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विमान खरीदने की छूट से अब तो कार्बन फैलाने और एक्सीडेंट कराने की मौज ही मौज होगी:ड्रग्स स्मगलरों भी पौ बारह

झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक निजी विमान कम्पनी का चीयर लीडर

ओये झल्लेया मुबारकां |ओये देखा हसाड़े रसूख का कमाल ओये हो गया न चौ. अजित सिंह भी बेहाल|पहले कहते फिरते थे कि नए जहाज़ों को खरीदने से पहले ये करो वोह करो |ना जाने कौन कौन सी उठ बैठक करवाते थे और अब विमान खरीदने की मंजूरी देने वाली समिति को ही सिविल एविएशन मंत्री अजित सिंह ने भंग कर दिया है।
ओये अब हम खुदी अपनी जरुरत तय करके जब चाहे एयरक्राफ्ट खरीद सकेंगे। अब किसी मंत्री की मंजूरी लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

झल्ला

हां बाऊ जी अब किसी भी वायु प्रदुषण + एयर ट्रैफिक यहाँ तक कि सुरक्षा की भी जरुरत नहीं होगी| जितना मर्जी कार्बन फैलाओ |जितने मर्जी एक्सीडेंट कराओ सब छूट होगी |ड्रग्स स्मगलरों की भी पौ बारह होगी|