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“सब्सिडी” के लिए सभी तर्कों से भारी है राजनितिक तर्क

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

चिंतित पंजाबी शिक्षाविद

ओऐ झल्लेया!ये सब्सिडी का क्या मजाक बनाया हुआ है|जिंनोू देखो सब्सिडी मंगी जाँदा है |जित्थे देखो सब्सिडी लुटाई जा रही है|
ओऐ सब्सिडी देने के पीछे कोई तर्क भी होना चाहिए के नहीं ?ओऐ झल्लेया! हसाडे पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति बी. एस. ढिल्लों जी ने भी आखिर फरमा ही दिया है के सब्सिडी को प्राकृतिक संसाधानों के प्रोत्साहन तथा संरक्षण के लिए ही दिया जाना चाहिए। इसीलिए सबसिडी को तर्कपूर्ण बनाने की जरूरत है

झल्ला

ओ मेरे भोले भापा जी !आप जी कौन से तर्क की बात कर रहे हो?आपके सारे तर्कों के ऊपर भारी है राजनितिक तर्क |नेतागन सब्सिडी लुटाने के लिए मरे जा रहे हैं जी