पर प्रधान मंत्री और रक्षा मंत्री ने बधाई दी

भारत में बनी प्रथम परमाणु पनडुब्‍बी, आईएनएस अरिहन्‍त पर लगे परमाणु प्रोपलशन रिएक्‍टर के चालू हो जाने पर प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री का बधाई संदेश भारत में बनी प्रथम परमाणु पनडुब्‍बी, आईएनएस अरिहन्‍त पर लगे परमाणु प्रोपलशन रिएक्‍टर के चालू हो जाने पर प्रधानमंत्री डा मनमोहन सिंह ने अपने बधाई संदेश में कहा कि मुझे यह जानकार अत्‍यन्‍त प्रसन्‍नता हुई है कि भारत में बनी प्रथम परमाणु पनडुब्‍बी, आईएनएस अरिहन्‍त पर लगे परमाणु प्रोपलशन रिएक्‍टर ने काम करना शुरू कर दिया है। मैं इस महत्‍वपूर्ण ऐतिहासिक सफलता पर उन सभी लोगों को बधाई देता हूं, जो इस उपलब्धि के लिए प्रयासरत रहे हैं। परमाणु ऊर्जा विभाग, भारतीय नौसेना और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन इसके लिए विशेषरूप से बधाई के हकदार हैं।
आज की यह सफलता स्‍वेदशी प्रौद्योगिकी क्षमता बढ़ाने के हमारे प्रयासों में एक बड़ी छलांग है। यह बात का प्रमाण है कि हमारे वैज्ञानिकों, प्रौद्योगिकीविदों और रक्षा कार्मिकों ने देश की सुरक्षा के लिए जटिल प्रौद्योगिकी हासिल करने में मिल कर काम किया है।
उन्होंने आईएनएस अरिहन्‍त के शीघ्र चालू हो जाने की कामना भी की | एंटनी ने आईएनएस अरिहन्‍त की सफलता पर रक्षा वैज्ञानिकों को बधाई दी
रक्षा मंत्री ए. के. एंटनी ने आईएनएस अरिहन्‍त के परमाणु रिएक्‍टर के आज सुबह से चालू होने पर रक्षा वैज्ञानिकों और नौ सेना तथा अन्‍य संगठनों के कार्मिकों को बधाई दी है जिनके अथक प्रयासों से यह सफलता प्राप्‍त हुई है। उन्होंने कहा कि महत्‍वपूर्ण क्षेत्रों में आत्‍मनिर्भता की दिशा में राष्‍ट्र की प्र‍गति में यह एक मील का पत्‍थर साबित होगी|

डॉ मन मोहन सिंह ने एन सी ऐ ई आर केंद्र की आधारशिला रखते हुए सामाजिक उत्साह को आर्थिक विज्ञान की शुरुआत बताया

डॉ मन मोहन सिंह एन सी ऐ ई आर केंद्र की आधारशिला रखते हुए

डॉ मन मोहन सिंह एन सी ऐ ई आर केंद्र की आधारशिला रखते हुए

प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने आज नई दिल्ली में नए राष्ट्रीय अनुप्रयुक्त आर्थिक अनुसंधान परिषद [ NCAER ]केंद्र की आधारशिला रखी। इस अवसर डॉ मन मोहन सिंह ने अर्थशास्त्र के गुर भी बताये उन्होंने कहा कि उद्देश्यपूर्ण+ अनुप्रयुक्त आर्थिक अनुसंधान की आवश्यकता कम नहीं हुई है, वास्तव में यह और बढ़ गई है” अर्थशास्त्र के अध्ययन का उद्देश्य अनियत और मुश्किल सवालों के नियत जवाब उपलब्ध कराना है लेकिन कभी-कभी अर्थशास्त्री को और व्यापक स्तर पर दुनिया को चेतावनी देना भी है कि चतुर सरकार द्वारा कैसे दिग्भ्रमित नहीं हो। जब हमने अर्थशास्त्र का अध्ययन किया तो हमारी प्रेरणा दार्शनिक की प्रेरणा -ज्ञान के लिए ज्ञान – नहीं थी बल्कि उसके लिए थी कि ज्ञान जिसे लाने में मदद कर सके। चिंतकों ने कहा है: आश्चर्य दर्शन शास्त्र की शुरुआत है लेकिन यह आश्चर्य नहीं है, सामाजिक उत्साह है जो नियत जीवन और मुख्यधारा की व्यवस्था के विरुद्ध विद्रोह करता है , जो आर्थिक विज्ञान की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अनुप्रयुक्त आर्थिक अनुसंधान परिषद के नए केंद्र की आधारशिला रखने के अवसर पर उपस्थित होकर मुझे बहुत खुशी महसूस हो रही है। यह संस्थान हमारे लिए बहुत बड़ी परिसंपत्ति है तथा यह हमारा दायित्व है कि वे सब जिन्होंने यहां कार्य किया या इस शानदार संस्थान से संबंधित रहे उन्होंने अपने एनसीअइआर संस्थापक की दूरदृष्टि से कभी नजर नहीं फेरी। उन्होंने संस्थान के पहले महानिदेशक डॉ. पी.एस. लोकनाथन की सेवाओं को भी याद किया
उन्होंने कहा कि मैं आशा करता हूं कि यह संस्थान न आदर्शों के प्रति आस्थावान बना रहेगा जो इसके संस्थापक के आदर्श थे। मैं निश्चय के साथ कहता हूं कि समय के साथ उद्देश्यपूर्ण, अनुप्रयुक्त आर्थिक अनुसंधान की आवश्यकता कम नहीं हुई है, वास्तव में यह और बढ़ गई है। एनसीएइआर के पिछले अध्यक्ष और पूर्व सदस्यों ने सार्थक अनुसंधान किया। मुझे उम्मीद है कि यह भवन जो अब बनने वाला है, अनुप्रयुक्त आर्थिक अनुसंधान के लिए अनुकूल माहौल उपलब्ध कराएगा। इन शब्दों के साथ मैं एक बार फिर इस समारोह से जुड़कर अपनी खुशी जाहिर करता हूं। ”

पूर्व केन्‍द्रीय मंत्री खुर्शीद आलम खान [९४] का निधन : डॉ. मन मोहन सिंह ने शोक व्‍यक्‍त किया

प्रधान मंत्री डॉ. मन मोहन सिंह ने पूर्व केन्‍द्रीय मंत्री खुर्शीद आलम खान [९४] के निधन पर शोक व्‍यक्‍त किया
प्रधानमंत्री श्री सिहं ने पूर्व विदेश मंत्री श्री खुर्शीद आलम खान की मृत्‍यु पर गहरा दुख व्‍यक्‍त किया है।
पी एम् ने कहा कि श्री खुर्शीद आलम खान के निधन से राष्‍ट्र ने एक महान सपूत और लोक सेवक खो दिया है।
अपने शोक संदेश में डॉक्‍टर मनमोहन सिंह ने कहा है कि डॉक्‍टर खान ने कई क्षेत्रों में देश को अपना योगदान दिया। उन्‍होंने कहा कि देश की आधुनिक, उदार और लोकतांत्रिक राजनीति में विदेश नीति, शिक्षा प्रणाली और विधायी क्षेत्र में उनका विशेष योगदान रहा है।
उन्‍होंने कहा कि श्री खान संवैधानिक मूल्‍यों और स्‍वतंत्रता आंदोलन के संस्‍थपकों द्वारा बताए गए आदर्शों के प्रति वचनबद्ध थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विदेशमंत्री+ सांसद + शिक्षाविद् के रूप में उन्‍होंने जो कार्य किए हैं, उनका अनुकरण आने वाली पीढि़यों को करना चाहिए।
खुर्शीद आलम खान मौजूदा विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद के पिता होने के साथ-साथ पूर्व राष्ट्रपति दिवंगत जाकिर हुसैन के दामाद भी थे|