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कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सिख फॉर जस्टिस के आरोपों को खारिज किया

[चंडीगढ़] कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सिख फॉर जस्टिस के आरोपों को खारिज किया
पंजाब में कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विवादित संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’[एसऍफ़जे] द्वारा अमेरिकी एटॉर्नी जनरल से अपने खिलाफ की गयी एक शिकायत में लगाए गए आरोपों को खारिज किया है। एसएफजे ने उनपर उन पुलिस अधिकारियों को बचाने और बढ़ावा देने का आरोप लगाया है जिनके खिलाफ मानवाधिकारों के उल्लंघन की शिकायतें हैं।
कैप्टेन अमरिंदर ने एक बयान में कहा, ‘‘मैं इस शिकायत को खारिज करता हूं क्योंकि यह केवल सस्ता प्रचार पाने के उद्देश्य के दायर की गयी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बेहतर होता कि उक्त संगठन ने उन अधिकारियों के नाम का उल्लेख किया होता जिनको मैंने बचाया और बढ़ावा दिया।’’ पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरा पंजाब पुलिस आतंक के खिलाफ लडाई लड़ रहा है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने एसएफजे के आरोपों का उपहास करते हुए कहा, ‘‘क्या वह यह कहना चाहता हैं कि मुझे पूरे पुलिस बल को बख्रास्त कर देना चाहिए था।’’ अमरिंदर ने कहा, ‘‘इसके अलावा मुझे पूछना है कि क्या अमेरिकी सरकार अपने देश में शांति सुनिश्चित करने के लिए आतंकियों पर कार्रवाई नहीं करेगी?’’ उन्होंने कहा कि यह शिकायत पूरी तरह से प्रेरित है और कुछ निहित स्वाथरें और पंजाब के राजनीतिक पार्टियों के इशारे पर की गयी है जो उन्हें अमेरिका जाते नहीं देखना चाहते।
अमरिंदर ने कहा, ‘मुझे दोहराने दीजिए कि कुछ भी हो जाए मैं उत्तरी अमेरिका के अपने दौरे पर जाउंगा।’’

भारत में आम चुनावों में पंजाब के साथ अमेरिका में भी सिख राजनीती उछाल पर आई: कांग्रेस को कानूनी राहत

नई संसद के लिए हो रहे आम चुनावों में पंजाब में सिख राजनीती तो उछाल पर है ही मगर इसके साथ ही अमेरिका में भी सिखों से जुड़े मुद्दे लगातार चर्चा का विषय बने हुए हैं | भारत में १९८४ में हुए सिख विरोधी नर संहार में सत्ता रुड कांग्रेस को अमेरिकी अदालत में घसीटने के प्रयास पर आज वहां की एक अदालत ने पानी फेर दिया | सिख विरोधी दंगों के मामले में एक सिख समूह द्वारा कांग्रेस पार्टी के खिलाफ दायर मानवाधिकार उल्लंघन के एक मुकदमे को खारिज कर दिया है गया है ।अदालत ने मुकदमा खारिज करते हुए कहा कि अमेरिका से जुड़े नहीं होने के फलस्वरूप मुकदमा दायर करने को लेकर कोई कानूनी आधार नहीं बनता है |जज रोबर्ट स्वीट ने सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) द्वारा दायर मुकददमे में भारतीय कांग्रेस पार्टी की अपील स्वीकार की और आदेश दिया कि मानवाधिकार समूह एक वादी नहीं है
इसके अलावा एक अन्य मामले में सिखों को उनकी धार्मिक आस्थाओं के साथ अमेरिकी फौज में भर्ती किये जाने की मांग की गई है
अमेरिका के 16 प्रभावशाली इंडियन -अमेरिकन्स ने वहां के रक्षा मंत्री चक हेगल से अनुरोध किया है कि सिखों को उनकी धार्मिक आस्थाओं के साथ सशस्त्र बलों में शामिल होने की इजाजत दी जाए।
, 25 अप्रैल को लिखे गए पत्र में कहा गया कि अमेरिकी रक्षा मंत्रालय द्वारा अपने नियमों का आधुनिकीकरण करके सिख-अमरीकियों को अपनी आस्था के साथ देश की सेना में शामिल होकर अपनी सेवाएं देने का अवसर प्रदान किया जाना चाहिए नाटो सहयोगियों द्वारा पहले से ही सिखों को यह अनुमति दी जाती है
गौरतलब है कि भारत की नई लोक सभा के लिए हो रहे चुनावों में पंजाब की १३ लोक सभा सीटों के लिए घमासान मचा हुआ हैइसके लिए धार्मिक एक दूसरे विशेष कर कांग्रेस और अकाली दल+भाजपा में वाक युद्ध जारी है|इसीके चलते सांसद मजीठिया को धार्मिक शबद की बेअदबी के लिए तनखैया भी घोषित किया जा चुका हैभाजपा के पी एम कैंडिडेट नरिंदर मोदी की अमृतसर दरबार साहब में हाजरी नहीं भरने के लिए खिंचाई की जा रही है |कांग्रेस के विरुद्ध १९८४ के सिख विरोधी नर संहार को रचने के आरोप दोहराये जा रहे हैं |