Ad

Category: Education

विश्व शिक्षा दिवस पर रोज़गारपरक शिक्षा का संकल्प जरुरी

झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक शिक्षाविद

ओये झल्लेया मुबारकां आज विश्व शिक्षा दिवस है|कुछ निकाल |कुछ दे |बच्चों के लिए शिक्षा बहुत जरुरी है|आज कुछ ना कुछ योगदान तो होना ही चाहिए\

झल्ला

भोले मास्टर जी अभी आयकर के साथ २% शिक्षा कर दे रहा हूँ उसी के बोझ तले सरकार दबी जा रही है| सरकार उसी कलेक्शन को पूरी तरह से खर्च नहीं कर पा रही है|
आज भी एक तिहाई देश वासी निरक्षर कहे जा रहे हैं| बिना भवनों ने स्कूल चल रहे है |बिना शिक्षकों के बच्चे पड़ रहे हैं|मिड दे मील पर ठेकेदार पल रहे है|
शिक्षा का अधिकार दिला पाने में असमर्थ हमारे कर्णधार बेसिक शिक्षा की नीवं मजबूत किये बगैर उच्च [विदेशी]शिक्षा की मृग तृष्णा के पीछे भागे जा रहे हैं|नीतियाँ धडाधड बनाई जा रहे एही मगर उन्हें लागू करवाने में किसी की दिलचस्पी नहीं है| कंप्यूटर शिक्षण संसथान खोल कर कंप्यूटर शिक्षा देने के बजाय कोई मुफ्त में लेपटाप बांटने में लगा है तो कोई सरकार आने पर लेपटाप का झुनझुना दिखा रहा है|कोई टीचरों की राजनीती में ही फंसा है| शिक्षण संस्थानों में प्रवेश +परीक्षा को ही सुचारू नहीं किया सका है|विश्विद्यालयों में आये दिन बवाल हो रहे हैं|प्रवेश प्रक्रिया ही पूरी नहीं हो पाई है|
नीति बना कर वाह वाही लूटने के दिन अब गए अब तो जो है पहले उससे रोज़गार परक शिक्षा दिला कर दिखाओ फिर जनता के द्वारे आओं

शिक्षक दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों की कुछ आकर्षक झलकियाँ

सर्वपल्ली डाक्टर राधा कृष्णन के जन्म दिन पर आज शिक्षकों का सम्मान किया गया \ शिक्षक दिवस पर आज मेरठ के शिक्षण संस्थानों में विभिन्न विशेष कार्यक्रम हुए |प्रस्तूत हैं कुछ आकर्षक झलकियाँ

शिक्षा की रणनीति में बदलाव की जरुरत है = डा.मनमोहन सिंह

शिक्षक दिवस पर देश के प्रधानमंत्री डाक्टर मनमोहन सिंह ने छात्रों के अध्ययन के निम्न स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए शिक्षा से होने वाले फायदों का निरंतर आंकलन को जरुरी बताया है|
पी एम् ने शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर कहा है कि कक्षा में उपस्थिति पर जोर देने की बजाय शिक्षा से छात्रों को होने वाले फायदे का निरंतर आकलन होना चाहिए। शायद आज के मौजूदा जीवन शैली के लिए यह बेहद जरुरी भी है|
प्रधानमंत्री ने कहा कि हालांकि छात्रों के अध्ययन का निम्न स्तर अभी भी बड़ी चिंता की बात है। हमें आगे अपनी रणनीति में साफ तौर पर बदलाव की जरूरत है। हमें नामांकन और सुलभता की जगह स्कूलों और क्लासरूमों में क्या चल रहा है, पर ध्यान देने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि छात्रों की उपस्थिति का पता लगाने के लिए एक पारदर्शी और विश्वसनीय प्रणाली तैयार करने की जरूरत है। सिंह ने कहा कि शिक्षा से हमारे बच्चों को हो रहे फायदे का निरंतर आकलन करने की जरूरत है। इस प्रक्रिया में समुदाय और अभिभावकों की हिस्सेदारी जरूरी है ताकि वे शैक्षिक गुणवत्ता से संतुष्ट हो सके।
प्रधानमंत्री स्वीकार किया कि सामाजिक और आर्थिक असमानता की वजह से शिक्षा तक पहुंच में महत्वपूर्ण कमी आई है। उन्होंने कहा कि सरकार 2004-05 से शिक्षा के क्षेत्र में खर्च को लगातार बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि 2004-05 में शिक्षा में खर्च जहां जीडीपी का 3.3 फीसद था वहीं 2011-12 में यह बढ़कर चार गुना हो गया। सिंह ने कहा कि नीति निर्माण, गवर्नेंस और प्रबंधन में शिक्षक अभिन्न अंग हैं।
अगर इस कहे गए का १३% भी एक साल में प्राप्त [एचीव] कर लिया जाता है तो डाक्टर सर्वपल्ली राधा कृष्णन की आत्मा को शांति मिल ही जायेगी|

पहले चेयरमेन के जन्म दिन पर भी नहीं चल रही राज्यसभा

राज्यसभा ने आज प्रात ११ बजे अपने पहले चेयरमेन डाक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को उनके जन्म दिन पर याद किया लेकिन इस क्षणिक ओपचारिकता के तत्काल पश्चात रोज़ाना की तरह हंगामा शुरू हो गया और प्रश्न काल को भी स्थगित करते हुए सदन को १२ बजे तक के लिए एडजर्न कर दिया गया||
गौरतलब है की ५-०९-१८८८ को जन्मे सर्वपल्ली डाक्टर राधा कृष्णन एक चिन्तक+एजुकेश्निस्टऔर महान दार्शनिक भी थे|इनके जन्म दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है| अनेकों सरकारी गैर सरकारी संस्थान शिक्षकों का सम्मान करते हैं |बड़े बड़े विज्ञापन मीडिया में छपवाए जाते है|लेकिन शिक्षा के प्रति उनके चिन्तन+ दर्शन को केवल उनके जन्मोत्सव तक ही सिमित कर दिया गया है| सबसे बड़े लोक तंत्र के मंदिर में आज राज्यसभा और लोक सभा के स्थगन से तो यही दिखाई देता है |शायद शिक्षा के छेत्र में नीति निर्माण+ कुशल प्रबंधन और गवर्नेंस की शिक्षा देने में अनदेखी किये जाने से यह नकारात्मक परिणाम आ रहे हैं|
देश के शिक्षण संस्थाओं और शिक्षकों की स्थिति आज भी दयनीय ही है |निरक्षरता के अभिशाप को पूरे तरह से मिटाया नहीं जा सका है| आज भी एक बड़े तबके के लिए आरक्षण की बैसाखियों की जरुरत है|जाहिर है ऐसे में शिक्षा के छेत्र में बहुत कुछ किया जाना है|घरेलू सकल उत्पाद का लगभग १३% शिक्षा पर खर्चा बुक किया जा रहा है लेकिन वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए सबसे पहले संसद को चलाने की शिक्षा दी जानी जरुरी है|इसके बाद रोज़गार परक शिक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए|

एन ऐ एस कालेज में विज्ञान प्रोजेक्ट बनाने के गुर सिखाये

बच्चों में वैज्ञानिक सोच + ज्ञान विकसित करने के उद्देश्य से एन ऐ एस कालेज में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया|इस आयोजन में शिक्षकों को विज्ञान प्रोजेक्ट की प्रस्तुती के आयोजनों को सफल बनाने के लिए गुरु मन्त्र दिए गए|
रवि प्रकाश+माला+मौ.मतीन अंसारी ने विज्ञान प्रोजेक्ट बनाने के गुर सिखाये| इस वर्ष के लिए ऊर्जा -सम्भावनाये ,उपयोगिता और संरक्षण पर कार्यशाला को विषय चुना गया है| दीपक शर्मा द्वारा संचालित इस आयोजन में अंजू शर्मा+एकता वर्मा+संगीता+ऐ गफूर+इसरार+मनोज और सुदीप आदि ने भाग लिया

ग्यारहवीं कक्षा में फ़ैल सात बसंतियों का वोल्टेज ड्रामा

कूद जायेंगीं फांद जायेंगीं मर जायेंगीं |यह कहने वाली एक दो नहीं पूरी सात बसन्ती|
यह धमकी किसी मौसी को नहीं बल्कि कालेज के प्रिंसिपल को दी गई |
शोले के वीरू की तर्ज़ पर यह धमकी सहारनपुर एसडी गर्ल्स इंटर कॉलेज में कक्षा 11 में फेल हुई सात छात्राओं ने दी |
वीरू की तरह शादी के लिए नहीं वरन ११ वी कक्षा में उतीर्ण कराने के लिए यह हाई वोल्टेज ड्रामा किया गया|
करीब चार घंटे चले इस हाई वोल्टेज ड्रामे के बावजूद भी लड़कियों को फ़ैल ही कर दिया गया|
शुक्रवार सुबह करीब साढ़े नौ बजे ये छात्राएं पहले कालेज की छत पर चढ़ गईं और उन्होंने वहां से नीचे कूदने की धमकी दी। किसी तरह मनाकर उन्हें छत से उतारा तो उन्होेंने प्रबंधन और शिक्षकों पर परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। इस दौरान कॉलेज में अफरातफरी का माहौल रहा। बाद में डीआईओएस ने खुद कॉपियों की जांच करवाई तो सातों छात्राएं फेल ही पाई गई। उसके बाद इस मामले का पटाक्षेप हो गया। इस प्रकरण की रिपोर्ट डीएम को भेजी जाएगी।
शुक्रवार सुबह करीब साढ़े नौ बजे कॉलेज के प्रधानाचार्य आशा सक्सेना और अन्य शिक्षिकाओं ने उन्हें काफी समझाया लेकिन वे नीचे उतरने को तैयार नहीं हुईं।
बाद में मौके पर पहुंचे पुलिस और शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने काफी देर समझाकर कर सातों छात्राओं को छत से नीचे उतरवाया। नीचे आने पर छात्राओं ने आरोप लगाया कि उन्होंने कक्षा 11 की परीक्षा दी थी। इसमें उन्हें लगातार दूसरी बार जानबूझकर फेल कर दिया गया है। इस दौरान उन्होंने काफी हंगामा किया।
छात्राओं ने प्रबंधन पर उनका उत्पीड़न किए जाने का भी आरोप मढ़ा। उन्होंने बताया कि वे इस मामले को लेकर कमिश्नर और डीएम से लेकर अन्य विभागीय दफ्तरों में भी जा चुकी हैं, मगर कहीं भी न्याय नहीं मिला। जानकारी मिलने पर छात्राओं के समर्थन में पुनीता गौतम सहित कुछ अन्य लोग भी कॉलेज पहुंचे।
इस ड्रामे के बाद कालेज प्रशासन ने तत्काल कापियों की जांच करवाई|
इस शिकायत के आधार पर ही

दो अन्य छात्राओं की कॉपी भी देखी गईं। इनमें से एक में गड़बड़ी मिलने पर डीआईओएस उसे साथ लेकर चले गए।
उन्होंने कहा कि इसमें गलती साबित होगी, तो आगे कार्रवाई की जाएगी।

ब्रिटेन में इंडियन स्टुडेंट्स पर गाज

ब्रिटेन के आव्रजन विभाग द्वारा विलम्भ से लिए गए एक कदम से सेकड़ों भारतीय छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है| आव्रजन विभाग ने तीन हजार भारतीय और गैर यूरोपीय छात्रों का मेट्रोपॉलिटन यूनिवर्सिटी में प्रवेश लाइसेंस रद्द कर दिया है। अब लंदन मेट्रोपॉलिटन यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे छात्रों को तुरंत इसके वैकल्पिक उपाय तलाशने को बाध्य होना पडेगा| सितंबर से शुरू हो रहे अगले सत्र से यहां प्रवेश लेने की योजना बना रहे छात्रों को भी झटका लगा है। फिलहाल यहां सेकण्ड और थर्ड ईयर में पढ़ रहे छात्रों को अपना कोर्स तुरंत किसी दूसरे विश्वविद्यालय में ट्रांसफर कराना पड़ेगा।
यदि वे ऐसा नहीं कर पाए तो नियमों के मुताबिक उन्हें अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़कर 60 दिनों के भीतर भारत लौटना पड़ेगा।
बताया जा रहा है कि यह विश्वविद्यालय इन छात्रों को प्रवेश देने के लिए आवश्यक मानदंड पूरे नहीं कर पाया|
इसीलिए उसका लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। हालांकि उन्होंने कहा है कि भारतीय और गैर यूरोपीय छात्रों की मदद के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है। विश्वविद्यालय में भारतीयों सहित करीब 3000 विदेशी छात्र हैं।

पी ओ के पकिस्तान का हिस्सा नहीं ?

केवल भारत ही नहीं पाकिस्तान में भी शिक्षा का स्तर चर्चा का विषय बन रहा है|भूगोल और सामान्य ज्ञान की अज्ञानता से वहां भी नीति निर्माताओं की किरकिरी हो रहे हैं|हाल ही में वहां पंजाब प्रान्त की सरकार ने एक नक्शा प्रकाशित करवाया है इस नक्शे में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर [पीओके] और गिलगित-बाल्टिस्तान को भारत का हिस्सा दिखाया गया है। इस नक़्शे को अब तक 15 हजार स्कूलों को भेजा जा चुका है।ये नक्शे जर्मनी से मिली दो करोड़ 50 लाख डॉलर की वित्तीय सहायता से प्रकाशित और वितरित किए गए थे।
भारत को इसमें ज्यादा खुश होने की जरुरत नहीं है|एक तो पाकिस्तान ने इन छेत्रो पर अपनी दावे दारी छोडी नहीं है दूसरे वहां के शिक्षा विभाग ने यह नक्शा सभी स्कूलों से वापस मंगाने की कवायद भी शुरू कर दी है। तीसरे प्रकाशक को सही नक्शे के साथ एटलस दोबारा छापने के निर्देश दे दिए गए हैं
पंजाब के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ की सरकार को इसके लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है।
शिक्षा विभाग ने इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है

केडेट्स ने योग और कंप्यूटर के सीखे गुर

२९ अगस्त १२
एन.सी.सी.कैम्प का छटा दिन
गजेन्द्र ने जीती दौड़
योग और कंप्यूटर के सीखे गुर
कैडेट्स की बैरक का हुआ निरिक्षण
राजकीय अस्राम पद्धति में चल रहे एन.सी सी कैम्प के छठे दिन आज हुई दौड़ में आदर्श इंटर कोलेज खजुरी के ही दोनों बालक प्रथम और दुसरे स्थान पर आये प्रथम स्थान पर गजेन्द्र और दूसरा स्थान रोहित को मिला
इससे पूर्व सुबह मेरठ से आये विवेकानंद संस्थाके बी.ड़ी.त्यागी ने कैडेट्स को योग सिखाया साथ ही सभी ने कंप्यूटर की उपयोगिता के बारे में जाना
,कैडेट्स को आज अग्नि शमन के विषय में भी जानकारी दी गयी.
केम्प कमान्डेंट कोर्नल एस.एस.पुंडीर दीपक शर्मा,उमेद सिंह ,सतेन्द्र मालिक और शरंवीर सिंह ने लाइन एरिया का निरिक्षण किया .
इस अवसर पर सैन्य प्रशिक्षण के तहत कैडेट्स को फायरिंग भी कराइ गयी.
,इस अवसर पर एस.सुरेन्द्र पाल,बी.एह.एम.सुरेन्द्र सिंह,सूबेदार कालीदीन ,संदीप शर्मा ने भी ट्रेनिंग में योगदान दिया.

पी एम् की पत्नी ने तेहरानी गुरूद्वारे और स्कूल देखे

प्रधानमंत्री डाक्टर मनमोहन सिंह की पत्नी श्रीमति गुरशरण कौर तेहरान में एक गुरुद्वारे और केन्द्रीय विद्यालय को देखने गईं.
केन्द्रीय विद्यालय में उनका स्वागत बॉलीवुड गीतों, आइटम नंबर और लोक संगीत से किया गया.

गुरुद्वारे और केन्द्रीय विद्यालय को भारत सरकार की ओर से दो करोड़ रूपये की मदद प्रदान की गयी.

पारंपरिक लाल पंजाबी परिधान पहने एक छोटी-सी बच्ची अपनी सुंदर मुखाकृति और अपने वस्त्रों के कारण सभी के आकषर्ण का केन्द्र बनी हुई थी.
इस दौरान करीब एक घंटे तक प्रधानमंत्री की पत्नी अपने पैर थपथपाती और धीमे धीमे ताली बजाती हुई देखी गयी.
बच्चों ने जब ‘‘गुन गुना रे ’’ गाया तो दर्शक पूरी तरह से शांत हो गये. जब उन्होंने पंजाबी गाने ‘‘साडी गली भूल के भी आया करो’’ और ‘‘बरसी बरसी’’ गाया तो दर्शकों में मौजूद 190 छात्र एवं उनके अभिभावक झूमने लगे और कई तो गानों की धुन के साथ तालियां बजा रहे थे.
स्कूल गरुद्वारा की शुरूआत लाला माखन सिंह ने की थी और उन्होंने घर घर जाकर लोगों से चंदा इकट्ठा किया था.
१९६० में निर्मित इस स्कूल के निर्माण के लिए हिंदुजा बंधुओं ने बड़ी धनराशि दान की थी.