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लगातार हारती जा रही क्रिकेट टीम की ओवरहालिंग के लिए केंद्र सरकार को आगे आना होगा

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इंग्लैण्ड के हाथों दोहरी हार से आहत क्रिकेट प्रेमी और खिलाड़ी चिंता में हैं और सभी दिशाओं से खिलाड़ी+कप्तान+कोच+और सलेक्टरों की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं|
पहला विश्व कप भारत में लाने वाले कपिल के डेविल्स में शामिल मोहिंदर अमरनाथ ने अभी हाल ही में बतौर सलेक्टर टीम के कप्तान एम् एस धोनी को बदले जाने की सिफारिश की थी मगर उस सिफारिश के ठीक उलटे धोनी को अभय दान देते हुए अमरनाथ को हे बदल दिया गयाइसके बाद की कहानी तो जग जाहिर है|इंग्लैण्ड के स्पिनरों के हाथों कोलकत्ता में सात विकटों से करारी हार का सामना करना पडा है| अब उन्होंने फिर से टीम में दीवार कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ और लक्ष्मण की कमी पर चिंता व्यक्त की है|
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान व मिडिल आर्डर के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी राहुल द्रविड़ ने इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में टीम इंडिया की दो लगातार हार पर नाराजगी जाहिर करते हुए खिलाड़ियों की सक्षमता व उनकी प्रतिभा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।’ उन्होंने कहा है “भारत को स्पिन विभाग में पछाड़ दिया गया और यह चिंता का संकेत है क्योंकि स्पिन हमारी मजबूती रही है.” ए’ टीम का दौरा और एकेडमी सिस्टम बहुत ही ज्यादा अहम हो गया है.”
भारतीय टीम में कुछ बदलाव का सुझाव देते हुए द्रविड़ ने कहा, “मैं देख पा रहा हूं कि भारतीय टीम बदलाव की मोड़ पर है और इसे सोचना चाहिए कि कैसे मुश्किल से बाहर आया जाए और कैसे वो नौजवान खिलाड़ी जिनमें हुनर, तकनीक, जोश और चाहत है टेस्ट क्रिकेट खेलने का मौका पा सकें.”
राहुल द्रविड़ ने कहा, ‘लोग खिलाड़ियों के रवैये की बात करते हैं और कहते हैं कि आईपीएल में पैसे की वजह से उनके रवैये में बदलाव आ रहा है। यह सब बातें अलग हैं लेकिन अहम बात है उन खिलाड़ियों की सबसे बड़ी कमजोरी, उनकी क्षमता व प्रतिभा और वे मेरे लिए ज्यादा बड़ी चिंता का विषय है। यह एक बड़ा सवाल है कि क्या हमारे खिलाड़ियों की प्रतिभा व गुणवत्ता सही रास्ते पर है। एक बात यह भी है कि हमारे घरेलू क्रिकेट का स्तर इतना ऊंचा नहीं हो सका है कि लगातार खिलाड़ी उसके दम पर सीधे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रख सकें।’ भारत में टीम इंडिया के हाल के शर्मनाक प्रदर्शन को लेकर खेल प्रशंसक बेहद नाराज हैं और इस पर द्रविड़ ने कहा, ‘ज्यादातर लोग सिर्फ इस बात से नाराज नहीं है कि हम हारे बल्कि इस बात से ज्यादा दुखी हैं कि जिस तरीके से हम हारे। भारत ने इस सीरीज में तीन बार टास जीते हैं जिस दौरान मुंबई में मनमर्जी पिच व कोलकाता में बल्लेबाजों के अनुकूल पिच मिली लेकिन हमारी टीम के खिलाड़ी ना सिर्फ इन स्थितियों का फायदा उठा सके बल्कि मुकाबला करने में भी सक्षम नहीं दिखे। इंग्लैंड ने भारत को आइना दिखाया है और साफ किया है कि टीम इंडिया किन कठिनाइयों से जूझ रही है। सफल टीमों में शानदार खिलाड़ियों की एक लंबी फेहरिस्त होती है जो एक साथ मिलकर एक ही समय में अच्छा प्रदर्शन करते हैं और टीम को बुलंदी तक पहुंचाते हैं।’|सचिन तेंदुलकर+ वीरेंदर सहवाग+जैसे वरिष्ठ खिलाड़ी भे कुछ कर पाने में असफल रहे अब इनके बदलाव की मांग भी सर्वत्र उठने लगी हैलेकिन केवल खाना पूर्ती के लिए हरभजन सिंह+युवराज और जहीर को ही बाहर का रास्ता दिखाया गया है|कप्तान धोनी को एक बार फिर बचा लिया गया है|सचिन ने कहा था की जब तक वोह चाहेंगे खेलते रहेंगे इसी तर्ज़ पर धोनी ने भी कप्तानी छोड़ने से इंकार कर दिया है|सरकार में प्रभावी राजीव शुक्ला सरीखे क्रिकेट के कर्णधार सब कुछ ठीक ठाक बता कर मामले को रद्दी की टोकरी में डाल दिया| कोच की भूमिका का भी मजाक उड़ाया जा रहा है| बी सी सी आई की भूमिका पर भी एक बार फिर से सवालिया निशान लग रहे हैंलेकिन दुर्भाग्य से इस दिशा में कोई बात करने को राज़ी नहीं है| केंद्र सरकार ने जिस तरह मुक्के बाज़ी + तीर अंदाजी संघ और आई ओ अ को सुधारने के लिए पहल की है उसी तरह क्रिकेट में भी सुधारों की जरूरत है| बेशक इस गेम को भारत सरकार से फंड्स नहीं मिलते मगरयह गेम भी [१] भारत के नाम पर खेला जाता है [२] स्पोर्ट्स स्टेडियम से लेकर कर छूट और सुरक्षा आदि की व्यवस्था सरकार की ही है ऐसे में सरकारी दखल का समय आ गया है|

Comments

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