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Category: Religion

अल्बर्किकी के हिन्दू टेम्पल में श्रधा भाव से एकादशी की पूजा की गई

अल्बर्किकी के हिन्दू टेम्पल में श्रधा भाव से एकादशी की पूजा की गई

अल्बर्किकी के हिन्दू टेम्पल में श्रधा भाव से एकादशी की पूजा की गई

अल्बर्किकी के हिन्दू टेम्पल में श्रधा भाव से सोमवार को एकादशी की पूजा की गई|हिन्दू टेम्पल सोसाइटी आफ न्यू मेक्सिको में गुजराती समाज द्वारा एकादशी की श्रधा भाव से पूजा की गई | इस अवसर पर राधा कृषण का नयनाभिराम श्रंगार किया गया |श्र्धालू जनों ने एक बाद एक सुन्दर मन मोहक भजन सुना कर सभी को भाव विभोर कर दिया|अंत में आरती हुई और ड्राई फ्रूट का प्रशाद वितरित किया गया |
टेम्पल बोर्ड २०१३ में अध्यक्ष कृषण वाही +सचिव अमित पटेल और कोषाध्यक्ष साची मोदी है|कृषण जैसवाल ]पूर्व अध्यक्ष]+दोलेशावर भंडारी+जयेश पटेल+समीर रॉय+राजन पिल्लई+बाला कुलकर्णी+वाई शर्मा+पद्मा शुक्ला हैं|२८ अप्रैल के रविवार को रंगों का उत्सव होली सेलेब्रेट किया जाएगा|

गले लगा लो हर इन्सान को कि अपना है :संत दर्शन सिंह जी महाराज

आत्मिक प्रेम और पवित्रता पाने के लिए हमें संतों की शिक्षा धारण करनी चाहिए । यह विवेक हमें सही दिशा में ले जायेगा । हमारी सुरत एकाग्र हो जाने से हमें सांसारिक कार्यों में भी मदद मिलेगी । यह कोई महज बौद्धिक ज्ञान नहीं है । यदि हम विवेक को अमल में लायें और प्रभु का प्रेम पाने की कोशिश करें तो हमें शीघ्र ही इसके लाभ मिलने लगेंगे । जितनी जल्दी हम इस दिव्यप्रेम का आस्वादन करेंगे, हमें उतनी जल्दी ख़ुशी मिलेगी । रोज़ भजन-अभ्यास और प्रभु प्रेम की मतवाली आत्मा का सत्संग सुनेंगे, तब हमें आत्मिक उभार मिलेगा और दिव्य मंडलों की यात्रा करते हुए प्रेम में अथवा प्रेम स्वरूप परमात्मा में लीन हो जायेंगे । हम सब इस ध्येय की प्राप्ति शीघ्र करें ताकि हमारी आत्मा प्रभु प्यार के सागर में सदा के लिए लीन हो जाये । जब हम प्रभु प्रेम से एकमेक हो जाते हैं तो जिन्हें वह प्यार करता है, उन्हें हम भी प्यार करने लगते हैं । हर वस्तु जिससे उसे प्यार है, हमें भी प्यार होगा । हम समस्त सृष्टि के प्रति प्यार रखेंगे । हम सबको आत्मवत प्यार करेंगे, सब में प्रभु की ज्योति के दर्शन करेंगे ।
संत दर्शन जी महाराज ने अपना निजी अनुभव इस प्रकार व्यक्त किया है:-
गले लगा लो हर इन्सान को कि अपना है ।
चलो तो राह गुज़ारों में बांटते हुए प्यार ।।

अल्बर्किकी सिख गुरुद्वारा में बोस्टन बम्ब धमाकों के पीड़ितों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की गई

अल्बर्किकी सिख गुरुद्वारा में बोस्टन बम्ब धमाकों के पीड़ितों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की गई

अल्बर्किकी सिख गुरुद्वारा में बोस्टन बम्ब धमाकों के पीड़ितों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की गई

अमेरिका के न्यू मेक्सिको राज्य के अल्बर्किकी शहर में स्थित सिख गुरुद्वारा में बोस्टन बम्ब धमाकों के पीड़ितों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की गई और विश्व में शान्ति+भाई चारे की स्थापना के लिए अरदास भी की गई| गुरुद्वारा में रविवासरीय सत्संग के अंत में सरबत का भला चाहने वाले गुरुओं की बाणी का अनुसरण करते हुए बोस्टन बम्ब धमाकों में मारे गए निर्दोषों की आत्मा की शान्ति और घायलों की सलामती के लिए अरदास की गई|बम्ब धमाकों के पीड़ितों के साथ सिख समाज ने स्वयम को सम्बद्ध भी किया
इस अवसर पर गुरुवाणी के अमृत की वर्षा करके संगत को निहाल किया गया और एक चित्र प्रदर्शनी लगाई गई जिसमे सिख इतिहास में महिलाओं के यौगदान का सराहनीय प्रदर्शन किया गया|| अंत में लंगर भी छकाया गया|गुरुद्वारा बोर्ड के अध्यक्ष देविंदर सिंह पाहवा +सचिव ऐ एस भुल्लर और कोषाध्यक्ष हरमिंदर सिंह सिआन हैं|इनके अलावा संयोजक सतनाम कौर के अलावा हरजीत सिंह अहलुवालिया +अमन दीप सिंह चड्डा+निर्भय सिंह ग्रेवाल+कुलवंत कौर+गुरलाल सिंह और तारा सिंह हैं|
९/११ के पश्चात बीते सप्ताह हुए इस सीरियल बलास्ट में अमेरिका के बोस्टन में आयोजित एतिहासिक मैराथन रेस में लगातार दो बम्ब धमाके हुए थे जिसमे ८ साल की एक बच्ची +२९ साल की एक महिला समेत तीन लोग मारे गए और लगभग १७० लोग घायल हुए थे| २ दोषियों को तलाश कर लिया गया और उनमे से एक शूट आउट में मारा गया जबकि दूसरा घायल बताया जा रहा है|

स्वयम को संयमित करके ही दूसरे को संयम बरतने का उपदेश देना चाहिए

पूर्वजों के उपदेशों के अनुसार व्यक्ति को पहले स्वयम को संयमित करके दूसरे को संयम बरतने का उपदेश देना चाहिए|स्वामी रामकृष्ण परमहंस ने भी पहले अपने आप पर कंट्रोल करके दूसरों को उपदेश दिए थे | इसके समर्थन में एक उदहारण प्रस्तुत है:
स्वामी जी के पास एक माता अपने बीमार बच्चे को लेकर गई । बच्चा शक्कर बहुत ज्यादा खाता था , इसलिए बीमार रहता था । हालाँकि वैद्य ने भी चेतावनी दी थी कि बच्चे का शक्कर खाना बंद किया जाए, लेकिन बच्चा मानता नहीं था । इसीलिए उसने परमहंस से निवेदन किया , “आप आशीर्वाद दें कि मेरा बेटा शक्कर खाना बंद कर दे ।” रामकृष्ण ने बच्चे को एक सप्ताह बाद लाने को कहा । एक सप्ताह बाद पुनः जब माता बच्चे को लेकर आई तो उन्होंने फिर एक सप्ताह बाद लाने को कहा । इसी तरह तीसरी बार भी वैसा ही कहा । इस बार जब माता बच्चे को लेकर आई तो रामकृष्ण परमहंस ने बच्चे को बड़े प्यार से अपने पास बिठाया और उसके सिर पर हाथ फेरते हुए कहा , “बेटा, मीठा न खाया करो। “माता यह सुनकर हैरान हुई और कहने लगी , “यदि आपने यही बात कहनी थी तो पहले दिन ही कह देते ।” परमहंस ने बड़ी ही नम्रता से कहा, “जब आप पहले दिन बच्चे को लेकर आई थीं , मेरे सामने गुड़ की डली रखी थी । परन्तु अब एक महीने बाद मैंने अपने आप पर संयम कर लिया है , इसीलिए मेरा कहना इस बच्चे पर पूरा असर करेगा ।” और हुआ भी वही, बच्चे ने मीठा खाना छोड़ दिया और वह ठीक हो गया उपरोक्त उदहारण एक महान आदर्श की याद दिलाता है कि “जो हमारे मन में हो, वही हमारे वचन में हो और वही हमारे कर्म में हो।” आध्यात्म के मार्ग पर सत का धारण करना परम आवश्यक है । आज के नेताओं के लिए इस मार्ग का पालन करना जरुरी है

अमेरिकन न्यू मेक्सिको के अल्बर्किकी में सुन्दर काण्ड

अमेरिकन न्यू मेक्सिको के अल्बर्किकी में सुन्दर काण्ड

अमेरिकन न्यू मेक्सिको के अल्बर्किकी में सुन्दर काण्ड

[अमेरिका]अमेरिका में रोज़गार की तलाश में आये भारतीय प्रतिभावान युवाओं को अपने वतन से दूरी के अहसास को कम कराने के लिए भारतीय धर्म और संस्कृति से जुड़े कार्यक्रम भी किये जाते है| ऐसे ही एक कार्यक्रम में मुझे भी जाने का अवसर मिला|अमेरिका की राज्य न्यू मेक्सिको के शहर अल्बर्किकी में एक कालोनी में कुछ लोगों ने सुन्दर कांड का पाठ किया|इस छोटे से आयोजन में पूरे भारत की विशाल छवि के दर्शन भी हुए| पंजाबी+गुजराती+तमिल+हैदराबादी+हरियाणवी आदि छेत्रो से आये तकनीकी विशेषज्ञों ने सपरिवार श्रद्धाभाव से भाग लिया |सुन्दर कांड के पश्चात् प्रशाद और लंगर का भी प्रबंध था|प्रशाद में भारतीय परम्परानुसार हलवा पूरी के बजाय यहाँ के चलन के अनुसार पोटेटो चिप्स+समोसे+केले और स्ट्राबरी वितरित किये गए जबकि लंगर में छोले भठूरे +इडली +आईस क्रीम आदि थे| पंजाब के होशियार पुर से दिल्ली में आ बसे शर्मा परिवार ने यह आयोजन किया था|इनकी बेटी का विवाह चैन्नई के समीप स्लेम निवासी शिक्षाविद के साथ हुआ है| यहाँ एक मंदिर और गुरुद्वारा भी है लेकिन प्रशिक्षित पुजारी के अभाव में कभी कभार ही खुलता है और गुरुद्वारे में रविवार को ही सगत आती है|इसीलिए अधिकांशत ऐसे आयोजन घरों में ही सफलता पूर्वक कर लिए जाते हैं|हां एक बात और माथा टेकते समय या आरती लेते समय चडावे के लिए अमेरिकन डालर ही चलता है| भारत में तो अधिकांशत चवन्नी+अठन्नी या ज्यादा से जयादा एक रूपया चडाया जाता है लेकिन यहाँ के एक अमेरिकन डालर आज की तारीख में भारतीय ५८.१५ रुपयों का है|

अमेरिका में भारतीय कन्या दिवस :नवरात्र पूजन के लिए कन्यायों का महत्व :

अमेरिका में नवरात्र पूजन के लिए कन्यायों का महत्व

अमेरिका में नवरात्र पूजन के लिए कन्यायों का महत्व

अमेरिका में आज भारतीय घरों में कन्या दिवस का आयोजन हुआ जिसे देख कर बेहद प्रसन्नता हुई|बेशक अन्तराष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं के हित में महिला दिवस मनाया जाता है लेकिन भारतीय संस्कृति में ही कन्यायों तक की पूजा की जाती है| इसी संस्कृति का प्रत्येक वर्ष श्रद्धाभाव से पालन किया जाता है|यह भारतीयों की डी एन ऐ में रचा बसा है|इसीलिए भारत से दूर रह कर भी कन्या पूजन का चलन आज भी जीवित है| अमेरिका में यदपि कन्यायों को एकत्रित करना +उन्हें इस पूजन में शामल करना+यहाँ तक की प्रसाद का भोग लगवाना भी आसान नहीं है इसीलिए श्र्धालू जन सबकी सुविधाओं के अनुसार अपने इस उद्देश्य को प्राप्त कर ही लेते हैं| इस बीच अनेकों परिपाटियो का पालन त्यागना पड़ता है|ऐसे ही एक आयोजन में मुझे आज अमेरिका के न्यू मेक्सिको राज्य के अल्ब्क्रुकी में देखने का सौभाग्य मिला| चैत्र शुक्ल नवरात्र विक्रमी संवत २०७० में भीयहाँ श्रधालुओं ने व्रत धारण करके पूजन किया || और अष्ठमी पूजी |प्रस्तुत हैं कन्या पूजन के कुछ अंश

बाबा भीम राव आंबेडकर की १२२ वी जयंती पर आज कृतघ्न राष्ट्र ने उनका भाव पूर्ण स्मरण किया

भारतीय संविधान निर्माता[ बाबा] भीम राव आंबेडकर की १२२वॆ जयंती पर आज कृतघ्न राष्ट्र ने उनका भाव पूर्ण स्मरण किया |इस अवसर पर शोभा यात्राएं निकाली गई|इनकी मूर्तियों का माल्यापर्ण किया गया और गोष्ठियां आयोजित की गई|मेरठ में भी एन ऐ एस कालेज+ चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी +में अनेकों कार्यक्रम हुए |तेज गढ़ी चौराहे से शोभा यात्रा निकाली गई जिसमे बाबा के जीवन सम्बन्धी अनेकों आकर्षक झांकिया शामिल की गई|प्रस्तुत हैं कुछ झलकियाँ

अमेरिकन किड्स प्ले स्कूल में आज नन्हे मुन्नों ने बैसाखी की खुशियाँ लूटी

अमेरिकन किड्स प्ले स्कूल में आज नन्हे मुन्नों ने बैसाखी की खुशियाँ लूटी|

अमेरिकन किड्स प्ले स्कूल में आज नन्हे मुन्नों ने बैसाखी की खुशियाँ लूटी|

अमेरिकन किड्स प्ले स्कूल में आज नन्हे मुन्नों ने बैसाखी की खुशियाँ लूटी| शास्त्रीनगर और साकेत स्थित शाखाओं में सभी बच्चे आज रंग बिरंगे पहनावे बैसाखी के रंग में रंगे थे|निदेशक मोहिनी लांबा ने बच्चो को पर्व का महत्त्व बताया|बैसाखी चूंकि अन्न के उत्पादन से जुडी है इसीलिए अन्न की बर्बादी नहीं करने के प्रेरणा दी गई| बच्चो को गेहूं की पकी हुई बालियाँ भी दिखाई गई|इस अवसर पर बच्चो ने पंजाबी लोक गीतों पर आकर्षक भांगड़ा और गिद्दा भी किया |[अजा गिद्दा पा लैय्ये ] शास्त्रीनगर में प्रधानाचार्या श्री मति निरुपमा शर्मा और साकेत में श्रीमती नीना मित्थल ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग दिया|

आर एस एस ने अनुशासनबद्ध पथसंचालन करके शहर को नव वर्ष की बधाई दी

आर एस एस ने अनुशासनबद्ध पथसंचालन करके शहर को नव वर्ष की बधाई दी

आर एस एस ने अनुशासनबद्ध पथसंचालन करके शहर को नव वर्ष की बधाई दी

राष्ट्रीय सवयम सेवक संघ [आर एस एस ]के सवयम सेवकों ने गणवेश[खाकी निकर+सफ़ेद शर्ट] धारण करके आज सुबह पथ संचालन किया और नव वर्ष की बधाईयाँ लुटाई | पथ सञ्चालन के दौरान अपने अनुशासन से आकर्षण का केंद्र बने रहे|आज प्रात कनोहर लाल गर्ल्स इंटर कॉलेज में सवयम सेवक बड़ी संख्या में इकट्टा हुए|वहां से पथ संचालन के लिए कतार बद्ध होकर शहर के विभिन्न छेत्रों से निकले| अनेकों छेत्रों में उनका स्वागत भी किया गया |

चैत्र शुक्ल नवरात्र की आज से विधिवत शुरुआत:व्रत ,पूजन के साथ यज्ञ भी हुए

चैत्र शुक्ल नवरात्र की आज से विधिवत शुरुआत:व्रत ,पूजन के साथ यज्ञ भी हुए

चैत्र शुक्ल नवरात्र की आज से विधिवत शुरुआत

चैत्र शुक्ल नवरात्र की आज से विधिवत शुरुआत

आज से चैत्र शुक्ल नवरात्र और नव संवत्सर का शुभारम्भ हो गया है|विक्रमी संवत २०७० देश भर में श्रधालुओं द्वारा माँ दुर्गे के स्वरूपों का पूजन भी प्रारम्भ कर दिया गया है|माँ के पहले स्वरुप शैलपुत्री का श्रद्धाभाव से पूजन करके व्रत रखा गया |माँ के ९ स्वरूपों की मान्यता है|शैल पुत्री+ब्रह्मचारिणी +चन्द्र घंटा +कुष्मांडा+स्कन्द माता+कात्यानी +काल रात्री +महा गौरी और नव दुर्गा|नव दुर्गा के पूजन से समारोह की विदाई की जाती है |
मेरठ में भी आज प्रात एतिहासिक बिल्वेशवर नाथ मंदिर+ओघड नाथ मंदिर[काली पलटन] +काली माई मंदिर+ मनसा देवी मंदिर के अलावा में जीम खाना[५०१ कुण्डीय यज्ञ ] मैदान में भी सामूहिक रूप से विधिवत माता का पूजन और कुण्डीय यज्ञ हुए |घरों में भी श्रधालुओं ने व्रत धारण करके पूजन किया |
फोटो कोलाज
[१]और [२] मनसा देवी मंदिर
[३] काली पलटन
[४] बिल्वेशावर नाथ मंदिर
[५] जीम खाना
[७] काली माता मंदिर
[[६] घर में भक्त