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चीन ने एक बार फिर अरुणाचल प्रदेश पर अपना हक़ जताने के लिए प्रदेश के दो खिलाडियों का अपमान किया

चीन ने एक बार फिर भारतीय अरुणाचल प्रदेश पर अपना हक़ जताने के लिए प्रदेश के दो खिलाडियों का अपमान किया | प्रदेश की दो नाबालिग तीरंदाजों को दिल्ली के हवाई अड्डे पर चीन की यात्रा पर जाने से रोका गया है। दोनों ही तीरंदाज चीन के वूजी में होने वाली विश्व तीरंदाजी प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए जा रही थीं।
13-20 अक्टूबर तक चीन में होने वाली इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए दोनों ही तीरंदाजों को चीन की ओर से साजिशन नत्थी वीजा जारी किया गया है।
य तीरंदाजों के नाम सोरांग यूमी और मसेलो मीहू बताए जा रहे हैं। इससे पहले इन दोनों को छोड़कर बाकी सभी २२ खिलाड़ियों को जाने दिया गया है। आई ओ ऐ के कार्यकारी और तीर अंदाजी अध्यक्ष वी के मल्होत्रा के अलावा अरुणाचल प्रदेश की भाजपा इकाई के नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है| अरुणाचल प्रदेश के अध्यक्ष टी टगक+माह सचिव डोमनिक +बी आर वाघे के हस्ताक्षरों से एक ज्ञापन राष्ट्रपति को भी प्रेषित किया गया है|

चीन और भारत ने विश्व की एक तिहाई आबादी के हितों के लिए सीमा विवाद को छोड़ कर आठ समझौते किये

[नई दिल्ली]विश्व की दो बड़ी शक्तियों ने विश्व की एक तिहाई आबादी के हितों के लिए सीमा विवाद को सीमा पर ही छोड़ा कर सहयोग और शांति बहाली का वायदा किया और आठ सूत्री समझौते पर हस्ताक्षर किये दिल्ली के हैदराबाद में आयोजित इस शिखर वार्ता में भारत के प्रधान मंत्री डाक्टर मन मोहन सिंह ने सीमा विवाद पर अपनी सराकर के रुख के अनुसार गंभीरता से लिखे भाषण को धीरे धीरे पड़ कर सुनाया तो चीन के युवा प्रधान मंत्री ली कछ्यांग ने अपने देश के अनुसार तेज +एक्शन और जोश में पत्रकारों का सामना किया |
भारत और चीन के बीच सोमवार को प्रतिनिधिमंडल स्तर की शिखर वार्ता खत्म हो गई। दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की मौजूदगी में कैलाश-मानसरोवर यात्रा आसान बनाने एवं बह्मापुत्र पर हाइड्रोलॉजिकल डाटा साझा करने के साथ-साथ कुल आठ समझौतों पर हस्ताक्षर हुए।
तीन दिवसीय दौरे पर भारत आए चीनी प्रधानमंत्री ने मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत बेहद अहम पडौसी है और इसके साथ हमेशा शांति और सहयोग पर जोर रहेगा। दोनों देशों के बीच आपसी रणनीतिक साझेदारी बढ़ने की उम्मीद है।
भारतीय प्रधानमंत्री डा. सिंह ने कहा कि दोनों देश सीमा पर शांति चाहते हैं। विकास के लिए अमन होना जरूरी है लेकिन इसके साथ ही उन्होंने कारोबारी रिश्ते भी मजबूत बनाने में इंटरेस्ट दिखाया | ने चीन जाने का न्यौता स्वीकार करते हुए यह आशा जताई कि भविष्य में दोनों देशों के बीच रिश्ते और मजबूत होंगे। उन्होंने चीन से भारत के लिए अपना बाजार और खोलने की मांग की।
इससे पहले, रविवार को हालिया सीमा विवाद के साये में चीनी प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सीमाओं पर शांति का मुद्दा उठाया। प्राप्त जानकारी के अनुसार दोनों नेताओं के बीच एक घंटे चली बातचीत में दोनों पक्षों ने अपने-अपने मुद्दों को उठाया।
प्रधानमंत्री ने अपने चीनी काउंटरपार्ट के सम्मान में रात्रिभोज भी दिया| कांग्रेस अध्यक्षा श्री मति सोनिया गांधी+पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी+लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और राज्य सभा प्रतिपक्ष अरुण जेटली + सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव + प्रकाश करात भी उपस्थित थे।दौरे पर आए ली मंगलवार को भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई जाएंगे। भारत के बाद चीन के पी एम् को पाकिस्तान भी जाना है।
जिन मुद्दों पर हस्ताक्षर हुए वोह निम्न हैं :-
[1]. कैलाश-मानसरोवर यात्रा को सुगम बनाने एवं मार्ग में सुविधाएं बढ़ाने के लिए दोनों देशों के बीच समझौता।
[2]. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा संयुक्त आर्थिक समूह के तहत तीन कार्यसमूहों का गठन।
[3]. कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण प्राधिकरण के अंतर्गत मांस, मत्स्य उत्पादों एवं चारा व चारा सामग्री,+ समुद्री उत्पादों का एक-दूसरे देशों में निर्यात को बढ़ावा देने का समझौता।
[4.] शहरी क्षेत्र में सीवेज ट्रीटमेंट के क्षेत्र + अन्य आपसी हित के मुद्दों पर एक-दूसरे के साथ अनुभव का आदान-प्रदान करना।
[5]. जल के कुशल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आपसी सहयोग को बढ़ावा देना।[6] नदियों को लेकर हाइड्रोलॉजिकल डाटा को एक-दूसरे से साझा करने को लेकर समझौता।
[7]. भारत और चीन के शहरों व प्रांतों के लोगों के बीच आपसी सहयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए समझौता।
[8] किताबों के अनुवाद एवं प्रकाशन के क्षेत्र में समझौता।

नरेन्द्र मोदी ने समस्यायों के साथ उनके रोचक उपाय बता कर राष्ट्रीय न्रेतत्व की क्षमता का सराहनीय प्रदर्शन किया

गुजरात के मुख्य मंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजधानी के होटल ताज में चल रहे इंडिया टुडे कॉनक्‍लेव में समस्यायों के साथ उनके हल बता कर अपनी राष्ट्रीय क्षमता का प्रदर्शन किया| अपने भाषण में मोदी चार बार पानी के घूँट भरते हुए हर एक मिनट को बांध कर रखा।उन्होंने इस कॉनक्‍लेव में पूर्व की भांति एक गुजराती या किसी वर्ग विशेष की तरह बात नहीं की बल्कि बतौर भारतीय भाषण दिया। हाँ उन्होंने गुजरात में कराये जा रहे विकास के कार्यों पर देश को चलाये जाने की इच्छा जरुर प्रगट की| उन्‍होंने कहा कि भारत को पड़ोसी देशों से मित्रवत रिश्‍ते बनाने की जरूरत है, लेकिन हमारे हितों को दरकिनार करके नहीं। उन्‍होंने कहा, “मेरा सपना है कि एक दिन भारत खुद हथियार बनाये और दूसरे देशों को सप्‍लाई करे। ऐसा करने से गंदे हथियार दलालों से छुटकारा मिलेगा,और हम आत्‍मनिर्भर भी होंगे, हमारा देश गर्व के साथ खड़ा हो[हथियारों कि यह बात उन्होंने पूर्व जनरल वी पी मालिक के एक प्रश्न के उत्तर में कही] लेकिन इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आज फौज या आर्थिक शक्ति के बजाये ज्ञान के आधार पर विश्व में शिखर पर पहुंचा जा सकता है|और ज्ञान के मामले में भारत हमेशा आगे रहा है|इस अवसर पर दंगों और पी एम् के प्रश्नों पर बचते भी दिखाई दिए

नरेन्द्र मोदी ने समस्यायों के साथ उनके रोचक उपाय बता कर राष्ट्रीय न्रेतत्व की क्षमता का सराहनीय प्रदर्शन किया

नरेन्द्र मोदी ने समस्यायों के साथ उनके रोचक उपाय बता कर राष्ट्रीय न्रेतत्व की क्षमता का सराहनीय प्रदर्शन किया

उन्‍होंने गुड गवर्नेन्‍स से लेकर यूपीए सरकार की खामियों तक हर बात पर प्रकाश डाला और भारत के संघीय ढांचे को बनाये रखने पर जोर दिया। इस भाषण में आम आदमी को बहुत करीब से देखने वाले एक दूरदर्शी राजनीतिज्ञ की झलक मिली |जनता से संवाद कायम करने की अटल बिहारी वाजपई की झलक आज उनके [संभवत] उत्तराधिकारी मोदी में मिली |उन्होंने ना केवल विकास का मार्ग बताया वरन अपने भाषण में रोचकता बनाए रखने के लिए हलके फुल्के व्यंगात्मक तीर भी छोड़े| उन्‍होंने हर उस मुद्दे को उठया, जो आम जनता से जुड़े हैं| उन्‍होंने नरेगा की जगह डेवलपमेंट गारंटी स्‍कीम को जरुरी बताते हुए कहा कि इससे लोगों को खुद ब खुद रोजगार मिलता।
उन्‍होंने कहा कि देश का समुचित विकास तब तक नहीं हो सकता, जब तक हम लोगों को यह अहसास नहीं दिलायेंगे कि वो जो कर रहे हैं वो राष्‍ट्र के लिये कर रहे हैं।उन्होंने वोट बैंक की राजनीती से ऊपर उठ कर तकनीक+निज़ीकरण और यहाँ तक हथियारों के एक्सपोर्ट को जरुरी बताया| रेलवे की पटरियों पर निजी ट्रेन चलवाने के एक अनूठे मार्ग को उजागर किया| जब राहुल ने मोदी से पूछा कि क्‍या उनकी मां ने सोचा है कि आप प्रधानमंत्री बनें, मोदी ने जवाब दिया यहां चर्चा विकास की चल रही है, माता और पिता ऐसे में कोई मायने नहीं रखते| कोई भावुक्‍तापूर्ण कथा काम नहीं आती, कोई मां रोती नहीं, सिर्फ काम बोलता है। हर मुद्दे पर मोदी ने तथ्‍यों के साथ जवाब दिये। चाहे बात सॉलिड वेस्‍ट मैनेजमेंट की हो, या सोलर पावर प्रोजेक्‍ट की। मोदी ने आंकड़ों के साथ जवाब दिये। मोदी तैयारी के साथ नहीं आते, बल्कि वो हमेशा तैयार रहते हैं|उन्होंने अपने विपक्षपर कटाक्ष करने की परिपाटी का भी पालन किया |उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री ने मोदी के विकास के सुझाव स्वीकारे मगर उनपर अमल नहीं करवा पाए