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Tag: रामायण महाभारत

राम चार प्रकार के हैं

संत कबीर दास के कथनानुसार राम चार प्रकार के हैं , उन्होंने फ़रमाया है :-
एक राम दशरथ का बेटा , एक राम घट-घट में बैठा |
एक राम का सकल पसारा , एक राम सबहूँ ते न्यारा ||
अर्थात: [१]एक राम तो राजा दशरथ के पुत्र थे जिन्होंने यहाँ राज किया . वो एक आदर्श पुत्र , आदर्श पति , आदर्श भाई तथा आदर्श राजा थे . जब भी हम अपने मुल्क की बेहतरी की दुआ करते हैं तो यही कहते हैं कि यहाँ राम राज्य हो जाए.
[२]दूसरा वो राम है, जो हमारे घट – घट में बैठा है और वो हमारा मन . उसका`काम है कि वो हमें परमार्थ के रास्ते में तरक्की न करने दे , यद्यपि हमारा मन भी ब्रह्म का अंश है , ब्रह्म का स्रोत है परन्तु वह अपने स्रोत को भूल चूका है और संत हमें समझाते हैं कि ” मन बैरी को मीत कर ”
[३]तीसरा वो राम है जिसका ये सारा पसारा है इसमें माया भी है , काम – क्रोध – लोभ – मोह – अहंकार भी है बाकि भी हर तरह की कशिश है , हमें इनसे बचने का प्रयास करना है .
[४]चौथा राम सबसे न्यारा है, सबसे ऊंचा है ,सबसे बड़ी ताकत है , वही इस सृष्टि का कर्ता-धर्ता है ,
हमारे जीवन का लक्ष्य तभी पूरा होता है जब हम , जितनी भी अवस्थाएँ हैं , उन सबसे गुजरकर प्रभु को पा लें. संत जब भी बात करते हैं , वो उसी राम का जिक्र करते हैं
संत कबीर दास की वाणी
प्रस्तुति राकेश खुराना

संघ परिवार अब कलयुगी रावण को महिमा मंडित करके आधुनिक सीता को नैतिकता का पाठ पडा रहा है

संघ परिवार ने लगता है कि अब भगवान राम के मंदिर निर्माण के कार्यक्रम को साईड में रख कर राम विरोधी रावण को महिमा मंडित करना शुरू कर दिया है|शायद तभी बलात्कारी रूपी कलयुगी रावण के नाश के लिए राम और लक्ष्मण बनाने के बजाय सीता को ही नैतिकता के उपदेश देने शुरू हो गए हैं|राष्ट्रीय स्वयम सेवक संघ[आर एस एस]प्रमुख मोहन राव भागवत और एमपी कैबिनेट में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने ऐसे ही बयानों के माध्यम से संघ विरोधियों को संजीवनी प्रदान कर दी है|

संघ परिवार आधुनिक सीता को नैतिकता का पाठ पडा रहा है

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन राव भागवत ने कहा है कि रेप की घटनाएं गांवों के मुकाबले शहरों में ज्यादा होती है। इस मसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए मोहन भागवत ने मौजूदा सरकार को परोक्ष रूप से टारगेट करते हुए कहा है कहा कि ग्रामीण छेत्रों के मुकाबिले शहरों में बलात्कार -रेप ज्यादा होते हैं| उन्होंने इसके पीछे शहरों में पश्चिमी सभ्‍यता के हावी होने को कारण बताया। मोहन भागवत ने कहा है कि रेप जैसी घटनाएं गांवों की तुलना में शहरी इलाकों में ज्यादा होती है और इसकी वजह पश्चिमी सभ्यता का असर है। संघ प्रमुख ने कहा है कि रेप भारत में कम और इंडिया में ज्यादा होती है।
असम के सिलचर में एक समारोह में श्री भागवत ने कहा कि आरएसएस रेप जैसी घटनाओं के खिलाफ सख्त कानून का हिमायती है। भागवत ने कहा कि वो रेप जैसी घटनाओं के गुनहगारों को फांसी की सजा तक के हिमायती हैं।
इसके साथ ही एमपी कैबिनेट में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इस घटना को महिलाओं की नैतिकता से जोड़ दिया। विजयवर्गीय ने कहा कि जो महिला नैतिकता की लकीर को पार करेगी, उसे सजा जरूर मिलेगी।विजयवर्गीय ने रामायण का हवाला देते हुए कहा कि एक मर्यादा होती है, जब मर्यादा का उल्लंघन होता है तो सीता का हरण हो जाता है। लक्ष्मण रेखा हर व्यक्ति की खींची गई है। उस लक्ष्मण रेखा को जो भी पार करेगा तो रावण सामने बैठा है, वो सीता हरण करके ले जाएगा।
इन बयानों से जहाँ कांग्रेस और महिला संघठनों ने दुर्भाग्य पूर्ण बताने में कोइदेर नहीं लगाई| कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी और ममता शर्मा ने मोहन भागवत के इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है|इसके साथ ही बीजेपी के लिए भी असहज स्थिति पैदा कर दी गई है। एक तरफ तो बीजेपी गैंगरेप की घटना के बाद कानून में बदलाव के लिए सरकार से विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रही है, वहीं बीजेपी के मंत्री का बयान उसकी कोशिशों और छवि पर बट्टा लगाने का काम कर रहा है। इससे पहले भी एक बीजेपी नेता इसी तरह का बयान दे चुके हैं जिसे लेकर विवाद पैदा हुआ था।
संघ परिवार का आदर्श रामराज्य रहा है और इसके लिए महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए भी प्रयास किये जाते रहे हैं पुरुषों से राम और लक्ष्मण बनने की कामना की जाती रही है मगर अब रावण के वध के लिए राम बनने का आह्वाहन करने के बजाये अब रावण से बचने के लिए सीता को ही नैतिकता का पाठ पढाया जाने लगा है|पौराणिक महाकाव्यों के अनुसार सीता को भी धोके से हरा गया था और द्रौपदी का चीर हरण भी उसके अपनों ने ही किया था | राम की सहायता या सहयोग के लिए समर्पित भाव से काम करने देने के लिए सीता को राम राज्य देना जरुरी है और इसके लिए आज भी रावण से दर कर घरों में बैठने के बजाय पुरुषों को राम और नारी को स्वावलंबी बनाना जरुरी है |