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Category: Politics

सियासी पालने में करवटें लेती “आप” के हाथों में सदियों पुरानी पार्टी की मौजूदा मरकजी सरकार खेलने लगी ?

सफलता की तरफ सही कदम बढ़ाने वाला चतुर व्यक्ति अपने मार्ग में आने वाली सभी कठिनाईयों को भी सीढ़ी बना लेता है इस कसौटी पर आम आदमी पार्टी खरी उतरती दिखाई दे रही है तभी “आप” ने इलेक्शन फंड्स के कलेक्शन लिए और जोर शोर से प्रचार करना शुरू कर दिया है |
आज कल आप पार्टी के फंड्स की जांच की मांग उठाई जा रही है इस मांग में कांग्रेस और भाजपा के समान स्वर गूँज रहे हैं कांग्रेस के गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने तो आप पार्टी के फंड्स का जांच के आदेश भी दे दिए है जिसके प्रारम्भिक चरण के रूप में पार्टी को ३० प्रश्नों की एक प्रश्नावली भी भेज दी गई है|
आप पार्टी ने इसे अपने विरुद्ध उत्पीड़न कि कार्यवाही बताते हुए अपने खातों की जांच के लिए समयबद्धता की मांग कर दी है और इसके साथ ही कांग्रेस तथा भजपा के खातों में”यू के” की कंपनी “वेदांता” के पैसे की जांच की मांग भी उठा दी है |
आप पार्टी के विरुद्ध एक हास्यास्पद आरोप उछाला जा रहा है कि विदेशों से प्राप्त धन को देश में अस्थिरता फ़ैलाने सरकार को पलटने के लिए इस्तेमाल हो रहा है| अभी पिछले दिनों जम्मू कश्मीर के चीफ मिनिस्टर ओमर अब्दुल्लाह ने भी भारतीय सेना पर मात्र डेढ़ करोड़ रुपयों में उनकी सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया था अब इसे बढ़ा कर “आप” पार्टी पर पांच करोड़ रुपयों में देश कि सरकार बदलने के आरोप लगाये जा रहे हैं |
बताया जा रहा है कि आप पार्टी के फंड्स में १८ करोड़ +रुपये हैं जिनमे से ५ करोड़+रुपये विदेशों से चंदे के रूप में आये हैं|”आप” पार्टी का आरोप है कि सवा चार हजार करोड़ रुपये देश की छह पार्टियों के खाते में हैं जिसकी प्राप्ति के ८०% का हिसाब किताब नहीं है कांग्रेस के २००० करोड़ और भाजपा के ९०० करोड़ का हिसाब विशेष रूप से माँगा गया है |

AAP V/S CONGRESS+B J P

AAP V/S CONGRESS+B J P


इसके साथ ही पार्टी ने इसके आधार पर इंटरनेट पर एक अभियान भी छेड़ दिया हैजिसके अंतर्गत कहा जा रहा है कि” विरोधी उनके फंड्स की जाँच की मांग कर रहे हैं जबकि यह सर्व विदित है कि आप पार्टी ने पारदर्शिता अपनाते हुए चंदे का सारा विवरण पहले ही वेबसाइट पर डाला हुआ हैअबसरकार की इस उत्पीड़नकी कार्यवाही को करारा जवाब देने के लिए सभी प्रकार से सहायता करें”
आप पार्टी के एक नेता ने टी चैनल पर बहस के दौरान यह दावा किया है कि इस विवाद के पश्चात से ही उनके द्वारा चंदे की आमद में ६ गुना इजाफा हो गया है जिस पर टिपण्णी करते हुए कांग्रेस के प्रवक्ता मीम अफजल ने चुटकी ली कि कहीं ये शिकायत आप ने सवयम ही तो अपने विरुद्ध नही गढ़ ली |अब इनसे कोई ये पूछे कि केंद्र में उनकी अपनी सरकार में क्याइतना विवेक भी नहीं रहा कि अभी तक सियासी पालने में लेटी हुई पार्टी के हाथों में ही ढाई सो साल पुरानी पुराणी पार्टी की मौजूदा मरकजी सरकार खेलने लगे

Commander in Chief Obama Discussed critical issues facing the Department of Defense

Commander in Chief,President, Barack Obama Hosted Dinner to senior civilian defense and military leaders In White House & Discussed critical issues facing the Department of Defense.
President Barack Obama and Vice President Joe Biden hold a meeting with Combatant Commanders and Military Leadership in the Cabinet Room of the White House, Nov. 12, 2013.
President Obama welcomed senior civilian defense and military leaders including all of his Combatant Commanders – to an annual meeting and dinner at the White House.
In addition to the President’s regular interactions with his senior military leaders, the meeting served as an important opportunity to discuss a number of critical issues facing the Department of Defense: the challenges of providing for the Nation’s security in an uncertain budget environment including sequester, the need to be ready and properly equipped to meet current and emerging threats, progress on the ongoing Quadrennial Defense Review, and the need to maintain the highest ethical standards across military, including with respect to sexual assault prevention and response.
The President enjoys a close working relationship with his senior military leaders. They play a critical role in the deliberative process, and the President values their counsel.
Courtesy White House

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने प्रैस और पुस्‍तक पंजीकरण अधिनियम,में संशोधनों पर सुझाव मांगे

भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने प्रैस और पुस्‍तक पंजीकरण अधिनियम,में संशोधनों पर सुझाव मांगे
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने प्रैस और पुस्‍तक पंजीकरण अधिनियम, 1867 में संशोधनों पर सुझाव आमंत्रित किए प्रैस और पुस्‍तक पंजीकरण अधिनियम (पीआरबी अधिनियम), 1867 को प्रिटिंग प्रैस और अखबारों के विनियमन के माध्‍यम से प्रकाशनों के रिकॉर्ड रखने के लिए एक प्रणाली बनाने के लिए सम्‍पादित किया गया था। मूल अधिनियम में समय-समय पर अनेक छोटे संशोधन किए गए हैं।
मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमानअधिनियमको परिदृश्‍य के अनुरूप सार्थक बनाने के क्रम में पत्र मीडिया, प्रेस और पुस्‍तकों के पंजीकरण और प्रकाशन (पीआरबीपी) विधेयक-2011 को 16 दिसम्‍बर 2011 को संसद में पेश किया गया और मूल्‍यांकन के लिए सूचना प्रौद्योगिकी की स्‍थाई समिति को भेज दिया गया है। स्‍थाई समिति ने 20 दिसम्‍बर 2012 को संसद को अपनी रिपोर्ट सौंप दी।
निर्धारित समय के भीतर कोई भी सुझाव न मिलने के मामले में, यह माना जाएगा कि हितधारक विधेयक में किए गए संशोधनों से सहमत हैं।

कृषि मंत्रालय ने भारत को बर्ड फ्लू मुक्त देश घोषित किया

कृषि मंत्रालय ने भारत को बर्ड फ्लू मुक्त देश घोषित किया
भारत ने एवीएन इंफ्लूंजा (HN) से देश को मुक्त घोषित किया है। आमतौर पर यह बर्डफ्लू और विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (ओआईई) में इसी नाम से अधिसूचित है। भारत ने छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में औषध और सरकारी पोल्ट्री फार्म के अंजोरा में स्थित पशु विज्ञान और पशु पालन महाविद्यालय की पोल्ट्री उत्पादन इकाई में एवीएन इंफ्लूंजा (HN) के फैलने की जानकारी दी थी।
एवीएन इंफ्लूंजा को देखते हुए सम्पूर्ण पोल्ट्री में होने वाली उत्पादन को रोकने के अलावा एक किलोमीटर के दायरे में अंडों+ चारे+ बीट और अन्य संक्रमित सामग्री को खत्म करने के उपाय अपनाये गये। इसके अलावा संक्रमित पोल्ट्री फार्म की सफाई और पोल्ट्री उत्पादन की आवाजाही पर रोक लगाने के अलावा इसके पश्चात संचालन निगरानी योजना (पीओएसपी) करने जारी की गई।
कृषि मंत्रालय के अनुसार भारत बर्डफ्लू के संक्रमण से मुक्त हो चूका है लेकिन इसके बावजूद देश भर में खासतौर पर प्रवासी चिड़ियाओं के क्षेत्रों और संक्रमित देशों के सीमा क्षेत्रों पर निरंतर निगरानी जारी है।

उ प्र. की चीनी मिलों में १५ नवम्बर से गन्ना पिराई शुरू होगी

चीनी मिलों में १५ नवम्बर से गन्ना पिराई शुरू हो जायेगी ,यह घोषणा आज उत्तर प्रदेश सरकार ने की है |
पेराई सत्र २०१३-१४ के लिए सहकारी छेत्र की पश्चिमी उ.प्र.में स्थित चीनी मिलों को चलाने के लिए १५ नवम्बर से २५ नवम्बर और प्रदेश की अन्य सहकारी मिलों के लिए ३० नवम्बर की तारिख सुनिश्चित की गई है|
चीनी उद्योग+गन्ना विकास प्रमुख सचिव राहुल भटनागर ने बताया कि प्रदेश में २२ मिलें १५ नवम्बर से शुरू कर दी जाएंगी |

दुःख के बादल पिघलाने वाली वोह सुबह आयेगी और उसे भाजपा ही लाएगी :एल के अडवाणी

भारतीय जनता पार्टी के वयोवृद्ध नेता और वरिष्ठ पत्रकार लाल कृष्ण अडवाणी ने अपने नवीनतम ब्लॉग के टेल पीस[ TAILPIECE ] में संकेत दिया है कि यदि देश में परिवर्तन लाना है तो भाजपा से अच्छा कोई दूसरा विकल्प नहीं हो सकता |
ब्लॉगर अडवाणी ने आर्गेनाइसर[दीपाली] में छपी खबर को याद करते हुए बताया कि १९५८ में दिल्ली कारपोरेशन के चुनाव में मिली हार के गम को भुलाने के लिए उन्होंने अटल बिहारी वाजपई के साथ दोस्तोएव्स्की की क्राइम एंड पनिशमेंट [ Dostoevsky’s Crime and Punishment. ]स्टोरी पर आधारित राज कपूर स्टारर फ़िल्म “वोह सुबह कभी तो आयेगी” देखी|फ़िल्म देखने के बाद साहिर लुधियानवी के मुकेश द्वारा गए गए आशावादी गीत गाते हुए बाहर आये | गीत के बोल थे
“वोह सुबह कभी तो आयेगी,
जब दुःख के बादल पिघलेंगे
जब सुख का सागर छलकेगा
जब अम्बर झूमके नाचेगा
जब धरती नगमे गायेगी
वोह सुबह कभी तो आयेगी”
और ३० सालों के बाद १९९८ में वोह सुबह आई अटल बिहारी वाजपई प्रधान मंत्री बने |तब मैंने [अडवाणी]कहा था कि वोह सुबह आ गई है और उसे हम[बीजेपी]ही लाये हैं

केन्‍द्र सरकार के दिल्‍ली/नई‍ दिल्‍ली में स्थित सभी प्रशासनिक कार्यालय 15 नवम्‍बर, 2013 को बंद रहेंगे

मोहर्रम के अवकाश दिवस में बदलाव किया गया हैअब केन्‍द्र सरकार के सभी प्रशासनिक कार्यालय 15 नवम्‍बर, 2013 को बंद रहेंगे |
कार्मिक मंत्रालय, लोक शिकायत और पेंशन द्वारा जारी प्रपत्र के अनुसार दिल्‍ली/नई‍ दिल्‍ली स्थित केन्‍द्र सरकार के सभी प्रशासनिक कार्यालय मोहर्रम के कारण 14 नवम्‍बर, 2013 की बजाय 15 नवम्‍बर, 2013 को बंद रहेंगे।

मौलाना अबुल कलाम आजाद की स्मृति में बीस रुपये का स्‍मारक सिक्‍का और पाँच रुपये का प्रचलन में आने वाला सिक्‍का जारी हुआ

मौलाना अबुल कलाम आजाद की 125वीं जन्‍मशती के अवसर पर बीस रुपये का स्‍मारक सिक्‍का और पाँच रुपये का प्रचलन में आने वाला सिक्‍का जारी किया गया
केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री श्री पी. चिदंबरम ने देश के पहले शिक्षा मंत्री[भारत रत्‍न ] मौलाना अबुल कलाम आजाद की 125वीं जन्‍मशती के अवसर पर आयोजित एक समारोह में बीस रुपये का स्‍मारक सिक्‍का और पाँच रुपये का प्रचलन में आने वाला सिक्‍का जारी किया। इस अवसर पर अन्‍य लोगों के अलावा अल्‍पसंख्‍यक मामलों के मंत्री श्री के. रहमान खान, राष्‍ट्रीय अल्‍पसंख्‍यक आयोग के अध्‍यक्ष श्री वजाहत हबीबुल्‍लाह, वित्‍त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग में सचिव डॉ. अरविंद मायाराम, सांसद और वित्‍त मंत्रालय के अन्‍य वरिष्‍ठ अधिकारी मौजूद थे।
मौलाना आजाद भारत के प्रमुख स्‍वाधीनता सेनानियों में से एक थे, जिन्‍होंने अविभाजित भारत के लिए काम किया। उन्‍होंने मुस्लिम लीग की दो राष्‍ट्रों के सिद्धांत का विरोध किया और वे हिंदू-मुस्लिम एकता के पक्षधर थे। वे भारत के पहले शिक्षा मंत्री थे। उन्‍हें 1992 में देश का सर्वोच्‍च नागरिक सम्‍मान भारत रत्‍न मरणोपरांत दिया गया था।
फ़ोटो कैप्शन The Union Finance Minister, Shri P. Chidambaram releasing the Commemorative Coins to mark the culmination of 125th Anniversary of Maulana Abul Kalam Azad, in New Delhi on November 11, 2013.
The Union Minister for Minority Affairs, Shri K. Rahman Khan is also seen.

Kejriwal Hooked bouncer from Shinde and welcomed Inquiries Starting from AAP Party’s Funds

[New Delhi]Aam Aadmi Party (AAP) Nationl convener Arvind Kejriwal ,Today, Hooked the bouncer from Home minister Sushil kumar Shinde and welcomed any inquiry Of Political Funds Of Parties Starting from AAP Party’s Funds.He made It clear that As far as the question of foreign funding is concerned, all the funds that AAP has got from foreign are from people who hold Indian passport. By receiving funds from Indians, who are holding Indian passports, even if they are abroad, is not illegal under any law of the country.
Quoting ADR’s analysis it is stated that Congress and BJP had got funding from a foreign company – Vedanta – something which is not allowed under the Sections 3 and 4 of the Foreign Contributions (Regulation) Act 1976.
It Is Questioned “Thus the question is whether the other political parties follow what they preach about transparency? Are they ready to share the source of their funding?”
AAP Party Spokes person A Murlidharan said “We instead welcome any kind of impartial inquiry. But the question that AAP asks is that whether any other political party can claim similar transparency? When AAP was formed, we announced it clearly that we are coming not to do politics but to change the dirty politics. We feel there cannot be anything better for political system in India than investigation into sources of political funding. Because of this, AAP welcomes union home minister’s statement regarding prove into AAP funds. We feel that alongwith AAP, there should be a probe into funds of all political parties of the country and if corruption is found in any of them than their leaders should be sent to jail”
It Is said that Inquiry into funding of political parties should start from AAP and AAP Party has no problem with it.
However, if the union home minister doesn’t order inquiry into funding of all political parties than it would be clear that BJP, Congress and all other political parties are securing funds for themselves through corruption.
spokes person said AAP is unlike those political parties and has name of all donors unlike those political parties who don’t reveal sources of donations which are of less than Rs 20,000 – because at present they are not required to reveal the name of the individuals or organisations who contribute less than Rs 20,000.
A recent study by the Association for Democratic Reforms showed that 2/3rd (75 %) of the funding of our political parties like BJP, Congress, BSP comes from unknown sources.
As per ADRs analysis, the total income of the six national political parties – [1]Congress[2] Bharatiya Janata Party[3] Bahujan Samaj Party (BSP)[4] Nationalist Congress Party (NCP)[5] Communist Party of India (CPI) [6]Communist Party of India (Marxist) (CPI-M) –between 2004-05 and 2011-12 – was Rs 4,895.96 crores.
It Is Alleged that Of the total of Rs 4895.96 crores, 2/3rd (around 75 %) of their income (Rs 3,674.50 crores) came from unknown sources. These figures were based on analyses of income tax returns and statements filed with the Election Commission by the political parties during 2004-05 to 2011-12.

लता ने पुरुस्कारों के लिए मांगे जाने पर हर साल की तरह सर्व गुण संपन्न कलाकारों के नाम भेजे :अब कोई सुझाव नहीं देंगी

पद्म पुरुस्कारों के लिए सिफारिश करने वालों में स्वर कोकिला लता मंगेशकर के नाम को घसीटे जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए लता ने रोमन इंग्लिश में ट्वीट किया है कि हर साल पुरुस्कारों के लिए गठित समिति के पत्र आते रहते हैं और मुझसे पुरुस्कारों के लिए सुपात्रों के नाम पूछे जाते हैं[ ye puraskaar ki jo samitee hai unka letter aata hai aur usme likha hota hai ki aap jo naam uchit samajhti hai’n unke naam aur bio data wo mujhse mangwaate ] उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने पद्म पुरुस्कार के लिए अपनी बहन उषा मंगेशकर और सुरेश वाडेकर के नाम सुझाये थे उषा पिछले ५० सालों से पार्श्व गायन में हैंउषा ने असम +गुजराती+हिंदी+मराठी+राजस्थानी भाषाओं में लोक प्रिय गाने गाए हैं|इसी प्रकार सुरेश भी पिछले ४० सालों से अनेक भाषाओं में गा रहे हैं| इसके अलावा आज तक मैंने हर साल कई लोगों के नाम भेजे हैंइनके संगीत विद्यालय हैं और शिष्य विश्व भर में हैं अब ऐसे सर्व गुण संपन्न प्रतिभाओं के नाम नहीं देती तो किनके नाम देती |लेकिन आगे से में ऐसे कोई सुझाव नहीं दूंगी .[ Par aainda se main unhe koi sujhao nahi dungi ] पिछले बीते दिन लता मंगेशकर को बदनाम करने की नियत से यह खबर लीक की गई कि उन्होंने पद्म पुरस्कारों के लिए अपनी छोटी बहन उषा मंगेशकर और गायक सुरेश वाडेकर के नाम की सिफ़ारिश की थी इसे कही न कहीं लता के नरेंद्र मोदी को समर्थन से भी जोड़ कर देखा जा रहा है .| इस बात का मीडिया में जिस तरह से प्रसारण हुआ उससे वो नाराज़ हैं और इसीलिए उन्होंने ट्विटर पर अपनी भावनाएं व्यक्त कीं.
इस महीने के पहले शुक्रवार को नरेंद्र मोदी लता मंगेशकर की ओर से बनाए गए अस्पताल का उद्घाटन करने पुणे में थे।यह अस्पताल लता मंगेशकर के पिता स्वर्गीय दीनानाथ मंगेशकर के नाम पर है।इस मौके पर लता ने कहा, ‘नरेंद्रभाई मेरे भाई की तरह हैं। हम सभी उन्हें प्रधानमंत्री बनते देखना चाहते हैं। इस दीपावली के मौके पर मैं उम्मीद करती हूं कि हमारी इच्छा पूरी होगी।यदपि मोदी को उद्घाटन के लिए उस वक्त निमंत्रण दिया गया था, जब वह प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित नहीं हुए थे लेकिन उसके बाद से ही कांग्रेस और उसके समर्थक दलों द्वारा लता की आलोचना की जाने लगी |पद्म पुरुस्कारों के लिए आर टी आई के माध्यम से लता की सिफारिशी चिट्ठी को लीक किया जाने लगा|इसी कारण लता मंगेशकर को यह स्प्ष्टीकरण देना पड़ा