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महिलाओं को मर्यादा का पाठ पढाने वाले मंत्री को लक्ष्मण रेखा पार नहीं करने को भाजपा ने दिए आदेश
संघ परिवार अब कलयुगी रावण को महिमा मंडित करके आधुनिक सीता को नैतिकता का पाठ पडा रहा है
संघ परिवार ने लगता है कि अब भगवान राम के मंदिर निर्माण के कार्यक्रम को साईड में रख कर राम विरोधी रावण को महिमा मंडित करना शुरू कर दिया है|शायद तभी बलात्कारी रूपी कलयुगी रावण के नाश के लिए राम और लक्ष्मण बनाने के बजाय सीता को ही नैतिकता के उपदेश देने शुरू हो गए हैं|राष्ट्रीय स्वयम सेवक संघ[आर एस एस]प्रमुख मोहन राव भागवत और एमपी कैबिनेट में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने ऐसे ही बयानों के माध्यम से संघ विरोधियों को संजीवनी प्रदान कर दी है|
असम के सिलचर में एक समारोह में श्री भागवत ने कहा कि आरएसएस रेप जैसी घटनाओं के खिलाफ सख्त कानून का हिमायती है। भागवत ने कहा कि वो रेप जैसी घटनाओं के गुनहगारों को फांसी की सजा तक के हिमायती हैं।
इसके साथ ही एमपी कैबिनेट में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इस घटना को महिलाओं की नैतिकता से जोड़ दिया। विजयवर्गीय ने कहा कि जो महिला नैतिकता की लकीर को पार करेगी, उसे सजा जरूर मिलेगी।विजयवर्गीय ने रामायण का हवाला देते हुए कहा कि एक मर्यादा होती है, जब मर्यादा का उल्लंघन होता है तो सीता का हरण हो जाता है। लक्ष्मण रेखा हर व्यक्ति की खींची गई है। उस लक्ष्मण रेखा को जो भी पार करेगा तो रावण सामने बैठा है, वो सीता हरण करके ले जाएगा।
इन बयानों से जहाँ कांग्रेस और महिला संघठनों ने दुर्भाग्य पूर्ण बताने में कोइदेर नहीं लगाई| कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी और ममता शर्मा ने मोहन भागवत के इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है|इसके साथ ही बीजेपी के लिए भी असहज स्थिति पैदा कर दी गई है। एक तरफ तो बीजेपी गैंगरेप की घटना के बाद कानून में बदलाव के लिए सरकार से विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रही है, वहीं बीजेपी के मंत्री का बयान उसकी कोशिशों और छवि पर बट्टा लगाने का काम कर रहा है। इससे पहले भी एक बीजेपी नेता इसी तरह का बयान दे चुके हैं जिसे लेकर विवाद पैदा हुआ था।
संघ परिवार का आदर्श रामराज्य रहा है और इसके लिए महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए भी प्रयास किये जाते रहे हैं पुरुषों से राम और लक्ष्मण बनने की कामना की जाती रही है मगर अब रावण के वध के लिए राम बनने का आह्वाहन करने के बजाये अब रावण से बचने के लिए सीता को ही नैतिकता का पाठ पढाया जाने लगा है|पौराणिक महाकाव्यों के अनुसार सीता को भी धोके से हरा गया था और द्रौपदी का चीर हरण भी उसके अपनों ने ही किया था | राम की सहायता या सहयोग के लिए समर्पित भाव से काम करने देने के लिए सीता को राम राज्य देना जरुरी है और इसके लिए आज भी रावण से दर कर घरों में बैठने के बजाय पुरुषों को राम और नारी को स्वावलंबी बनाना जरुरी है |
नरक चतुर्थी पर स्वर्गीय आनंदों के साथ दीपावली मनाएं
सबको हैप्पी दीपावली
रावण परिवार अपने किये की सजा पाने को तैयार है
आज दशहरा है आज भी रावण परिवार अपने किये की सजा पाने को तैयार है सार्वजनिक रूप से जलने के लिए तैयार है |कहा जाता है की रावण बुराई और नफ़रत का प्रतीक है|क्योंकि हमारा मानना है की बुराई पर हमेशा अच्छाई की जीत होनी चाहिए \रामायण काल में मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने सभी प्रचलित मर्यादाओं का पालन करते हुए रावण का वध किया था यह प्रथा आज भी जारी है|लेकिन आज कल एक कलयुगी कमी है जिसके कारण रावण जल कर भी मरता नहीं वोह रावण प्रतिवर्ष हमारे भीतर विशाल होता जा रहा है| यह समाज में फ़ैली विसंगतियों से साफ़ दिखाई देता है|
इसीलिए बेशक रावण को जलाओ मगर इसे वास्तविक रूप से जलाने के लिए कृपया पहला अग्नि बाण वोह चलाये जो स्वयम मर्यादित हो|
रावण परिवार देश में विसंगतियों को देख कर शर्म से गीला हो गया, अब नए रावण ढूंढो
झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां
एक राम भक्त
ओये झल्लेया ये हमारे धर्म के साथ क्या हो रहा है?राम मन्दिर तो बन नहीं रहा उलटे राम जी कट्टर दुश्मन रावण को फूंकने में रुकावटें आ रही है अब देखो रामायण काल से ही वर्षा ऋतू समाप्त होने पर दशहरा मनाया जाता है |इसी परम्परा का पालन करते हुए आज बुधवार को देश भर में रावण फूंकने की तमाम तैयारियां की गई थी कि इस बेमौसमी बारिश ने सब कुछ गड़बड़ कर दिया| मैदानों में रावण परिवार के छोटे से लेकर बड़े पुतले सीना ताने खड़े हैं कि बारिश ने सबको भिगा दिया |अब गीले पेपर के बने पुतले कैसे जलेंगे|हसाडा दशहरा कैसे मनेगा|इसके बाद दिवाली कैसे मनेगी?
झल्ला
ओ भक्ता रावण परिवार बेचारा खुद ही वर्तमान विसंगतियों को देख कर शर्म से गीला हो गया है अब ऐसे को जलाने से क्या फायदा|इसीलिए बेचारे रावण की यह दुर्दशा देखते हुए इसे माफ़ करदो और समाज में फैले भ्रष्टाचार+आतंकवाद+ब्लैक मणी+आर्थिक मंदी+महंगाई+अपराध+प्रदुषण+सीमा पार से घुसपैंठ +नैतिक गिरावट+अहम् आदि के रावणों को ढूंढ कर इन्हें निशाना बनाना शरू कर दो |
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