: बजट एयर लाइन “इंडिगो” की एक फ्लाइट में बीते दिन धुंआ उठ गया गनीमत रही के यह हादसा काठमांडू एयर पोर्ट पर लैंड करने के बाद हुआ जिसके फलस्वरूप प्लैन में सवार सभी यात्रियों सकुशल इमरजेंसी गेट से निकाल लिया गया | दिल्ली के आई जी आई एयर पोर्ट से काठमांडू के लिए उड़ान भरने वाली एक फ्लाइट में डेस्टिनेशन पर पहुँच कर आग लग गई|विमान में पौने दो सौ सवार थे | यधपि एयर लाइन +काठमांडू एयर पोर्ट अथॉरिटी +डी जी सी ऐ ने अभी तक इस विषय में कोई विवरण शेयर नहीं किया लेकिन सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार दो वर्ष पुराने इस एयर क्राफ्ट के ब्रेक में खराबी के कारण यह हादसा हुआ| सभी यात्री सुर्लक्षित बताये जा रहे हैं
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Sant Rajinder Singh Ji maharaj Shares The Secrecy Of science and spirituality
Sant Rajinder Singh Ji maharaj Shares The Secrecy Of science and spirituality
While answering the questions on meditation Sant Rajinder Singh Ji says that we feel the spirituality so we are called science of spirituality
Head Sant Of science Of spirituality and Sawan Kripal Ruhani Mission, Maharaj ji has given answer to few questions as under
[Q] Question: You teach a form of meditation and you call your organization the Science of Spirituality. What’s the connection between science and spirituality?
[A]Answer Sant Rajinder Singh Ji: We live in an age which is very scientific. We’re not living in an age where people believe things because of blind faith. In this day and age, whatever we believe in, we need to experience. We call our organization the Science of Spirituality because we feel that spirituality also has a scientific bearing. We do not want to believe unless we experience something, unless we can have a verifiable experience.
Question[Q]: So the method of science is experimentation, and the method of spirituality is also experimentation?
[A]Sant Rajinder Singh Ji: The method of spirituality or the method by which we can really know ourselves is an experiment. It is an experiment where we rise above physical body‑consciousness. It is an experiment which can be repeated and which gives us known results when performed consistently and accurately. And that is what science does. We have an experiment, and we get the results that have been shown to us. And spirituality is verifiable by an experimental method.
[C] It’s verifiable?
[A]Sant Rajinder Singh Ji: It is verifiable. We use the human body as a laboratory. You know, when we learn physics or chemistry, we go to a lab and we do experiments. We might put some acid in a tube and have some colored fumes come out. We know what kind of fumes and colors to look for based on what our teacher told us. Similarly, when we meditate, we are able to go within. We are able to experience divine Lights and hear melodious Music within ourselves. So to us this human body is a laboratory in which we experiment to find our real self, to find our soul, to know who we really are.
महिलाओं के प्रति नकारात्मक अवधारणा बदलने के लिए मिलकर काम करना चाहिए:अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रणब मुख़र्जी
महिलाओं को मताधिकार दिलाने के लिए १०५ वर्ष पूर्व प्रारम्भ किये गए अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर बेशक भारत में महिलाओं को केंद्रीय सत्ता में भागेदारी का अधिकार नहीं दिया जा सक है इस पर भी सामाजिक छेत्रों में महिलाओं का अभिनन्दन और सिभ कामनाएं जारी है
भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने हर वर्ष 8 मार्च को मनाए जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जारी अपने संदेश में कहा-
‘अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मैं अपने देश के सभी क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं का अभिनन्दन करता हूं और उन्हें शुभ कामनाएं देता हूं।‘
उन्होंने प्राचीन भारत में महिलाओं के स्टेटस के विषय में बोलते हुए कहा ” भारत में स्त्रियों ने – राजनीतिक, शैक्षिक और आध्यात्मिक सभी क्षेत्रों में महानता प्राप्त की है। प्राचीन भारत में उन्हें स्वतंत्रता प्राप्त थी और वे सार्वजनिक जीवन में बराबरी के आधार पर भाग लिया करती थी। ऋग्वेद में महिलाओं को ऊंचा स्थान दिया गया है। यत्रनार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता यानि जहॉं भी महिलाओं का आदर होता है, देवता वहीं रहते हैं। तैत्रीय उपनिषद में मातृदेवो भव कहा गया है इसका मतलब है आपकी माता आपके लिए देवता की तरह हो” प्रेसिडेंट ने स्वामी विवेकानन्द को कोट करते हुए कहा ” जिस देश में भी नारियों को सम्मान दिया जाता है वह महान बनता है”
“भारतीय संविधान में भी स्त्रियों की समानता पर जोर दिया गया है। संविधान में ही नहीं बल्कि भारतीय राष्ट्र में भी महिलाओं को बराबरी का दर्जा हासिल है। यहां राज्य ऐसे सक्रिय उपाय करता है जिससे लिंग आधारित भेदभाव नहीं होता। महिला सशक्तिकरण को ऐसा तत्व माना जाना चाहिए जिससे लिंग समानता की ओर हमारे प्रयास जाहिर ही न हों, बल्कि वे राष्ट्र निर्माण में उनके पूरी तरह शामिल होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।
हमें एक समाज के रूप में महिलाओं के प्रति नकारात्मक अवधारणा बदलने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। महिलाओं को सुरक्षित और अनुकूल वातावरण मिलना चाहिए जहां उनकी प्रतिभा प्रस्फुटित हो और वे राष्ट्र निर्माण में पूरी तरह योगदान दे सकें। महिलाओं के इस अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर हम सब महिला दिवस मनाने से हमारे समाज के हर सदस्य मे महिलाओं के लिए सर्वोच्च सम्मान की भावना बढ़े।
आई टी यूं ITU ने भी आई सी टी ICT के माध्यम से महिलाओं के विकास की बात कही है |आई टी यूं के अनुसार ७९ देशों में एक मिलियन डिस एडवांटेज महिलायें यूं एन के सहयोग से आई सी टी का लाभ उठा रही है |
निजी एयर लाइन्स जेट एयरवेज और इलेक्ट्रॉनिक्स के छेत्र में गरानी डी ई एल एलDELL ने महिलाओं के लिए विशेष रियायतों की घोषणा की है
गौरतलब है कि .अमेरिका में सोशलिस्ट पार्टी के आवाहन, पर पहले सबसे पहले यह दिवस २८ फरवरी १९०९ में मनाया गया। उस समय इसका प्रमुख ध्येय महिलाओं को वोट देने के अधिकार दिलवाना था क्योंकि, उस समय अधिकर देशों में महिला को वोट देने का अधिकार नहीं था।
१९१७ में रुस की महिलाओं ने, महिला दिवस पर रोटी और कपड़े के लिये हड़ताल पर जाने का फैसला किया। यह हड़ताल भी ऐतिहासिक थी।भारत में सत्ता में भागे दारी केलिए महिला रिजर्वेशन बिल संसद में लंबित है और उसके प्रति राजनीतिक पार्टियों की केवल बयान बाजी ही हो रही हैं
Jet Airways Adjudged Winner Of Coveted 1CC Suppy Chain And Logistics Excellence Award
Jet Airways Has Been Adjudged Winner Of Coveted 1CC Suppy Chain And Logistics Excellence Award.For 2014 This Award Is Given In The Category Of Air Cargo Carrier Category .This Award Was Received By Mohammad Ali El Ariss
+Nischal Bhasin+From Minister Of Road Transport & Highways. Oscar Fernandes
India’s Premier international airline,Jet Airways is observing International Women’s Day’.by announcing special fares its lady guests to mark this occasion
Vice President Of the Airlines Ragini Chopra has stated that “airline will offer its lady travellers a special 10% discount on base fares for international travel on the airlines network and a 10% discount on base fare and fuel surcharge (excluding applicable taxes) on domestic services operated by Jet Airways and JetKonnect. All tickets, for both domestic and international travel, must be booked online on www.jetairways.com between March 8, 2014 and May 8, 2014, with travel validity of 11 months. As a part of this international women’s day initiative Jet Airways will also support three Non-Governmental Organisations (NGOs) working on a range of women’s issues by conducting its unique in-flight fundraising drive from 8th to 22nd March, on all its domestic flights.
Jet Airways will contribute the benefits of these in-flight collection proceeds to three NGOs
In Addition To Above it is also informed that this airline, has now integrated Google Now into it’s booking system for guests booking flights on www.jetairways.com and the Jet Airways mobile apps. Google Now will show guests timely and relevant updates through Google Now flight cards.
ग्रामीण क्षेत्रों में पासपोर्ट सेवा के विस्तार के लिए एक लाख एक से अधिक साझा सेवा केन्द्रों का उपयोग होगा
ग्रामीण क्षेत्रों में पासपोर्ट सेवा के विस्तार के लिए एक लाख एक से अधिक साझा सेवा केन्द्रों (सीएससी) का उपयोग होगा
भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने एक लाख एक से अधिक साझा सेवा केंद्रो (सीएससी) के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में पासपोर्ट सेवा के विस्तार का निर्णय लिया है।
सीएससी+ इलैर्क्टॉनिक्स + सूचना प्रोद़योगिकी विभाग से अनुमोदित ई- गवर्नेंस सविर्सिेज इंडिया लिमिटेड द्वारा संचालित हैं। फिलहाल ये केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों को शिक्षा+स्वास्थ्य+कृषि+ बैंकिंग,+बीमा+बिलों के भुगतान संबंधी सेवाएं और सुवधिाएं उपलब्ध करा रहे हैं। उनके इस कार्य में अब पासपोर्ट सेवा को भी जोड़ा जा रहा है।
पासपोर्ट सेवा फिलहाल मार्च के दूसरे सप्ताह से उत्तर प्रदेश और झारखंड के 15 साझा सेवा केंद्रों (सीएससी) में प्रयोग के तौर पर शुरू की जा रही है। मार्च क दुसरे सप्ताह में उत्तर प्रदेश और झाड़खंड के पंद्रह केन्द्रों पर पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जायेगा
वेंडी डोनेगर की“आन हिन्दुज़्म”को वापिस लेने के लिए ‘शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति’ की चेतावनी
वेंडी डोनेगर की एक और पुस्तक “आन हिन्दुज़्म”पर रोककी मांग तेज होने लग गई है | शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति ने वेंडी डोनेगर की पुस्तक “आन हिन्दुज़्म”के प्रकाशक एल्फ बुक कंपनी को पुस्तक वापस लेने हेतु चेतावनी पत्र लिखा है|
शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति के राष्ट्रीय संयोजक दीनानाथ बत्रा ने कल “आन हिन्दुज़्म” के प्रकाशक एल्फ बुक कंपनी को पुस्तक वापस लेने हेतु चेतावनी पत्र लिखा. शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति द्वारा शिकागो यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफ़ेसर वेंडी डोनेगर की ‘आन हिन्दुज़्म’ पुस्तक को वापस लेने संबंधी फैसले लेने के लिए पुस्तक के प्रकाशक को 10 मार्च, 2014 तक का समय दिया गया है. समिति के मीडिया प्रभारी राजीव गुप्ता के अनुसार प्रकाशक से यह मांग की गई है कि
१] सभी बिक्री केन्द्रों से पुस्तक वापस मंगाकर इन्हें नष्ट करे.
२]पुस्तक की बिक्री बन्द करे.
३] पुस्तक फिर से प्रकाशित न करने का विश्वास दिलाए.
श्री गुप्ता ने मीडिया से कहा कि यदि निर्धारित समयावधि में एल्फा बुक कंपनी द्वारा हमारी मांगों को स्वीकार कर “लिखित” में नही दिया गया तो प्रकाशक के खिलाफ प्रजातांत्रिक ढंग से उचित कार्यवाही की जाएगी. साथ ही यदि आवश्यकता पडी तो न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा.
गौरतलब है कि शिक्षा बचाओ आंदोलन समिति के सहसंयोजक अतुल कोठारी ने दिल्ली के प्रेस क्लब में मीडिया को बताया था कि मौखिक रूप से लेखिका वेंडी डोनेगर की इस पुस्तक को पेंगुईन प्रकाशक की तर्ज़ पर बाज़ार से वापस लेने के लिए तैयार हो गया है.
द हिन्दू:एन अल्टरनेटिव हिस्ट्री वेंडी डोनेगर की विकृत मानसिकता का परिचायक ;सुब्रमणियम स्वामी
भाजपा के नेता सुब्रामणियम स्वामी ने पुस्तक ‘द हिन्दू : एन अल्टरनेटिव हिस्ट्री को विकृत इतिहास लेखन और इसकी लेखिका शिकागो विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर वेंडी डोनेगर को विकृत मानसिकता का परिचायक बताया
दिल्ली विश्वविद्यालय के स्टूडेंट यूनियन ला सेन्टर – 1 तथा संस्कृति द्वारा आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए डा. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि ऐसा विकृत इतिहास लेखन लेखिका की विकृत मानसिकता का परिचायक है. |सभा को संबोधित करते हुए चेतावनी भरे अन्दाज़ में डा. स्वामी ने कहा कि यदि लेखिका वेंडी डोनेगर भारत में आती है और उन पर भारतीय दंड संहिता अंतर्गत मुकदमा चलाया जाय तो लेखिका को सारी उम्र जेल में बिताना पडेगा.
भारतीय संविधान तथा भारतीय दंड संहिता की धाराओं को पढकर बताते हुए कहा कि भारतीय दंड संहिता अंतर्गत लेखिका वेंडी डोनेगर के ऊपर एक नही कई मुकदमें दायर किया जा सकता है. |
भारत के मानचित्र में कश्मीर नही दिखाना भारतीय संविधान के विरुद्ध है. संविधान में मौलिक अधिकार संबंधी भाग में जो स्वतंत्रता के अधिकार दिए गए हैं इसमें व्यक्ति के विचारों की अभिव्यक्ति प्रमुख है. लेकिन संविधान में जितने मौलिक अधिकार दिए गए हैं, उनमे से कोई भी अधिकार ‘असीमित’ नही है. सभी अधिकारों पर कुछ न कुछ सीमाएँ हैं. इस अवसर पर डा. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति के मीडिया विभाग द्वारा लिखित एक पुस्तक “सफलता की कहानी” का विमोचन किया.
ध्यातव्य है कि 10 फरवरी 2014 को दीनानाथ बत्रा तथा अन्य और पेगुइन पब्लिसर्स के मध्य में सिविल सूट नं. 360/2011 के मध्य अनुबंध हुआ है जिसमें पेगुइन बुक इंडिया प्राईवेट लिमिटेड ने तत्काल प्रभाव से ‘द हिन्दू : एन अल्टरनेटिव हिस्ट्री’ की पुस्तक को तत्काल वापस ले लिया था तथा पकाशक पेंगुईन द्वारा अपने खर्च पर सम्पूर्ण पुस्तकें देश से एकत्रित करा ली जाएगी और उनको नष्ट कर दिया जाएगा. यह पुस्तक पुनः से प्रकाशित नहीं होगी. पुस्तक में हिन्दु देवी-देवताओं का अपमान, क्रान्तिकारियों तथा इतिहास को विकृत रूप से प्रस्तुत करने के परिणामस्वरूप यह मुकदमा अतिरिक्त जिला न्यायाधीश साकेत की अदालत में केस दर्ज किया गया था.
शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति के संयोजक दीनानाथ बत्रा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि इस प्रकार की आपत्तिजनक पुस्तकों से भारत पर ‘बौद्धिक आक्रमण’ के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि धूमिल की जा रही है, जो कि असहनीय है. हम इस प्रकार के बौद्धिक-आक्रमण का जवाब देने के लिए प्रतिबद्ध है.
शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति के सह संयोजक अतुल कोठारी ने कहा कि लेखिका वेंडी डोनेगर की पुस्तक ‘द हिन्दू : एन अल्टरनेटिव हिस्ट्री’ को अब सन्दर्भ के रूप में उपयोग नही किया जा सकेगा. यह बहुत बडी बात है. देश के नौजवानों को इस प्रकार के बौद्धिक – आक्रमण के खिलाफ आगे आना चाहिए.
शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति के मीडिया प्रभारी राजीव गुप्ता ने मीडिया को बताया कि व्यक्ति की स्वतंत्रता वहीं खत्म हो जाती है, जहाँ से दूसरे की नाक शुरू होती है. अत: हमें यह दूसरे के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को ध्यान में रखकर ही आचरण करना चाहिए.
दिल्ली विश्वविद्यालय के स्टूडेंट यूनियन ला सेन्टर – 1 तथा संस्कृति द्वारा आयोजित संगोष्ठी में विधि संकाय के डीन डा. अश्वनी बंसल तथा दिल्ली विश्वविद्यालय संस्कृति प्रमुख सौरभ समेत लगभग 300 विद्यार्थियों से ने भाग लिया.
डॉ मन मोहन सिंह का ,म्यांमार के एयर पोर्ट पर, सोशल सिक्यूरिटी मिनिस्टर,यूं .ए मिंट ने स्वागत किया
प्रधानमंत्री डॉ मन मोहन सिंह दो दिन की यात्रा पर म्यांमार पहुँच गए हैं म्यांमार के नय प्यी तव इंटरनेशनल एअरपोर्ट [ Nay Pyi Taw International Airport] पर म्यांमार के लेबर +एम्प्लॉयमेंट+ सोशल सिक्यूरिटी मिनिस्टर ,उ . ए मिंट[U. Aye Mint] ने उनका स्वागत किया भारतीय प्रधान मंत्री म्यांमार में बीआईएमएसटीईसी की शीर्ष बैठक में शामिल होने के लिए दो दिवसीय दौरे पर हैं,साथ उनकी धर्म पत्नी श्रीमती गुरशरण [ GursharanKaur ] हैं
भारत से रवाना होने से पूर्व डॉ मन मोहन सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा “मैं आज म्यांमार के ने पाई तॉ में आयोजित तीसरी बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी सेक्टोरल टैक्नीकल एंड इकोनॉमिक कोऑपरेशन (बीआईएमएसटीईसी) सम्मेलन में भाग लेने के लिए दो दिन के दौरे पर रवाना हो रहा हूं।
बीआईएमएसटीईसी सार्क और आसियान देशों के चौराहे पर स्थित है। इसे बंगाल की खाड़ी के आसपास के देशों से प्राकृतिक ऊर्जा मिलती है। संपर्क और व्यापार तथा निवेश, ऊर्जा जलवायु की चुनौतियां जिनमें प्राकृतिक और मानवकृत चुनौतियां शामिल हैं, के कारण हमें इनका सामना करने के लिए दृढ़ निश्चय और सामूहिक दूरदृष्टि की जरूरत होती है।
बीआईएमएसटीईसी देशों में शांति, स्थिरता और विकास जरूरी है और तभी कुल मिलाकर एशिया आगे बढ़ सकेगा, क्योंकि इस क्षेत्र में दुनिया की 20 प्रतिशत से अधिक आबादी रहती है और यहां का सकल घरेलू उत्पाद 2.5 खरब अमरीकी डॉलर से अधिक है”
डॉ सिंह ने बताया कि बीआईएमएसटीईसी नई दिल्ली में 2008 की बैठक के बाद एक समूह के रूप में परिपक्व विचारों के साथ विकसित हुआ । ढाका में इसका स्थायी सचिवालय बनाया गया है और वहां पर महासचिव की नियुक्ति की गई है। अब यह संगठन क्षेत्रीय अखंडता और सहयोग में अधिक सक्रिय भूमिका निभाने की स्थिति में आ गया है। इस क्षेत्र में कई बीआईएमएसटीईसी केन्द्र खोले जा रहे हैं, जिनमें से तीन भारत में होंगे। इनके जरिए सदस्य देशों में अधिक तकनीकी आदान-प्रदान संभव होगा। जहां तक सुरक्षा का सवाल है, हमने स्थिर रूप से इसके लिए ऐसे दस्तावेज तैयार कर लिये हैं, जिनके जरिए अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद, बहुराष्ट्रीय अपराध, नशीले पदार्थों का व्यापार और आपराधिक मामलों में एक-दूसरे की विधिक सहायता की जरूरत आज के अखंड विश्व में पहले ज्यादा पड़ रही है। बीआईएमएसटीईसी सहयोग के जरिए हम जो कुछ कर रहे हैं, वो दुनिया वर्षों बाद करेगी और इस दिशा में इस शीर्ष बैठक को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। बीआईएमएसटीईसी देशों के साथ हमारे आपसी संबंध पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं। इस शीर्ष बैठक से समय निकाल कर मुझे उम्मीद है कि मैं अन्य सदस्य राष्ट्रों के नेताओं के साथ विचारों का महत्वपूर्ण आदान-प्रदान कर सकूंगा जो आपसी घनिष्ठ और दोस्ताना संबंधों के लिए महत्वपूर्ण होंगे”
मैं एक रचनात्मक यात्रा की ओर आशा भरी निगाहों से देख रहा हूं।
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