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चैनल पर बैन को लेकर ऍनडीटीवी+कांग्रेस ने केंद्र पर अलग अलग हमला बोला

[नई दिल्ली]चैनल पर बैन को लेकर ऍनडीटीवी+कांग्रेस ने केंद्र पर अलग अलग हमला बोला
निजी टीवी चैनल पर एक दिवसीय बैन को लेकर ऍन डी टी वी और राहुलगांधी ने केंद्र पर अलग अलग ढंग में हमला बोला है |
ऍनडीटीवी द्वारा पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले के दौरान डायरेक्ट टेलीकास्ट करते हुए सुरक्षा व्यवस्था को उजागर करती खबरें दिखाई गई थी जिसे लेकर केंद्र सरकार द्वारा चेंनल के प्रसारण पर ९-१० नवम्बर के दौरान २४ घंटे का बैन लगाया गया है
,जिसके विरोध में आज चेंनल द्वारा सुप्रीम कोर्ट का द्वार खटकटाया गया है|उधर कांग्रेस के राष्ट्रिय उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने अपनी माता और कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गाँधी की अनुपस्थिति में कांग्रेस की सी डब्लू सी की मीटिंग में नरेंद्र मोदी पर जम कर हमला बोला |राहुल गाँधी ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा के सत्ता के नशे में चूर मोदी द्वारा मीडिया की आवाज दबाने के लिए टीवी चेंनेल का गला घोंटा जा रहा है
इस प्रतिबन्ध को लेकर प्रनॉय रॉय+राधिका रॉय के चेंनल के शेयर भाव पर प्रश्न चिन्ह लगने लगा है |खबर लिखे जाने तक शेयर रु ७९.५० पर झूल रहा है |

जेटली ने अदालतपरिसर में कवरेज कर रहे पत्रकारों पर हमले को निंदनीय बताया

[नयी दिल्ली] जेटली ने अदालतपरिसर में कवरेज कर रहे पत्रकारों पर हमले को निंदनीय बताया |JNU प्रकरण को लेकर कथित वकीलों द्वारा फर्स्ट पोस्ट के पत्रकार की आज पिटाई के बाद अपनी चुप्पी तोड़ते हुए अरुणजेटली ने पूरे घटना क्रम को अनुचित और निंदनीय बताया|
केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली ने अदालत परिसर में पत्रकारों पर हुए हमलों की बढ़ती आलोचना के बीच आज इन घटनाओं को ‘बेहद अनुचित और निंदनीय’’ करार दिया और साथ ही कहा कि मीडिया को बिना किसी बाधा के रिपोर्ट करने का अधिकार है ।
सूचना और प्रसारण मंत्री जेटली ने ट्विट किया, ‘‘ मीडिया को निर्बाध रूप से रिपोर्ट करने का अधिकार है । मीडियाकर्मियों पर हमला बेहद अनुचित और निंदनीय है ।’’ गौरतलब है कि जेएनयू राष्ट्रद्रोह मामले की कवरेज कर रहे पत्रकारों पर वकीलों का चोगा पहने हुए लोगों ने सोमवार को हमला किया था और यह हिंसा आज पटियाला हाउस अदालत परिसर में फिर से दोहरायी गयी। हमला उस समय किया गया जब जेएनयू के देश द्रोह के आरोपी छात्र नेता कन्हैया कुमार को अदालत में पेश किया जा रहा था।
इससे पूर्व दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि विश्वविद्यालय की ‘‘वैकल्पिक आवाज’’ को भी सुना जाना चाहिए।
प्रसाद ने कहा, ‘‘ जेएनयू भारत का बहुत प्रमुख संस्थान है जो व्यापक तौर पर सम्मानित भी है । इसने बेहतरीन नौकरशाह, महान शिक्षाविद और जानी मानी हस्तियां दी हैं । इसकी फैकल्टी और छात्र भी बेहतरीन कर रहे हैं ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी का यह सोचना है कि जेएनयू में एक बेहद भावपूर्ण, शक्तिशाली तथा सृजनात्मक वैकल्पिक आवाज है । देश उस आवाज को सुनने के लिए भी उतना ही बेताब है ।’’ गौरतलब है कि राष्ट्रीय मीडिया के शीर्ष संपादकों और सैंकड़ों पत्रकारों ने अदालत परिसर में मीडियाकर्मियों की पिटाई में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए मार्च भी निकाला था।और नरेंद्र मोदी तथा पोलिस मुर्दाबाद के नारे भी लगाये थे