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ड्रीम लाइनर ७८७ के प्रति भारतीय नागरिक विमानन मंत्रालय का ड्रीम अभी तक नहीं टूटा:Boeing 787 Dream Liner


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

ड्रीम लाइनर ७८७ के प्रति भारतीय नागरिक विमानन मंत्रालय का ड्रीम अभी तक नहीं टूटा

का एक चीयर लीडर

ओये झाल्लेया देखा हसाड़े चौधरी अजित सिंह का कमाल ओये हसाड़े ड्रीम लाइनर अच्छे खासे हवा में परवाज़ कर रहे हैं इस पर भी सुरक्षात्मक कारणों से 787 ड्रीमलाइनर के जहाज़ों की जाँच शुरू करवा दी है| बेशक ईंधन लीक करने,+कॉकपिट की खिड़की के शीशे में दरार आ जाने+ ब्रेक की समस्याएँ + बिजली के कुछ उपकरणों में आग लग जाने जैसी परेशानियाँ सामने आई हैं और . जापान और अमेरिका में इन जहाजों का बेडा गर्क हो रहा है मगर हसाड़े मुल्क में खरीदे गए ५ ड्रीम लाइनर तो हवा से बातें करते ही रहेंगे | ऐ टी ऍफ़ की २०% की बचत होती रहेगी|

झल्ला

ओ चतुर सुजाण जीइस समय लगभग ५० ड्रीम लाइनर्स हवा में हैं|जिसमे से सबसे ज्यादा[१७+७] जापान में है उसके बाद अमेरिका में ६ और उसके बाद भारत का नंबर आता है|पहले वाले दोनों उपभोक्ताओं ने अपने निवेश की परवाह नहीं करते हुए भी इन ड्रीम लाइनर्स को हैन्गेर्स में हैंग करने का निर्णय ले लिया है |अमरीका में फ़ेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफ़एए)[फा] ने अमरीकी विमान कंपनियों को बोइंग 787 ड्रीमलाइनर की उड़ानें कुछ समय के लिए बंद करने के लिए कहा है.|इस जहाज़ की निर्माता कम्पनी बोईंग के शेयर भी लगभग ३% गिर रहे है | कम्पनी आपकी कोई बात सुन नहीं रही | जहाज़ों की डिलीवरी में लगातार विलम्ब किया जा रहा है यहांतक की बीते साल के मार्च में कम्पनी ने आपके मंत्रालय के अधिकारी प्रशांत सुकुल को लेट डिलीवरी की एवज में मुआवजा देने से मना कर दिया था \फिर भी आपका इस लाइनर के प्रति ड्रीम नही टूटा और आप हो के वाटर कैनन से सलूट दिए जा रहे हो| झल्लेविचारानुसार आपका ड्रीम लाइनर प्रेम अब तो वाकई किसी अनहोनी के घटने का संकेत देने लगा है| में ठीक हूँ या क्या में ठीक हूँ?

लन्दन में हेलीकाप्टर क्रैश:पायलेट सहित दो की मृत्यु

ब्रिटेन की राजधानी लंदन के दक्षिणी हिस्से में एक हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया है, जिसमें पायलेट सहित दो लोग मारे गए हैं|इस घटना के पीछे फ़िलहाल किसी आतंकवादी साज़िश से इनकार किया जा रहा है|आज सुबह (इंग्लैंड के समयानुसार) करीब साडे आठ बजे व्यावसाईक गड़ वॉक्सहॉल में एक हेलिकॉप्टर निर्माणाधीन ५० मंजिली रिहायशी इमारत सेंट जॉर्ज वॉर्फ टावर की छत पर रखी क्रेन से टकरा गया और नष्ट हो गया .|हेलीकाप्टर का मलबा नीचे खडी कारों पर जा गिरा जिसके कारण धुयें के गुबार दूर से दिखाई देने लगे|

लन्दन में हेलीकाप्टर क्रैश:पायलेट सहित दो की मृत्यु

|तत्काल २२ दमकल और ६६ कर्मियों को लगा कर आग पर काबू पा लिया गया और स्थिति बिगड़ने से पूर्व ही कंट्रोल कर ली गई| पुलिस ने इस हादसे में दो लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है|. नौ घायलों में से में एक की हालत गंभीर बताई जा रही है |. स्काई न्यूज़ के अनुसार हेलिकॉप्टर का जब क्रेश हुआ उस समय हेलिकॉप्टर पर एक पायलट सवार था.
यह हादसा टेम्स नदी के किनारे हुआ है और जिसके कारण नदी के ऊपर धुएं का गुब्बार देखा गया है. हादसे के बाद दो मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए गए.
बीबीसी के अनुसार हेलिकॉप्टर सीधे जमीन पर आ गिरा.
घटना के बारे में ट्विटर पर लिखा जा रहा है. क्विन मरे का कहना है, “अभी अभी हेलिकॉप्टर क्रेन से टकराया है. वॉक्सहॉल में ये सब कुछ मेरी आंखों के सामने हुआ है.\

कोच्ची में खेले गए दूसरे एक दिवसीय क्रिकेट मैच में भारत ने टास और मैच दोनों जीते

India won 2nd O D I In Kocchi

कोच्ची में खेले गए दूसरे एक दिवसीय क्रिकेट मैच में भारत ने टास और मैच दोनों जीते| १२८ रनों से जीत दर्ज़ करके भारत ने इंग्लैण्ड के साथ सीरीज को १-१ से बराबर कर लिया है | कोच्चि के नेहरू स्टेडियम में आज मंगलवार १५ जनवरी को इंग्लैंड के साथ खेले गए दूसरे एकदिवसीय मैच में भारतीय टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही। उसके तीन बल्लेबाज सस्ते में पवेलियन लौट गए हैं। टीम इंडिया को तीसरा झटका युवराज सिंह के रूप में लगा। युवराज भी कोई कोई कमाल दिखाने में असफल रहे और 32 रन बनाकर जेम्स ट्रेडवेल का शिकार बने।टीम ने निर्धारित 50 ओवरों में छह विकेट पर 285 रन बनाए। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने 72 रनों की पारी खेली जबकि रवींद्र जडेजा ने नाबाद 61 रन बनाए। इन दोनों के अलावा सुरेश रैना ने 55 और विराट कोहली ने 37 रनों का योगदान दिया।
भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया था। गौतम गंभीर और अजिंक्य रहाणे की सलामी जोड़ी टीम को ठोस शुरुआत नहीं दे सकी। गंभीर आठ रन के निजी स्कोर पर जेड डेर्नबैक की गेंद पर बोल्ड हो गए। उनके बाद रहाणे भी ज्यादा देर तक नहीं टिक सके और स्टीवन फिन की गेंद पर क्लीन बोल्ड हो गए।
इस मैच के लिए भारतीय टीम में एक बदलाव किया गया है। तेज गेंदबाज अशोक डिंडा की जगह शमी अहमद को मौका दिया गया है। वहीं इंग्लैंड की टीम में भी टिम ब्रेसनन की जगह क्रिस वोक्स को शामिल किया गया है।
। जवाब में खेलने उतरी मेहमान टीम ने 36 ओवरों में सभी विकेट गंवाकर 158 रन ही बुक कराये | भारत की ओर से मेरठी भुवनेश्वर कुमार और रविचेंद्र अश्विन ने तीन-तीन विकेट लिए जबकि रवींद्र जडेजा को दो सफलता मिली।भुबनेश्वर की इनस्विंग का कोई तोड़ इंग्लिश टीम के पास नही दिखा|दस ओवर्स में मात्र २९ रन देकर तीन विकेट्स चटखाए
इंग्लिश टीम के लिए केविन पीटरसन ने सबसे अधिक 42 रन बनाए जबकि जोए रूट ने 36 और क्रेग कीसवेटर ने 18 रनों का योगदान दिया। पीटरसन ने अपनी 44 गेंदों की पारी में सात चौके लगाए। समित पटेल 30 रन बनाकर नाबाद लौटे।
इस मैच में इंग्लिश टीम को अच्छी शुरुआत नहीं मिल सकी क्योंकि अपना दूसरा अंतरराष्ट्रीय मैच खेल रहे शमी अहमद ने इयान बेल (1) को चार रनों के कुल योग पर ही पवेलियन लौटा दिया।इसके बाद कप्तान एलिस्टर कुक (17) और पीटरसन ने दूसरे विकेट के लिए 54 रन जोड़े लेकिन भुवनेश्वर ने इस जोड़ी को सफल नहीं होने दिया। कुक ने 27 गेंदों पर तीन चौके लगाए।कुक की विदाई के बाद पीटरसन ने पारी को आगे बढ़ाने का काम किया लेकिन 73 रनों के कुल योग पर वह भी पवेलियन लौट गए। इसके बाद इसी योग पर इयोन मोर्गन (0) को आउट करके भुवनेश्वर ने भारत को बड़ी सफलता दिलाई।कीसवेटर ने विकेट पर टिकने का प्रयास किया और 38 गेंदों पर तीन चौके लगाए लेकिन रविचंद्रन अश्विन ने उन्हें और सफलता हासिल नहीं करने दी।इसके बाद जडेजा ने क्रिस वोक्स (0) और अश्विन ने जेम्स ट्रेडवेल (1) को आउट कर इंग्लिश टीम का हार पक्की कर दी। पटेल ने 29 गेंदों पर तीन चौके और एक छक्का लगाकर अपनी टीम को जीत दिलाने की पूरी कोशिश की लेकिन उनका प्रयास नाकाफी साबित हुआ।

पाकिस्तान की जम्हूरियत को गधिगेड में डालने को हर कोई उबला जा रहा है


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक पाकिस्तानी चिन्तक

ओये झल्लेया ये क्या हो रहा हैओये हसाड़े पाकिस्तान में जब भी जम्हूरियत आती है तभी कोई ना कोई घरेड पे जाती है अब देखो न दशकों के बाद जम्हूरियत आई थी लेकिन ये कादरी औरकाले कोट वाले फौज को आगे लाने को आतुर हो रहे हैं| कनाडा की फिजाओं को छोड़ छाड़ कर मौलाना ताहिर उल कादरी अपने मार्च को लाहौर से लेकर इस्लामाबाद पहुंच गए हैं |इस मौलाना ने फौज और सुप्रीम कोर्ट की तारीफों के पुल बाँध दिए और जनता की चुनी हुई सरकार को अल्टीमेटम दे दिया है|उधर सुप्रेम कोर्ट ने भी हसाड़े प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ को एक पुराने रेंटल पावर प्रोजेक्ट घोटाले के मामले में एरेस्ट किये जाने के आदेश दे दिए हैं|ओये ऐसे में जब हमारी जम्हूरियत की कब्र खोदने की कवायद चल रही है ऐसे वक्त में यार ये भारत वाले भी हमारे पीछे पड़ गए हैं|ओये हमारी डेमोक्रेसी का क्याहोगा ?

पाकिस्तान की जम्हूरियत को हर कोई गधिगेड में डालने को उबला जा रहा है

झल्ला

हाँ जी बात तो वाकई चिंताजनक है लेकिन यह भी सत्य है कि चुनी हुई सरकार के सामने कई तरह की घरेड डाली जाती रहती हैं|अब देखो हसाड़े सोणे इंडिया में लोक तंत्र भी आये दिन किसी न किसी गधिगेड में फंस ही जाता है| लेकिन ये खातिर जमीत रखो कि जब फक्कड साधू रूपी अन्ना बाबू राव हजारे जैसे ज्यादा चल नहीं पाए तो उनका अनुसरण करते हुए ये आपके कनाडाई मौलाना कब तक आन्दोलन को खैंच पाएंगे?और अगर खैंच पाए तो प्रेजिडेंट / पी एम् किसे बनायेंगे ? जनरल कयानी या फिर परवेज मुशर्रफ ?

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सेना दिवस पर फौज का हौंसला बढाया और पाकिस्तान के साथ संबंधों पर पुनर्विचार का सन्देश दिया

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 65वें सेना दिवस पर फौज का हौंसला बढाया

प्रधानमंत्री डाक्टर मनमोहन सिंह ने आज जनमानस और फौज की भावनाओं को शब्द देते पकिस्तान के साथ संबंधों के सामान्य होने पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए पार्टी को भी एक दिशा प्रदान की | उन्होंने उम्‍मीद भी जताई कि पाक जल्‍दी ही अपनी गलती स्‍वीकार करेगा.| जम्मू-कश्मीर के पुंछ मंद्हेर [एल ओ सी ] में आठ जनवरी को पाकिस्तान द्वारा युद्ध विराम का उल्लघंन करने और दो भारतीय सैनिकों की नृशंश हत्या के मामले में सरकार ने तेवर कड़े कर लिए हैं।
इस मामले में जहां प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक हफ्ते बाद चुप्पी तोड़ी, वहीं विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने भी पाक को कड़ी चेतावनी दे डाली। आज मंगलवार१५ जनवरी को जारी बयान में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पाकिस्तान से दो टूक कहा कि इस तरह की घटनाओं से दोनों देशों के रिश्ते सामान्य नहीं बने रह सकते। उन्होंने पाकिस्तान से दोषियों पर कार्रवाई करने को कहा है।प्रधानमंत्री ने भारतीय सैनिकों की बेरहमी से हत्या करने और एक जवान का सिर काटने की अमानवीय घटना के एक हफ्ते बाद बयान दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को हालात की गंभीरता को समझनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपनी गलती माने और इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करे। इस तरह की घटनाओं से दोनों देशों के रिश्तों पर असर पड़ेगा। अगर पाकिस्तान इस घटना पर ऐक्शन नहीं लेता है, तो भारत के साथ उसके संबंध पहले जैसे नहीं रह पाएंगे।

विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस

में कहा कि हम पाकिस्तान के हमले और भारतीय सैनिकों की बर्बर हत्या की निंदा करते हैं। उन्होंने कहा, ‘हमने पाकिस्तान सरकार से कहा कि है वह इस मामले की जांच करे और दोषियों को सजा दे। पाकिस्तान यह न समझे कि आरोपों से इनकार करने और पूरे मामले से मुंह फेरने से उसकी जिम्मेदारी खत्म हो जाएगी। पाकिस्तान उकसाने वाला काम कर रहा है और इसे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’ सलमान खुर्शीद ने कहा कि हमें बहुत समझदारी से इस स्थिति का सामना करना होगा। इस मामले में जो भी अप डेट्स होगी, उस बारे में हम देश को बताते रहेंगे।
गौरतलब है कि एयरचीफ मार्शल एन.ए.के. ब्राउन ने कहा था कि अगर पाकिस्तान नहीं माना, तो भारत को दूसरे विकल्पों पर विचार करना पड़ सकता है। आर्मी चीफ जनरल बिक्रम सिंह ने भी कहा था कि पाकिस्तान के उकसावे पर भारत के पास उत्तर देने का अधिकार सुरक्षित है| भारतीय जनता पार्टी ने सरकार के कड़े रुख का स्वागत किया है।सुषमा स्वराज ने ट्विट किया है कि प्रधानमंत्री ने देश और भारतीय जनता पार्टी के विचारों को समझा और पाकिस्तान को सही तरीके से जवाब दिया।
देखा जाए तो प्रधान मंत्री शुरू से ही पाकिस्तान के साथ संबंधों को लेकर क्लीयर व्यू रखे हुए हैं|पाकिस्तान जाने का न्यौता भी उन्होंने यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया था की पहले रिश्ते सामान्य हो जाएँ तभी पाकिस्तान स्थित अपने पेत्रक गावं में जायेंगे |इसके साथ ही उन्होंने दोनों देशों में संबंधों में आई दरार को पाटने के लिए अनेकों सुधारों को भी लागू किया मगर इस पर भी पाकिस्तान की तरफ से यह जघन्य हत्याएं की गई जिसके फलस्वरूप न केवल वीजा सुविधा को टाल दिया गया वरन हाकी के खिलाड़ियों को भी वापिसी का सन्देश दे दिया गया है |और आज सैनिक दिवस पर अपनी फौज का हौंसला बढ़ाते हुए डाक्टर मन मोहन सिंह ने अपने सेनाध्यक्षों की भावनाओं की कद्र करते हुए पाक के खिलाफ कड़े शब्दों का प्रयोग किया

सीनियर सिटीजन के लिए वाघा बॉर्डर पर पहुंचते ही मिलने वाली आगमन वीजा सेवा आज शुरू नहीं हुई

सीनियर सिटीजन के लिए वाघा बॉर्डर पर पहुंचते ही मिलने वाली आगमन वीजा सेवा आज शुरू नहीं हुई

सीनियर सिटीजन के लिए वाघा बॉर्डर पर पहुंचते ही मिलने वाली आगमन वीजा सेवा को आज लागू नही किया जा सका है| भारत ने तकनीकी कारणों का हवाला देकर वीजा सेवा पर रोक लगाई है। दोनों देशों के बीच हुए समझौते के अंतर्गत पाकिस्तान के 65 साल से अधिक उम्र के नागरिकों को आगमन पर वीजा की सुविधा आज से अटारी समेकित चेक पोस्ट पर शुरू की जानी थी । भारत और पाकिस्तान के बीच नया वीजा समझौता सितंबर 2012 में हुआ था। यह समझौता पंजाब, जम्मू-कश्मीर और केरल के लिए मान्य नहीं था| वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत आने वाले पाकिस्तान के वरिष्ठ नागरिक इस सुविधा का लाभ साल में दो बार ही उठा सकेंगे.|बताया जा रहा है कि आगंतुक पर्यटक के लिए स्पोंसरर को आवश्यक बनाया जा रहा है इसी के चलते सुविधा का निलंबन हुआ है |
इस वीज़ा की अवधि मात्र 45 दिन थी. इस अवधि को बढ़ाए जाने का प्रावधान नहीं था.
वीजा प्राप्त करने वालों को भारत के पांच स्थानों का दौरा करने और पुलिस के सामने हाज़िरी नहीं लगाने की भी सुविधा दी गई थी| अभी तक पाकिस्तान से भारत आने वाले ज्यादातर यात्रियों को ऐसा करना अनिवार्य है|
एलओसी पर दो भारतीय सैनिकों की अमानवीय हत्या के पश्चात से इस वीजा नीति का विरोध हो रहा था। इस फैसले के बाद यहां से वीजा संबंधी बोर्ड और सभी कर्मचारियों को हटा लिया गया है। भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव ही इसके लिए असल वजह मानी जा रही है।
इसे लेकर भारत ने कड़ा विरोध तो जताया ही है, आर्मी चीफ ने पाकिस्तान को कडा जवाब देने की चेतावनी भी दी है। इसके अलावा आज उत्तरी कमान के चीफ ले. जनरल पटनायक ने भी पाकिस्तान को उकसावे की कार्रवाई से बाज आने की चेतावनी दी है।

पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन के लिए इस्लामी विद्वान डॉ. ताहिरुल कादरी ने राजनीतिक अलख जगाई

कनाडा प्रवास के पश्चात पाकिस्तान लौटे इस्लामी विद्वान डॉ. ताहिरुल कादरी ने अब पाकिस्तान ने संसद भंगकरने के लिए सरकार को आज ग्यारह बजे तक का अल्टीमेटम दे दिया है|आश्चर्यजनक रूप से कादरी के साथ लाखों की तादाद में लोग जुड़ने लगे हैं| कादरी के समर्थक संसद, विधानसभाओं को भंग करने और सरकार के इस्तीफे समेत कई मांगों को लेकर संसद के बाहर डी चौक जिन्नाह एवेन्यु पर जमा होने शुरू हो गए हैं। कादरी ने कल इस्लामाबाद से लाहौर के लिए रैली निकाली और लोगों से ‘देश बचाइए, सरकार नहीं’ नारे के साथ इससे जुड़ने का आह्वान किया था। कादरी का कहना है कि वह अब यहां से तभी हटेंगे, जब मुल्क की हुकूमत बदल जाएगी।कादरी के इस आंदोलन की दो वजहें बताई गई हैं- [१], ‘भ्रष्ट’ सरकार से छुटकारा [२]’ईमानदार’ लोगों की अंतरिम सरकार के तहत चुनाव सुधारों का मार्ग प्रशस्त करना
पाकिस्तान में यह सारा घटनाक्रम देश में चुनावों से महज़ चार महीने पूर्व ही हो रहा है| संसद के बाहर जमा अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कादरी ने सोमवार की रात कहा, ‘ऑफिसों में बैठे ये लोग (प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति आवास की ओर इशारा करते हुए) अब भूतपूर्व हो चुके हैं अब संसद और विधानसभा को भंग किया जाए नहीं तो लोग खुद ही फैसला लेने लगेंगे और पीपल्स असेंबली कमान संभाल लेगी। कुछ दिनों पहले कनाडा से पाकिस्तान लौटे कादरी ने कहा कि मैं चाहता हूं कि जुडिशरी भ्रष्ट राजनेताओं को कोई भी पद ग्रहण करने से रोके। उन्होंने यह भी कहा कि इस साल प्रस्तावित चुनाव को तब तक के लिए टाल दिया जाए जब तक कि देश से भ्रष्टाचार की महामारी का खात्मा न हो जाए।
प्रभावशाली धार्मिक नेता ताहिरुल कादरी ने पाकिस्तान में इसी साल होने वाले चुनाव से पहले सुधारों को लागू करने की मांग को लेकर लाहौर से इस्लामाबाद तक की रैली निकाली है। वह इसके माध्यम से सरकार पर दबाव बनाना चाहते हैं। धार्मिक नेता की रैली को भारी जनसमर्थन मिला है। पहले उन्होंने दावा किया था कि उनकी रैली में करीब 10 लाख लोग शामिल होंगे।तहरीक मिनहाज-उल-कुरान नामक संगठन चलाने वाले कादरी पिछले महीने ही कनाडा से पाकिस्तान लौटे हैं। उन्होंने कनाडा में करीब सात साल का वक्त बिताया। । वह वर्तमान चुनाव आयोग को भी भंग करने की मांग कर रहे हैं। लोगों से मार्च में शामिल होने का आह्वान करते हुए कादरी ने कहा है, ‘यदि आप बाहर नहीं निकले, यदि आपने मेरे हाथ मज़बूत नहीं किए तो अगली पीढ़ी इस दिन पर अफसोस करेगी।

डा. कादरी

पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन के लिए इस्लामी विद्वान डॉ. ताहिरुल कादरी ने राजनीतिक अलख जगाई


पाकिस्तान जैसे कंट्टर देश में भी प्रगतिशील मुस्लिम विद्वान के तौर पर जाने जाते हैं। ‘फिरका परस्ती का खात्मा’ किताब लिखने वाले इस विद्वान ने 11 सितंबर, 2001 के आतंकी हमले की सबसे पहले निंदा की थी। आतंकवाद के खिलाफ फतवा देने वाले एक विद्वान हैं। सूफी विचारधारा को मानने वाले कादरी ने सऊदी अरब में शिक्षा ग्रहण की और पंजाब [पाकिस्तान] की यूनिवर्सिटी में ‘अंतरराष्ट्रीय संविधान कानून’ विषय के प्रोफेसर रहे हैं और मिनहाजुल कुरआन इंटरनेशन के संस्थापक हैं।क्यू टी वी से भी जुड़े हैं

इस्लाम से खारिज

बीते साल[मार्च] डा. ताहिरुल कादरी को इस्लाम से खारिज किया जा चुका है यह फतवा बरेली मरकज ने दिया है। मुफ्ती-ए-आजम अख्तर रजा खां उर्फ अजहरी मियां ने उन्हें यहूदियों का एजेंट करार दिया है। पिछले दिनों मुंबई में डा. ताहिर की तकरीर के बाद बरेलवी उलेमा ने यह कदम उठाया।
पाकिस्तान के नामवर इस्लामिक विद्वान डा. कादरी ने पिछले दिनों मुंबई में कई जगह तकरीर की थी। उन्होंने यहूदी औैर नसारा [ईसाई] को अहले ईमान बताया था। यह भी कहा था कि मस्जिद उनके लिए भी इबादत को खुली हैं।
उन्होंने देवबंदी, वहाबी, सुन्नी फिरकों में विरोध को शाब्दिक करार दिया और कहा था कि एक-दूसरे के पीछे नमाज पढ़ी जा सकती है, वह खुद भी ऐसा करते हैं। इस्लाम में चार इमाम हैं, लिहाजा पांचवा मसलक [धार्मिक विचार] नहीं हो सकता।
बदलाव की आवाज़ बुलंद करने वाले कादरी अपने बयानों में पाकिस्तान की आर्मी का गुणगान करने में पीछे नहीं दिख रहे उन्होंने तालिबान के विरुद्ध सेना के अभियान को खुले आम सराहा है| इए में सेना से उनकी नजदीकी क सहक की नज़र से देखना लाजमी हो जाता है इसके अलावा सीमा[एल.ओ.सी] पर युद्ध विराम का उल्लघन और जनरल कयानी की सेवानिवृति से भी कई सवाल उठ रहे हैं [१]क्या पाकिस्तान में जम्हूरियत का दौर समाप्त होने जा रहा है [२]क्या जनरल कयानी किसी नई भूमिका के लिए कमर कस रहे हैं[३]क्या पाकिस्तान में कट्टरपंथी फिर से सत्ता में आने वाले हैंया फिर पश्चिमी ताकतों ने वर्तमान सरकार का विकल्प चुना हैआदि आदि इन सवालों का उत्तर तलाश कर ही भारत को पाकिस्तान के साथ एल ओ सी विवाद को सुलझाने के लिए कदम बढाना होगा

जनरल बिक्रम सिंह भी आज गरजे : पाकिस्तान को चेताया:भारत को ‘जब और जहां चाहे’ जवाब देने का अधिकार है

वायु सेना के बाद आज थल सेना के अध्यक्ष जनरल बिक्रम सिंह ने भी कड़े शब्दों का प्रयोग करते हुए पाकिस्तान को चेताया है कि भारत को ‘जब और जहां चाहे’ जवाब देने का अधिकार है।सिर काटने को ‘अस्वीकार्य’ और ‘अक्षम्य’ करार देते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय सेना को आक्रामक तरीके से सटीक जवाब देने को कहा गया है।
सेना प्रमुख ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के मंढेर इलाके में नियंत्रण रेखा[एल ओ सी] पर छह जनवरी को दो भारतीय सैनिकों की हत्या पाकिस्तान सेना की सोची समझी और पहले से इरादा करके की गई कार्रवाई थी|इसके लिए प्लान बना कर पहले रेकी की गई फिर मीडिया में दुष्प्रचार किया गया उसके बाद हमारे सैनिको कि हत्या कि गई और सर काटा गया| अब भारत को पूरा अधिकार है कि वह ‘जब चाहे जहां चाहे’ इसका जवाब दे।उन्होंने शहीद हेमराज के परिवार से मिलने के लिए सैनिक दिवस के बाद मथुरा जाने की भी बात कही |
सेना दिवस की पूर्व संध्या पर एक संवाददाता सम्मेलन में जनरल सिंह ने कहा कि संघर्ष विराम नवंबर 2003 से प्रभावी है और ‘कुछ अपवाद’ को छोड़कर, जिनके लिए पूरी तरह

जनरल बिक्रम सिंह

पाकिस्तान जिम्मेदार है, अपनी जगह पर कायम है।
उन्होंने कहा कि बेशक यह हमला पाकिस्तानी सेना के जवानों ने किया, लेकिन इसमें लश्करे तैयबा के आतंकवादियों के उनके साथ होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।जनरल सिंह ने कहा कि सरकार और सेना के स्तर पर पाकिस्तान के साथ इस मामले को उठाया जा रहा है, सेना के कमांडरों को निर्देश दिया गया है कि उकसाए जाने पर खामोश नहीं रह सकते। उन्होंने अपने कमांडरों को आक्रामक होने केआदेश दिए| पाकिस्तानी सेना की आलोचना करते हुए जनरल सिंह ने कहा कि सिर काटना हर तरह के नियमों के खिलाफ है।इसके साथ ही उन्होंने कहा कि स्थानीय इकाई की तरफ से कुछ ‘सामरिक भूलें’ हुई’, जिन पर बाद में विचार किया जाएगा क्योंकि इस मौके पर जांच से बलों के मनोबल पर असर पड़ेगा।सेना प्रमुख ने कहा कि हमारी टीमें दुश्मन के हमले का जवाब देने के लिए संतुलित होनी चाहिएं।जनरल सिंह ने मामूली झड़प के जंग में बदलने की संभावना से इनकार किया और पाकिस्तान के परमाणु ब्लैकमेल को भी खारिज करते हुए कहा कि स्थानीय टकराव का इससे कोई वास्ता नहीं है। पाकिस्तान कार्रवाई का किसी तरह का जवाब दिए जाने के बारे में, उन्होंने कहा कि यह सरकार का फैसला होना चाहिए। सेना प्रमुख ने कहा कि वह पाकिस्तानी सैनिकों के हाथों मारे गए सैनिक हेमराज सिंह की विधवा के दुख में भागीदार हैं।उन्होंने कहा कि मुझे दुख है उसके तमाम दुख और तकलीफ के लिए, वह सेना परिवार का हिस्सा हैं। उन्हें तमाम सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। सैनिक का सिर काटने की घटना पर सेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय सेना कभी इस तरह का काम नहीं करेगी।उन्होंने कहा कि हम दुश्मन के शव को भी सम्मान देते हैं। यह हमारे मूल्य हैं |

रालोद सांसद जयंत चौधरी का अनुरोध ठुकराया: शहीद हेमराज के परिजनों का अनशन जारी

पाकिस्तान के साथ सीमा पर लगातार बढ़ते जा रहे तनाव के प्रति जनप्रतिनिधियों की ढुल मुल निति से जनाक्रोश में लागातर वृद्धि हो रही है ऐसे आक्रोश का प्रदर्शन मथुरा में शहीद के परिवार वालों ने सांसद जयंत चौधरी के समक्ष किया | छेत्र के सांसद ने अनशन पर बेसुध बैठे शहीद हेमराज के परिवार की महिलाओं को दूध पिला कर उनका अनशन तुड़वाने का प्रयास किया तो वहां के पुरुष भड़क गए और उन्होंने अपने प्रतिनिधि को खूब खरी खोटी सुनाई|
शहीद हेमराज का सिर वापस लाने की मांग के साथ मां मीना और पत्नी धर्मवती का अनशन जारीहै । उनकी तबियत बिगड़ने पर चिकित्सकों के एक दल ने गांव में पहुंचकर उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया रविवार को सांसद जयंत चौधरी गांव पहुंचे और अनशन समाप्त करने की अपील करते हुए उनको दूध पिलाया। इसके बाद भी परिवारीजनों ने अनशन तोड़ने से इनकार किया है और उनका कहना है कि मांगे पूरी होने तक अनशन जारी रहेगा।
गौरतलब है कि गांव शेरनगर खैरार में शहीद हेमराज की आहत मां मीना और पत्नी धर्मवती ने पांच दिन से खाना-पीना छोड़ा हुआ है। अन्न ग्रहण न करने से दोनों की सेहत लगातार गिरती जा रही है।१३ जनवरी को भी धर्मवती तो दिनभर बेहोशी की हालत में रहीं। रालोद के सांसद जयंत केअनुरोध के बावजूद परिवारीजनों ने अनशन समाप्त करने से इनकार कर दिया। शहीद के भाई नरेंद्र का कहना है कि अनशन समाप्त नहीं हुआ है, बेहोशी की हालत में उन्हें (धर्मवती) को कुछ पता नहीं लगा। ऐसे में कोई नेता उन्हें पानी पिलाए या दूध, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। हमारी मांगें पूरी न होने तक अनशन जारी रहेगा।
छेत्र वासियों के अनुसार शहीद हेमराज की अंत्येष्टि में शासन, प्रशासन का कोई प्रतिनिधि मौके पर नही पहुंचा और क्षेत्रीय सांसद व विधायक के भी मौजूद न रहने से ग्रामीणों में पहले से ही आक्रोश हैं प्रदेश की सरकार के युवा मुखिया अखिलेश यादव द्वारा

शहीद हेमराज के परिजनों का अनशन जारी

आर्थिक पैकेज की घोषणा नही किया जाना भी चर्चा चर्चा का विषय बनी हुई है|

एल के आडवानी के ब्लाग से : नेहरू का सेकुलरिज्म भी हिन्दू मूल सिध्दांतों पर ही आधारित है:‘इण्डिया:ए सेक्रिड जियोग्राफी‘

एन डी ऐ और भाजपा के सर्वोच्च सक्रीय नेता और वरिष्ठ पत्रकार लाल कृषण अडवानी ने अपने ब्लाग पर एक पुस्तक के माध्यम से यह बताने का प्रयास किया है कि देश के पहले प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू का सेकुलरिज्म भी हिन्दू मूल सिध्दांतों पर ही आधारित है| वर्तमान में नेहरू की कांग्रेस सत्ता में है और कुछ सत्ता रूड नेता और मंत्री सेकुलरिज्म का नारा लगाते हुए हिन्दू मूल सिद्धांतों को निशाना बनाने में जुटे हैं |ऐसे में भुगौलिक इतिहास के पन्ने पलटते हुए इस पुस्तक और ब्लॉग का महत्त्व बढ जाता है |प्रस्तुत है एल के अडवानी का यह ब्लाग
इन दिनों मुझे

एल के आडवानी के ब्लाग से ‘इण्डिया:ए सेक्रिड जियोग्राफी‘


कुछ इतिहासकार कहते हैं कि भारतीयों में इतिहास बोध की कमी है। पुस्तक के अध्याय 2 में ”व्हाट इज इण्डिया?” शीर्षक वाले अध्याय में लेखक, अनेकानेक शोधों पर आधारित पुस्तक में इस टिप्पणी का संदर्भ देते हैं लेकिन यह भी स्वीकारोक्ति करते हैं कि यद्यपि ”यह पाकर अनूठा लगा कि उनके (भारतीयों) पास भूगोल का विस्तृत ज्ञान है।” डायना आगे लिखती हैं:
”उस समय जब इस भूमि की लम्बाई और चौड़ाई में घूमना अवश्य रुप से बहुत कठिन रहा होगा,, तब भी भौगोलिक ज्ञान की परम्पराएं दर्शाती हैं कि ऐसी यात्रा वस्तुत की जाती थीं। और यह भी उल्लेखनीय है कि उस समय जब इस उपमहाद्वीप में कोई राजनीतिक एकता नहीं थी तब भी जो इस क्षेत्र को सिकन्दर के साथ जोड़ते थे और इसे एक एकल भूमि….निरुपित करते थे…. वे भी सत्यापित करते हैं कि पश्चिमी सीमा पर सिंधु नदी, हिमाचल और उत्तर तक फैला हिन्दूकुश, और अन्य दोनों दिशाओं में विस्तारित समुद्र के साथ भारत आकार में चर्तुर्भुजीय था। यहां तक कि उन्होंने इस माप को भी उदृत किया है: सिंधु नदी की लम्बाई; सिंधु से पाटलिपुत्र की दूरी और वहां से गंगा मुख; पूर्वी और पश्चिमी तटों से इसकी दूरी के साथ।
ब्रिटिश शासन के दौरान भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के निदेशक बने एलेक्झेडर कन्नींघम ने 1871 में लिखा:
”इन आयामों का सुगठित प्रबन्धन जोकि सिकन्दर के गुप्तचरों ने दिया था, विशेषकर देश के वास्तविक आकार के साथ अपने आप में उल्लेखनीय है, यहां तक कि उनके इतिहास के प्रारम्भिक काल में उन्हें अपनी मातृभूमि के रुपों और विस्तार का सही-सही ज्ञान था।”
जब देश पर अंग्रेजों का शासन था तब तथाकथित विद्वानों का एक वर्ग इसे प्रोत्साहित करने का इच्छुक था कि ब्रिटिश शासन इस विचार के प्रति घृणा करता है कि भारत एक देश था और भारतीय एक जन थे।
इस वर्ग का एक प्रमुख प्रतिनिधि था ब्रिटिश सिविल अधिकारी, सर जॉन स्ट्राचे। सन् 1888 में कैंम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में बोलते हुए सर स्ट्राचे ने कहा ”भारत नाम का क्या महत्व है? अनेक बार यह उत्तर दिया जाता रहा जोकि असत्य सा है,” मगर यह भी सत्य है, उन्होंने कहा ”ऐसा कोई देश नहीं है, और यह भारत के बारे में पहला तथा सर्वाधिक जरुरी तथ्य समझ लेना चाहिए। भारत एक नाम है जिसे हम ने अनेक विभिन्न देशों सहित एक बड़े क्षेत्र का नाम दिया है।”
सर जॉन स्ट्राचे तर्क देते थे कि भारत की तुलना में यूरोप में ज्यादा समान संस्कृति है। ”स्कॉटलैण्ड स्पेन की तरह ज्यादा है बनिस्पत बंगाल के पंजाब की तरह की तुलना में…. सभ्य यूरोप में ऐसा कोई देश नहीं है जहां लोग भिन्न हों जैसे कि बंगाली सिखों से भिन्न है, और बंगाल की भाषा लाहौर में उतनी ही अबोधगम्य है जितनी कि यह लंदन में होगी।”
इस पुस्तक की लेखक डायना एक्क हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में कम्पैरेटिव रिलीजन एण्ड इण्डियन स्टडीज की प्रोफेसर हैं। उनकी पुस्तक ‘बनारस, सिटी ऑफ लाइट‘ अपने विषय की उत्कृष्ट पुस्तक मानी जाती है, तो 559 पृष्ठों की कड़ी मेहनत से तैयार यह ग्रंथ बताता है कि कैसे हिन्दू पौराणिकता भारत के भूगोल से गुथी है और इस ब्रिटिश शासन के सिध्दांत कि भारत एक देश नहीं है और भारतीय एकजन नहीं हैं, को सशक्त और समाधानपूर्वक ठुकराती है।
पुस्तक में अहमदनगर किले का स्मरण किया गया है जहां पण्डित नेहरु ने अपने कारावास के दौरान अपनी पुस्तक ‘डिस्कवरी ऑफ इण्डिया‘ लिखी थी। अपनी इस पुस्तक में वह लिखते हैं कि स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान देश भर की उनकी यात्रा ने उन्हें देश की एकता के बारे में धारणा को पुष्ट किया। नेहरु लिखते हैं:
यद्यपि बाह्य रुप से हमारे लोगों के बीच विभिन्नता और बेहद विविधता थी, तब भी सर्वत्र ‘एकात्मता‘ का प्रबल भाव था जिसने भले ही हमारा राजनीतिक भाग्य हो या दुर्भाग्य रहा हो, युगों से हम सब को बांधे रखा है, भारत की एकता मेरे लिए मात्र एक बौध्दिक धारणा नहीं रही: यह एक भावनात्मक अनुभव था जिसने मुझे पूर्णतया हावी हुआ।”
डायना लिखती हैं: ”नेहरु के भारत के विज़न में निश्चित रुप से सभी जातियों और क्षेत्रीय समुदायों सहित इसकी मजहबी विविधता समाहित थी। सन् 1930 के दशक में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में अपने नेतृत्व के उदय से लेकर अपनी मृत्यु तक भारत के पहले प्रधानमंत्री के रुप में उन्होंने एक कट्टर सेकुलरिज्म का पक्ष लिया, यह सेकुलरिज्म गहरे, हिन्दूआधारों पर निर्मित था, जिनका वर्णन हम कर रहे हैं।” भाजपा और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ भारतीय राष्ट्रवाद का आधार हमारी संस्कृति को ही मानते हैं। अक्टूबर 1961 में जब मदुरै में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का सम्मेलन हुआ तब पण्डित नेहरु ने टिप्पणी की थी कि भारत ”युगों-युगों से तीर्थ-यात्राओं, तीर्थ स्थानों का देश रहा है। ”उन्होंने आगे लिखा ”समूचे देश में आपको प्राचीन स्थान मिलेंगे। हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियों पर बदरीनाथ, केदारनाथ तथा अमरनाथ से दक्षिण में कन्याकुमारी तक आपको तीर्थस्थल मिल जाएंगे। दक्षिण से उत्तर तक तथा उत्तर से दक्षिण तक कौन सी प्रेरणा-शक्ति लोगों को इन महान तीर्थस्थलों की ओर आकर्षित करती आ रही है? यह एक राष्ट्र की भावना तथा एक संस्कृति की भावना है और इस भावना से हम परस्पर बंधे हुए हैं। हमारे प्राचीन ग्रंथों में कहा गया है कि भारत भूमि उत्तर में हिमालय से लेकर दक्षिण में समुद्र तक फैली है। सदियों से भारत की यह संकल्पना चली आ रही है तथा इसने हमें परस्पर बांध रखा है। इस महान धारणा से प्रभावित होकर लोगों ने इसे ‘पुण्यभूमि‘ माना है। जबकि हमारे यहां अनेक सम्राज्य हुए हैं तथा यहां हमारी विभिन्न भाषाएं प्रचलित रही हैं। यह कोमल बंधन ही हमें अनेक तरीकों से बांधे रखता है।
पण्डित नेहरु का मदुरै भाषण भारत की प्राचीनता परन्तु सतत् स्वउर्जित संस्कृति को उस ‘कोमल बंधन‘ वर्णित करता है जो हमारी विविधताओं को ‘एक देश‘ के रुप में जोड़ता है।
****उमाश्री भारती की उनके ‘गंगा समग्र अभियान‘ के पहले चरण के सफलतापूर्वक सम्पन्न होने पर हार्दिक अभिनन्दन, जिसके तत्वाधान में गत् 7 जनवरी, 2013 को कांस्टीटयूशन क्लब में एक औपचारिक कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
इस अभियान के दो हिस्से थे: एक, 20 सितम्बर, 2012 से 28 अक्टूबर, 2012 तक गंगासागर से गंगोत्री तक की पांच सप्ताह की यात्रा और दूसरा, 2 दिसम्बर, 2012 को गंगा के सभी किनारों पर एक मानव श्रृंखला बनाना।
साध्वी उमा भारती के अभियान के दो उद्देश्य थे। (1) शुध्द गंगा, (2) अविरल गंगा। श्रोताओं से खचाखच भरे इस कार्यक्रम में भारतीजी ने इस अभियान में समाज के सभी समुदायों और वर्गों के उत्साह भरे समर्थन का प्रभावी ब्यौरा प्रस्तुत किया।
विट्ठलभाई पटेल हाउस में सम्पन्न इस कार्यक्रम में, मेरी सुपुत्री प्रतिभा द्वारा तैयार की गई तीस मिनट की अत्यन्त दिलचस्प और शिाक्षाप्रद फिल्म ‘गंगा‘ दिखाई गई।
****सेक्रिड जियोग्राफी पुस्तक में ”दि गंगा एण्ड दि रिवर्स ऑफ इण्डिया‘ शीर्षक से एक अलग अध्याय है।
इस अध्याय में डायना कहती हैं: हिन्दू भारत अपनी विविधताओं के बावजूद कुछ चीजों पर एक स्वर से बोलता है जैसाकि गंगा माता के बारे में। यह नदी हिन्दुओं, चाहे वे उपमहाद्वीप के किसी भी भाग को अपना घर कहते हों, या चाहे उनका अपना कोई सम्प्रदाय हो, के लिए विशाल सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व रखती है। जैसाकि एक हिन्दी लेखक ने लिखा है, ”यहां तक कि कट्टर नास्तिक हिन्दू भी जब गंगा के तट पर पहली बार पहुंचेगें तो उसके मन में ऐसे भाव उमड़ेगे जो पहले कभी नहीं उमड़े थे; ”या, हम इसमें जोड़ सकते हैं, ‘जब गंगा उनके पास पहुंची।‘ विभिन्न क्षेत्रों और बहुविध हिन्दू परम्पराओं के लोगों में एकता भाव लाने के लिए गंगाजल का उपयोग पूर्णतया अनुकुल होना चाहिए। आखिरकार, यह प्रतीक है सिर्फ उपकार, सिर्फ भरे हुए जल कलश और कमल का।
उमाश्री के अभियान के स्वयंसेवक गंगाजल के कलशों को लेकर सभी सांसदों, विधायकों और हजारों जनप्रतिनिधियों को देने गए थे, स्वयं उमाजी राष्ट्रपति, सम्मानीय लोकसभाध्यक्ष और अनेक अन्य गणमान्य महत्वपूर्ण व्यक्तियों को गंगाजल देने गई।
इस गंगाजल भेंट कार्यक्रम में हिस्सा ले चुके सभी इस पर एकमत थे कि जिस श्रध्दा से यह कलश ग्रहण किए गए वह न केवल हिन्दुओं तक सीमित भी अपितु हिन्दुओं, मुस्लिमों, ईसाइयों, सिखों में भी देखने को मिली।