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Category: Religion

1984 के सिख विरोधी दंगों के आरोपी सज्जन कुमार के केस को बढाने के लिए सी बी आई को आगे आ कर फास्ट ट्रेक कार्यवाही करानी होगी :आप पार्टी

आम आदमी पार्टी [आप] ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को बरी किये जाने को लेकर केंद्र सरकार और सी बी आई को कटघरे में खडा करते हुए व्यवस्था को असहनीय बताया है| आप के नेता मनीष शिशोदिया ने सज्जन कुमार को बरी किये जाने को देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि अब सी बी आई द्वारा स्वयम इस केस को ऊपर की अदालत में ले जाकर फास्ट ट्रेक कार्यवाही के लिए उत्सुकता दिखाई जानी चाहिए| मनीष शिशोदिया ने व्यवस्था पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इस केस की सम्बंधित गोपनीय फाईलें गायब होने के लिए उत्तरदाई आधिकारी राजीव रंजन को पी एम् की सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण दाईत्व दे दिया गया है|उन्होंने इस मामले में जिम्मेदारी तय करके दोषियों को यथा शीघ्र दण्डित किये जाने की मांग की है| श्री शिशोदिया ने बताया कि इस केस के निर्णय आने के तत्काल पश्चात उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाक़ात करके उन्हें ढाढस बंधाने का प्रयास किया|उन्होंने बताया कि पीड़ित परिवारों की पीड़ा को सुन कर अच्छे अच्छे पत्थर दिल भी पिघल जायेंगे |उन्होंने वर्तमान परिपेक्ष्य के हवाले से देश में अराजकता के महौल की आशंका व्यक्त करते हुए कहा कि न्याय दिलाने के लिए सी बी आई को अब स्वयम केस को उच्च नयायालय में ले जाकर फ़ास्ट ट्रेक कार्यवाही कराई जानी चाहिए|उन्होंने मामले की कार्यवाही आगे बढ़ाने के लिए एस आई टी [SIT]के गठन की अपनी पुरानी मांग को भी दोहराया |
गौरतलब है कि दिल्ली की कड कड डूमा में जिला एवं सत्र न्यायाधीश जे आर आर्यन की अदालत के फैसले पर जहां पीड़ित फरियादियों ने छातियाँ पीट कर अफ़सोस मनाया वहीं उनके वकीलों ने उच्च न्यायलय की शरण में जाने की बात कही है| फैसले के वक्‍त कोर्ट रूम में झड़प भी हुई +गुस्‍साई भीड़ ने कांग्रेसी नेता सज्‍जन कुमार और न्यायाधीश कि तरफ जूता भी फेंका.|पुलिस ने जूता फेंकने वाले व्‍यक्ति को हिरासत में ले लिया है|. फैसला आने के बाद लोगों ने कोर्ट के बाहर हंगामा भी किया | समर्थको का मानना है कि यह फैसला उनके हक में नहीं हुआ+ सो न्याय की लड़ाई जारी रहेगी|
इस मामले में अन्य पांच आरोपियों में से तीन पर हत्या की बात साबित हुई है। इसके अलावा दो अन्य पर दंगा का मामला साबित हुआ है।पूर्व पाषर्द बलवान खोकर+ पूर्व विधायक महेन्द्र यादव+ किशन खोकर+ गिरधारी लाल एवं कैप्टन भागमल को दोषी ठहराया है+दो आरोपियों की मृत्यु हो चुकी है|

श्री रामशरणम् आश्रम, गुरुकुल डोरली, का वार्षिकोत्सव धूम धाम से मनाया गया

श्री रामशरणम् आश्रम, गुरुकुल डोरली, का वार्षिकोत्सव धूम धाम से मनाया गया

श्री रामशरणम् आश्रम, गुरुकुल डोरली, का वार्षिकोत्सव धूम धाम से मनाया गया

श्री रामशरणम् आश्रम, गुरुकुल डोरली, मेरठ का वार्षिक उत्सव धूम धाम से मनाया गया| इस शुभ अवसर पर एक मई के सायंकालीन सत्संग में पूज्य श्री भगत नीरज मणि ऋषि जी ने प्रेरणा दाई प्रवचनों की वर्षा की और श्रधालुओं को परमानन्द परमात्मा का आश्रय लेने के लिए प्रेरित किया||पूज्य भगत जी ने कहा कि -हम अपने जीवन में उनका आश्रय लेते हैं जो स्वयं किसी दूसरे पर आश्रित हैं । हम उस परिपूर्ण , नहीं लेते , प्रभु का सहारा भी संतों की कृपा से ही मिलता है । हम संतों की शरण में जाते हैं और ग्रंथों का स्वाध्याय भी करते है परन्तु संतों के वचनों को सुनकर हम उन वचनों को अपने जीवन में नहीं उतारते । हम संतों को तो मानते हैं परन्तु संतों के वचनों का अनुकरण , अनुशरण नहीं करते । प्रभु समय-समय पर महापुरुषों को अपनी आलौकिक शक्तियां देकर धरा धाम पर भेजते हैं । संत धरा धाम पर आकर मनुष्यों के पाप-ताप से तपे हुए मन और तन को सत्संग के जल से शीतल करते हैं । संत हमारे परम हितैषी है ।
जब हमारे जीवन में कोई पुण्य कर्म जागते हैं तो प्रभु की कृपा से हमारे जीवन में संत आते हैं और संत हमें नाम , शबद से सुसज्जित करते हैं और हम नाम , सहज योग की सीढ़ी पर चढ़कर प्रभु दर्शन , प्रभु प्राप्ति के मार्ग पर अग्रसर होते हैं ।

१९८४ के दंगों के आरोप से सज्जन कुमार बरी हुए:फरियादियों ने छातियाँ पीटी:भाजपा ने एस आई टी की मांग की

1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को बरी किये जाने के दिल्ली की कड कड डूमा में जिला एवं सत्र न्यायाधीश जे आर आर्यन की अदालत के फैसले पर जहां पीड़ित फरियादियों ने छातियाँ पीट कर अफ़सोस मनाया वहीं उनके वकीलों ने उच्च न्यायलय की शरण में जाने की बात कही है| फैसले के वक्‍त कोर्ट रूम में झड़प भी हुई +गुस्‍साई भीड़ ने कांग्रेसी नेता सज्‍जन कुमार पर जूता भी फेंका.|पुलिस ने जूता फेंकने वाले व्‍यक्ति को हिरासत में ले लिया है|. फैसला आने के बाद लोगों ने कोर्ट के बाहर हंगामा भी किया | समर्थको का मानना है कि यह फैसला उनके हक में नहीं हुआ+ सो न्याय की लड़ाई जारी रहेगी| प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने भाजपा ने इस मामले में भी गुजरात दंगों की तरह उच्चतम न्यायालय की निगरानी वाले विशेष जांच दल यानी एसआईटी का गठन किये जाने की मांग की है| भाजपा की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज ने संवाददाताओं से कहा कि अभी निचली अदालत का फैसला आया है और मामला किसी उच्च अदालत में जा सकता है इसलिए इंसाफ की उम्मीद बची है।उन्होंने कहा कि जिस तरह गुजरात दंगों में शीर्ष अदालत की निगरानी वाली एसआईटी का गठन किया गया, उसी तरह 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में भी उच्चतम न्यायालय की निगरानी वाली एसआईटी का गठन किया जाना चाहिए।
कानपुर में सज्जन कुमार का सिखों ने संतनगर चौराहे पर पुतला भी फूंका।सज्जन कुमार के बरी होने की सूचना आते ही संतनगर चौराहे पर अकाली जत्था ने केंद्र सरकार और सज्जन कुमार विरोधी प्रदर्शन किया। जत्था के प्रधान सरदार हरचरन सिंह, बलबीर सिंह भाटिया, थे।
सज्जन कुमार पर दिल्ली कैंट में पांच लोगों की हत्या का आरोप था।
इस मामले में अन्य पांच आरोपियों में से तीन पर हत्या की बात साबित हुई है। इसके अलावा दो अन्य पर दंगा का मामला साबित हुआ है।पूर्व पाषर्द बलवान खोकर+ पूर्व विधायक महेन्द्र यादव+ किशन खोकर+ गिरधारी लाल एवं कैप्टन भागमल को दोषी ठहराया है+दो आरोपियों की मृत्यु हो चुकी है|

केस हिस्टरी

आपरेशन ब्ल्यू स्टार से क्षुब्ध दो सिख सुरक्षा कर्मियों ने तत्कालीन प्रधान मंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी की ह्त्या कर दी थी जिसके फलस्वरूप देश भर में सिख विरोधी दंगे फैले थे| दिल्ली कैंट पालम के राजनगर में १ नवम्बर १९८४ को केहर सिंह+ गुरप्रीत सिंह+रघुविंदर सिंह+ नरेंद्र पाल सिंह + कुलदीप सिंह की न्रिशंश हत्या कर दी गई थी|केहर सिंह की पत्नी जगदीश कौर + गुरप्रीत सिंह की माता ने अदालत का रुख किया था|
सीबीआई ने 2005 में जगदीश कौर की शिकायत और न्यायमूर्ति जीटी नानावटी आयोग की सिफारिश पर दिल्ली कैंट मामले में सज्जन कुमार+ कैप्टन भागमल+ पूर्व विधायक महेंद्र यादव+ गिरधारी लाल+कृष्ण खोखर + पूर्व पार्षद बलवंत खोखर के खिलाफ मामला दर्ज किया था|
इसके बाद सीबीआई ने सभी आरोपियों के खिलाफ 13 जनवरी 2010 को अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया था. इनमें से सज्जन कुमार को कोर्ट ने बरी किया जबकि बाकी पांचों लोगों को दोषी करार दिया गया है|

प्रभु राम का रूप है – परम कृपा -(Supreme Grace) किन्तु उनका आतंरिक स्वभाव सुख देने वाला मंगल कारी है

सुखदा है शुभा कृपा, शक्ति शांति स्वरूप ।
है ज्ञान आनंदमयी, राम – कृपा अनूप ।
भावार्थ :प्रभु राम का रूप है – परम कृपा -(Supreme Grace) किन्तु उनका स्वरूप (आतंरिक स्वभाव) है – सुख देने वाला , मंगल करनेवाला, हर्ष, हित,
अच्छाई , सौभाग्य प्रदान करने वाला । उनकी कृपा अतुल्य है , वह ज्ञान एवं आनंद का भंडार है , शक्ति-सामर्थ्य , शांति-आनंद का अक्षय स्रोत है । राम कृपा सुख देने वाली है, सब का मंगल करने वाली है , शक्ति व शांति उसके निज रूप हैं , वह आनंद और ज्ञान से परिपूर्ण है अतः अनुपम है ।
रूप-स्वरूप : आभूषण का रूप है – हार, कंगन,कुंडल आदि परन्तु उसका स्वरूप है स्वर्ण । मिश्री चपटी है , दानेदार है – यह मिश्री का दिखाई देने वाला रूप है , परन्तु मिश्री का स्वरूप है- उसकी मिठास । हर प्रकार की मिश्री मीठी होती है ।
स्वामी सत्यानन्द जी महाराज द्वारा रचित अमृतवाणी का एक अंश,
प्रेषक: श्री राम शरणम् आश्रम, गुरुकुल डोरली, मेरठ,
प्रस्तुति राकेश खुराना

मेथोडिस्ट चर्च की भूमि पर भू माफिया का कहर

[मेरठ]मेथोडिस्ट चर्च के सदस्यों ने अपने लिए आवंटित भूमि को कब्जाए जाने के षड्यंत्र का आरोप लगाते हुए अपनी जान माल की सुरक्षा के लिए आई जी से गुहार लगाई है|
सदस्यों ने आई जी पोलिस को लिखे एक पत्र में यह आरोप लगाते हुए बताया है कि ९६० सिविल लाइन्स मिशन कम्पाउंड में मेथोडिस्ट चर्च के तत्कालीन अधिकारियों ने १९९४ में भूमि आवंटित की थी जिसके लिए एक मुश्त राशि का भुगतान भी किया गया था|अब १९ साल बाद इस भूमि को खाली कराने के लिए जबरदस्ती की जा रही है| भूमि खाली नहीं किये जाने पर भू माफिया द्वारा काबिज ईसाईयों को जान से मारने की धमकी दी जा रही है|

हे प्रभु! मुझे ऐसी विधि दे दो जिससे मैं क्षण मात्र भी आप को भुला न सकूँ:गुरु नानक

काम क्रोध लोभ झूठ निंदा इन ते आपि छडावहु।
इह भीतर ते इन कउ डारहु आपन निकटि बुलावहु ।
अपुनी बिधि आपि जनावहु हरि जन मंगल गावहु ।
बिसरू नाही कबहू हीए ते इह बिधि मन महि पावहु ।
गुरु पूरा भेटिओ वडभागी जन नानक कतहि न धावहु ।

भाव -काम क्रोध लोभ झूठ और निंदा से आप ही छुड़ा सकते हैं । ये सब मुझ से बाहर कर दो और मुझे अपने पास बुला लो । किस तरह आप यह करते हैं यह केवल आप ही जानते हैं । हे प्रभु! मुझे ऐसी विधि दे दो जिससे मैं क्षण मात्र भी आप को भुला न सकूँ । गुरु नानक कहते हैं कि बड़े भारी भागों से वह पूरे सद्गुरु से मिले और उनके मन की भटकन हमेशा के लिए ख़त्म हो गई है।
वाणी: श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी ,
प्रस्तुती राकेश खुराना

इन्द्रियां पाप कर्म से दूर होकर शुभ कर्मों में प्रवृत्त होकर कीर्ति वाली हों ; गीतोपदेश

राग द्वेष विमुक्तेस्तु विषयानिन्द्रियैश्चरन।
आत्मवश्यैर्विधेयात्मा प्रसादमधिगच्छति।
भाव: भगवान श्री कृष्ण श्रीमद्भगवत गीता में अर्जुन को इन्द्रियों के विषय सुख का वर्णन करते हुए कहते हैं – पांच ज्ञानेन्द्रियों के रूप,रस,गंध,शब्द और स्पर्श ये पांच विषय हैं जिनके सेवन से सुख की अनुभूति होती है । सुख से अनुराग हो उठता है , अनुराग से आसक्ति और जिससे विवेक खो जाता है क्योंकि मनचाही नहीं हो पाती तो वह अविवेकी होकर पापकर्म को प्रदत्त होता है । अतः निरंतर सुख की कामना रखने वाले को विषयों के प्रति संयम और इन्द्रियों का निग्रह करना आवश्यक है । इसलिए साधक को अंतर्यामी परमात्मा से प्रार्थना करनी चाहिए कि मेरी इन्द्रियां पाप कर्म से दूर होकर शुभ कर्मों में प्रवृत्त होकर कीर्ति वाली हों ।
श्री कृष्ण का गीतोपदेश ,
प्रस्तुती राकेश खुराना

आज़म खान से अमेरिका में पूछ ताछ को समाज वादी पार्टी ने कंडैम किया

उत्तर प्रदेश के काबिना मंत्री आज़म खान के साथ अमेरिका के बोस्टन [लोगान]एयर पोर्ट पर हुई बदसुलूकी की समाजवादी पार्टी ने भर्त्सना की है|पार्टी प्रवक्ता गौरव भाटिया के अनुसार मुख्य मंत्री अखिलेश यादव और आज़म खान ने अमेरिका में दिए जाने वाले व्याख्यान को कैंसिल कर दिया है |भारत में इनकी वापिसी पर ही पार्टी लाईन जारी होगी| समाज वादी नेता आज़म खान के साथ अमेरिका के लोगान[बोस्टन]एयर पोर्ट पर पूछताछ से नाराज़ होकर अखिलेश यादव और आज़म खान द्वारा कुम्भ मेले के प्रबंधन पर दिए जाने वाले व्याख्यान और अमेरिका में ज्यादा रहने की यौजना रद्द कर दीगई है|
गौरतलब है कि आज़म खान अमेरिका के हार्वर्ड विश्वविद्यालय में महा कुम्भ स्नान संबंधित एक प्रेजेंटेशन देने गए थे लेकिन बुधवार को बोस्टन एयरपोर्ट पर अधिकारियों ने बदसलूकी की और उन्हें रोक लिया। पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। उनके साथ यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी थे।
पार्टी ने इसे कंडैम करते हुए कहा है कि आज़म खान के पास डिप्लोमेटिक पासपोर्ट होने के बावजूद भी केवल मुस्लिम होने के फलस्वरूप उनके साथ ऐसा व्यवहार किया गया है। गौरतलब है कि अमेरिका के इसी बोस्टन में हाल ही में धमाके हुए हैं और जिसमे तीन लोग मारे गए और लगभग २०० घायल हुए हैं| इसीकारण वहां सुरक्षा बढ़ा दी गई है।उत्तर प्रदेश में इसके विरोध में अमेरिकाके पुतले फूंके जाने लगे हैं जबकि श्री भाटिया के अनुसार इस विषय में अभी तक कोई पार्टी लाईन जारी नही की गई है|जिन लोगों को लगता है कि उनके नेता के साथ दुर्व्यवहार हुआ है वोह लोग अपने आक्रोश को इस तरह व्यक्त कर रहे हैं|मालूम हो कि मेरठ में अमेरिका का पुतला फूंका गया है|

परमात्मा घट-घट के अंतर की जानने वाला है और भले, बुरे सबकी पीड़ा को पहचानता है

गुरु गोविन्द सिंह जी फरमाते हैं –
घट-घट के अंतर की जानत। भले बुरे की पीर पछानत।
अर्थात वह परमात्मा घट-घट के अंतर की जानने वाला है और भले, बुरे सबकी पीड़ा को पहचानता है। परमात्मा में पूर्ण विश्वास का होना प्रार्थना की सफलता का मूल कारण है। हम अपने आसपास के लोगों को तथा अपने को तो धोखा दे सकते हैं लेकिन हम अपने अंतर की ताकत – परमात्मा को धोखा नहीं दे सकते। कई बार प्रार्थनाओं को करते वक्त हम अपने मन, वचन और कर्म में एकरूप नहीं होते। हम अपनी चतुराइयों, कुशलता तथा योजनाओं पर ही अधिक निर्भर करते हैं। हमारी प्रार्थनाएं आत्मा की गहराइयों से नहीं निकलती। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि इस प्रकार से उच्चरित और दिखावटी प्रार्थनाएं व्यर्थ हो जाती हैं, उनकी सुनवाई नहीं होती। हमें इस बात का अनुभव होना चाहिए कि प्रभु हमारे अन्तरीय विचारों और मन के क्रिया-कलापों को अच्छी तरह जानता है। हमें उसकी उदारता पर पक्का भरोसा होना चाहिए।
गुरु गोविन्द सिंह जी फरमाते हैं –
घट-घट के अंतर की जानत। भले बुरे की पीर पछानत।
अर्थात वह परमात्मा घट-घट के अंतर की जानने वाला है और भले, बुरे सबकी पीड़ा को पहचानता है।
गुरु गोबिंद सिंह,जी की वाणी ,
प्रस्तुती राकेश खुराना

गुरुभक्त के सामने तो काल भी सिर झुकाता है

लगा रहे सतज्ञान सों, सबही बंधन तोड़ ।
कहैं कबीर व दास सौं, काल रहै हथजोड़ ।
भावार्थ: कबीर साहिब शिष्य की महिमा बताते हुए कहते हैं, जिसने विषयों से अपने मन को हटा लिया है, जो सांसारिक बंधनों से रहित है और सत्य-स्वरूप में जिसकी दृढ़ निष्ठा है, ऐसे गुरुभक्त के सामने तो काल भी सिर झुकाए खड़ा रहता है। अर्थात- मन की लम्बी दौड़ और काम-वासना ही मनुष्य का काल है। एक सच्चे गुरु-भक्त के सामने कामवासनाएं या कल्पनाएँ ठहरती ही नहीं हैं ।
वाणी: कबीर दास जी,
प्रस्तुति राकेश खुराना