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गैर कानूनी डिग्री के आरोपी कानून मंत्री के बचाव में सडकों पर उतरी “आप” डैमेज कंट्रोल में लगी

[नई दिल्ली]फर्जी डिग्री के आरोपी मंत्री के बचाव में सडकों पर उतरी “आप” पार्टी अब अदालत से बचने के लिए डैमेज कंट्रोल में लग गई है|
फर्जी डिग्री विवाद के कारण आम आदमी पार्टी[आप]की छवि को गहरा धक्का लगने के बीच पार्टी अब दागी जितेन्द्र सिंह तोमर को पार्टी से बख्रास्त करने पर विचार कर रही है क्योंकि कहा जा रहा है कि दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री से जुड़े इस प्रकरण को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खासे परेशान हैं।
अब कहा जा रहा है कि इस मुद्दे पर शीर्ष न्रेतत्व को अंधेरे में रखा गया।एक दिन पूर्व तक आशुतोष और कुमार विश्वास तोमर की गिरफ्तारी को लेकर पोलिस के विरुद्ध नारे लगाते फिर रहे थे लेकिन अदालत से पोलिस को रिमांड मिलने एके बाद से पार्टी के तेवरों में नरमी आई है |टीवी चैनलों पर भी आशीष खेतान सरीखे प्रवक्ता जोर शोर से अरविन्द केजरीवाल का बचाव करते हुए नजर आये|आशीष खेतान ने तो यहां तक कह दिया कि नेता की फर्जी डिग्री जांचने का उनके पास कोई विशेष उपकरण ही नहीं है |इसके अलावा सूत्रों के अनुसार अब तोमर के बचाव में अदालत जाने से भी बचा जा रहा है |नेताओं के अनुसार इस मुद्दे को “आप” के नए बने आंतरिक लोकपाल के समक्ष भेजा दिया गया है |
जहां “आप” पार्टी अपने विधायकों के खिलाफ आरोपों पर विवादों से जूझ रही है, वहीं पार्टी से टूटकर बने पृथक समूह “स्वराज अभियान” ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से इस्तीफा की मांग करते हुए कहा है कि उन्होंने शासन करने का ‘‘नैतिक अधिकार’’ खो दिया है।
महाराष्ट्र में योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण नेतृत्व वाले स्वराज अभियान के संस्थापक सदस्य मारूति भापकर ने आरोप लगाया कि आप के विधायकों और दिल्ली के पूर्व कानून मंत्रियों – जितेंद्र सिंह तोमर और सोमनाथ भारती से जुड़े विवादों ने ‘‘केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप के नैतिक दिवालियेपन’ को दिखाया है।
भापकर ने मीडिया से कहा”तोमर से जुड़े घटनाक्रम के मद्देनजर केजरीवाल मुख्यमंत्री के तौर पर राज्य में शासन करने का नैतिक अधिकार खो चुके हैं और उन्हें इस्तीफा देना चाहिए” उन्होंने आरोप लगाया कि ‘आप’ नेतृत्व ने दिल्ली विधानसभा चुनावों के बाद अपनी पहली राष्ट्रीय परिषद बैठक में यादव और भूषण की आपत्तियों को नजरअंदाज कर दिया था।