झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां
एक क्रिकेट प्रेमी
ओये झल्लेया लगता है कि इस देश में कोई देखने या सुनाने वाला कोई नहीं रहा|अब देखो ना लगातार तीन सीरीज हारने वाले महेंद्र सिंह धौनी अब इंग्लैण्ड के साथ शुरू हुई ५ एक दिवसीय मैचों की श्रंखला के पहले मैच में ही धुल गए |ओ यारा ९ रन की हार से देश श्रम सार हुआ जा रहा है मगर किसी के कानों पर जूँ तक नहीं रेंग रही|भी अब तो वीरेंदर सहवाग को हटा दिया अब तो कोई बहाना भी नहीं बचा | फिर भी हार गए |यार इस कप्तान और इसे चुनने वालों को [बेशक संसद में बैठे हों ]बाहर कर दिया जाना चाहिए |
झल्ला
अरे अरे बाऊ जी आपका गुस्सा आपकी नाराज़गी जायज़ है लेकिन आप ये क्यूं भूल जाते हो कि बेशक ये क्रिकेटर भारत के झंडे तले खेलते हैं मगर अपने आप को सबसे ऊपर मानते हैं अनटचेबल मानते हैं तभी तो बाल इन्ही के चुनिन्दा खिलाड़ियों के इर्द गिर्द ही घूमती रहती है|वरना मोहिन्द्र अमरनाथ की सलाह मान कर धौनी को आउट नहीं कर देते और कपिल देव की मान कर प्राइवेट क्रिकेट क्लबों को मान्यता नहीं दे देते|लेकिन इन्हें पता है कि क्रिकेट से जब तक नहीं निकाले जायेंगे जब तक इनके लिए संसद में कोई जगह खाली नहीं हो जायेगी|
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