Ad

Archive for: August 2013

इंडिगो और स्पाइस जेट जैसी एयर लाइन्स से कर्ज वसूलने में असमर्थ सिविल एविएशन मिनिस्ट्री अब ब्याज वसूलने का दावा कर रही है

इंडिगो और स्पाइस जेट जैसी लगातार लाभ कमाने वाली बजट एयर लाइन्स से भी करोड़ों रुपयों का लबित , एयर पोर्ट्स का किराया, वसूलने के लिए कोई कड़ा कदम उठता नहीं दिख रहा |सरकार द्वारा संसद में सात कंपनियों से २१११ .४३ की लेनदारी सम्बन्धी ब्यान देकर ही इतिश्री कर ली गई है| यहाँ तक प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने भी संसद में रुपये की गिरती कीमत पर चिंता तो व्यक्त की और अनेको सुधारों की जरुरत पर बल दिया इनमे सब्सिडी में कमी+ बीमा और पेंशन संबंधी सुधार+ अफसरशाही लाल फीताशाही को दूर करना और माल एवं सेवा कर लागू करना शामिल हैं|लेकिन ऐसे कंपनियों से वसूली के लिए कोई कड़े कदम को शामिल नहीं कर पाए हैं | जहाँ एक तरफ देश आर्थिक संकट से जूझ रहा है|प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह स्वयम तरलता की कमी का रोना रो रहे हैं वहीं लाभ कमाने वाली एयर लाइन्स से भी कर्जा वसूलने के लिए कोई प्रभावी कदम उठता नहीं दिख रहा|
३१/३/२०१३ तक के प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार देश की सात एयर लाइन्स से २१११.४३ करोड़ रुपये वसूले जाने हैं| डिफाल्टर कंपनियों में विभिन्न विदेशी एयर लाइन्स भी हैं|इसके अलावा इंडिगो+स्पाईस जेट+जेट एयर लाइन्स जैसी बजट एयर लाइन्स पर भी क्रमश २.८९+८०.१७+१००.१६+देन दारी है| यह मामूली रकम नहीं हैं|इसके बावजूद भी केवल ब्यान बाजी ही जारी है| गौरतलब है कि देश में कार्यरत ७ एयर लाइन्स ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को २१११.४३ करोड़ रूपये का कर्ज़ चुकाना है |इनसे कर्ज वसूलने में असमर्थ सिविल एविएशन मिनिस्ट्री कर्ज पर ब्याज वसूलने की बात कर रही है| यह अपने आप में हास्यास्पद लग रहा है| |ये आंकड़े नियत्रक एवं महालेखापरीक्षक की लेखापरीक्षा के मद्देनजर है|नागर विमानन राज्य मंत्री श्री के.सी.वेणुगोपाल ने बीते दिन लोकसभा में स्वीकार किया है कि ये विमानन कंपनियां किसी कारण से देय राशियों का भुगतान करने में विफल रही हैंलेकिन इसके साथ ही उन्होंने अपनी महत्वकांक्षी यौजना का उल्लेख करते हुए दावा किया कि डिफाल्टर कंपनियों से विलंबित भुगतान के लिए ब्याज वसूला जाएगा|यानि सांप पकड़ने का मंत्र आता नहीं और चले हैं बिच्छू के बिल में हाथ डालने|
——————————-(करोड़ रुपये में)
डिफाल्टर कंपनियों का विवरण
क्रम सं.— –एयरलाइंस का नाम———— देय राशि*
[१]————-एअर इंडिया समूह—————1539.75
[२]————-विभिन्न विदेशी एयरलाइनें——-193.49
[३]————-किंगफिशर एयरलाइंस————186.26
[४]————-जेट एयरलाइंस समूह————-100.16
[५]————-स्पाइसजेट——————— —80.17
[६]————-गो एयरलाइंस—————— —8.71
[७]————-इंटरग्लो एविएशन (एंडिगो)—— –2.89

प्रधान मंत्री ने रुपये की गिरावट के लिए देश और विदेशों में घटी अप्रत्याशित घटनाओं के साथ ही विपक्ष को भी जिम्मेदार ठहराया

प्रधान मंत्री ने रुपये की गिरावट को अस्थाई बताते हुए इसके लिए देश और विदेशों में घटी अप्रत्याशित घटनाओं के साथ ही विपक्ष को भी जिम्मेदार ठहराया प्रधानमंत्री डॉ .मनमोहन सिंह ने आज रुपये में तेज गिरावट पर चुप्पी तोड़ते हुए पहले लोक सभा और बाद में राज्य सभा में बयान दिया| “वर्तमान में रुपये की विनिमय दर में उतार-चढ़ाव पर सरकार की चिंता व्यक्त की| उन्होंने इसके लिए स्पष्टीकरण देते हुए देश और विदेशों में घटी अप्रत्याशित घटनाओं का विवरण भी सुनाया|इसके साथ ही उन्होंने लाबित पड़े अनेकों आवश्यक कानून का हवाला देते हुए विपक्ष और राज्य सरकारों पर भी भड़ास निकाली|
उन्होंने कहा कि देश के बाहर घटी कुछ अप्रत्याशित घटनाओं से बाजार पर विपरीत प्रतिक्रिया हुई है जिसके कारण रुपये की कीमत में तेजी से और अप्रत्याशित गिरावट आई। 22 मई, 2013 को यू.एस. सेन्ट्रल बैंक ने यह संकेत दिया था कि वह जल्द ही मात्रात्मक मूल्य में धीरे-धीरे कमी लाएगा क्योंकि अमेरिका की अर्थव्यवस्था में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। इससे उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में पूंजी के प्रवाह पर विपरीत प्रभाव पड़ा जिसके फलस्वरूप न केवल रुपये में, बल्कि ब्राजील की रियाल, तुर्की की लीरा, इंडोनेशिया के रुपिया, दक्षिण अफ्रीका के रैंड और अन्य मुद्राओं में भी तेजी से गिरावट आ रही है।
जहां वैश्विक कारणों जैसे कि सीरिया में तनाव और यू.एस. फेडरल रिजर्व द्वारा मात्रात्मक मूल्य में धीरे-धीरे कमी लाने की नीति अपनाए जाने से उभरती बाजार मुद्राओं में सामान्य गिरावट आई है, वहीं हमारे चालू खाते में भारी घाटे और कुछ अन्य घरेलू कारणों से विशेष रुप से रुपया प्रभावित हुआ है। हम चालू खाता घाटे को कम करना चाहते हैं तथा अर्थव्यवस्था में सुधार लाना चाहते हैं।
वर्ष 2010-11 और इससे पूर्व के वर्षों में हमारा चालू खाता घाटा काफी सामान्य था और 2008-09 के संकट वाले वर्ष में भी इसका वित्त पोषण करना मुश्किल नहीं था। तभी से इसमें गिरावट आने लगी है, जिसके मुख्य कारण भारी मात्रा में सोने का आयात, कच्चे तेल के आयात और हाल ही में कोयले की ऊंची कीमतें रही हैं। निर्यात के क्षेत्र में, हमारे प्रमुख बाजारों में कमजोर मांग के कारण हमारा निर्यात का बढ़ना रुक गया है। लौह अयस्क के निर्यात में आई गिरावट के कारण भी निर्यात और अधिक प्रभावित हुआ है। इन सभी कारणों से हमारा चालू खाता घाटा निरंतर बढ़ा है।
स्पष्ट है कि हमें सोने के प्रति अपना मोह कम करना होगा, पेट्रोलियम उत्पादों का मितव्ययतापूर्ण इस्तेमाल करना होगा और अपने निर्यातों को बढ़ाने के उपाय करने होंगे।हमने चालू खाता घाटे को कम करने के उपाय किये हैं। हाल की तिमाही में विकास दर घटी है। मैं आशा करता हूं कि वर्ष 2013-14 की पहली तिमाही में विकास दर अपेक्षाकृत सामान्य रहेगी। लेकिन, मेरा यकीन है कि जैसे-जैसे अच्छे मानसून के नतीजे सामने आएंग, वैसे-वैसे विकास दर भी बढ़ेगी|
पी एम् ने तरलता की समस्यापर बोलते हुए कहा कि कई परियोजनाएं अव्यवहार्य नहीं हैं, बल्कि वे केवल विलंबित हैं। जबकि इसके विपरीत, दूसरे देशों में काफी संख्या में परियोजनाएं बनाए जाने के कारण बैंकिंग क्षेत्र में समस्याएं उत्पन्न हुई हैं। जैसे-जैसे ये परियोजनाएं सुचारु होंगी, वैसे-वैसे वे राजस्व सृजित करेंगी तथा ऋणों का भुगतान करेंगी। हमारे बैंकों के पास आधारभूत मानदंडों से अधिक पूंजी है और गैर-निष्पादनकारी परिसंपत्तियों के निष्पादनकारी होने तक उन्हें वित्तपोषित करने की क्षमता है। विगत में आसान सुधार किए जा चुके हैं। अब हमें सुधार के लिए कड़े कदम उठाने होंगे। इन सुधारों में सब्सिडी में कमी, बीमा और पेंशन संबंधी सुधार, अफसरशाही लाल फीताशाही को दूर करना और माल एवं सेवा कर लागू करना शामिल हैं। ये आसान सुधार नहीं हैं, इनके लिए राजनैतिक सहमति की आवश्यकता है।मैं, यहां सभी राजनैतिक दलों के सदस्यों से अनुरोध करुंगा कि वे समय की मांग पर ध्यान दें। कई आवश्यक कानून राजनैतिक सहमति न होने के कारण लंबित हैं। माल तथा सेवा कर जैसे सुधार, जिसे सभी लोग विकास दर फिर से हासिल करने हेतु आवश्यक मानते हैं, के लिये राज्यों की सहमति की आवश्यकता है। हमें ऐसे मुद्दों पर सहमति बनाने की आवश्यकता है। मैं राजनैतिक दलों से आग्रह करता हूं कि वे इस दिशा में कार्य करने और अर्थव्यवस्था को स्थायी विकास की राह पर वापस लाने के सरकार के प्रयासों में मदद करें।

शिरोमणि अकाली दल[बा] ने उलटे केंद्र सरकार से ही आर्थिक नीतियों पर व्हाईट पेपर की मांग कर डाली

Congress[I]

Congress[I]

शिरोमणि अकाली दल[बा] ने उलटे केंद्र सरकार से ही आर्थिक नीतियों पर व्हाईट पेपर की मांग कर डाली है|पंजाब में सत्ता रुड शिरोमणि अकाली दल[एस ऐ डी] [बादल]ने आज मनीष तिवारी द्वारा व्हाईट पेपर की मांग का मजाक उड़ाया और आर्थिक नीतिओं पर केंद्र सरकार से ही व्हाईट पेपर की मांग कर डाली है|एस ऐ डी के प्रवक्ता डॉ दलजीत सिंह चीमा ने एक सुप्रसिद्ध व्यंग के आधार पर केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों पर निशाना साधते हुए कहा कि छाझ तो बोले ही बोले छन्नी भी बोले जिसमे हजार छेद | शिरोमणि अकाली दल[बा] ने उलटे केंद्र सरकार से ही आर्थिक नीतियों पर व्हाईट पेपर की मांग कर डाली| डॉ चीमा ने कहा कि वर्तमान में केंद्र सरकारकी गलत नीतियों के कारण आज देश कंगाली के कगार पर आ गया है|रूपया लगातार गिरता जा रहा है+महंगाई मुह बाये खड़ी है+देश की साख गिर रही है+ बेरोजगारी युवाओं को सता रही है ऐसे में इन सबकी तरफ से ध्यान हटाने के लिए ही मनीष तिवारी ने पंजाब सरकार की उपलब्धियों को नजर अंदाज किया है और अनावश्यक व्हाईट पेपर की मांग की है| उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को सबसे पहले अपनी कारगुजारियों को उजागर करने के लिए संसद के माध्यम से देश के सामने व्हाईट पेपर प्रस्तुत करना चाहिए|
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते सूचना एवं प्रसारण मंत्री और लुधिआना से कांग्रेस के सांसद मनीष तिवारी ने अपने चुनावी छेत्र में पंजाब सरकार पर दिवालिया पण [ bankruptcy ] का आरोप लगा कर व्हाईट पेपर की मांग की थी|इसी के जवाब में शिरोमणि अकाली दल[बा] ने व्यंगात्मक मुहावरे ” छाझ तो बोले ही बोले छन्नी भी बोले जिसमे हजार छेद” के माध्यम से ना केवल मजाक उड़ाया वरन उलटे केंद्र सरकार से ही आर्थिक नीतियों पर व्हाईट पेपर की मांग कर डालीहै|

सांसद जयन्त चौधरी ने मुजफ्फरनगर में हुई हिंसा की निन्दा करते हुए प्रदेश में कानून व्यवस्था की बहाली की मांग की है

सांसद जयन्त चौधरी ने मुजफ्फरनगर के कवाल गांव में हुई हिंसा की निन्दा करते हुए उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की बहाली की मांग की है|
राष्ट्रीय लोकदल[रालोद] के राष्ट्रीय महासचिव एवं लोकसभा सांसद जयन्त चौधरी ने हाल ही में मुजफ्फरनगर के कवाल गांव में हुई हिंसा की निन्दा करते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। आए दिन साम्प्रदायिक हिंसाएं हो रही हैं। राज्य सरकार सूबे में कानून व्यवस्था बनाने में असफल है। उन्होंने प्रदेश में हो रहीं साम्प्रदायिक हिंसाओं पर रोष व्यक्त किया |
श्री जयन्त ने हिंसा पर दुख जताते हुए मांग की है कि इस मामले में निर्दोष लोगों को न फंसाया जाए और निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए तथा राज्य में शान्ति व्यवस्था कायम की जाए।

आसा राम ने अपने ऊपर लगे बलात्कार के आरोपों को बकवास बताते हुए कांग्रेस के प्रथम परिवार पर अपने विरुद्ध षड्यन्त्र रचने का आरोप लगाया

आसा राम ने अपने ऊपर लगे बलात्कार के आरोपों को बकवास बताते हुए कांग्रेस के प्रथम परिवार पर अपने विरुद्ध षड्यन्त्र रचने का आरोप लगाया |
नाबालिग से यौन शोषण के आरोप से परेशन आसाराम बापू ने अपने बचाव के साथ अब सरकार पर हमले भी शुरू कर दिए हैं|आज आसाराम बापू ने बगैर नाम लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी के सर पर ठीकरा फोड़ दिया है| आसा राम ने अपने ऊपर लगे बलात्कार के आरोपों को बकवास बताया और कांग्रेस के प्रथम परिवार पर अपने विरुद्ध षड्यन्त्र रचने का आरोप लगाया है| उन्होंने कहा कि ‘मैं किसी पार्टी के विरोध में नहीं हूं पर समर्थक मुझे बताते हैं कि यह सब ‘मैडम’ और उनके ‘बेटे’ का किया धरा है।’ गौरतलब है कि शुक्रवार तक आसाराम पूछताछ के लिए नहीं आते हैं तो शनिवार को उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है|
[२]इसके अलावा आसाराम ने ५ लाख के ईनाम की घोषणा करते हुए कहा है कि उन लगे आरोप कोई सही साबित कर दे, तो उसे वह 5 लाख रुपए इनाम में देंगे। बीते दिन सूरत में जन्माष्टमी के प्रवचन के दौरान उन्होंने यह बात कही।
आसाराम ने पुलिस से 19 सितंबर तक के समय की मांग की थी,लेकिन उसे अस्वीकार कर दिया गया है|
इससे पूर्व गृह मंत्रालय ने कहा कि राजस्थान सरकार को आसाराम के साथ खास व्यवहार नहीं करना चाहिए और उसे सामान्य व्यक्ति ही मानना चाहिए.

आर बी आई ने पी एस यूं को तेल खरीदने के लिए सीधे डॉलर मुहैय्या करवाने की घोषणा करके ना केवल रुपये की ढलान को रोक कर ६६.५५ पर भी खिसकाया

आर बी आई ने पी एस यूं को तेल खरीदने के लिए सीधे डॉलर मुहैय्या करवाने की घोषणा करके ना केवल रुपये की ढलान को रोक वरन ६६.५५ पर भी खिसकाया
लगता है कि रुपये की ढलान रोकने के लिए केंद्र सरकार को बैरियर[ Hurdles ]मिल गए हैं तभी रूपया आज भी न केवल लुदकाने से रुका वरन कुछ आगे बढ़ने में सफल हुआ |२२५ पैसे का अंतर ले कर डॉलर के मुकाबिले ६६.५५ पर पहुंचा|आर बी आई द्वारा पी एस यूं के लिए डॉलर मुहैय्या करवाने की घोषणा के फलस्वरूप यह सुधार आया है|
सेंसेक्स ने भी ४०० पॉइंट्स की छलांग लगाई है|

देश में मातृ मृत्‍यु दर घटकर एक लाख नव जात शिशुओं पर 212 हुई

केंद्र सरकार ने देश में मातृ मृत्‍यु दर में कमी का दावा करते हुए बताया है कि वर्ष 2007-09 में मातृ मृत्‍यु दर घटकर एक लाख नव जात शिशुओं पर 212 हो गई।
स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्रालय से सम्‍बद्ध सलाहकार समिति की बैठक में मातृ स्‍वास्‍थ्‍य पर चर्चा के दौरान आज नई दिल्‍ली में मंत्री गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि भारत सरकार मातृ स्‍वास्‍थ्‍य के परिणामों को सुधारने के लिए अनेक नीतियां और कार्यक्रम लागू कर रही है। इन कार्यक्रमों से देश में मातृ मृत्‍यु दर में कमी आई है। यह दर 2001-03 में 100,000 नवजात शिशुओं पर 301 से 2004-05 में घटकर 254 हो गई तथा 2007-09 में यह दर घटकर 212 हो गई।
इस बैठक में श्री एम.आई. शैनवास (लोकसभा), शैलेन्‍द्र कुमार (लोकसभा), डॉ. पी. वेणुगोपाल (लोकसभा), श्री मातीलाल वोहरा (राज्‍यसभा), डॉ. सी.पी. ठाकुर (राज्‍यसभा) तथा श्री बैश्‍नब परिदा (राज्‍यसभा) स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण राज्‍य मंत्री श्रीमती संतोष चौधरी , एनआरएचएम की मिशन निदेशक तथा अतिरिक्‍त सचिव श्रीमती अनुराधा गुप्‍ता भी उपस्थित थे।

Air India Is Likely To enhance Wings and may introduce Flights To Japan

Air India Is Likely To enhance Wings and may introduce Flight From India To Japan .
Air India is likely to be allowed to fly its Boeing 787 Dreamliners to Japan soon with the International Civil Aviation Organisation (ICAO) removing India from the list of nations like Congo, Guatemala and Haiti which have significant aviation safety concerns.
P T I Has Said that Japan had earlier refused to allow Air India to operate the Dreamliners, replacing the Boeing 777 (Extended Range) aircraft, on the grounds that ICAO had expressed concerns over the safety measures.

Central Institute of Hotel Management, Catering Technology and Applied Nutrition will be set up shortly

Central Institute of Hotel Management, Catering Technology and Applied Nutrition will be set up shortly .
Government has proposed to set up the Central Institute of Hotel Management, Catering Technology and Applied Nutrition in the country. The said IHM will be set up at Jagdishpur (Distt Sultanpur), Uttar Pradesh.
Uttar Pradesh has the largest population base and is bestowed with major tourist destinations. However, Uttar Pradesh presently has only one IHM which is located at Lucknow.
Minister of State for Tourism (I/C) Shri K. Chiranjeevi in a written reply in the Rajya Sabha informed detailed project report as under:-
[i] This will be a non-profit, Central Autonomous Society registered under Societies Registration Act, 1860 and the funding of the Institute would be under the ‘Scheme of Assistance to Institutes of Hotel Management (IHMs)/Food Craft Institutes (FCIs)/National Council of Hotel Management and Catering Technology (NCHMCT)/Indian Institute of Tourism and Travel Management (IITTM) etc.’
[ii] The proposal entails an estimated non-recurring expenditure of Rs.47.60 crore to be incurred during 2013-14, 2014-15 and 2015-16 (Plan) and recurring expenditure of Rs.0.26 crore ( Non-Plan).
[iii]. Annual intake capacity of the Institute would be 120 students (total 360 in 3 years) for BSc degree programme in Hospitality and Hotel Administration and 160 in Diploma/Certificate courses. Besides, 300 students will get short term skill development training per annum.

प्रधानमंत्री ने आर्थिक स्थिति के लिए घरेलू कारकों के साथ ही अमेरिका के रुख में आये परिवर्तन को जिम्मेदार ठहराया

प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने आर्थिक समस्या के लिए अमेरिका के मौद्रिक रुख में बदलाव के साथ ही घरेलू कारकों को भी जिम्मेदार ठहराया है|
उन्होंने कहा कि ‘इससे इंकार नहीं किया जा सकता कि देश को मुश्किल आर्थिक स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। इसके कई कारण हैं। मैं इससे इंकार नहीं करता कि कुछ घरेलू कारक इसके लिए जिम्‍मेदार हैं लेकिन अमरीका के मौद्रिक रुख में परिवर्तन के कारण अंतरराष्‍ट्रीय कारक भी इसके लिए जिम्‍मेदार हैं। सीरिया में नए तनावों के कारण उत्‍पन्‍न हुई कुछ समस्‍याएं भी है जो इस समय काफी गंभीर हैं तथा जिसका तेल की कीमतों पर निश्चित रूप से असर पड़ा है। वित्तमंत्री ने कहा बैंक सभी उद्योगों को ऋण प्रदान करें और वास्तविक चूककर्ताओं के प्रति सहानुभूति रखें