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Category: Poetry

ऐसा नहीं कि”झल्ले”ने मयखाने में मय कशी से तौबा करली,राज की बात सुनो सभी झल्लेयो,मुफतखोरों को पिलानी शुरू की है

ऐसा नहीं कि"झल्ले"ने मयखाने में मय कशी से तौबा करली,राज की बात सुनो सभी झल्लेयो,मुफतखोरों को पिलानी शुरू की है

ऐसा नहीं कि”झल्ले”ने मयखाने में मय कशी से तौबा करली,राज की बात सुनो सभी झल्लेयो,मुफतखोरों को पिलानी शुरू की है

गलतियां करके भुगतना तो आम बात है, मजा तो तब है कि भुगते और कोई|
शराब पी के कलेजा जलाता है हर कोई,मजा तो तब है दिल जलाये और कोई||
पीता था जब तलक अकेले मयखाने में,जिसे देखो दुत्कार के निकल लेता था|
आज ये आलम है मेरे दरों दीवारों का , शरीफ जादों की लाइन लगी रहती||
ऐसा भी नहीं है कि “झल्ले” ने मयखाने में बैठ कर मय कशी से तौबा करली|
ये राज की बात है सुनो सभी झल्लेयो, मुफतखोरों को पिलानी शुरू कर दी है||
कल तलक बनते थे जो खुदाई खिदमतगार, फिरते थे गिरेबान चाक करने को|,
आज वोह सभी गिरेबान फाड़ होनहार, इस “झल्ले” खादिम के मददगार बने हैं||

हाँ दिल कभी कहते नहीं थकता था वन्स मोर वन्स मोर अब तो बर्दाश्त नहीं होता इस किस्म का कोई भी शोर

चाँद मांगे रोज मुझसे जो कभी चाँद दिखता था |
अब में कैसे उसे बताऊँ हाल अपने बूढ़े दिल का ||
हाँ था जरूर कभी अरमान चाँद को चाँद दिलाने का |
जज्बा था ,हौंसला था,हिम्मत थी जब दिल जवाँ था||
हाँ दिल कभी कहते नहीं थकता था वन्स मोर वन्स मोर|
अब तो बर्दाश्त नहीं होता इस किस्म का कोई भी शोर||
जिस आसमानी चाँद की ख्वाहिश हुई है जाती उम्र में|
अपने लिए वोह चाँद भी अब वोह वाला चाँद कहाँ रहा||

पहली जवाँ छुवन का अहसास रहता है जिंदगी भर याद

यादों के सहारे सबकी जिंदगानी कट ही जाती है झल्ला
अपने लिए तो जवाँ नजर का पहला अहसास ही काफी है
पहली कमाई संजों कर रखने की रहती है सबको आस
पहली नजर का पहला नजराना भी होता है कुदरती देन
पहली जवाँ छुवन का अहसास रहता है जिंदगी भर याद
असली होती है ,पवित्र होती है, होती है ये पहली सौगात

“कल” के जुगाड़ में बीते “कल” का ढोल पीट रहे ये नासमझ “कल” आएगा सामने तो “कल” की समझ पर रोयेंगे ये लोग

नया साल मुबारक
दीवार पर टंगे केलेण्डर को बदल कर दिल को खुश कर लिया
बीते साल की तरह ही हमने फिर आज नया साल कर लिया
अखबारें आज भी बीते साल की झलकियों से भरी हैं “झल्ला”
यारों ने बीते साल के मेरे संदेशों को कापी, कट, पेस्ट कर दिया
सरकारी केलेंडर भी दस सालों की बासी उपलब्धियों से भरा है
हुकुमरान उन्हें देख कर फूल कर कुप्पा हो रहे हैं आज कल
उनको यह गुमान है बहुत कुछ किया है उन्होंने आज तक
फेशन का चलन क्या है आज कल कुछ नहीं जानते ये लोग
“कल” के जुगाड़ में बीते “कल” का ढोल पीट रहे ये नासमझ
“कल” आएगा सामने तो “कल” की समझ पर रोयेंगे ये लोग

उनको ये शिकायत है कि हम शक करते हैं हुस्न पर शक करना तो अपनी मजबूरी है

उनको ये शिकायत है कि हम शक करते हैं
हुस्न पर शक करना तो अपनी मजबूरी है
ये कोई छुपा रहस्य नहीं, खुली हकीकत है
हुस्न को हकीकत समझाना खीर ढेड़ीहै
इश्क और शक एक ही सिक्के के दो पहलू हैं
इस राजे जिंदगानी का जानना भी जरूरी है
इश्क एक तोहफा है,नेमत है,करिश्मा है
इसीलिए अजीब सी दौलत का खजाना है
खजाने को पाने के बाद हिफाजत जरूरी है
हिफाजत के लिए ही शक करना भी जरूरीहै

अपने दिमाग के हवाले मेरा “दिल” करने की जरुरत क्या थी?

यूं मुड़ के ही देखना था तो उस तरफ जाने की जरुरत क्या थी
अपने दिमाग के हवाले मेरा “दिल” करने की जरुरत क्या थी
हम तेरे थे ,अभी भी तेरे हैं और तमाम उम्र सिर्फ तेरे ही रहेंगे
छोड़ जाने के बाद यह सच्चाई आजमाने की जरुरत क्या थी
न पाया है और नहीं कभी चैन पाओगी”बेवफा”इस जिंदगी में
सच्चे दिल से निकली आह झल्ला कभी भी बेकार नहीं जायेगी

दबाब की भी एक अदद हद है हदों को हरगिज ना लांघ वरना देख ले तेरा बिखेरा तुझे ही समेटना पड़ जायेगा

मेरी तरफ न देख जालिम यूं तिरस्कार भरी नज़रों से
झल्ला दिल पहले ही चटखा है देख बिखर ही जायेगा
दबाब की भी एक अदद हद है हदों को हरगिज ना लांघ
वरना देख ले तेरा बिखेरा तुझे ही समेटना पड़ जायेगा

मै कोई बीता बुरा वक्त नही,धर्म कांटें में भी तुल जाता हूँ

तनहा हूँ तन्खाईया नहीं हूँ , दीगर है किसी तराजू में नहीं हूँ
तेरी तरफ से काफिर बेरुखी , इसके हरगिज लायक नहीं हूँ
मत रौंद मेरी तन्हाइयों को , रकीब के गलबैय्याँ डाल कर
में कोई बीता बुरा वक्त नही,धर्म कांटें में भी तुल जाता हूँ
बेशक नहीं हूँ में चमकता हुआ टुकड़ाए सोना और चांदी ,
नादाँ मिटटी में हीरे की कद्र ,कर उसे गढना तो सीख ले

तेजपाल की तहलकाई टीम से शोमा और कपिल की विकेट्स डाउन अब नए बेट्स मैन पर “झल्ले “ने आँखें टिकाई

अधिनस्त पत्रकार के बलात्कार के आरोप में चहूँ और से घिरे हैं तेजपाल तहलकाई
जिन्हे बचाने के चक्कर में मैनेजिंग एडिटर शोमा चौधरी ने भी अपनी नौकरी गवाईं
भाजपा ने अपनी पुरानी खुंदक निकालने को गोआ से पोलिस तेजपाल के पीछे लगाईं
सुषमा स्वराज ने भी ट्विट करके तेजपाल के मामा कपिल सिब्बल कहानी बनाई
कांग्रेसी कपिल सिब्बल कौंध गए सुषमा स्वराज पर झट मीडिया में चुनौती दे डाली
नहीं कोई मामा ,नाही कोई भांजा और तहलकाई तेजपाल से पट अपनी जान छुड़ाई
शोमा और कपिल की विकेट्स डाउन अब नए बेट्स मैन पर “झल्ले “ने आँखें टिकाई

पाकिस्तान जिंदाबाद नारों के बीच श्रीनगर में तिरंगा उतारा गया२६ /११ से एक दिन पहले कहीं नहीं दिखा यत्न

हैदर फ़िल्म की शूटिंग में उत्पीड़ित हुए भारद्वाज विशाल ,५०छात्रों ने की तोड़ फोड़ और तिरंगे का किया अपमान
पाकिस्तान जिंदाबाद नारों के बीच तिरंगा उतारा गया ,शूटिंग का पैकअप करके कलाकारों को बाहर निकाला गया
कश्मीर यूनिवर्सिटी के छात्रों का विरोध नहीं हुआ पहली बार,रविवार की छुट्टी में यह बना इनका मनपसंद त्यौहार
राष्ट्रीय तिरंगे के नीचे जय हिन्द का नारा अब इन्हें डराता है ,ऊमर अब्दुल्लाह को ओनली भजपाई डर सताता है
देश द्रोही षड्यंत्रों पर नहीं दिखता अब किसी का भी नियंत्रण कुर्सी बची रहे बस यही तक दीखता सबका प्रयत्न
२६ /११ की घटना से एक दिन पहले किसी अप्रिय घटना की पुनरावृति रोकने के लिए कहीं तो दीखता कोई यत्न