Ad

एमपी के व्यापम घोटाले की जांच सीबीआई से कराने के लिए सीएम शिवराज सिंह ने हामी भरी

[भोपाल]एमपी के व्यापम घोटाले की जांच सीबीआई से कराने के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने हामी भरी
व्यापम घोटाले से जुड़े लोगों की लगातार हो रही मौतों से व्यथित सीएम ने मामले की जांच सी बीआई से कराने की घोषणा की इसके लिए उच्च न्यायालय को लिखेंगे ||इससे न केवल कांग्रेस के विरोध की धार कुंद पड़ेगी वरन परसेप्शन भी सुधरेगा |
मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यावसायिक परीक्षा मंडल [व्यापमं]घोटाले में नाम घसीटे जाने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अंतत: आज कहा कि वह उच्च न्यायालय से मामले की जांच, केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो [सीबीआई]को सौंपने का आग्रह करेंगे।
मुख्यमंत्री चौहान ने आज यहां मंत्रालय में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरे मन में दोनों उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय के प्रति पूरी आस्था है तथा व्यापमं घोटाले की अभी उच्च न्यायालय की निगरानी में चल रही एसटीएफ एवं एसआईटी जांच पर भी मेरा पूरा भरोसा है ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जिस तरह मौतों के नाम पर वातावरण तैयार किया जा रहा है, उससे लोगों के मन में संदेह पैदा हो रहा है। लोकतंत्र लोकलाज से चलता है और जनभावनाओं का सम्मान करते हुए मैं उच्च न्यायालय को एक अनुरोध पत्र भेज रहा हूं कि व्यापमं की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दें’’
मुख्यमंत्री का यह कदम इसलिए भी महत्व रखता है, क्योंकि कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह सहित कुछ अन्य की कई याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय 9 जुलाई को सुनवाई करने वाला है, जिसमें व्यापमं घोटाले की सीबीआई जांच की मांग की गई है।
सीएम चौहान ने दोहराया कि जैसे ही व्यापमं की गड़बड़ियां उजागर हुईं उन्होंने ही एसटीएफ को निष्पक्ष जांच सौंपने का निर्णय लिया था। उन्होने जोर देकर कहा कि उन्होंने ही तय किया था कि व्यापमं द्वारा आयोजित सभी परीक्षाओं की जांच एसटीएफ से कराई जाए। इनमें मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश और विभिन्न सरकारी नौकरियों की परीक्षाएं शामिल थीं।
उन्होंने कहा, ‘‘इससे पहले व्यापमं घोटाले की सीबीआई जांच कराने की अनेक जनहित याचिकाओं का निपटारा करते हुए उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय ने एसटीएफ जांच पर संतोष जाहिर किया था। पत्रकार :अक्षय सिंह: सहित हुई कुछ लोगों की मौतों पर कुछ लोग जनता के मन में भ्रम पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि इस मामले में प्रदेश और प्रदेश के बाहर भी लोगों के मन में संदेह है । इसलिए मैंने तय किया है कि मामले की सीबीआई जांच के लिए उच्च न्यायालय से लिखित अनुरोध किया जाए’’