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प्रभु जी!औनेपौने दामों रेलवेज का कूड़ा बेचने से पहले सोच लो, कचरा हो सकता है

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

भारतीय रेलवेज का चेयर लीडर

ओऐ झल्लेया!वह दिन हवा हुए जब आये दिन रेलवे का किराया बढ़ा दिया जाता था| अब तो हसाडे “प्रभु” जी महाराज ने रेलवेज की आय बढ़ाने के लिए रेलवे परिसर में पसरा कचरा बेचने का निर्णय ले लिया है|इससे पैसे आएं और रेल पटरी+प्लेटफार्म मुफ्त में साफ़ सुथरे हो जायेंगे |ओऐ ! अब बिना हींग+फिटकरी लगाए रंग चौखा आना है

झल्ला

भापा जी ये गल तो आप जी की १६ आने सच्ची और अच्छी है,लेकिन झल्लेदिमागानुसार
[१]भारतीय रेल परिसरों में कूड़ा बीनने वाले हजारो झोपड़ पट्टी वालों का क्या होगा?परिसरों में इनकी बस्तियां बन चुकी हैं |
[२] कूड़े से बिजली पैदा करने वाले मंत्रालय को क्या यही कूड़ा इन्हीं निजी फर्मों से खरीदना पढ़ेगा?
भविष्य में होने वाले चुनावों में इन्हें मुद्दा बनाया जा सकता है, इसीलिए झल्लेविचारानुसार कूड़ा बेचने से पहले सोच लो!