Ad

Tag: मोह -माया

मोह माया के कारण सारा जग सोया हुआ है

मोह माया सबो जग सोया , याह भरम कहो क्यों जाये ।
कोई ऐसा संत सहज सुख दाता , मोहि मार्ग दे बताई ।

Rakesh Khurana

गुरु अर्जुन देव जी फरमाते हैं कि मोह माया के कारण सारा जग सोया हुआ है माया के फैलाव के कारण अंतर से भूल में जा रहा है , भ्रम के कारण इन्सान मोह में फंस रहा है । ये भ्रम कैसे जा सकता है ?
अर्थात कोई ऐसा संत ,महापुरुष जो प्रभु के दर्शन पा रहा है , हमें भी सोई हुई हालत से जगा दे । ऐसा रास्ता बता दे कि संसार में आवागमन के चक्र से छुटकारा मिल जाए ।
गुरु अर्जुन देव जी
प्रस्तुति राकेश खुराना

प्रभु जी मेरे औगुण चित न धरो

प्रभु जी मेरे औगुण चित न धरो ।
सम दरसी है नाम तिहारो, अब मोहिं पार करो ।

प्रभु जी मेरे औगुण चित न धरो


भाव : संत सूरदास जी कहते हैं , हे प्रभु ! मैं बड़ा गुनाहगार हूँ , गुनाहों से बचना मेरे बस की बात नहीं है , मुझे सिर्फ आपकी बख्शिश का ही सहारा है । आप मुझ पर दया करके मेरे गुनाहों को नज़र अंदाज कर दीजिए । आप सबको एक नजर से अथवा एक आत्मा के स्तर से देखते हैं । जो भी आपको पुकारता है आप उसकी मदद करते हैं मैं भी आपको दिल से पुकार रहा हूँ , आप मुझे हमेशा के लिए मुक्त कर दीजिए। मुझे मोह -माया से बचाइये और अपने चरणों में जगह दीजिए।
संत सूरदास जी की वाणी
प्रस्तुती राकेश खुराना