पर्यावरण मंत्रालय ने वर्ष 2009 और २०१० के लिए वन्यजीव पुरस्कार प्रदान किए|
राजीव गांधी वन्यजीव संरक्षण पुरस्कार, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के उप महानिरीक्षक, श्री एस पी यादव को प्रदान किया गया है। श्री यादव को यह पुरस्कार 2007-08 में आगरा में वन्यजीव नमूनों में अवैध व्यापार के एक केंद्र का भंडाफोड़ करने के लिए दिया गया है। वे उस समय आगरा के डिविजनल वन अधिकारी थे। यह पुरुस्कार वर्ष 2009 के लिए दिया गया है|
वर्ष 2010 का अमृता देवी बिश्नोई वन्यजीव सुरक्षण पुरस्कार व्यक्ति श्रेणी के अंतर्गत श्री सौरभ गुप्ता और श्री गौरव गुप्ता को वन्य जीवों के संरक्षण में विशेष योगदान के लिए प्रदान किया गया |इसके अलावा संस्थान श्रेणी के अंतर्गत राजस्थान में टोंक जिले के श्री दादू पर्यावरण संस्थान को यह पुरस्कार प्रदान किया गया। पर्यावरण और वन राज्यमंत्री श्रीमती जयंती नटराजन ने 2009 के राजीव गांधी वन्य जीव संरक्षण पुरस्कार और 2010 के अमृता देवी बिश्नोई वन्यजीव संरक्षण पुरस्कार पाने वालों को बधाई दी।
गोर तलब है कि ये पुरस्कार पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री राजीव गांधी की जयंती के अवसर पर पर्यावरण और वन विभाग के सचिव डॉ. वी. राजगोपालन द्वारा प्रदान किए गए। इस अवसर पर पर्यावरण और वन मंत्रालय तथा भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा इंडिया हेबिटेट सेंटर में ‘‘मानव-पशु संघर्ष कम करने के लिए नीतियों का विकास’’ विषय पर एक कार्यशाला भी आयोजित की गई। इसमें वन विभाग के महानिदेशक डॉ. के जूडे सेकर, विशेष सचिव डॉ. एस एस गर्बियाल, वन विभाग में अपर महानिदेशक (वन्यजीव), देशभर से राज्य सरकारों के वरिष्ठ वन और वन्यजीव अधिकारियों तथा वन्य जीवन में रुचि रखने वाले आम नागरिकों ने हिस्सा लिया।
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राजीव गांधी वन्यजीव संरक्षण पुरस्कार,राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के एस पी यादव को मिला
C G H S Doctors are directed to be polite and courteous with the patients
Doctors /para-medical staff working in Central Government Health Scheme [CGHS ] are directed to be polite and courteous in their behavior with the patients .
Ministry of health & Family Welfare has been receiving complaints/grievances in respect of the following major aspects.
[ 1].Administrative:- Misbehavior by medical and paramedical staff, Shortage of staff, Punctuality etc.
[2.] Technical:- Delay in settlement of medical reimbursement claims (MRCs), Supply of substitute medicines instead of the prescribed by the Govt. specialists, Delay in supply of indented medicines, etc.
[ 3.] Related to empanelled hospitals:
Denial of credit facility, Misbehavior of hospital doctors/staff, overcharging, etc.
[4]. Related to Internet accessibility
Disruption in services due to breakdown in internet connectivity, etc.
Union Minister of Health & Family Welfare Ghulam Nabi Azad in written reply to a question in the Lok Sabha has said that his Ministry has taken following remedial steps
[1](Administrative)Instructions have been issued to the doctors /para-medical staff working in CGHS to be polite and courteous in their behavior with the patients.
In specific cases transfers have also been made and disciplinary actions initiated. Contractual doctors are appointed to meet the requirement of Medical Officers. Regular inspections are carried out by competent authorities.
[2] (Technical):-The time limit for clearance of MRC bills has been fixed.
CGHS doctors are advised to prescribe generic medicines to the maximum extent. The indented medicines are supplied through various local chemists to avoid the delay.
[3]( Related to empanelled hospitals): Penalty is imposed and suitable action is initiated against the erring empanelled private hospitals.
[4](Related to Internet accessibility): -Medical Officers have been instructed not to stop to provide the consultation/treatment in case of failure of internet connection.
Apart from the above, S M S Alert system has been introduced aiming at bringing transparency in delivery of services as major initiative. Redressal Committees have also been formed by CGHS.
The allocation of financial resources is based on the evaluation of specific requirements/demands projected by the CGHS units and availability of resources.
मजबूरी में ये भव्य राष्ट्रीय मीडिया सेंटर बनाना पडा ,अब तो इस छत के नीचे मीडिया आवे ही आवे
झल्ले दी झल्लियाँ गल्ला
एक बौखलाया हुआ भाजपाई
ओये झल्लेया सरकारी खजाने की ये क्या लूट मची हुई है |कांग्रेस वालों ने अब देखो राष्ट्रीय मीडिया सेंटर खोल कर टैक्स पेयर्स के करोड़ों रुपयों को खर्च कर दिया|ओये एक तरफ तो सेवानिवृत न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू और सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी जैसे महा पुरुष मीडिया पर पकड़ बनाने के लिए आये दिन कोई न कोई ब्यान देते रहते हैं अब मीडिया के प्रति हमदर्दी दिखाने के लिए ये राष्ट्रीय मीडिया सेंटर नामक अपना एक और सिपाही खड़ा कर दिया |
झल्ला
ओ मेरे भोले भले सेठ जी ये मीडिया वाले भी तो मानते नही |अब देखो पहले काटजू साहब ने मीडिया को चेताया लेकिन ये नही चेते| मनीष तिवारी ने भी अपनी भाषा में समझा दिया लेकिन उसके बावजूद मीडिया वालों ने पलटी नही मारी अब हार कर मजबूरी में ये भव्य राष्ट्रीय मीडिया सेंटर बनाना पडा भाई अब तो इनकी छत के नीचे मीडिया आवे ही आवे क्यों ठीक है हे न ठीक ?
भाजपा ने अनुसूचित समाज के खिलाफ किये जा रहे षड्यंत्र के विरुद्ध राष्ट्रपति को ४ सूत्रीय ज्ञापन दिया
भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा द्वारा दिल्ली के जंतर मंतर पर २३ अगस्त की प्रातएक दिवसीय धरना देकर केंद्र सरकार के विरोध में प्रदर्शन किया गया |और राष्ट्रपति को एक ज्ञापन भी प्रेषित कियाजिसमे आग्रह किया गया कि असामनता तथा जाति विषमता कि खाई पाटने के लिएयह आवश्यक है कि यूं पी ऐ सरकार द्वारा अनुसूचित जाति के खिलाफ किये जा रहे कार्यों को तुरंत रोका जाये | इस ज्ञापन में प्रस्तुत मांगे इस प्रकार हैं:
[१] सच्चर कमेटी और रंगनाथ मिश्र की रिपोर्ट को अविलम्ब ख़ारिज किया जाये|
[२] सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित पदों को अविलम्ब भरा जाए|
[३]गरीबों को दी जाने वाली सुविधाओं में बिना शर्त के पहला हक़ अनुसूचित जाति वर्ग का हो| एस सी /एस टी के छात्रों को सरकार की तरफ से दी जाने वाली छात्रवृतियों में लागू आय सीमा तुरत खत्म की जाए|
[४]भारतीय प्रशासनिक सेवा [IAS ][IPS ]की भांति भारतीय न्यायिक सेवा[ IJS ] भी शुरू की जाये
यह ज्ञापन मोर्चा अध्यक्ष और पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ संजय पासवान द्वारा हस्ताक्षरित है|
वाशिंगटन और टोक्यो के माडल पर आधारित राष्ट्रीय मीडिया केंद्र में एकल खिड़की सुविधा दी जायेगी
राष्ट्रीय मीडिया केंद्र के रूप में केंद्र सरकार ने मीडिया के छेत्र में भी एकल खिड़की सुविधा देने का प्रयास किया है वाशिंगटन और टोक्यो जैसे विश्व के उच्चस्तरीय माडलों के आधार तैयार इस केंद्र में पीआईबी के कार्यालय होंगे और मीडिया के लिए विशेष सुविधाएं प्रदान की जाएंगी ताकि मीडिया और सरकार के बीच घनिष्ठ संबंध कायम किया जा सके। इस केंद्र के का आज प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह और यूं पी ऐ अध्यक्षा श्री मति सोनिया गाँधी ने उदघाटन किया
राष्ट्रीय मीडिया केंद्र की परिकल्पना शुरू में पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी), सूचना और प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार ने 1989 में की थी ताकि अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त मीडिया केंद्र के जरिए सरकार और मीडिया के बीच परस्पर संपर्क सुविधा का विस्तार किया जा सके। सरकार द्वारा केंद्र की उपयोगिता बताते हुए कहा गया है कि सरकारी गतिविधियों के समाचार केंद्र के रूप में, राष्ट्रीय मीडिया केंद्र, राष्ट्रपति भवन, सरकारी कार्यालयों, विज्ञान भवन और संसद भवन के निकट शहर के मध्य में 7-ई, रायसीना रोड पर स्थित है। इसकी अवस्थिति को देखते हुए गणमान्य व्यक्तियों और मीडिया कार्मिकों के लिए घटनाओं की जानकारी देने और प्राप्त करने में यात्रा की दूरी कम होगी और उनका समय बचेगा।
[२] राष्ट्रीय मीडिया केंद्र में 283 मीडियाकर्मियों के लिए एक प्रेस सम्मेलन कक्ष है, करीब 60 व्यक्तियों को जानकारी देने के लिए एक कक्ष, मीडिया के लिए 24 वर्क स्टेशन, एक पुस्तकालय, मीडिया लॉंन्ज और एक कैफे हैं। प्रेस सम्मेलन कक्ष और मीडिया लॉन्ज में वाई-फाई की सुविधा है।
[३] इस परियोजना का उद्देश्य सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों के बारे में जानकारी के सम्प्रेषण में और सुधार लाना है। इससे अंतर्राष्ट्रीय और भारतीय मीडिया की व्यावसायिक और संचार संबंधी जरूरतें भारत सरकार के सूचना सम्प्रेषण फ्रेमवर्क के भीतर पूरी की जा सकेंगी। इसमें उपलब्ध सुविधाओं में दृश्य एवं प्रिंट मीडिया संबंधी परंपरागत और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी शामिल है।
प्रमुख विशेषताएं:
[१] विश्वस्तरीय मीडिया सेंटर
[२] भूतल के अलावा 4 तल और 2 बेसमेंट
[३] 283 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता वाला प्रेस कांफ्रेंस हाल।
[४] मीडिया लॉंन्ज – मीडिया कार्मिकों के लिए कार्य क्षेत्र सुविधाएं
[५] वीडियो कांफ्रेंसिंग सुविधाओं के साथ मीडिया लॉंन्च
[६] पुस्तकालय
[७] कैफेटेरिया
नए मीडिया केंद्र में आईटी और एवी ढांचा
उपलब्ध सुविधाएं
[अ] बहुतायत में ऑप्टिक फाइबर इंटरनेट सुविधाएं
[आ] अनुप्रयोग विकास और होस्टिंग के लिए मिनी डाटा सेंटर
[इ] लाइव वेबकास्ट सहित वेबकास्ट
[ई] भवन के बाहर टीवी चैनलों को वीडियो फीड
[उ] बहुतायत में और 500 नोड्स तक विस्तार क्षमता वाला नेटवर्क
[ऊ] वर्क एरिया/लॉन्ज में मीडियाकर्मियों के लिए आईटी सुविधाएं
[ए इंटरनेट टेलीफोनी
[ए] एवी वीडियो वॉल
नए मीडिया केंद्र का निर्माण करने में नेशनल बिल्डिंग कन्स्ट्रक्शन कार्पोरेशन (एनबीसीसी) को तीन वर्ष लगे हैं। इसका आच्छादित क्षेत्रफल 13867 वर्ग मीटर है। प्लॉट का आकार 7787.46 वर्गमीटर (1.95 एकड़) है।
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The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh being welcomed by the Secretary, Ministry of Information and Broadcasting, Shri Bimal Julka and the Principal Director General (M&C), Press Information Bureau, Smt. Neelam Kapur, at the inauguration of the National Media Centre, in New Delhi on August 24, 2013.
विदेशी महिला पर्यटकों की सुरक्षा के बारे में, किये जा रहे उपायों की, केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय ने जानकारी दी
विदेशी महिला पर्यटकों की सुरक्षा के बारे में केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय ने गंभीरता दिखाते हुए महिला पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उपाय करने शुरू कर दिए हैं |’मैं महिलाओं का सम्मान करता हूं’ नामक कार्यक्रम से जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है|
केन्द्रीय पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. के. चिरंजीवी ने भारत में अमरीकी छात्राओं के उत्पीड़न संबंधी मीडिया की खबरों पर गंभीर चिंता प्रकट करते हुए कहा है कि”मुझे यह खबर पढ़कर गहरा दुख हुआ है कि भारत में 1 वर्ष के लंबे प्रवास के दौरान एक छात्रा को गंभीर उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। मैंने इस तरह के अनेक अन्य मुद्दों को कई मुख्यमंत्रियों के साथ व्यक्तिगत रूप से उठाया है और सभी राज्यों के पर्यटनों मंत्रियों से भी बातचीत की है। सभी राज्यों के पर्यटन विभागों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की है कि सभी पर्यटकों विशेषकर, महिला पर्यटकों की सुरक्षा बढ़ाने के उपाय किए जायेंगे।
हमारे मंत्रालय ने एक जागरूकता अभियान भी शुरू किया है जिसे ‘मैं महिलाओं का सम्मान करता हूं’ नाम दिया गया है। इसका मकसद महिलाओं के सम्मान के प्रति जागरूकता पैदा करना है। मैं सभी सम्बद्ध केन्द्रीय मंत्रालयों के साथ समन्वय कर रहा हूं ताकि महिलाओं के प्रति अधिक संवेदनशील व्यवहार और उन्हें अधिक सुरक्षा प्रदान की आवश्यकता के प्रति लोगों में चेतना पैदा की जा सके। गृह मंत्रालय, विदेशी मंत्रालय और विधि एवं न्याय मंत्रालय के साथ समन्वय किया जा रहा है ताकि पर्यटकों की सुरक्षा के समुचित उपाय किए जा सकें।
हमारे संज्ञान में जो भी मामले लाए गए हैं हम उन सभी में उचित और आवश्यक कार्रवाई अवश्य करेंगे। विदेशी पर्यटकों के बारे में सामने आयी दो घटनाओं के बारे में हमने शीघ्र कार्रवाई की। मध्यप्रदेश की घटना के सिलसिले में दो दिन के भीतर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया और उन्हें चार महीने के भीतर आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी। इसी प्रकार हिमाचल प्रदेश में एक सप्ताह के भीतर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया।
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पी एम् ने कहा ,बॉटम लाइन और हेड लाइन की खींचतान में फंस कर मीडिया का लक्ष्य को नहीं भुलाना: राष्ट्रीय मीडिया केंद्र का शुभारंभ
प्रधानमंत्री डॉ मन मोहन सिंह और यूपीए अध्यक्षा श्री मति सोनिया गाँधी ने , मीडिया के छेत्र में भी एकल खिड़की यौजना के अंतर्गत, आज राजधानी में राष्ट्रीय मीडिया केंद्र का शुभारंभ किया|बॉटम लाइन और हेड लाइन के बीच खींचतान की सच्चाई में फंस कर प्राथमिक लक्ष्य को नहींभुलाने का सन्देश भी दिया|
इस अवसर पर प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा, ”राष्ट्रीय मीडिया केंद्र का उद्घाटन हमारी उस क्षमता का परिचायक है कि हम विश्वभर में ऐसी अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ बराबरी कर रहे हैं। यह केंद्र हमारे देश में मौजूदा मीडिया भू. परिदृश्य के सशक्त स्वरूप का प्रतीक है। मुझे पूरा विश्वास है कि एक ‘संचार केंद्र’ और ‘एकल खिड़की’ सुविधा के रूप में यह केंद्र हमारे मीडियाकर्मियों, जिनमें से अनेक यहां मौजूद हैं, की जरूरतों को भलीभांति पूरा करेगा।”
प्रधानमंत्री ने कहा, ”परिवर्तन अपने साथ चुनौतियां भी लेकर आता है। पिछले दो दशकों के सामाजिक-आर्थिक परिवर्तनों से उत्पन्न चुनौतियों को समझना, उनसे निपटना और उन पर काबू पाना मीडिया उद्योग के विशेषज्ञों के नाते आपका परम दायित्व है। हमारे जैसे सशक्त लोकतंत्र मेंए जो मुक्त जांच और सवालों के जवाब के लिए अन्वेषण में विश्वास रखता है, यह दायित्व अत्यंत महत्वपूर्ण है। किंतु इस दायित्व का निर्वाह करते समय सावधानी की आवश्यकता है। जांच की भावना मिथ्या आरोप के अभियान में तब्दील नहीं होनी चाहिए। संदिग्ध व्यक्तियों की तलाश खोजी पत्रकारिता का विकल्प नहीं हो सकती। व्यक्तिगत पूर्वाग्रह जनहित पर हावी नहीं होने चाहिए। ”
डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा, ”यह वास्तविकता है कि पत्रकारिता को उसके काम से अलग नहीं किया जा सकता। किसी भी मीडिया संगठन का दायित्व सिर्फ उसके पाठकों और दर्शकों तक सीमित नहीं है। कंपनियों का दायित्व अपने निवेशकों और शेयरधारकों के प्रति भी होता है। बॉटम लाइन और हेड लाइन के बीच खींचतान उनके लिए जीवन की सच्चाई है। किंतु, इसकी परिणति ऐसी स्थिति में नहीं होनी चाहिए कि मीडिया संगठन अपने प्राथमिक लक्ष्य को भूल जाएं, जो समाज को दर्पण दिखाने का है तथा सुधार लाने में मदद करने का है।”
यूपीए अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी
ने कहा कि, ”नाटकी और तीव्र बदलाव के दौर से गुजर रहे किसी भी समाज में नवीकरण और पुनर्निर्माण की स्थिर रूप से जरूरत होती है। यह फैसिलिटी उस क्रांति का प्रतिनिधित्व करती है। मुझे पूरी उम्मीद है कि यह सरकार, मीडिया और जनता के बीच प्रभावशाली केंद्र, अड्डा और सूचना पुल बनेगा।”
श्रीमती गांधी ने कहा, ”कार्यक्रमों, नीतियों, निर्णयों और जानकारी के प्रचार-प्रसार में सरकार और मीडिया के साझा हित हैं। यही वह बिंदु है जहां राष्ट्रीय प्रेस केंद्र जैसी संस्था का महत्व समझा गया। मुझे उम्मीद है कि यह ऐसी भागीदारी का प्रतिनिधित्व करेगा जिसमें दोनों पक्षों अपनी जिम्मेदारियां निभा सकेंगे।”
श्रीमती गांधी ने कहा कि, ”यह बिलकुल स्पष्ट है कि हम सिर्फ सरकार के पाइंट बनाने के लिए प्रचार या प्रचार अभियानों के पक्ष में नहीं हैं। लेकिन लोगों यह जानने का हक है कि उनके कानूनी और अन्य हक क्या हैं। उन्हें जानकारी हासिल करने का अधिकार है तथा उन्हें लिए जा रहे निर्णयों की जानकारी हासिल करने में समर्थ होने का अधिकार है। सिर्फ जागरूक और चेतन नागरिक ही आशा कर सकते हैं कि सिस्टम अच्छी तरह काम करे और सरकार एवं राजनीतिक दलों को जवाबदेह ठहरा सकते हैं।”
इस अवसर पर
सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री मनीष तिवारी
ने कहा, ”हम सूचना के ऐसे युग में रह रहे हैं जो सूचना से अटा पड़ा है। मीडिया के परिदृश्य में पिछले दो दशकों में अत्यधिक बदलाव आया है। इस रूपांतकरण ने मीडिया उद्योग के समक्ष चुनौतियां भी पेश की हैं। आज भारत वैश्विक क्रास मीडिया उपभोग पैटर्न में दुनिया का आइना है।”
श्री तिवारी ने कहा, ”यूपीए सरकार की मीडिया विचारधारा समझाने-बुझाने की रही है नियमन की नहीं। इस बात की सराहना करते हुए कि मीडिया के विभिन्न माध्यमों ने सालों से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, हमने इस क्षेत्र में वृद्धि के प्रयास किए हैं और उनके लिए प्रेरक बने है
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[१]The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh unveiling the plaque to inaugurate the National Media Centre, in New Delhi on August 24, 2013. The Chairperson, National Advisory Council, Smt. Sonia Gandhi, the Minister of State (Independent Charge) for Information & Broadcasting, Shri Manish Tewari, the Secretary, Ministry of Information and Broadcasting, Shri Bimal Julka and the Principal Director General (M&C), Press Information Bureau, Smt. Neelam Kapur are also seen.
अयोध्या की ८४ कौसी यात्रा से आपका जन्म सुधरेगा या नही लेकिन प्रदेश में यादव सरकार की राजनीतिक यौनि जरूर खराब हो जायेगी
झल्ले दी झाल्लियाँ गल्लां
भाजपाई राम भक्त
ओये झल्लेया ये हसाड़े साथ क्या जुल्म हो रहा है|उत्तर प्रदेश की सरकार अपराधों को रोक पाने में तो अक्षम है लेकिन राम भक्तों पर कहर ढा रही है| भई हम लोग अपने इष्ट देव राम के जन्म स्थान [अयोध्या] की २५ अगस्त से शांति पूर्वक ८४ कौसी परिक्रमा करके सभी यौनियों के जन्म मृत्यु के चक्कर से मुक्ति पाना चाह रहे हैं लेकिन प्रदेश में हमारे संतों तक को गिरफ्तार किया जा रहा है| अयोध्या में चौरासी कोसी परिक्रमा की परम्परा पता नहीं कितने सालों से चली आ रही है और अब हमें वहां जाने से रोकने के लिए पूरे प्रदेश की पोलिस को लगा दिया गया है ओये ऐसे राज चलता है क्या?
झल्ला
अरे भोले सेठ जी अयोध्या की ८४ कौसी यात्रा से आपका जन्म सुधरेगा या नही लेकिन प्रदेश में यादव सरकार की राजनीतिक यौनि जरूर खराब हो जायेगी अयोध्या की परिक्रमा करके आप लोग ८४ लाख यौनियों के चक्कर से मुक्ति पाओगे या नही इसका तो पता नही हाँ चुनावी साल में आप लोगों के अयोध्या जाने से प्रदेश की सरकार की वर्तमान योनि [राजनीतिक जन्म]जरूर खराब हो जाएगा|इसीलिए अपने वोट बैंक को बचाने के लिए मुसलमानों का रहनुमा बनकर सामने खड़ा होना इनकी मजबूरी भी है लेकिन आप लोग इतना भड़क क्यूं रहे हैं अरे यादव सरकार के राजनीतिक जीवन को बचाने के लिए आप जी के विहिप के खुद मुख्तार प्रमुख अशोक सिंघल ने ही शिखर वार्ता करके यह अवसर प्रदान कर दिया है| यह यादव सरकार के लिए जन्नत से आई निशुल्क सौगात है|
बिहार के विकास के लिए ,केंद्र सरकार से आश्वासन नही, केवल विशेष राज्य का दर्ज़ा ही चाहिए:नितीश कुमार
बिहार के मुख्य मंत्री ने नितीश कुमार ने आज फिर प्रदेश के विकास के लिए विशेष दर्जे की मांग दोहराई|नितीश कुमार ने कहा कि हमें आश्वासन नही ,विशेष राज्य का दर्जा ही चाहिए| विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने से बिहार का विकास होगा|यही प्रदेश के लोगों की भी मांग है|
नितीश कुमार ने पटना में राजकीय अतिथिशाला का उदघाटन करने के पश्चात पत्रकारों से वार्ता भी की|उन्होंने राज्य सभा में एक तारांकित प्रश्न के उत्तर में संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने जो उत्तर दिया है उसमे कोई नई बात नही है|इसीलिए इस पर कोई प्रतिक्रिया दिए जाने का कोई अर्थ नही है| सारे तथ्य और तर्क प्रधान मंत्री को दिए जा चुके हैं अब राज्य के पिछड़े पण को दूर करने के लिए क्या उपाय करना है यह केंद्र को तय करना है|
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