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Category: Politics

भारत में आये बिजली के महा संकट को फिलहाल टाल दिया गया है

एक मंत्री की नाकामी को उजागर कर रहे तीन पावर ग्रिड[नोर्दर्न +इस्टर्न+नार्दर्न इस्टर्न] के महज़ २४ घंटों में दोबारा फेल्यौर को बेशक १० घंटों में शाम आठ बजे तक और कहीं कहीं देर रात तक ठीक कर लिया गया है मगर इसकी जांच और पुनरावर्ती की रोक थाम के उपायों के लिए कदम बढाने के बजाये राज्य और केंद्र सरकार अभी तक दोषारोपण के पुराने हथकंडे ही अपना रहें है |
इस फेल्यौर से २० राज्यों और[२] यूं टी की पीड़ित ६० करोड़ जनता के जख्मो पर नमक छिड़कते हुए वीरप्पा मोइली को बिजली का अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया है और फेल हुए मंत्री को प्रोमोट करके गृह मंत्री बना दिया गया है|
आजाद भारत में सबसे बड़े इस बिजली संकट से पीड़ित ६० करोड़ जनता की परेशानियों को विश्व मीडिया ने सुर्ख़ियों में लिया है और इस संकट से अमेरिका जैसे विकसित देश ने सबक रिपीट सबक लिया है
मंगलवार को बिजली गुल होने से देश की 60 करोड़ आबादी का जनजीवन ठहर सा गया था। आठ से नौ घंटे बाद राजधानी दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में बिजली बहाल हो सकी। पावर ग्रिड कॉरपोरेशन के अनुसार रात के 11.30 बजे तक उत्तरी ग्रिड में 86 फीसदी तक बिजली सप्लाई होने लगी थी जबकि पूर्वी ग्रिड के 79 फीसदी हिस्सों में बिजली की सप्लाई शुरू हो गई थी।
कॉरपोरेशन के अनुसार शाम साढ़े आठ बजे तक पूर्वोत्तर ग्रिड में 100 फीसदी और दिल्ली में 90 फीसदी बिजली की सप्लाई होने लगी थी।
बिजली सप्लाई बंद हो जाने से दिल्ली मेट्रो के अलावा भारतीय रेलवे की लंबी दूरी की बिजली से चलने वाली सैकड़ों ट्रेनें जहा की तहा खड़ी हो गई। इस बार की गड़बड़ी के लिए उत्तर प्रदेश के अलावा पंजाब, हरियाणा और राजस्थान को जिम्मेदार बताया जा रहा था, जिन्होंने उत्तरी ग्रिड में अपने कोटे से बहुत ज्यादा बिजली ले ली थी।
पहली बार पैदा हुए इस तरह के हालात में पूरा केंद्रीय तंत्र बदहवास नजर आया। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री सुशील कुमार शिदे व उनके अमले ने संकट का ठीकरा राज्यों पर फोड़ पल्ला झाड़ लिया। कोई यह बताने की स्थिति में नहीं था कि आखिर ग्रिडों को राज्यों की मनमर्जी पर कैसे और क्यों छोड़ दिया गया है और इन पर समय रहते लगाम लगाने का तंत्र आखिर क्यों गायब है।उधर यूं पी पंजाब और बिहार ने तत्काल कोटे से अधिक बिजली लेने का खंडन भी कर दिया
दोपहर से शाम तक दिल्ली व अन्य महानगरों में ट्रैफिक लाइटें गुल होने से यातायात की हालत खस्ता हुई पड़ी थी। मेट्रो तथा मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों में फंसे यात्रियों की हालत खस्ता रही। गाजियाबाद से मुगलसराय के बीच सवा सौ ट्रेनें घटों रुकी रहीं। जबकि दिल्ली से गुवाहाटी, हावड़ा, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, अमृतसर, मुंबई, लखनऊ के बीच सैकड़ों ट्रेनें लेट हो गई। दिल्ली में मेट्रो रेल प्रबंधन ने यात्रियों को बीच में ही उतार कर उनके पैसे वापस किए।
केंद्र व तमाम राज्यों में सरकारी व निजी दफ्तरों, अस्पतालों व कारखानों में शुरू में पावर बैकअप से काम चलाने की कोशिश की गई। अनेक जगहों पर कर्मचारियों को समय से पहले छुट्टी दे दी गई। जिन पेट्रोल पंपों के पास बैकअप था वे तो चलते रहे, बाकियों ने बंदी की तख्तिया टाग दीं। इस दौरान एटीएम बंद होने से लोगों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ा। सोमवार को जहा 15 घटे में तकरीबन 35 करोड़ लोग प्रभावित हुए थे, वहीं मंगलवार के महा संकट ने आधे देश को अपनी चपेट में ले लिया।
यह पहला मौका है जब ग्रिड में बार-बार खराबी सामने आ रही है। इसी तरह पहली बार ऐसा हुआ है जब तीन ग्रिड एक साथ फेल हुए हैं मुख्य सचिव के अनुसार उन्हें सुबह ही सूचना मिल गई थी कि पूर्वी ग्रिड से 3000 मेगावाट अतिरिक्त बिजली खींची गई है। ऐसा करने वाले चारों राज्यों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। पावरग्रिड के सीएमडी आरएन नायक पहली बार पैदा हुए इस तरह के हालात से परेशान दिखाई दिए। उन्होंने भरोसा दिया कि आगे ऐसे हालात पैदा न हों, इसके पूरे प्रयास किए जाएंगे।
सुशील कुमार शिदे के लगभग छह साल के कार्यकाल में बिजली क्षेत्र बद से बदतर हो गया। इस दौरान न सिर्फ नई बिजली परियोजनाओं की रफ्तार सुस्त हो गई है, बल्कि चालू बिजली संयंत्रों और ट्रासमिशन प्रणालियों की हालत भी बिगड़ी है।
शिदे के कार्यकाल में 11वीं योजना में नई बिजली क्षमता का लक्ष्य बुरी तरह पिछड़ गया। मूल लक्ष्य 78 हजार मेगावाट का था, जिसे घटाकर 63 हजार मेगावाट किया गया। लेकिन अंतत: केवल 54,800 मेगावाट की नई क्षमता ही सृजित की जा सकी। इस दौरान महत्वाकाक्षी अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट भी बुरी तरह पिछड़ गए। चार में केवल एक मध्य प्रदेश स्थित शासन प्रोजेक्ट में काम हो सका। बाकी सभी किसी न किसी वजह से ठप पड़े हैं। राज्य बिजली बोर्डो की बदहाली बढ़ने से निजी कंपनिया बिजली क्षेत्र में उतरने से घबराने लगी हैं।
अब 12वीं पंचवर्षीय योजना में 85 हजार मेगावाट नई क्षमता के सृजन का प्रस्ताव है, लेकिन उसके पूरा होने की भी कोई सूरत नजर नहीं आती। खुद शिदे का कहना है कि 20 हजार मेगावाट की परियोजनाओं को कोयला और गैस मिलने के लाले पड़े हैं।बिहार को ५०० एमवी तक के लिए कोयला नहीं दिया जा रहा

ऊर्जा मंत्रालय का काम देश में बिजली क्षमता के लक्ष्य तय करना, इन्हें पूरा करने के लिए केंद्रीय बिजली उपक्रमों के अलावा राज्यों को निर्देशित करना तथा कोयला, पर्यावरण व वन, पेट्रोलियम व विदेश मंत्रालय जैसे ईधन उपलब्धता से संबंध रखने वाले मंत्रालयों व विभागों के साथ समन्वय बनाना है दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो रहा है \उदहारण के लिए
[१] बिहार को ५०० एम् वी क्षमता के प्लांट के लिए पी एम् द्वारा सेंक्शन करने के बावजूद कोयला नहीं दिया जा रहा
[२]हरियाणा में नए प्लांट के लिए भूमि के अधिग्रहण के लिए उपजाऊ जमीन चिन्हित कि गई है जिसके विरोध में अब किसानो के साथ सेना के रिटायर्ड जनरल वी की सिंह भी उतर आये हैं|
यहाँ कि व्यवस्था को आईना दिखाने के लिए दो उदहारण गौर करने लायक हैं
[१]कल आस्ट्रेलिया में भी बिजली गई थी मगर उसे थोड़े समय में ही ठीक कर लिया गया
[२]अमेरिका में जबकि बिजली नहीं गई मगर वहां के बेक अप सिस्टम को चेक अवश्य किया गया भारत में आये बिजली के महा संकट को देखते हुए बेक अप सिस्टम को चेक किया गया

यूं पी पंजाब बिहार बोले हमने नहीं ली ज्यादा बिजली

यूं पी बिहार और पंजाब ने केंद्र के आरोपों को ख़ारिज करते हुए कहा है की इन राज्यों में कोटे से ज्यादा बिजली नहीं ली गई |गोरतलब हे की सुशील कुमार शिंदे और और उनके सी एम् डी नायक ने मौजूदा ग्रिडों के ट्रिप होने के लिए राज्यों द्वारा अधिक बिजली खीचने को कारण बताया था अब उस आरोप का जवाब देते हुए यूं पी बिहार और पंजाब ने इनकार कर दिया है|
२४ घंटे में दो बार नार्दन ग्रिड और अज नार्दन =इस्टर्न और नार्दन इस्टर्न ग्रिड भी फ़ैल हो गई जिसके फलस्वरूप २० राज्यों और २ यूं टी में बिजली गुल हुई है इसका ठीकरा राज्यों पर फोड़ा गया था मगर राज्यों ने तत्काल इसका खंडन कर दिया है

चिदम्बरम को वित्+शिंदे को गृह और मोयली को बिजली मंत्रालय

केन्द्रीय मंत्रिमंडल में में आज फेर बदल किया गया है बिजली मंत्री सुशील कुमार शिंदे को गृह मंत्री और गृह मंत्री पी चिदम्बरम को वित् मंत्री बनाया गया है कारपोरेट अफेयर मिनिस्टर वीरप्पा मोइय्ली को बिजली का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है मौजूदा बुरे दौर में इन तीनो की कठिन परीक्षा होगी|
श्री चिदम्बरम को उनका पसंदीदा वित् मंत्रालय दिसंबर २००८ के बाद पुनः दिया गया है |अभी तक यह मंत्रालय प्रधान मंत्री के पास था
वर्तमान में अर्थ व्यवस्था एक नाजुक दौर से गुजर रही है ऍफ़ डी आई पर घमासान मचा हुआ है| भारतीय रुपया अमेरिकी डालर के मुकाबिले रोजाना लुडक रहा है| स्लो डाउन के इस दौर में महंगाई दिनों दिन बड़ती जा रही है|.ऐसे में श्री चिदम्बरम को अपने पुराने अनुभव का इस्तेमाल करना होगा |
बिजली के मौजूदा संकट में फ़ैल साबित हो रहे मंत्री को गृह मंत्री के पद पर प्रोमोट किया गया है | गृह मंत्रालय बेशक काबलियत के बजाय हाई कमान का भरोसा ज्यादा मांगता है मगर असाम जैसे प्रदेशों में आये दिन होने वाले दंगों को कंट्रोल किया जाना भी जरुरी होगा|और बिजली मंत्रालय में फ़ैल होने पर गृह मंत्रालय में ज्यादा दबाब रहेगा |
बिजली के मौजूदा संकट को देखते हुए एक फुल फ्लेज्ड मंत्री का होना जरुरी है मगर इसका अतिरिक्त प्रभार दिया जाना इसकी गंभीरता को कम कर रहा है|यह अपने आप में चिंता का विषय होगा |Permalink: http://jamosnews.com/

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असाम में भड़के जातीय दंगों के लिए भाजपा ने सरकार को घेरा

असाम में भड़के जातीय दंगों के लिए आज भाजपा ने केंद्र सरकार को घेरा| दंगाग्रस्त छेत्रों का दौरा करके लौटे वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण अडवानी ने वहां भड़की हिंसा के लिए प्रवासी बँगला देशियों को जिम्मेदार ठहराया है औरसंकट से निबटने में देरी का आरोप सरकार पर लगाया है\
असाम के वर्तमान हालत पर चिंता व्यक्त करते हुए श्री अडवानी ने कहा कि इस घटना से पहले लक्ष्ण मौजूद होने के उपरान्त भी असली जड़ को नहीं छुआ गया है|बँगला देश से हो रही अवैध घुसपेठ को उन्होंने असली जड़ बताया
असाम में लगभग ४००००० विस्थापितों की तुलना काश्मीरी विस्थापितों से करते हुए बी जे पी और एन डी ऐ के वरिष्ठ नेता श्री आडवानी ने असाम और केंद्र सरकार से समस्या कि जड़ तलाशने के लिए आत्म मंथन किये जाने कि मांग की
बताते चलें कि १९ जुलाई से शुरू हुए इन दंगों में अब तक ५५ लोग मारे जा चुके हैं और लगभग ४००००० लोग बेघर हो चुके हैं |राहत शिविरों में बीमारी फ़ैलाने का खतरा पैदा होता जा रहा है|और प्रधान मंत्री ने अपने दौरे में प्रदेश में बंगला देशी नागरिकों के अस्तित्व को नकार चुके हैं|

असाम से बँगला देशियों को निकालो = ऐ बी वी पी

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद [ऐ बी.वी.पी]के सदस्यों ने अज दी एम् के माध्यम से पी एम् को एक ज्ञापन प्रेषित किया है |इसमें असाम में हो रहे दंगों पर चिंता व्यक्त की गई है और विदेशी घुसपेठियों को बाहर निकालने की मांग की गई है |ज्ञापन में बताया गया है कि बांग्ला देश से आये रिफ्युजिओं के कारण वहां के स्थानीय नागरिकों का जीना हराम हो रहा है इसीलिए उन्हें तत्काल बाहर निकाल देना चाहिए |

नार्दन के साथ इस्टर्न ग्रिड भी ट्रिप बिजली का संकट गहराया

पावर ग्रिड फिर ट्रिप कर गई है अबकी बार नार्थ के साथ ईस्ट की ग्रिड भी बैठ गई है |इससे १३ राज्यों की बत्ती गुल हो गई है|सोमवार को नार्दन ग्रिड में आई खराबी को दूर कर लिए जाने के दावों के साथ ही महज़ २४ घंटों में ही कल से भी बड़ा झटका लग गया है|
इससे ट्रेन+अस्पताल+मेट्रो उद्योग के साथ ही रोड ट्रैफिक भी प्रभावित हो रहा है|
आज नार्दन ग्रिड के अलावा वेस्ट बंगाल और बिहार आदि में भी बिजली प्रभावित हो रहे है|बीते दिन ग्रिड में ई खराबी को दूर करने के लिए अपनी पीठ थपथपा रहे बिजली मंत्री सुशील कुमार शिंदे आज अभी तक बयाँ देने से बच रहे हैं

हिंसा हुई तो आन्दोलन स्थगित कर दूंगा=अन्ना हजारे

अन्ना हजारे और उनकी टीम के स्तम्भ अरविन्द केजरीवाल ने अज पत्रकारों से कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा की गई बदसुलूकी के लिए माफ़ी मांगी |
कल कुछ कार्यकर्ताओं ने जन्तर मंतर पर कवरेज के लिए गए पत्रकारों से कुछ कार्यकर्ताओं ने बदसुलूकी की \पत्रकारों के संघ ने इसके लिए अन्ना से माफ़ी माँगने की मांग की थी|
आज अनशन का सातवा दिन है और अन्ना के फास्ट का तीसरा दिन है \
आज सुबह अन्ना ने कार्यकर्ताओं से धेर्य रखने को कहा |अन्ना और अरविन्द ने कहा की अगर इसी प्रकार की बदतमीजी दोबारा हुई या हिंसा का सहारा लिया गया तो आन्दोलन को उसी समय स्थगित कर दिया जाएगा| बीते दिन पत्रकारों ने अपने साथ बदसुलूकी किये जाने की शिकायत करते हुए अन्ना से माफ़ी माँगने को कहा था |
आज़ादी की लड़ाई के लिए महात्मा गांधी द्वारा चलाए गए अहिंसा के आन्दोलन में भी जब कभी हिंसक घटनाएँ हुई तो उन्होंने भी अपने आन्दोलन को स्थगित किया था फिर उसके बाद पुनः पूरे जोशोखरोश से आन्दोलन शुरू कर दिया था|अब भ्रष्टाचार से आज़ादी की इस लड़ाई में भी अगर आन्दोलन स्थगित करना पड़ता है तो उससे दोबारा नई उर्जा मिलेगी ऐसा अन्ना टीम का मानना है|

आज़म से हारे शाहिद ने कराया सी एम् ओ का तबादला

आज़म से हारे शाहिद ने कराया सी एम् ओ का तबादला
शाहिद मंज़ूर बेशक आज़म खान से वर्चस्व की जंग हार गए मगर थप्पड़ प्रकरण में पार्टी और मंत्री की हुई जग हंसाई के लिए मेरठ के सी एम् ओ डाक्टर सुबोध कुमार तिवारी को मेरठ से बाहर करवाने में जरूर कामयाब हो गए हैं| डाक्टर तिवारी के स्थान पर अब डाक्टर आमिर सिंह को नया सी एम् ओ बनाया गया है \
पिछले दिनों शाहिद मंज़ूर की उपस्थिति में एक सपा नेता ने डाक्टर तिवारी के मातहत अप्रिशिक्षित चिकत्सा सेल प्रभारी डाक्टर वी के गुप्ता थप्पड़ मार दिया था इस प्रकरण से ना केवल थप्पड़ मारने वाले को जेल हुई वरन शाहिद और सरकार की भी किरकिरी हुई \
माना गया कि थप्पड़ मारने वाले के खिलाफ ऍफ़ आई आर लिखवाने के लिए डाक्टर तिवारी ने ही डाक्टर गुप्ता को आगे किया था यधपि इस तबादले कि खबर बहुत पहले लीक हो गई थे मगर दोनों पक्ष इससे मुकरते रहे अब तबादले को अमली जमा पहना दिया गया है|मेरठ के प्रभार मंत्री आज़म खान ने स्वयम भी डाक्टर को थप्पड़ मारने की घटना की निंदा की थी मगर अब इस तबादले के बाद उनकी भी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है लगता है की मेरठ में उन्होंने शाहिद के वर्चस्व को स्वीकार कर लिया है\Permalink: http://jamosnews.com

नलकूप किसानो से सामान बिल वसूला जाए =जयंत

युवा सांसद जयंत चौधरी ने उत्तर प्रदेश में नलकूप किसानो से एक सामान बिल वसूले जाने की मांग की है
पूर्व प्रधान मंत्री स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह की राजनितिक और पारिवारिक गद्दी के वारिस और रालोद के अध्यक्ष सिविल एविएशन मंत्री चौधरी अजित सिंह के पुत्र जयंत सिंह ने सी एम् को एक पत्र लिखा है जिसमे बुन्देलखंड और ताज ट्रिपेजियम ज़ोन में प्रयोग किये जा रहे सामान्य और निजी नलकूप के लिए सामान बिल को वसूले जाने की मांग की गई है|
गौरतलब हे की पूर्व में[2004] अबाध बिजली दिए जाने के आश्वासन पर दरें बढाई गई थीं मगर ऐसा नहीं हुआ इसीलिए समय समय पर रोल बेक की मांग उठती रहती है\

ग्रिड फेल्यौर की जांच रिपोर्ट आई नहीं और आरोपी तय हो गए

पावर ग्रिड फेल्यौर की जांच के लिए ऐ बक्शी की अध्यक्षता में गठित कमिटी की रिपोर्ट १५ दिन बाद आयेगी मगर इसके दोषी अभी से घोषित कर दिए गए हैं ना केवल घोषित वरन एक को तो दण्डित भी कर दिया गया है|
नार्दन ग्रिड कल ६ घंटे तक ६०% और शेष शाम तक ठीक हो पाई\बिजली मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने ३ सदस्यीय जांच कमिटी बिठा दी है इसकी रिपोर्ट १५ दिन में दी जानी है मगर जांच कमिटी के गठन से पहले ही मंत्री महोदय ने तीन राज्यों को अधिक बिजली लेने के लिए दोषी ठहरा दिया |बाद में बताया गया कि उत्तर प्रदेश द्वारा कोटे से ज्यादा बिजली ड्रा की गई जिसके फलस्वरूप ग्रिड ट्रिप हो गई यूं पी के अलावा पंजाब हरियाणा और राजस्थान को भी दोषी बताया गया है|
उत्तर प्रदेश ने तत्काल इन आरोपों को नकार दिया और सारा दोष केंद्र सरकार द्वारा संचालित ग्रिड प्रभारी पर डाल दिया लेकिन इसके साथ ही दबाब पड़ने पर अपने वरिष्ठ अधिकारी अवनीश अवस्थी को तत्काल पद मुक्त कर दिया और प्रतीक्षा सूची में डाल कर दण्डित भी कर दिया गया है|
बताते चलें कि सोमवार लगभग २.३५ बजे आगरा के समीप नार्दन पावर ग्रिड के ट्रिप हो जाने से ९ राज्यों में बिजली गुल हो गई |जन जीवन अस्तव्यस्त हो गया अन्ना हजारे टीम ने इसके लिए केंद्र सरकार कि साजिश बताया\यूं पी सरकार ने भी इस फेल्यौर के लिए केंद्र पर ही ठीकरा फोड़ा |केंद्र सरकार ने अल्पावधि में दोष दूर करने का क्रेडिट लिया और एन डी ऐ सरकार कि आलोचना शुरू कर दी| हर रुकावट या एक्सीडेंट के पीछे कोई न कोई विदेशी हाथ या सेबोटाज की संभावनाएं तलाशने में माहिर सरकारें इस दशक के सबसे बड़े और पहले पावर फेल्यौर के लिए आरोप प्रत्यारोपों के गेम में ही क्यूं मशगूल है |