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जंगे आजादी यादगार में विभाजन के शरणार्थियों के रिकॉर्ड भी सहेजो

[करतारपुर,जालंधर,पंजाब] कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने जंगे आजादी यादगार के दूसरे चरण का उद्घाटन किया ,तीसरे की घोषणा मगर ,आजादी के कारण हुए देश के विभाजन के पीड़ितों और उनकी जमीनों के रिकॉर्ड की बात नहीं की गई |यह स्मारक जंगे आजादी में शहीद हुए लोगों को एक श्रद्धांजलि है जो पिछली सरकार द्वारा शुरू कराया गया था |इसे अब पूरा किया जा सका है |करतारपुर लकड़ी के काम के लिए प्रसिद्द है |यहां यह कहना तर्क सगत ही होगा के आजादी के साथ ही देश का विभाजन करा दिया गया जिसके फलस्वरूप लाखों बेकसूर लोग दोनों तरफ से बेघर होकर शरणार्थी बन गए | इनके द्वारा छोड़ी गई जमीन आने वालों की दी जानी थी और भारत में अनेकों को यह जमीन आल्लोट भी की गई इसके बावजूद हजारों की संख्या में शरणार्थियों को मुआवजा नहीं दिया गया |इसमें जबरदस्त भ्र्ष्टाचार हुआ| आज भी सैंकड़ो पीड़ित अपने हक के लिए अदालतों+पीएमओ +सीएम ओ+ के चक्कर लगा रहे हैं |
कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने करतारपुर में जंगे आजादी यादगार के दूसरे चरण का उद्घाटन अवसर पर कहा के यह स्मारक राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देगा|
२५ करोड़ रु की लागत से बनाने वाले इस स्मारक में छह गैलरियां हैं|इसके लिए अभी साढ़े ९ करोड़ रु रिलीज किये जाने शेष हैं जिन्हे जल्द रिलीज करने का आश्वासन दिया गया है |असंतुष्ट आँगनबाड़ी कार्यकर्तियों ने सीएम् के इस कार्यक्रम का विरोध भी किया |