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Tag: Sardar V M Singh breaks record of Tikait

चौ. अजित सिंह की चौधराहट पर चहुँ और से हमला :पोलिटिकल बारगैनिंग पावर प्रभावित हो सकती है

हवाई जहाज़ों के मंत्रालय का सुख भोग रहे चौधरी अजित सिंह को अपने गढ़ वेस्टर्न यूं पी में पूरी तरह से घेरने की तैय्यारी शुरू हो गई है| चौधरी चरण सिंह के वारिस अजित सिंह के पारंपरिक राजनीतिक हितों पर एटैक किये जाने लग गए हैं जाहिर है इनकी चौधराहट और सत्ता के लिए बारगैनिंग [मोल भाव] पावर भी प्रभावित हो सकती है|मेरठ में एयर पोर्ट+गन्ना के बकाये का भुगतान + बकाये पर ब्याज+हाई कोर्ट की बेंच +जाट आरक्षणजैसे मुद्दे इनके हाथ से निकलते जा रहे हैं|यहाँ तक के पांच सांसदों के बल पर सिविल एविएशन मंत्रालय में बैठने वाले चौधरी अजित सिंह के सांसद देवेन्द्र नागपाल और सांसद श्रीमती सारिका की बगावत उजागर हो चुकी है |[५-२=३]
सिविल एविएशन मंत्री बनने के बाद से ही संसद में इनके पुराने मित्रों ने भी कहा था के चौ. अजित सिंह ने गलत मंत्रालय चुन लिया है गलती के अब परिणाम भी आने लग गए हैं|अभी तक ऍफ़ डी आई की नीति के उत्साह जनक परिणाम नहीं है|एयर लाइन्स की दुर्घटनाएं और स्टाफ की नाराज़गी कंट्रोल नही हुई है|इसके अलावा प्रदेश में भी स्थिति कोई उत्साह वर्धक नहीं है|प्रदेश में इनके ९ विधायक हैं जिनकी उपस्थिति से पार्टी को कोई लाभ होता नहीं दिख रहाशायद इसी लिए प्रदेश सरकार में रालोद का कोई प्रभावी दखल दिखाई नहीं दे रहा |

चौ. अजित सिंह की चौधराहट पर चहुँ और से हमला :पोलिटिकल बारगैनिंग पावर प्रभावित हो सकती है

चौ. अजित सिंह की चौधराहट पर चहुँ और से हमला :पोलिटिकल बारगैनिंग पावर प्रभावित हो सकती है


[१]इस केन्द्रीय मंत्रालय के जरिये केन्द्रीय मंत्री ने . उत्तर प्रदेश में [११]एयर पोर्ट्स और वर्कशाप्स के माध्यम से पैर ज़माने का प्रयास किया|प्रदेश में सत्ता रुड समाजवादी पार्टी बेशक केंद्र में सरकार को बाहर से सहयोग दे रही है मगर प्रदेश में कांग्रेस के साथ ही अजित सिंह के दल रालोद को भी बाहर ही रखने को हर संभव प्रयास कर रही है|इसी कड़ी में प्रदेश में प्रस्तावित नए एयर पोर्ट्स के लिए फ्री में जमीन देने में आये दिन आनाकानी की जा रही है|
[२]हाई कोर्ट की बेंच मेरठ में लाने के लिए किये जा रहे सारे प्रयासों पर प्रदेश सरकार ने पानी फेर दिया|
चौ. अजित सिंह की चौधराहट पर चहुँ और से हमला :पोलिटिकल बारगैनिंग पावर प्रभावित हो सकती है

चौ. अजित सिंह की चौधराहट पर चहुँ और से हमला :पोलिटिकल बारगैनिंग पावर प्रभावित हो सकती है


[३]गन्ना किसानो की लड़ाई के लिए सरदार वीरेंदर मोहन[वी एम्] सिंह पीली भीत से मेरठ आ गए हैं और कमिश्नरी पार्क में किसान धरने के नित नए रिकार्ड बना रहे हैं | गौरतलब है के गन्ना छेत्र जिसे शुगर बाऊल भी कहा जाता है यह चौ. अजित सिंह की राजनीति की रीड मानीजाती है| इसी रीड को बचाने के लिए रालोद छोटे मोटे ज्ञापन जारी करता रहता है |प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से चर्चा में आता रहता है लेकिन सरदार वी एम् सिंह के धरने के साथ बेशक रालोद ने दूरी बना रखी है लेकिन इस धरने से अब खाप भी जुड़ने लग गई हैं|लम्बे खींचे जा रहे इस धरने का शायद उद्देश्य भी यही लग रहा है|
[४]जाट आरक्षण के लिए दिल्ली में किसान और जाट चौ. अजित सिंह के बगैर इकट्ठे हो रहे हैं |यहाँ तक [शायद पहली बार] चौ. अजित सिंह के पुतले सवयम जाटों द्वारा जलाये गए हैं| नाराज जाटों को पुचकारने केलिए चौ. अजित सिंह के युवा और उत्साही पुत्र और मथुरा से रालोद के सांसद जयंत चौधरी आगे आ गए हैं और उन्होंने मोदी नगर में जाट आरक्षण के लिए पार्टी का समर्थन देने का आश्वासन दे दिया है|
[५] लास्ट बट नोट दी लीस्ट रालोद के पांच सांसदों की संख्या में कमी आनी शुरू हो गई है|इसमें शायद न्रेतत्व की कमी भी कही जा सकती है|रालोद के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान का कहना है के पार्टी न्रेतत्व ने अमरोहा से सांसद देवेन्द्र नागपाल का टिकट काट दिया है इसीलिए अब नागपाल अपने लिए दूसरी पार्टी तलाश रहे हैं| इसके अलावा हाथरस से एस सी कोटे से श्रीमती सारिका का भी दूसरी पार्टी से राजनीतिक प्रेम उजागर हो चुका है|अब स्वयम चौ, अजित सिंह उनके पुत्र जयंत सिंह [मथुरा]के अलावा ले देकर बिजनौर से संजय सिंह चौहान[पूर्व उपमुख्य मंत्री के पुत्र] ही बचते हैं| यहाँ यह कहना अनुचित नहीं होगा की केंद्र में सत्ता रुड यूं पी ऐ एक एक सांसद के समर्थन के लिए जोर लगाया जा रहा है इस संकट की घड़ी में उसके एक घटक के दो सांसद एक झटके में अलग होने से सत्ता में बारगेनिंग की पावर तो प्रभावित हो सकती है

सरदार वी एम् सिंह ने चौ. टिकैत के किसान आन्दोलन में २५ दिन के धरने का रिकार्ड तोड़ा

किसान आन्दोलनो के इतिहास में आज एक और अध्याय जुड़ गया है| गन्ने को लेकर राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन का कमिश्नरी पार्क में चल रहा अनिश्चितकालीन धरना २३ मार्च ,शनिवार को २६ वें दिन भी जारी है |इस धरने ने बाबा महेंद्र सिंह टिकैत [अब स्वर्गीय]केसबसे लम्बे चले २५ दिन के धरने के रिकार्ड को तोड़ दिया है|अब तक सबसे लम्बे धरने का रिकार्ड बाबा टिकैत के ही नाम है| यह चौ. अजित सिंह की राजनीतिक चौधराहट को चुनौती भी है|
आज सुबह शहीदे आज़म भगत सिंह+सुखदेव+राजगुरु की शाहदत की स्मृति में हवन करा कर अमर शहीदों को श्रधांजली अर्पित की गई| ढोल नगाड़े से गीत गए गए| २४ मार्च को महा पंचायत है|दोपहर बाद धरना स्थल पर जा कर देखा तो किसान नेता सरदार वी एम् सिंह आराम की मुद्रा में दिखे लेकिन यहाँ भी कुछ किसान अपनी समस्यायों की चर्चा करते देखे गए|
धरने के इस रिकार्ड के विषय में प्रतिक्रिया और उपलब्धि के विषय में जानना चाहा तो उन्होंने किसी रिकार्ड ब्रेकिंग या उपलब्धि से बचते हुए कहा कि “मेरा मकसद किसी के रिकार्ड को तोड़ना नहीं है, बाबा टिकैत तो महान किसान नेता थे, मेरा मकसद केवल किसानो को उनका हक़ दिलाना है|और उसके लिए लड़ता रहूंगा”धरने में आ रहे रुकावटों के विषय में सरदार वी एम् सिंह कहना है कि “हां रुकावटें तो कई आ रही हैं,मिल मालिक और कुछ जिनकी चौधराहट को खतरा है वोह लोग जरुर रुकावटें पैदा कर रहे हैं|उन्होंने खुल कर चौधराहट को खतरा महसूस कर रहे चौधरियों के नाम का खुलासा नहीं किया |
उन्होंने किसानों की एकजुटता को जरुरी बताते हुए कहा कि क्रांति की बात करना बहुत ठीक है, मगर क्रांति व्यवस्था परिवर्तन में आनी चाहिए। गांव में दूध व फसल उत्पादन आदि में क्रांति की जरूरत है इसके लिए आवश्यकता पड़ी तो गावों में जाकर किसानों के आपसी झगडे़ निपटाकर उन्हे एकजुट करने का भागीरथी प्रयास किया जाएगा|२४ मार्च को महा पंचायत का एलान किया गया है|
उन्होंने अपने इस
आन्दोलन की उपलब्धियों
को दोहराते हुए कहा कि मलकपुर और मोदीनगर मिल किसानों को ब्याज देने लगी हैं, जो मिलें देरी से भुगतान करेंगी उन्हे 15 प्रतिशत ब्याज देना ही होगा। हालांकि अभी सरकार ने न्यायालय का आदेश आधा ही माना है। जून 2012 से ब्याज भुगतान दिया जा रहा है, जबकि आदेश पहली पर्ची से ही देने का है। कहा कि किसान अब जागरूक हो चुका है वह किसी के बहकावे में नहीं आएगा। बताया कि 24 मार्च को होनी वाली महापंचायत के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। इस बार कई हजार किसान धरनास्थल पर पहुंचेंगे और विचार-विमर्श किया जाएगा।