Ad

Tag: Man Ki Baat

मोदीभापे !तुम्हारी 78वीं “मन की बात “ने भी सिखला दिया

#मोदीभापे
तुम्हारी 78वीं “मन की बात “ने भी सिखला दिया
दूसरों को अनसुना करने का हुनर दिखला दिया
लोकतंत्र की दुहाई देना अब रहा फ़िजूल
भीड़तंत्र में अपनी सुनाने का फन समझा दिया
www.jamosnews.com
#कम्पेनसशन/#रिहैबिलिटेशन/#अलॉटमेंट क्लेम लूट
फेसबुक पर इन्हें टैग किया गया
Captain Amarinder Singh Navjot Singh Sidhu
#PMOPG/E/2016/0125052
PMO India Sunil Jakhar Dr Daljit Singh Cheema J.P.Nadda Akhilesh Yadav Baldev Singh Aulakh Jamosnews.com Manish Sisodia G.Kishan Reddy MoS Home Affairs Aam Aadmi Party – Punjab Manohar Lal Nityanand Rai Preneet Kaur Kapil Sibal Devender Nagpal Rajendra Tripathi Rajendra Agarwal @
Dr. Sambit Patra Dr. Subramanian Swamy Laxmikant Bajpai

विश्व कविता दिवस !पापा! मुझको एप्प दिला दो ,मोबाइल अपडेट करा दो

#विश्वकवितादिवस

World Poetry Day

World Poetry Day

पापा! मुझको एप्प दिला दो ,मोबाइल अपडेट करा दो
ज्ञान, विज्ञान भरा है इनमें,पेंटिंग के भी गुर सिखलाते
रौजाना अदभुत बातें बतलाते।ये तो फ्री में भी आ जाते
कक्षा में सभी बातें करते एक से बढ़ कर एक एप्प दिखलाते
विश्व मे समकक्ष रहें,खेल खेल में नया कर दिखाएं
विकास की नई राह दिखलाते,मैं भी ज्ञानी बन पाऊं
बढ़ रहा हमारा हिंदुस्तान,में भी करूं छोटा मोटा योगदान
कार्टून द्वारा नितिन सबलोक

पीएम मोदी ने मनकीबात मे सुनाए समाजिक+आर्थिक सुधार के सकारात्मक किस्से

(नई दिल्ली) प्रधानमंत्री मोदी ने जाते वर्ष में अपने #मनकीबात की अंतिम कड़ी मे समाजिक और आर्थिक बदलावों को स्थान दिया और कश्मीर के केसर उत्पादक किसान और गुरु गोबिंद सिंह के साहबजादों और माता गुजरी के बलिदान को भी याद किया।
पी एम ने कहा
कोल्हापुर से अंजलि जी ने लिखा है, किनए साल पर, हम, दूसरों को बधाई देते हैं, शुभकामनाएं देते हैं, तो इस बार हम एक नया काम करें। क्यों न हम, अपने देश को बधाई दें, देश को भी शुभकामनाएं दें।अंजलि जी, वाकई, बहुत ही अच्छा विचार है।हमारा देश, 2021 में, सफलताओं के नए शिखर छुएँ, दुनिया में भारत की पहचान और सशक्त हो, इसकी कामना से बड़ा और क्या हो सकता है।
साथियो, NamoApp पर मुम्बई के अभिषेक जी ने एक message पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा है कि 2020 ने जो-जो दिखा दिया, जो-जो सिखा दिया, वो कभी सोचा ही नहीं था। कोरोना से जुड़ी तमाम बातें उन्होंने लिखी हैं। इन चिट्ठियों में, इन संदेशों में, मुझे, एक बात जो common नजर आ रही है, ख़ास नजर आ रही है, वो मैं आज आपसे share करना चाहूँगा। अधिकतर पत्रों में लोगों ने देश के सामर्थ्य, देशवासियों की सामूहिक शक्ति की भरपूर प्रशंसा की है। जब जनता कर्फ्यू जैसा अभिनव प्रयोग, पूरे विश्व के लिए प्रेरणा बना, जब, ताली-थाली बजाकर देश ने हमारे कोरोना वारियर्स का सम्मान किया था, एकजुटता दिखाई थी, उसे भी, कई लोगों ने याद किया है।
अभिनव जी को अपनी रिश्तेदारी में, बच्चों को gift देने के लिए कुछ खिलौने खरीदने थे इसलिए, वो, दिल्ली की झंडेवालान मार्किट गए थे। आप में से बहुत लोग जानते ही होंगे, ये मार्केट दिल्ली में साइकिल और खिलौनों के लिए जाना जाता है। पहले वहां महंगे खिलौनों का मतलब भी imported खिलौने होता था, और, सस्ते खिलौने भी बाहर से आते थे। लेकिन, अभिनव जी ने चिट्ठी में लिखा है,कि, अब वहां के कई दुकानदार,customers को, ये बोल-बोलकर toys बेच रहे हैं, कि अच्छे वाला toy है, क्योंकि ये भारत में बना है ‘Made in India’ है।Customers भी,India madetoys की ही माँग कर रहे हैं।
विशाखापत्तनम से वेंकट मुरलीप्रसाद जी ने जो लिखा है, उसमें भी एक अलग ही तरह का idea है। वेंकट जी ने लिखा है, मैं, आपको, twenty, twenty one के लिए, दो हजार इक्कीस के लिए, अपना ABCattach कर रहा हूँ। मुझे कुछ समझ में नहीं आया, कि आखिर ABC से उनका क्या मतलब है। तब मैंने देखा कि वेंकट जी ने चिट्ठी के साथ एक चार्ट भी attach कर रखा है। मैंने वो चार्ट देखा, और फिर समझा कि ABCका उनका मतलब है – आत्मनिर्भरभारत चार्ट ABC। यह बहुत ही दिलचस्प है। वेंकट जी ने उन सभी चीजों की पूरी list बनायी है, जिन्हें वो प्रतिदिन इस्तेमाल करते हैं। इसमें electronics, stationery, self care itemsउसके अलावा और भी बहुत कुछ शामिल हैं।वेंकट जी ने कहा है, कि, हम जाने-अनजाने में, उन विदेशी products का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिनके विकल्प भारत में आसानी से उपलब्ध हैं। अब उन्होंने कसम खाई है कि मैं उसी product का इस्तेमाल करूंगा, जिनमें हमारे देशवासियों की मेहनत और पसीना लगा हो।
आज के ही दिन गुरु गोविंद जी के पुत्रों, साहिबजादे जोरावर सिंह और फतेह सिंह को दीवार में जिंदा चुनवा दिया गया था। अत्याचारी चाहते थे कि साहिबजादे अपनी आस्था छोड़ दें, महान गुरु परंपरा की सीख छोड़ दें। लेकिन, हमारे साहिबजादों ने इतनी कम उम्र में भी गजब का साहस दिखाया, इच्छाशक्ति दिखाई। दीवार में चुने जाते समय, पत्थर लगते रहे, दीवार ऊँची होती रही, मौत सामने मंडरा रही थी, लेकिन, फिर भी वो टस-से-मस नहीं हुए। आज ही के दिन गुरु गोविंद सिंह जी की माता जी – माता गुजरी ने भी शहादत दी थी। करीब एक सप्ताह पहले, श्री गुरु तेग बहादुर जी की भी शहादत का दिन था। मुझे, यहाँ दिल्ली में, गुरुद्वारा रकाबगंज जाकर, गुरु तेग बहादुर जी को श्रद्धा सुमन अर्पित करने का, मत्था टेकने का अवसर मिला। इसी महीने, श्री गुरु गोविंद सिंह जी से प्रेरित अनेक लोग जमीन पर सोते हैं। लोग, श्री गुरु गोविंद सिंह जी के परिवार के लोगों के द्वारा दी गयी शहादत को बड़ी भावपूर्ण अवस्था में याद करते हैं। इस शहादत ने संपूर्ण मानवता को, देश को, नई सीख दी। इस शहादत ने, हमारी सभ्यता को सुरक्षित रखने का महान कार्य किया। हम सब इस शहादत के कर्जदार हैं। एक बार फिर मैं, श्री गुरु तेग बहादुर जी, माता गुजरी जी, गुरु गोविंद सिंह जी, और, चारों साहिबजादों की शहादत को, नमन करता हूं। ऐसी ही, अनेकों शहादतों ने भारत के आज के स्वरूप को बचाए रखा है, बनाए रखा है।
भारत में Leopards यानी तेंदुओं की संख्या में,2014 से 2018 के बीच, 60 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। 2014 में, देश में,leopards की संख्या लगभग 7,900 थी, वहीँ 2019 में, इनकी संख्या बढ़कर 12,852 हो गयी। ये वही leopards हैं जिनके बारे में Jim Corbett ने कहा था: “जिन लोगों ने leopards को प्रकृति में स्वछन्द रूप से घूमते नहीं देखा, वो उसकी खूबसूरती की कल्पना ही नहीं कर सकते। उसके रंगों की सुन्दरता और उसकी चाल की मोहकता का अंदाज नहीं लगा सकते।” देश के अधिकतर राज्यों में, विशेषकर मध्य भारत में,तेंदुओं की संख्या बढ़ी है। तेंदुए की सबसे अधिक आबादी वाले राज्यों में, मध्यप्रदेश, कर्नाटका और महाराष्ट्र सबसे ऊपर हैं। यह एक बड़ी उपलब्धि है। तेंदुए, पूरी दुनिया में वर्षों से खतरों का सामना करते आ रहे हैं, दुनियाभर में उनके habitat को नुकसान हुआ है। ऐसे समय में, भारत ने तेंदुए की आबादी में लगातार बढ़ोतरी कर पूरे विश्व को एक रास्ता दिखाया है।आपको इन बातों की भी जानकारी होगी कि पिछले कुछ सालों में, भारत में शेरों की आबादी बढ़ी है, बाघों की संख्या में भी वृद्धि हुई है, साथ ही, भारतीय वनक्षेत्र में भी इजाफा हुआ है। इसकी वजह ये है कि सरकार ही नहीं बल्कि बहुत से लोग, civil society,कई संस्थाएँ भी, हमारे पेड़-पौधों और वन्यजीवों के संरक्षण में जुटी हुई हैं।वे सब बधाई के पात्र हैं।
मैंने तमिलनाडु की एक टीचर के बारे में पढ़ा। उनका नाम Hemlata N.K है, जो विडुपुरम के एक स्कूल में दुनिया की सबसे पुरानी भाषा तमिल पढ़ाती हैं। कोविड 19 महामारी भी उनके अध्यापन के काम में आड़े नहीं आ पायी। हाँ ! उनके सामने चुनौतियाँ जरुर थीं, लेकिन, उन्होंने एक innovative रास्ता निकाला। उन्होंने,course के सभी53 (तरेपन) chapters को record किया, animated video तैयार किये और इन्हें एक pen drive में लेकर अपने students को बाँट दिए।इससे, उनके students को बहुत मदद मिली, वो chapters को visually भी समझ पाए। इसके साथ ही, वे, अपने students से टेलीफोन पर भी बात करती रहीं। इससे students के लिये पढ़ाई काफी रोचक हो गयी।देशभर में कोरोना के इस समय में, टीचर्स ने जो innovative तरीके अपनाये, जो course material creatively तैयार किया है, वो online पढ़ाई के इस दौर में अमूल्य है। मेरा सभी टीचर्स से आग्रह है कि वो इन course material को शिक्षा मंत्रालय के दीक्षा पोर्टल पर जरुर upload करें। इससे देश के दूर-दराज वाले इलाकों में रह रहे छात्र-छात्राओं को काफी लाभ होगा।
मेरे प्यारे देशवासियों, अभी दो दिन पहले ही गीता जयंती थी। गीता, हमें, हमारे जीवन के हर सन्दर्भ में प्रेरणा देती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है, गीता इतनी अद्भुत ग्रन्थ क्यों है ? वो इसलिए क्योंकि ये स्वयं भगवन श्रीकृष्ण की ही वाणी है। लेकिन गीता की विशिष्टता ये भी है कि ये जानने की जिज्ञासा से शुरू होती है। प्रश्न से शुरू होती है।अर्जुन ने भगवान से प्रश्न किया, जिज्ञासा की, तभी तो गीता का ज्ञान संसार को मिला। गीता की ही तरह, हमारी संस्कृति में जितना भी ज्ञान है, सब, जिज्ञासा से ही शुरू होता है। वेदांत का तो पहला मंत्र ही है – ‘अथातो ब्रह्म जिज्ञासा’ अर्थात, आओ हम ब्रह्म की जिज्ञासा करें। इसीलिए तो हमारे यहाँ ब्रह्म के भी अन्वेषण की बात कही जाती है। जिज्ञासा की ताकत ही ऐसी है। जिज्ञासा आपको लगातार नए के लिए प्रेरित करती है। बचपन में हम इसीलिए तो सीखते हैं क्योंकि हमारे अन्दर जिज्ञासा होती है। यानी जब तक जिज्ञासा है, तब तक जीवन है। जब तक जिज्ञासा है, तब तक नया सीखने का क्रम जारी है। इसमें कोई उम्र, कोई परिस्थिति, मायने ही नहीं रखती। जिज्ञासा की ऐसी ही उर्जा का एक उदाहरण मुझे पता चला, तमिलनाडु के बुजुर्ग श्री टी श्रीनिवासाचार्य स्वामी जी के बारे में ! श्री टी श्रीनिवासाचार्य स्वामी जी 92 (बयानबे) साल के हैं Ninety Two Years| वो इस उम्र में भी computer पर अपनी किताब लिख रहे हैं, वो भी, खुद ही टाइप करके। आप सोच रहे होंगे कि किताब लिखना तो ठीक है लेकिन श्रीनिवासाचार्य जी के समय पर तो computer रहा ही नहीं होगा। फिर उन्होंने computer कब सीखा ? ये बात सही है कि उनके कॉलेज के समय में computer नहीं था। लेकिन, उनके मन में जिज्ञासा और आत्मविश्वास अभी भी उतना ही है जितना अपनी युवावस्था में था। दरअसल, श्रीनिवासाचार्य स्वामी जी संस्कृत और तमिल के विद्वान हैं। वो अब तक करीब 16 आध्यात्मिक ग्रन्थ भी लिख चुके हैं। लेकिन,Computer आने के बाद उन्हें जब लगा कि अब तो किताब लिखने और प्रिंट होने का तरीका बदल गया है, तो उन्होंने, 86 साल की उम्र में, eighty six की उम्र में, computer सीखा, अपने लिए जरुरी software सीखे। अब वो अपनी किताब पूरी कर रहे हैं।
रहिए, अपने परिवार को स्वस्थ रखिए। अगले वर्ष जनवरी में नए विषयों पर ‘मन की बात’ होगी।
फ़ाइल फोटो

PM Of India Appeals To Overcome Deadly Diabetes :World Health Day

[New Delhi]PM Of India Appeals To Overcome Deadly Diabetes :World Health Day
Prime Minister Of India On #WorldHealthDay Prays that all citizens across the world are blessed with good health & lead a life free from diseases & ailments.
PM Narendra Modi On, @WHO’s World Health Day, Tweeted
“A healthy lifestyle is the best way to overcome #diabetes”
An excerpt from #MannKiBaat on beating diabetes. Is Also Uploaded On Twitter
PM Modi Said “Am glad that the @MoHFW_INDIA is launching key initiatives today that will make India healthier. #WorldHealthDay”

PM Requisitioned For More Time For Implementation Of Complicated OROP

[New Delhi] PM Requisitioned For More Time For Implementation Of Complicated One Rank, One Pension [OROP]
In His Man Ki Baat On AIR PM Narendra Modi Assured “My govt will implement One Rank, One Pension for armed forces personnel Prime Minister Shri Modi Attacking Opposition Political parties Said that Political Parties have played games on OROP for the past 40 years. Now his govt will implement OROP
PM said that OROP is a complex issue+a vexed issue
PM addressing ex-servicemen in ‘Man ki Baat’ programme. said that It has been accepted in principal. You have been patient for 40 years. Give me some time to address it

PM Of India To Motivate Students,Preparing Exams,In His”Man Ki Baat”On Radio

[New Delhi] Now PM Of India Will Motivate Students,Preparing Examinations,In His “Man Ki Baat” On Radio
Prime Minister Of India To Share His Man Ki Baat On Radio With Students For which PM has invited suggestions and inputs for his popular Radio Programme of February 2015
Sh Modi has Tweeted
“Was thinking about this month’s radio programme and thought…why not share ‘Mann Ki Baat’ with students preparing for board and competitive exams.
I urge students, parents and teachers to share exam experiences that would inspire youngsters and even motivate them in exam preparation.