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मोदी भापे ने दोहराया अपना तकिया कलाम ना जन्म दिन मनाऊंगा और नाही मनाने दूंगा

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

भाजपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया देखा हसाडे नरेंद्र भाई दामोदर दास मोदी की ऊंची सोच |ओये मोदी जी पहली बार प्रधान मंत्री बने हैं और पी एम की वर्दी में पहली बार चीन के सुप्रीमो शी जिनपिंग के साथ गुजरात में जन्म दिन मनाने का मौका आया तो जम्मू काश्मीर में तबाही आ गई| इससे हसाडे मोदी जी के दिल पर इतना गहरा आघात लगा है कि उन्होंने पहली बार अपना ६४ वा जन्म दिन १७ सितम्बर को मनाये जाने से इंकार कर दिया है |है

झल्ला

ओ मेरे सेठ जी [मन+जीत]मंजीत भाई दामोदर दास मोदी का तकिया कलाम बन गया है [१]ना खाऊंगा न खाने दूंगा[२]ना सोऊंगा और नहीं सोने दूंगा |इसी को दोहराते हुए कह दिया होगा कि अब न तो अपना जन्म दिन मनाऊंगा और न ही किसी दूसरे को ही मनाने दूंगा| वैसे झल्लेविचारानुसार ये तो पता नहीं कितने लोग इस अपील पर कश्मीर राहत में दान देंगे मगर यह निश्चित है कि ऐसी विकट घडी में जन्म दिन नहीं मनाने से जन्म दिन के बाद आने वाली गालियों+राजनीतिक आलोचनाओं|न्यूज़ ट्रेडर्स के हमलों की गिफ्टों को संजो रखने के लिए शोकेस खरीदने के झंझट से मोदी भापा बच गए|