मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने देश भर में मध्याह्न भोजन योजना की गुणवत्ता की देखरेख के लिए एक नई समिति के गठन की घोषणा की है ।
बिहार में निर्धन भूखे छात्रों की मौत पर मीडिया के सवालों के जवाब देते हुए, मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. एम.एम.पल्लम राजू ने नई दिल्ली में आज स्कूलों में मध्याह्न भोजन लेने के बाद यह घोषणा की।
प्रश्नों का उत्तर देते हुए उन्होंने माना कि बिहार को 12 जिलों में सरकारी स्कूलों में परोसे गये भोजन की असंतोषजनक गुणवत्ता के बारे में सतर्क किया गया था लेकिन इसके साथ ही जोर देते हुए यह भी कहा कि इस घटना का उपयोग आरोप-प्रत्यारोप करने के लिए नहीं होना चाहिए
डॉ. राजू ने कहा कि देश में प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए मध्याह्न भोजन योजना बहुत महत्वपूर्ण है। सवालों का जवाब देते हुए, उन्होंने माना कि बिहार को 12 जिलों में सरकारी स्कूलों में परोसे गये भोजन की असंतोषजनक गुणवत्ता के बारे में सतर्क किया गया था तथा उनमें सारण जिला भी बुरी तरह प्रभावित था।
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मिड डे मील की असंतोषजनक गुणवत्ता के विषय में बिहार सरकार को आगाह किया गया था : मानव संसाधन विकास मंत्रालय
बिहार में मिड डे मील के भयावह काण्ड पर भी राजनीती शुरू हो गई है
झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां
एक आम दुखी नागरिक
ओये झल्लेया ये क्या मजाक बना हुआ है |ओये एक तरफ दूषित मिड- डे मील खाने से बेचारे गरीब और भूखे २२ बच्चे[अभी तक] मर गए और इससे दुगने अस्पताल में भर्ती हैं|पहले तो कोई साफ सफाई +सुरक्षा व्यवस्था यहाँ तक कि नुकसान को कम करने के लिए भी कोई कार्यवाही नही की गई और अब केवल स्वयम को बचाने के लिए दोषारोपण की राजनीती का मन लुभावन खेल शुरू हो गया है|भाजपा+आर जे डी +कांग्रेस सभी मिल कर सत्ता रुड जे डी यूं को घेरने में लगे हैं तो दूसरे तरफ जे डी यूं के शिक्षा मंत्री पी के शाही इसमें षड्यंत्र का आरोप लगा कर बाल को अपने विपक्षी आर जे डी के पाले में डालने में लग गए हैं|ओये इन लोगों के लिए निर्धन भूखे बच्चों के लिए कोई संवेदनशीलता है कि नही ?एक तरफ कहा जा रहा है कि दोपहर की भोजन योजना सर्व शिक्षा अभियान का एक अभिन्न भाग है और इससे बच्चों को स्कूल लाने और और उन्हें पढाई से जोड़े रखने में सहायता मिलती है लेकिन वास्तव में मानव संसाधन मंत्री डॉ एम् एम् पल्लम राजू भी अब मानने लगे हैं कि दोपहर भोजन योजना[ MDM ] में निगरानी प्रणाली को मजबूत करने की आवश्यकताहै |
झल्ला
हाँ बाऊ साहब जी !विश्व में अपने किस्म कि यह सबसे बड़ी यौजना है जिसके अंतर्गत देश के १२ लाख स्कूलों के लगभग ११ करोड़ बच्चों को भोजन दिया जाता है |कांग्रेस के संचार माध्यम के प्रभारी अजय माकन का दावा भी है कि देश भर में ९२.०६% तक यह सुविधा पहुंची है लेकिन एक टी वी एंकर अरनव गोस्वामी हाथ हिला हिला कर बताते फिर रहे हैं कि ८३% फ़ूड सैम्पल फ़ैल हो चुके हैं |ऐसे में बिहार के छपरा स्कूल जैसी घटनाएँ असामान्य नही कही जा सकती| व्यवस्था में गड्डों की वास्तविकता की सभी को जानकारी हैलेकिन सभी को वरदहस्त हासिल है| शायद इसीलिए १९४७ में हुए बंटवारे के समय अकर्मण्यता का जो डी एन ऐ पैदा हुआ था उस डी एन ऐ का वोह विकार अभी तक गुजरात दंगे +उत्तराखंड प्राकृतिक विपदा और अब बिहार में मिड डे मील काण्ड में कहर बरपा रहा है|
बिहार मिड डे मील काण्ड का जायजा लेने के लिए केंद्र सरकार ने वरिष्ठ अधिकारी को छपरा भेजा
गौरतलब है कि बिहार में छपरा के मशरक स्थित सरकारी स्कूल में मिड-डे मील खाने से २२ बच्चों की मौत और लगभग ३० के बीमार होने की खबर है|इन सभी का अस्पताल में इलाज चल रहा है। 16 बच्चों की मंगलवार को इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई थी, | पटना में इलाज के दौरान छह और बच्चों की मौत हो गई। शेष बीमार बच्चों में से कुछ की हालत अभी भी गंभीर बताई जाती है। इस घटना को लेकर अब राजनीती शुरू हो गई है|
एक शिक्षिका के पति स्थानीय विपक्षी दल आर जे डी से सम्बंधित हैं जिसे लेकर इस पार्टी पर बच्चो कि हत्या के षड्यंत्र का आरोप लगाया जा रहा है|
इसके अलावा महाराष्ट्र के धुले में एक म्यूनिसिपल स्कूल के कई बच्चे मिडडे मील खाने का बाद बीमार हो गए हैं। 30 से अधिक बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
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