आपात कालीन स्थिति का मूल्यांकन करने और मुसीबत पर काबू पाने में सक्षमता के दावों की पोल खोलने के लिए मेरठ के सुरक्षित कहे जाने वाले पॉश “छावनी “में एक तेंदुए ने भी बीते दिन सफलता पा ली है। इस टाइगर को पकड़ने में शासन +प्रशासन के सिविल+आर्मी+व् फोरेस्ट आदि विभाग नाकाम रहे |यहाँ तक कि छावनी में ही उत्तेजित टाइगर की लोकेशन को लोकेट करने में भी असफल रहे |
ऐसा नहीं कि यह पहली बार हुआ है ऐसा पहले भी हो चूका है इसी छेत्र में लगभग डेढ़ दशक पहले भी कैन्ट नागरिक एक अन्य टाइगर का आतंक झेल चुके हैं एक विशाल हाथी भी अपना रौद्र रूप दिखा चुका है |इसके बावजूद अब विशेषकर वन+पर्यावरण विभाग की अकर्मण्यता पर जांच तो बनती है |
ये तेंदुआ शहर को दिन भर खौफजदा रखने के बाद रात बारह बजे खुली आबादी में निकल भागा।सुबह शहर के सदर बाजार और कैंट अस्पताल के बाद दिन भर चला अभियान उस समय प्रशासनिक तमाशा साबित हुआ जब आधी रात को दीवार तोड़कर निकले तेंदुए ने एक बार फिर पूरे शहर को खौफ के साए में ले लिया।फायरिंग और पटाखों के बावजूद भी तेंदुए का बाल बांका नहीं हुआ। इस अफरातफरी में छह -सात लोग घायल हुए हैं। इस लापरवाही के बाद प्रशासन हमेशा की तरह अगले दिन स्कूल-कालेज और बाजार बंद करने की औपचारिक घोषणा भर करता रहा।
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