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हवाई यात्राओं की सुरक्षा के लिए ५७%स्टाफ की कमी: Shortage Of 57%Staff In Civil Aviation Govt.Accepted In Parliament

CivilAviation Minister Ch.Ajit Singh

नागरिक उड्डयन छेत्र में सुरक्षा के लिए उत्तरदाई डी जी सी ऐ में ५७%स्टाफ की कमी है|यह स्वीकारोक्ति केंद्र सरकार द्वारा संसद में की गई है| पार्लियामेंट में बताया गया है कि ९२४ अधिकृत पोस्ट पर वर्तमान में केवल ५२८ पोस्ट पर ही तैनाती है|इसीलिए यह कहना उचित ही होगा कि नौकरियां देने का दावा करने वाली सरकार के अपने विभाग में ही आधे से ज्यादा पद खाली हैं|यह केवल पद , नौकरी या सरकार की विश्वसनीयता की ही बात नहीं है वरन एयर ट्रैफिक की सुरक्षा पर भी प्रश्न चिन्ह लगाती है|
गौरतलब है कि डी जी सी ऐ के कन्धों पर राष्ट्रीय और अन्तराष्ट्रीय एयर ट्रांसपोर्ट की जिम्मेदारी भी है| लेकिन सिविल एविएशन राज्य मंत्री वेणु गोपाल [के सी]ने राज्य सभा में यह कह कर छुट्टी पा ली कि भर्ती की प्रक्रिया निर्धारित नियमों के अंतर्गत की जाती है|आश्चर्यजनक रूप से यह भी बताया गया कि वर्ष २००९ में ग्रुप ऐ के लिए ४२७ और बी & सी के लिए ४८ पोस्ट क्रियेट की गई थी मगर ये पोस्ट एक दम नई होने के कारण इनकी भर्ती के लिए कोई नियम कानून नहीं है| इस सब के बावजूद भी खाली पदों पर न्युक्ति की प्रक्रिया जारी है|
व्यवस्थापक स्वयम ही अभावों में जी रहा है ऐसे में दूसरे निजी विमानन कंपनियों में चल रहे जायज़ नाजायज़ की खोज और जांच वह कैसे रख पायेगा |विमानों के आपस में टकराने,चिंताजनक नद्जीक आने ,आपातकालीन स्थिति में फ़ोर्स लेंडिंग,स्टाफ के वेतन,बोनस,ट्रेनिग,और अन्य अनेकों समस्यायों के प्रति सरकारी उदासीनता जग जाहिर है|हड़ताल से लौटे स्टाफ की नियुक्ति या वेतन सम्बन्धी कार्यवाही हो, एयर पोर्ट से ऐ टी ऍफ़ के स्टोरेज टैंक हटवाने हों या क़र्ज़ की वसूली के मामले हों,विदेशी निवेशकों की रूचि यहाँ तक कि नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह के गृह मंडल में एयर पोर्ट के विस्तार की यौजना में केवल बयाँ बाज़ी ही हो रही है|हाँ एक अपवाद जरूर है चौधरी अजित सिंह ने एयर पोर्ट के नज़दीक होने वाले निर्माण [ऊँचाई] के लिए ऐ ऐ आई की परमिशन को गैर जरूरी घोषित कर दिया है मगर इससे डी जी सी ऐ की कार्यप्रणाली सुधरेगी इस पर बहस की जा सकती है|

Comments

  1. ???????? says:

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