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Tag: गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे

रविवासरीय अवकाश पर पटना में हुए बम विस्फोटों से उपजे तनाव को राष्ट्र हित में कम करने के लिए ही शिंदे रज्जो के राग सुनने गए थे

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

आक्रोशित भाजपाई

ओये झल्लेया ये हुकुमरान कैसी कैसी बेशर्मी दिखा रहे हैं ?देख तो एक तरफ पटना में हसाडे नरेंदर भाई मोदी कि गांधी मैदान में विशाल रैली में बम फट रहे थे और उधर देश के गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे मुम्बई में बोली वुड के बी श्रेणी के कलाकरों की फ़िल्म रज्जो के म्यूजिक में ही मस्त रहे|ओये पटना में ६ लोग मर गए और ८० घायल हो गए स्थिति को कंट्रोल करने के बजाय ये महाशय जी फ़िल्म की हेरोइन कंगना रानाउत के साथ फोटो खिंचवाते रहे |ये तो भई संवेदनहीनता की हद है |

झल्ला

सेठ जी आप भी छोटी छोटी बातों को लेकर बैठ जाते हो भई रविवार का दिन अवकाश का होता है मौज मस्ती का दिन होता है अब ऐसे में कोई विघ्न डाल कर बम विस्फोट ही करने लग जाये तो मानसिक तनाव तो होता ही है इस तनाव को राष्ट्र हित में कम किया जाना जरूरी है | राष्ट्रीय हित में केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे रज्जो के राग सुनने गए थे|ये तो आप भी मानोगे कि इस प्रकार के तनाव को कम करने के लिए फ़िल्मी माहौल सबसे उत्तम उपाय है |

भाजपा ने रायबरेली में खुलने वाली महिला यूनिवर्सिटी को लेकर कांग्रेस को इतिहास पढ़ाया और महाराष्ट्रियन भावनाओं को भी उकसाया

भाजपा ने आज राय बरेली में खुलने वाली महिला यूनिवर्सिटी को लेकर कांग्रेस को महिला शिक्षा का इतिहास पढ़ाया +महाराष्ट्रीय भावनाओं को उकसाया | भाजापा ने बताया कि श्री मति सोनिया गाँधी के संसदीय छेत्र राय बरेली में ५०० करोड़ रुपयों की लागत से पूर्व प्रधानमंत्री श्री मति इंदिरा गांधी के नाम पर खुलने वाला महिला विश्वविद्यालय पहला महिला विश्वविद्यालय नहीं है बल्कि पुणे की एसएनडीटी[SNDT] यूनिवर्सिटी है | इसे भारत रत्न डॉ केशव डी कर्वे ने १९१६ में दी इंडियन वुमन यूनिवर्सिटी के नाम से स्थापित किया था| यहाँ के वार्षिकोत्सव में महात्मा गाँधी ने मुख्य अतिथि की भूमिका निभाई थी| इसके पश्चात डॉ राधा कृष्णन +डॉ शंकर दयाल शर्मा+पंडित जवाहर लाल नेहरू+ श्री मति इंदिरा गाँधी आदि जैसी विभूतियों द्वारा यहाँ के अनेकों महत्वपूर्ण फंक्शन अटैंड किये गए हैं|
पूर्व केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री नाइक ने कहा कि सरकार की यह घोषणा भारत में शैक्षणिक इतिहास के बारे में उसकी अज्ञानता को दर्शाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि केवल राजनीतिक लाभ के लिए अपने संसदीय छेत्र में यह यूनिवर्सिटी खोली जा रही है और इसे पहली महिला यूनिवर्सिटी कहा जा रहा है|
भाजपा के राम नाईक ने इस अवसर पर महाराष्ट्र के भारी भरकम नेता केन्द्रीय कृषि मंत्री शरद पवार और गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे को भी उलाहना देते हुए कहा कि महाराष्ट्र के ये नेता भी दिल्ली की सत्ता सुख में अपने छेत्र के सुनहरे इतिहास को भी भुला चुके हैं|
श्री नाईक ने बताया कि पुणे की पहली महिला यूनिवर्सिटी से महिलाओं का सशक्तिकरण शुरू हो गया था|चूंकि श्री मति इंदिरा गाँधी के नाम पर अनेको संस्थाएं हैं इसीलिए राय बरेली में खुलने वाली यूनिवर्सिटी को श्री मति सावित्री बाई फुले ,भागिनी निवेदिता,डॉ अन्दिता जोशी, श्रीमती रमाबाई रानाडे जैसी महिलाओं के नाम दिए जाने चाहिए| इन्होने भी महिला सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है |
गौर तलब है कि गुरुवार को केंद्र सरकार ने रायबरेली में दो विश्वविद्यालयों को खोलने की मंजूरी दी थी। इनमें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम पर एक महिला विश्वविद्यालय है इसे पहला महिला विश्व विद्यालय बताया गया है| ।
राम नाईक भाजपा के वरिस्थ नेता हैं और भाजपा नीत एन डी ऐ की सरकार में पेट्रोलियम मंत्री रहे हैं लेकिन फ़िल्मी एक्टर गोविंदा ने कांग्रेस के टिकट पर इन्हें हराया था |

११ साल पहले दिसम्बर की १३ को संसद पर अटैक करने वाले अफजाल गुरु को फांसी की मांग पर आज लोक सभा स्थगित

Indian Parliament

संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी की मांग को लेकर भाजपा ने लोक सभा में हंगामा किया जिससे आहत स्पीकर मीरा कुमार ने लोक सभा की कार्यवाही पहले साडे ग्यारह और फिर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी | मीरा कुमार ने तीखी टिपण्णी करते हुए हंगामाई सांसदों को लताड़ते हुए कहा कि संसद की रक्षा के लिए दी गई शहादत इस शोर शराबे के लिए नहीं दी गई थी | दोषी को फांसी में देरी पर चर्चा के लिए भाजपा ने गुरुवार को लोकसभा में प्रश्नकाल स्थगित करने का नोटिस दिया।
भाजपा की वरिष्‍ठ नेता सुषमा स्‍वराज ने आज कहा कि संसद पर आतंकी हमले के शहीदों को सही अर्थों में श्रद्धांजलि तभी दी जा सकती है जब सरकार अफजल गुरु को फांसी पर लटकाने की तारीख की घोषणा करे।
13 दिसंबर, 2001 को संसद पर हमले में शहीद हुए कर्मियों को आज भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई जिसके साथ ही अफजल की फांसी का मुद्दा एक बार फिर उठा। कई नेताओं और शहीदों के परिवारों ने मांग की कि हमले के दोषी अफजल गुरु को जल्द से जल्द फांसी दी जाए। 11 साल पहले आज ही के दिन जैश-ए-मुहम्मद और लश्कर के आतंकियों ने संसद परिसर में प्रवेश कर हमला किया था। हमले में पांच सुरक्षाकर्मी, एक माली और एक कैमरामैन शहीद हो गए थे।
लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर की रक्षा करने वालों के योगदान को संसद से बाहर हुए कार्यक्रमों में भी सराहा गया। शहीदों के परिजनों ने ऑल इंडिया एंटी टेररिस्ट फ्रंट के चेयरमैन एमएस बिट्टा की अगुवाई में चाणक्यपुरी स्थित ममोरियल जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
शहीदों के इन परिजनों ने सरकार की तरफ से मिले मेडल कुछ साल पहले लौटा दिए थे। इन लोगों का कहना है कि वे अफजल की फांसी के बाद ही मेडल वापस लेंगे, अन्यथा इन मेडलों को म्यूजियम में रख दिया जाए। अफजल की फांसी के बारे में बिट्टा ने भी मांग को फिर दोहराया।
कसाब को फांसी लगाये जाने के पश्चात गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने राष्ट्र को यह आश्वासन दिया था कि २० दिसम्बर के पश्चात अफजल गुरु की फायल खोली जायेगी हमले में चार लोगों के खिलाफ आरोप तय किए गए। [१]अफशां गुरु,[२] एसएसआर गिलानी[३], शौकत हुसैन गुरु और[४] अफजल गुरु।
18 दिसंबर 2002 को एसएसआर गिलानी, शौकत हुसैन गुरु और अफजल गुरु को सजा-ए-मौत सुनाई गई, लेकिन अफशां गुरु को रिहा कर दिया गया। इल्जाम साबित न होने पर 29 अक्तूबर 2003 को एसएआर गिलानी को भी रिहा किया जा चुका है|
ग्यारह साल पहले संसद पर जो हमला किया गया था उसके जख्म अभी तक भरे नहीं गए हैं|संसदीय कार्यवाही बाधित करके उन जख्मों पर रोजाना नमक छिड़का जा रहा है| किसी न किसी मुद्दे को लेकर विपक्ष और सरकार के सहयोगी दलों द्वारा संसदीय कार्यवाही पर अटैक किये जा रहे हैं यह बेहद पीड़ा दायक होता जा रहा है इसके लिए सरकार द्वारा निर्णय लेने में देरी करने और विपक्ष द्वारा केवल मुद्दा बनाने से जटिलता बड़ती जा रही है|शायद इसीलिए सोश्लाईट अन्ना बाबू राव हजारे समय समय पर संसद की उपयोगिता पर प्रश्न चिन्ह लगाते आ रहे हैं| अब समय आ गया है कि आपसी टकराव को भुला कर समय बढ तरीके से राष्ट्र हित में निर्णय लिए जाएँ और ससंद की उपयोगिता को बरकरार रखा जाए शायद यही उन शहीदों के प्रति सच्ची श्रधान्जली होगी|