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राहुल और मोदी कहते फिर रहे हैं के “मेरी सहनशीलता+सहिषुणता तुम्हारी सहनशीलता से बढ़ी है”

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

कांग्रेसी चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये मुल्क में क्या हो रहा है?मुल्क में नै हकूमत आने से असहनशीलता इतनी बढ़ गई है के सगा भाई भी अपने भाई का दुश्मन बन रहा है|कलाकारों+ साहित्यकारों ने तो पुरूस्कार तक लौटने शुरू कर दिए हैंलेकिन हमने भी पी एम की तरह मौन नहीं साधा है |हसाड़ी सोनिया जी और हसाडे राहुल जी आज प्रेजिडेंट से मिल कर सरकार की बर्खास्तगी की मांग करेंगे

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजान जी!जिस प्रकार देश में प्रत्येक त्यौहार भी अलग अलग दो दिन मनाये जाने लगे हैं,ठीक उसी प्रकार ये असहनशीलता+असहिषुणता के मायने भी अलग अलग हो गए हैं|शायद इसीलिए राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी कहते दिखाई देते हैं के तुम्हारी असहनशीलता से मेरी असहनशीलता बढ़ी है |राहुल और मोदी कहते फिर रहे हैं के “मेरी सहनशीलता+सहिषुणता तुम्हारी सहनशीलता+सहिषुणता से बढ़ी है”