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Tag: कपिल देव

अब तो इंडियन टेस्ट क्रिकेट कप्तान धौनी को हटा दो Change The Captain Dhoni

इंग्लैण्ड के हाथो शर्मनाक रूप से क्रिकेट टेस्ट सिरीज हारने से आहत खेल जगत अब भारतीय टीम विशेषकर कप्तान के बदलाव की मांग करने लगा है| ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में पहले वाइटवॉश और अब घरेलू सीरीज में पिटने के बाद टेस्ट टीम के कप्तान के रूप में धौनी की काबिलियत पर मोहिंदर अमरनाथ के सवालों को अब जोर शोर से समर्थन मिलना शुरू हो गया है| गौतम गंभीर और विराट कोहली में से किसी एक को टीम इंडिया की कमान के लिए सुपात्र बताया जा रहा है|
कई पूर्व खिलाड़ी विराट कोहली को टेस्ट टीम की कप्तानी देने के पक्ष में नजर आ रहे हैं।

महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर,

के पूर्व अध्यक्ष श्रीकांत, अतुल वासन कप्तान धौनी को हटाने की बात कर रहे हैं। पिछले 18 महीनों में भारत के खराब प्रदर्शन के बाद ये लोग टेस्ट कप्तान बदलना चाहते हैं और उनकी जगह विराट कोहली का नाम सुझाया जा रहा है। नागपुर टेस्ट से पूर्व धोनी का समर्थन करने वाले सुनील गवास्कर ने भी अब नागपुर टेस्ट के ड्रा होने पर धोनी प्रेम को त्याग दिया है| गावस्कर ने कहा कि समय आ गया है कि चयनकर्ता भविष्य पर ध्यान दें, क्योंकि धौनी सीरीज में लय में नहीं दिखे। पूर्व भारतीय कप्तान गावस्कर ने कहा कि इस टेस्ट के चौथे दिन तक मैं कहता रहा कि धौनी का कोई विकल्प नहीं है, लेकिन विराट के मुश्किल हालात में शतक जड़ने के बाद मुझे लगता है कि उसने अपने बारे में अच्छी चीज खोज ली है। मुझे लगता है कि वह जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार है। गावस्कर ने कहा कि मुझे लगता है कि इसकी ओर सकारात्मक तरीके से देखा जाना चाहिए, क्योंकि यहीं भविष्य है।

अब तो इंडियन टेस्ट क्रिकेट कप्तान धौनी को हटा दो


मोहिंदर अमरनाथ के धोनी पर लगाये गए आरोपों से बचते फिर रहे

श्रीकांत

का अब मानना है कि धौनी कप्तानी के भार के बिना ज्यादा बेहतर साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि धौनी की कप्तानी नीरस हो गई है अगर मैं चयनकर्ताओं का अध्यक्ष होता तो मैं धौनी को विकेटकीपर और बल्लेबाज के रूप में टीम में चुनता। श्रीकांत ने कहा कि मैं धौनी को विकेटकीपर और बल्लेबाज इसलिए चुनता क्योंकि उसका क्रिकेट को दिया गया योगदान काफी अहम है। मुझे लगता है कि अगर वह कप्तानी नहीं करेगा तो टीम को ज्यादा बेहतर योगदान दे सकता है।
धौनी ने कोलकाता टेस्ट में मिली हार के बाद कहा था कि मेरे लिए सबसे आसान चीज यह कहना होगी कि मैं कप्तानी छोड़ना चाहता हूं और इस टीम का हिस्सा बने रहना चाहता हूं। लेकिन यह जिम्मेदारी से भागने की बात होगी। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से बीसीसीआई और प्रशासनिक लोग ही इस पर फैसला ले सकते हैंलेकिन अब उन्होंने हार को स्वीकार करने के बजाये बल्ले बाज़ और फ़ास्ट बोलर्स पर दोष डालना शुरू कर दिया है| टीम कुछ समय पहले आईसीसी रैंकिंग में शीर्ष पर थी। इन जीत में से ज्यादातर पांच जीत घरेलू सरजमीं पर मिली हैं। अब उल्लेखनीय है कि धौनी की अगुवाई में विदेशी सरजमीं पर टीम ने 13 में से आठ गंवाए हैं और पिछले दो साल में केवल दो जीत दर्ज की हैं।
धौनी को 2007 विश्व टवेंटी-20 चैपिंयनशिप जीतने के बाद कैप्टन कूल पुकारा जाने लगा, लेकिन पिछले दो साल में विदेशी सरजमीं पर टेस्ट में खराब प्रदर्शन से उन पर सवाल उठने लगे। इंग्लैंड के हाथों घरेलू सीरीज गंवाने से, मध्यक्रम बल्लेबाज राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण के संन्यास लेने के बाद भारत की बल्लेबाजी खामियां उजागर हो गई।
पिछले दो साल के दौरान खेले गए 22 टेस्ट मैचों में भारत ने महज सात मैच ही जीते हैं, 10 मैचों में टीम को हार मिली है और पांच ड्रा रहे हैं।

पूर्व भारतीय स्पिनर बिशन सिंह बेदी

ने भी धौनी को कप्तानी से हटाने की मांग की। उन्होंने कहा कि धौनी को खुद को भाग्यशाली मानना चाहिए कि वह अब भी वहां [कप्तान] है। अगर टाइगर पटौदी या सुनील गावस्कर ने इतने टेस्ट गंवा दिए होते तो वे इतने लंबे समय तक नहीं टिके रहते। बेदी ने कहा कि उसने कप्तान बने रहने के लिए ज्यादा कुछ नहीं किया है। उसे विश्व कप जीत के बाद ही हटा देना चाहिए था। उन्होंने पूछा कि वह टेस्ट कप्तान नहीं है। आपको ऐसे कप्तान की जरूरत होती है जो अंतिम एकादश में अपने स्थान का दावेदार हो। मुझे बताइए कि उसके 99 रन टीम के किसी काम के थे।
बेदी का मानना है कि कोहली को टीम की कमान सौंपनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आप ऐसा नहीं कह सकते कि हम किसी अन्य खिलाड़ी को कप्तान नहीं बना सकते मैं विराट कोहली को कप्तान बनाऊंगा। उसके पास तेज क्रिकेटिया दिमाग है। आपको युवाओं पर भरोसा करना होगा। यह युवा खिलाड़ियों का खेल है। हम लंबे समय से उम्रदराज खिलाड़ियों को ढो रहे हैं।

पूर्व तेज गेंदबाज कपिलदेव

भी मानते हैं कि धौनी से टेस्ट की कप्तानी ले लेनी चाहिए। उनका मानना है कि सहवाग या गंभीर बेहतर विकल्प हो सकते हैं। वहीं कोहली को लेकर उनका कहना है कि अभी उसे कप्तानी सौंप देना थोड़ी जल्दबाजी होगी। अभी उसे दो साल और टेस्ट क्रिकेट खेलने दीजिए उसके बाद जिम्मेदारी देने के बारे में सोचिए। उन्होंने कहा कि अभी वह 21 साल का है और हाल ही में वह टेस्ट टीम का नियमित सदस्य बना है इसलिए अभी तुरंत उस पर बोझ डालना सही नहीं होगा। कुछ इसी तरह के विचार पूर्व स्पिनर मनिंदर सिंह भी रखते हैं।
टीम कि लगातार हार और आलोचनात्मक प्रदर्शन से एक बात तो साफ़ हो गई है कि टीम सलेक्शन में मोहिंदर अमरनाथ के निर्णय की उपेक्षा करके बोर्ड ने यह साबित कर दिया है कि क्रिकेट अब सभ्य पुरुषों का खेल नहीं रह गया है|शीर्ष पर बैठा ही सलेक्टर है और अपने हितों की रक्षा की खातिर ही टीम में बदलाव लाया जाता है|अब समय अ गया है कि देश के लिए देश के नाम पर खेले जाने वाले इस खेल के प्रति भी विस्तृत चर्चा होनी चाहिए और इसके न्रेतत्व में बदलाव के लिए कड़े फैसले लेने का समय आ गया है|

लगातार हारती जा रही क्रिकेट टीम की ओवरहालिंग के लिए केंद्र सरकार को आगे आना होगा

Logo Of Indian Cricket

इंग्लैण्ड के हाथों दोहरी हार से आहत क्रिकेट प्रेमी और खिलाड़ी चिंता में हैं और सभी दिशाओं से खिलाड़ी+कप्तान+कोच+और सलेक्टरों की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं|
पहला विश्व कप भारत में लाने वाले कपिल के डेविल्स में शामिल मोहिंदर अमरनाथ ने अभी हाल ही में बतौर सलेक्टर टीम के कप्तान एम् एस धोनी को बदले जाने की सिफारिश की थी मगर उस सिफारिश के ठीक उलटे धोनी को अभय दान देते हुए अमरनाथ को हे बदल दिया गयाइसके बाद की कहानी तो जग जाहिर है|इंग्लैण्ड के स्पिनरों के हाथों कोलकत्ता में सात विकटों से करारी हार का सामना करना पडा है| अब उन्होंने फिर से टीम में दीवार कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ और लक्ष्मण की कमी पर चिंता व्यक्त की है|
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान व मिडिल आर्डर के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी राहुल द्रविड़ ने इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में टीम इंडिया की दो लगातार हार पर नाराजगी जाहिर करते हुए खिलाड़ियों की सक्षमता व उनकी प्रतिभा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।’ उन्होंने कहा है “भारत को स्पिन विभाग में पछाड़ दिया गया और यह चिंता का संकेत है क्योंकि स्पिन हमारी मजबूती रही है.” ए’ टीम का दौरा और एकेडमी सिस्टम बहुत ही ज्यादा अहम हो गया है.”
भारतीय टीम में कुछ बदलाव का सुझाव देते हुए द्रविड़ ने कहा, “मैं देख पा रहा हूं कि भारतीय टीम बदलाव की मोड़ पर है और इसे सोचना चाहिए कि कैसे मुश्किल से बाहर आया जाए और कैसे वो नौजवान खिलाड़ी जिनमें हुनर, तकनीक, जोश और चाहत है टेस्ट क्रिकेट खेलने का मौका पा सकें.”
राहुल द्रविड़ ने कहा, ‘लोग खिलाड़ियों के रवैये की बात करते हैं और कहते हैं कि आईपीएल में पैसे की वजह से उनके रवैये में बदलाव आ रहा है। यह सब बातें अलग हैं लेकिन अहम बात है उन खिलाड़ियों की सबसे बड़ी कमजोरी, उनकी क्षमता व प्रतिभा और वे मेरे लिए ज्यादा बड़ी चिंता का विषय है। यह एक बड़ा सवाल है कि क्या हमारे खिलाड़ियों की प्रतिभा व गुणवत्ता सही रास्ते पर है। एक बात यह भी है कि हमारे घरेलू क्रिकेट का स्तर इतना ऊंचा नहीं हो सका है कि लगातार खिलाड़ी उसके दम पर सीधे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रख सकें।’ भारत में टीम इंडिया के हाल के शर्मनाक प्रदर्शन को लेकर खेल प्रशंसक बेहद नाराज हैं और इस पर द्रविड़ ने कहा, ‘ज्यादातर लोग सिर्फ इस बात से नाराज नहीं है कि हम हारे बल्कि इस बात से ज्यादा दुखी हैं कि जिस तरीके से हम हारे। भारत ने इस सीरीज में तीन बार टास जीते हैं जिस दौरान मुंबई में मनमर्जी पिच व कोलकाता में बल्लेबाजों के अनुकूल पिच मिली लेकिन हमारी टीम के खिलाड़ी ना सिर्फ इन स्थितियों का फायदा उठा सके बल्कि मुकाबला करने में भी सक्षम नहीं दिखे। इंग्लैंड ने भारत को आइना दिखाया है और साफ किया है कि टीम इंडिया किन कठिनाइयों से जूझ रही है। सफल टीमों में शानदार खिलाड़ियों की एक लंबी फेहरिस्त होती है जो एक साथ मिलकर एक ही समय में अच्छा प्रदर्शन करते हैं और टीम को बुलंदी तक पहुंचाते हैं।’|सचिन तेंदुलकर+ वीरेंदर सहवाग+जैसे वरिष्ठ खिलाड़ी भे कुछ कर पाने में असफल रहे अब इनके बदलाव की मांग भी सर्वत्र उठने लगी हैलेकिन केवल खाना पूर्ती के लिए हरभजन सिंह+युवराज और जहीर को ही बाहर का रास्ता दिखाया गया है|कप्तान धोनी को एक बार फिर बचा लिया गया है|सचिन ने कहा था की जब तक वोह चाहेंगे खेलते रहेंगे इसी तर्ज़ पर धोनी ने भी कप्तानी छोड़ने से इंकार कर दिया है|सरकार में प्रभावी राजीव शुक्ला सरीखे क्रिकेट के कर्णधार सब कुछ ठीक ठाक बता कर मामले को रद्दी की टोकरी में डाल दिया| कोच की भूमिका का भी मजाक उड़ाया जा रहा है| बी सी सी आई की भूमिका पर भी एक बार फिर से सवालिया निशान लग रहे हैंलेकिन दुर्भाग्य से इस दिशा में कोई बात करने को राज़ी नहीं है| केंद्र सरकार ने जिस तरह मुक्के बाज़ी + तीर अंदाजी संघ और आई ओ अ को सुधारने के लिए पहल की है उसी तरह क्रिकेट में भी सुधारों की जरूरत है| बेशक इस गेम को भारत सरकार से फंड्स नहीं मिलते मगरयह गेम भी [१] भारत के नाम पर खेला जाता है [२] स्पोर्ट्स स्टेडियम से लेकर कर छूट और सुरक्षा आदि की व्यवस्था सरकार की ही है ऐसे में सरकारी दखल का समय आ गया है|